RE: Sex Hindi Kahani अधूरी जवानी बेदर्द कहानी
यह सुनकर उन्होंने स्तन मरोड़ना तो बंद कर दिया पर चूत के भरी भरकम धक्के
जारी रखे ! उन्होंने कंधे पकड़ रखे थे और अपनी एक टांग भी मेरे ऊपर रख रखी
थी वर्ना उनके धक्कों से में कुछ आगे खिसक सकती थी।
मेरी चूत में भी जीजू के धक्कों से कुछ हलचल मचनी शुरू हो गई थी ! मैं
अपने शरीर का रहस्य नहीं जान पाई कि कभी तो 6-8 महीनों में एक बार भी चूत
से पानी नहीं निकलता है। या कभी मन में ही नहीं आती है और कभी 6-8 घंटों
में ही 8-10 बार पानी निकल जाता है। यह भी कुदरत का करिश्मा ही है।
मैंने जीजू को ऊपर आने को कहा ताकि मैं भी आनन्द ले सकूँ ! पीछे से मुझे
इतना आनन्द नहीं आता है।
मैंने अपनी दोनों टांगें योग करने के अंदाज़ से उठा दी, तब तक जीजाजी ने
पास की दराज़ से निकाल कर कंडोम पहन लिया और मेरे ऊपर आकर घुड़सवारी करने
लगे, जिसे सही मायने में ऊँट सवारी कहना ज्यादा सही है क्यूंकि ऊँट पर
बैठने वाला ही कभी आगे और कभी पीछे होता है क्योंकि ऊँट के चलने का अंदाज़
ही ऐसा होता है।
उनके धक्के जबरदस्त लग रहे थे, मैंने अपनी टांगें पूरी उठा ली थी जितनी
उठा सकती थी, अब मेरी चूत बिल्कुल खड़ी अवस्था में थी जिसमें जीजू अपना
लण्ड पूरा पेल रहे थे जड़ तक !
मैंने कहा- मेरी टांगों से नीचे हाथ डालकर मेरे चूचे पकड़ लो और इन्हें
दबाओ, मुझे इन्हें दबवाना अच्छा लग रहा है।
जीजाजी ने कोशिश कि पर उनकी लम्बाई ज्यादा होने के कारण उनका बोझ मुझ पर
पड़ रहा था इसलिए उन्होंने थोड़ी देर बाद मेरे स्तन छोड़ दिए और वापिस मेरे
कूल्हे पकड़ कर झटके लगाने लगे। कमरे में खप-खप, खच-खच और हमारी जांघें
टकराने की आवाज़ें गूंज रही थी पर हमें कोई डर नहीं था किसी के सुनने का
!
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मेरा दूसरी बार पानी निकल गया और जीजाजी ने
भी झटका खा कर अपना पानी छोड़ दिया !
मेरी ख़ुशी मिश्रित आवाज़ निकली- वाह, आज तो आपने कमाल कर दिया, सिर्फ 10
मिनट में ही पानी निकाल दिया !
वे बोले- यार, मैंने कहा ना कि अब मैं अपने दिमाग से कंट्रोल कर लेता हूँ
कि पानी 10 मिनट में निकलना है या 40 मिनट में !
मैंने कहा- आप ऐसे दिमाग को कंट्रोल कैसे करते हो?
तो वे बोले- सेक्स करते वक़्त सेक्स को दिमाग में नहीं रखता हूँ, तुम्हारी
आह-उह पर ध्यान नहीं देता हूँ ! कोई टेंशन वाली बात सोचता रहता हूँ तो
मेरा पानी आधा घंटा भी नहीं निकलेगा और जल्दी निकलना हो तो सेक्स का सोच
लेता हूँ ! तुम्हें पता नहीं है कि मैं काफ़ी कम उम्र से सेक्स कर रहा
हूँ, हस्तमैथुन, लड़कों से गुदामैथुन और जो उन्होंने बताया वो मैं यहाँ
नहीं बता सकती प्रतिबंध की वजह से !
