RE: Sex Hindi Kahani अधूरी जवानी बेदर्द कहानी
पत्नियाँ अपने पति के प्रति हमेशा शक्की रहती ही हैं !
उसे पता था कि सारी रात मैं उसी हाल में सोई रही थी जहाँ उसके पतिदेव सो
रहे थे पर मैंने अपने चेहरे पर ऐसे भाव ही नहीं आने दिए और कहने लगी- उस
लड़के ने तो सोने ही नहीं दिया, कभी उसको पानी पिलाओ, कभी पेशाब कराओ, मैं
तो परेशान हो गई !
मेरे ऐसे बात करने पर दीदी कुछ सामान्य हुई, उसने सोचा होगा कि इसका बेटे
इतना जग रहा था तो क्या हुआ होगा ! फिर उसने ऐसे विचार अपने मन से हटा
दिए और राजी राजी बातें करने लग गई !
मैंने भी चाय-नाश्ता तैयार किया और जीजाजी से बात तो क्या उनके सामने ही नहीं आई।
शाम को दीदी ने कहा- इसको साड़ी दिला कर लाओ और इसको कोई फार्म भरना है,
इसको पासपोर्ट साइज की फोटो खिंचानी है, वो सब भी करवा आओ !
मैं जीजाजी के साथ बाइक पर बैठ बाज़ार चली गई।
जीजाजी मुझे बाज़ार लेकर गए, रास्ते में उन्होंने कहा- आज सारे दिन तुमने
मुझसे बात क्यों नहीं की? यहाँ तक कि मेरे सामने भी नहीं आई !
मैंने कहा- आपको पता नहीं है, दीदी को शक हो गया था, बात करने से क्या
मतलब? आपका काम तो कर दिया ना !
तो वो मुस्कुराये और कहा- मेरा मन नहीं भरा, आज फिर करना पड़ेगा !
मैंने कहा- आपकी मांग बढ़ती ही जा रही है, यह गलत है। आपको पता है कि अगर
किसी को पता चल गया तो मेरी इज्ज़त मिटटी में मिल जाएगी। औरतों की सिर्फ
इज्ज़त ही होती है, पूरुषों को कई कुछ नहीं कहता, सब औरत को ही गलत
कहेंगे !
उन्होंने कहा- तुम चिंता मत करो, किसी को पता नहीं चलने दूँगा ! तुम हाँ तो कहो !
मैंने कहा- नहीं का मतलब नहीं अब !
वो फिर मिन्नतें करने लगे, मैंने थक कर कहा- ओ के, हाँ !
तो उन्होंने कहा- कब और कहाँ?
मैंने एक गाने की लाइन गा दी- देख के मौका, मारा चोक्का, दिल की बात बताई रे !
और कहा कि इस मामले में पहले से योजना बना कर नहीं चलता है, मौका मिलते
ही अपना काम निकल लो !
वे खुश हो गए, मुझे एक अच्छी और महँगी साड़ी दिलाई और कहा- अपनी दीदी को
इसकी कीमत कम बताना !
मेरी फोटो खिंचवाई और एक हम दोनों की साथ खिंचवाई !
फिर हम घर आ गए !
रात को फिर कमाल हुआ जीजाजी की किस्मत तेज़ रही। फिर मुझे उसी हाल में
सोना पड़ा, फर्क इतना हुआ कि अपने बेटे के साथ जीजाजी की छोटी बेटी को भी
मुझे साथ सुलाना था !
आज मैं जब ऊपर सोने आई तो मैंने मैक्सी के नीचे पेटीकोट और चड्डी पहनी ही
नहीं, ब्रेजरी की कसें भी खोल रखी थी, मुझे पक्का पता था जीजाजी छोड़ेंगे
तो नहीं !
मैं उन बच्चों को लेकर सो गई। दीवार की तरफ बच्चों को सुलाया और दूसरी
तरफ मैं सो गई। जीजाजी भी अपनी चारपाई पर आकर लेट गए।
मुझे थोड़ी देर में नींद आ गई !
