RE: raj sharma stories भाभी का दूध
अब तक भाभी का हाथ मेरे सिर पर फिरने लगा था.बीच बीच में भाभी मेरे सिर को अपने दूधों पर दबा रही थी जिससे मेरा जोश और बढ़ता जा रहा था.मैं एक एक कर दोनो दूधों को पी रहा था कभी दोनो दूधों को मिलाता और दोनो निप्पालों को एक साथ मूह में डाल लेता (ये मेरी स्टाइल है) और दोनो निप्प्लो को एक साथ चूस्ता. भाभी के मूह से सिसकी निकल जाती.काफ़ी देर दूध पीने एक बाद मैं धीरे से भाभी के पेट पर किस करने लगा. पेट में किस करते करते एक हाथ से मैं भाभी की साड़ी उपर करता जा रहा था.थोड़ी देर में भाभी की चिकनी और कसी हुई जांघें मुझे दिखने लगी.अब मैने भाभी की जांघों को चाटना शुरू कर दिया.
चाट ते चाट ते मुझे भाभी की पॅंटी दिखाई दे रही थी भाभी ने काले कलर की पॅंटी पहन रखी थी.अब मैं और भाभी 69 के आंगल में आ गये थे.मैने पॅंटी के उपर से ही भाभी की चूत के ऊपर मूह रख दिया. चूत को टच करते ही भाभी एकदम से उचक गयी भाभी की इन अदाओं से मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था.मैने भाभी की चूत की दरार में पेंटी के ऊपर से ही एक उंगली फेरनी शुरू कर दी. भाभी का बदन अब अकड़ने लगा था. मैने मूह से ही भाभी की पेंटी को सरकाना शुरू कर दिया और दोनो हाथो से भाभी की जांघों को सहलाता जा रहा था. भाभी के हाथ भी मेरी जांघों पर चल रहे थे.पेंटी के थोड़ा नीचे सररकते ही भाभी की झांतें दिखने लगी मैं उनके साथ मूह और नाक से खेलने लगा फिर धीरे से और पेंटी सर्काई अब भाभी की चूत की दरार मुझे सॉफ दिखाई देने लगी.मैने अपनी जीभ भाभी की दरार में चलानी शुरू कर दी.
भाभी अपने टाँगों को चिपकाने की कोशिश करने लगी पर मैने दोनो हाथो से उसे फैला दिया और अपनी जीभ भाभी की चूत में अंदर बाहर करने लगा .मैं पागलों समान भाभी की चूत पर किस पे किस किए जा रहा था.अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैने भाभी की चूत को पेंटी से आज़ाद कर दिया ओूऊऊऊऊऊओ. क्या नज़ारा था भाभी की उभरी हुई चूत उसमे हल्के हल्के बाल ,एकदम कसी हुई चूत थी भाभी की मैने तुरंत अपनी जीभ से भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.भाभी की चूत एकदम गीली हो चुकी थी शायद भाभी ने पानी छ्चोड़ दिया था.चूत पर जीभ लगते ही भाभी फिर उचकी लेकिन इस बार उनका हाथ मेरे लंड पर चला गया.मेरा लंड पहेले ही पेंट को टेंट बना चुक्का था.भाभी ने उसे पूरी ताक़त से दबा कर पकड़ लिया.मेरा जोश और बढ़ गया मैने अपनी जीभ भाभी की चूत के अंदर डाल कर अंदर बाहर करने लगा.कभी भाभी के दाने को मूह में लेकर चूस्ता कभी उसे जीभ से हिलाता.भाभी भी अपने को रोक नहीं पा रही अब उनका हाथ मेरे लंड पर चलने लगा.मेरा पूरा ध्यान अब वही था, भाभी पहले पेंट के ऊपर से हल्के हाथो से मेरे लंड की लंबाई मोटाई माप रही थी फिर भाभी ने मेरी चैन खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया था और उसे धीरे धीरे हल्के हाथो से सहला रही थी .मैने अपनी कमर थोड़ी और आगे कर दी ताकि भाभी उसे मूह में ले सके .
भाभी ने मेरा इशारा समझ लिया और मेरे लंड पर अपने होंठ फेरने लेगी,पहले दो तीन किस की और फिर बड़े ही प्यार से मूह में लेकर चूसने लगी.मैं तो स्वर्ग की सैर कर रहा था.मैं भी भाभी की चूत को मूह में भर कर चूसने लगा मैने देखा ऐसा करने पर भाभी की चूत थोड़ी फूल गयी थी.वाह क्या सीन था मेरी भाभी मेरे सामने नंगी पड़ी मेरा लंड मूह में ली हुई थी.मैने भाभी के मूह में ही झटके देने शुरू कर दिए.यहाँ भाभी की चूत भी मेरे लंड के स्वागत के लिए तय्यार हो चुकी थी.भाभी का नमकीन रस मेरे मूह में आ रहा था.मैने पोज़िशन चेंज की और असली मज़ा लेने को तय्यार हो गया.पर भाभी मना करने लगी.
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