और कहा- कई लड़कियों, कई भाभियों, कई रंडियों के साथ मैंने सेक्स किया है।
आज में 46 साल का हूँ तो मेरा सेक्स-अनुभव सालों साल का है। जितनी
तुम्हारी उम्र भी नहीं है। इतने अरसे के बाद मुझसे से कंट्रोल होना शुरू
हुआ है। हाँ ! स्तम्भन का ज्यादा वक्त तो मुझ में पहले से ही ईश्वर की
देन ही है। मेरे दोस्त लोग हस्त मैथुन करते थे तो उसको 61-62 कहते थे
यानि 61-62 बार लण्ड को आगे पीछे करने से उनके पानी छुट जाते थे पर मेरे
को 200-250 बार आगे पीछे करना पड़ता था !
और वो हंस पड़े, मैं बेवकूफ सी उनकी बातें सुन रही थी और एक ज्ञान लेकर
में सोने लगी और वे भी मेरी पीठ से चिपक कर सो गए !
सुबह सुबह कोई 6 बजे मेरी नींद जीजाजी के चुम्बनों से खुली ! वो मुझे
यहाँ-वहाँ चूम रहे थे।
मैंने कहा- यह सुबह-सुबह भगवान के भजन के वक़्त यह क्या कर रहे हो?
जीजाजी बोले- तभी तो भगवान के भजन में ढोलक बजानी है।
मुझे उनकी बात पर हंसी आ गई, मैंने कहा- अपनी और मेरी हालत देखो, बाल
बिखरे हुए और सारा शरीर अस्त व्यस्त हो रहा है, मुँह धोया ही नहीं और आप
इस काम के लिए शुरू हो गए?
जीजाजी बोले- सूखी चुनाई करूँगा ! सूखी चुनाई का मतलब ऐसे ही चोदेंगे और
अपना पानी नहीं निकालेंगे !
मैंने सोचा- अब ये मानेंगे तो नहीं और अपने क्या फर्क पड़ता है। बेचारे
ने इसी काम के लिए इतना खर्चा किया है। और ऐसा मौका बार बार तो मिलना
नहीं है। चल कम्मो अपनी ड्यूटी पर ! ड्यूटी क्या टांगें उठा कर लेटना है,
कपड़ों का एक रेशा ही नहीं था बदन पर ! पर रात भर से मेरी टंकी फुल हो रही
थी।
मैंने कहा- मुझे बाथरूम जाकर आने दो नहीं तो आपके डालते ही मेरा निकल
जायेगा यहीं बिस्तर पर ही !
उन्होंने कहा- जाकर आ जाओ !
मैं वापिस आई तो देखा जीजाजी का लण्ड सीधा खड़ा जैसे छत को देख रहा है।
मैंने उसे हाथ में पकड़ कर दबाया और कहा- इसकी अकड़ नहीं निकली अब तक !
जीजाजी बोले- तुम मेरी ड्रीमगर्ल हो ! तुम्हें देखते ही यह तुम्हारे
सम्मान में खड़ा हो जाता है।
मैं मुस्कुराती हुई बिस्तर पर लेटी, अपनी टांगें उठाई और बोली- आ जाओ !
जीजाजी मेरे ऊपर आये, चूत को थूक से चिकना किया और लण्ड पेल दिया ! पिछले
दिन से चुद रही चूत ढीली पड़ गई थी इसलिए सटासट लण्ड अन्दर-बाहर जा रहा
था।
मैंने कहा- कंडोम तो लगा लो ! क्या पता आपके छुट जाये तो?
जीजाजी ने कहा- स्टॉक ही नहीं बचा ! कहाँ से छुटेगा अब? अब तो मुश्किल से
छुटेगा, तुम चिंता मत करो !
करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मैं स्खलित हो गई, मेरा सारा बदन हल्का
लगने लगा। उन्हें यह पता चल गया और उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया,
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