करीब बारह बजे मेरी नींद खुली, जीजाजी मेरे सर के पास खड़े थे और मेरे
स्तन सहला रहे थे जोकि कसें खुलने के कारण बाहर ही थे।
मैं एकदम चमक गई, मैं उनका मुँह पकड़ कर अपनी आँखों के पास लाई, अँधेरे
में पता चल गया कि हाँ जीजाजी ही हैं, तो आश्वस्त हो गई।
वो थोड़ी देर सहला कर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उठाने लगे। मुझे वास्तव में
नींद आ रही थी, मैंने कहा- मुझे सोने दो और आप भी सो जाओ आज कुछ नहीं
करना !
तो उन्होंने धीरे से मेरा वाला गाना गया- देख के मौका, मारा चौक्का ! अभी
चोक्का मारने का मौका है ! फिर बार बार नहीं मिलेगा !
मैंने सोचा- चलो भाई, चुदना तो है ही, ऐसे तो ये छोड़ेंगे नहीं ! इनकी
किस्मत तो देखो कैसे बार-बार इनको एकांत मिल जाता है।
फिर से अँधेरे में उनके साथ रवाना हुई साथ वाले कमरे के गद्दे पर जाने के
लिए, उन्होंने करीब करीब मुझे उठा ही लिया था, मुश्किल से मेरी एक टांग
कभी कभी नीचे ज़मीं पर लग रही थी, बाकी तो वे मुझे अपने से लिपटाये हुए चल
रहे थे।
फिर मेरी मंजिल आ गई यानि की ज़मीं पर बिछा हुआ गद्दा ! यह कहानी आप
अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
उन्होंने कल वाला काम किया यानि कुण्डी लगाने और दरवाज़ा ढुकाने का, पंखा
पूरी गति पर कर दिया और मेरी बाहों में आ गए।
मैंने उनसे पूछा- यह कमरा और यह गद्दा सिर्फ चुदाई के काम ही आता है
क्या? यहाँ न तो कोई सोता है ना और ना इसका कोई और काम है? वे बोले- मेरी
जान, यह कमरा और यह गद्दा खास आपकी चुदाई के लिए ही तैयार करवाया है !
और मुझे चूमने लगे।
थोड़ी देर में मेरी मैक्सी कमर पर थी वे नीचे से हाथ डाल कर मेरे स्तन भी
दबा रहे थे, छोटे छोटे नारंगी के आकार के थे, उन्हें वो बुरी तरह से दबा
रहे थे, मुझे स्तन दबवाना अच्छा नहीं लगता है इसलिए मैंने उन्हें कहा- अब
बस करो ! दर्द हो रहा है !
क्यूँकि वे मेरे स्तन की भूरी घुंडियों को अपनी उंगलियों में मसल रहे थे।
उनके हाथ मेरे पूरे बदन पर घूम रहे थे, खास कर मेरी चूत पर ! वहाँ उनका
हाथ ज्यादा समय ले रहा था कभी उंगलियों से मेरी चूत के चने को मसल रहे थे
तो कभी एक अंगुली मेरी चूत में अन्दर-बाहर कर रहे थे। आनन्द से मेरी चूत
चिकनी हो रही थी, हालाँकि चूत की फांकें पिछलीचुदाई से सूजी हुई थी पर
उनके हाथ में जादू था। मेरी चूत की फ़ांकों में एक दिक्कत है कि कई दिनों
के बाद चुदाई होगी तो चूत कसी हो जाएगी जैसे कुंवारी हो और चूत की फांकें
सूज जाएगी जो कई दिनों तक सूजी रहेगी ! फिर 10-15 दिन तक चुदती रहेगी तो
सूजन उतर जाएगी। ऐसा कई बार मेरे पति से चुदाने पर होता ही था !
खैर थोड़ी देर में जीजाजी के होंठ मेरी चूत के द्वार पर थे ! वे पता ही
नहीं कब नीचे खिसक गए थे। मैंने भी अपनी टांगें उठा ली अपनी चूत आराम से
चटवाने के लिए !
वो अपनी जबान से पूरी चूत को चाट रहे थे और मेरी सूजी हुई चूत की फांकों
को आराम मिल रहा था जैसे उनकी थूक और लार का मरहम लग रहा था।
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