RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
जगन तब अपना कमर हिला हिला कर अपना लंड से अपनी सास का मूह चोदना शुरू कर दिया और अपना वीर्या सास के मूह के अंदर छोड दिया. ठीक उसी समय मे छ्हम्मो भी दोनो जगहों से दामाद का सर कस कर दबा कर अपनी चूतर उठा कर चूत का पानी छोड दिया. छ्हम्मो झरने के बाद भी जगन का लंड हाथों से पकर कर चुस्ती रही और उसको जीव से चट चट कर साफ कर दिया.
" मेरी चूत की चुसाइ मुझे बहुत अच्छी लगी. तुम और तुम्हारा लंड बहुत ही अच्छा है और मैं जब तक तुम्हारे घर रहूंगी मेरी चूत की बहुत ही बरहिया खातिरदारी होगी" छ्हम्मो दामाद का मुरझाया लंड हाथों मे लेकर मसल्ते हुए बोली. उन्होने दामाद का लंड हाथों मे लेकर उसको एक चुम्मा दिया और फिर उसको जीव से चाटना शुरू कर दिया. थोरी देर के बाद जगन का लंड फिर से खरा होने लगा. छ्हम्मो तब जगन का लंड को हाथों मे लेकर चूस्ते हुए जगन से बोली,
"हुमारी बेटिओं की तकदीर बहुत ही अच्छी है. अब मैं तुम को चोदने वाली हूँ और मेरी चुदाई बहुत ही ज़ोर दार रहेगी." फिर उसके बाद छ्हम्मो खरी हो गयी और जगन के उपर दोनो तरफ पैर करके बैठ गयी और उसका लंड हाथों मे लेकर अपनी चूत से भीरा दिया और धीरे धीरे नीचे बैठ कर पूरा का पूरा लंड अपनी चूत मे भर लिया. जगन चित लेट लंड को सास के चूत मे आराम से घुसते देख रहा था. उसको इस बात का बहुत ताज़्ज़ूब हो रहा थी उसकी सास बिना कोई तकलीफ़ के उसका पूरा का पूरा लंड आसानी से अपनी चूत मे घुसेर लिया. छ्हम्मो की चूत बहूत ढीली नही थी और उसकी पकर जगन को बहुत मज़ा दे रहा था. छ्हम्मो आँख बंद कर लिया और दोनो हाथों को जगन के पेट पर रख कर चूतर उठा उठा कर जगन को चोदना शुरू कर दिया.
"हाँ! हाँ! और ज़ोर से मसलो मेरी निपल को, मुझे तुमसे अपनी निपल मसलवाने मे बहुत मज़ा आ रहा है," छ्हम्मो अपनी चूंची को जगन के तरफ करते हुए बोली. अब छ्हम्मो दामाद को चोद्ते हुए उस पर झुक गयी और अपनी चूंचियो को चूसने के लिए बोली. जगन उन चूंचियो को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और वो जितना ज़ोर से चूंचियो को चूस्ता था उसकी सास उतनी ही ज़ोर से उसके लंड को चूत मे डाले उस पर उछलती थी. इस समय छ्हम्मो के शरीर से काफ़ी पसीना निकल रहा था और उससे उसकी चूंचियो का स्वाद कुच्छ नमकीन सा होगआया था. थोरी देर तक दामाद को चोद कर थक गयी और दामाद के उपर से नीचे उतर कर चारों हाथ और पैर के सहारे घुटने के बल कुतिया बन कर बिस्तेर पे आ गयी. जगन तब झट सास के पिछे जा कर और उनकी चूत को हाथों से खोल कर उसके अंदर अपना लंड एक झटके के साथ पेल दिया और उनकी कमर को पकर कर चोदना शुरू कर दिया.
"ओह! ससुमा! तुम्हारी चूत तो पूरा का पूरा ज़न्नत है. मुझको तुम्हारी चूत चोदने मे बहुत मज़ा मिल रहा है. तुम्हारी चूत कितना गर्म और टाइट है. मन करता है कि मैं तुमको ऐसे ही हुमेशा चोद्ता रहूं. तुम बहुत सेक्सी हो, अब तुमको तुम्हारे बेटिओं के सामने भी चोदुन्गा और दिखौँगा की उनकी मा कितनी चुड़दकर है, जो की दामाद का लंड चूत से खा रही है. और तुम जो चूत पर से झांतों का अस्तर उतार दिया है इससे तुम्हारी चूत और भी सेक्शी लग रही है. तुम्हारी बेटिओं को समझाना की वो भी अपनी चूतो से झांतों का अस्तर उतार दे," जगन बोलता जा रहा था और अपनी सास के चूत मे अपना लंड पेल रहा था. वो अपना लंड जर तक डालता था और एक खाटके के साथ उसे चूत से निकाल कर फिर से पेल रहा था.
"हाँ! हाँ! मेरे राजा, मेरी जमाई राजा और ज़ोर से पेलो, फार दो आज मेरी चूत को लंड के चोट से. जबसे मेरी बेटिओं ने इस लंड के बारे मे मुझे बताया तब से ही मेरी चूत इस लंड को खाने के लिए परेशान थी. आज मौका मिला है, खूब जी भर कर चोद दो. इसको बहुत दीनो से ऐसे ही लंबा और मोटा लंड से चुद्वने की ख्वाहिश थी. इसकी सारी आज तुम पूरा कर दो.
ओह! ओह! आह! हाँ! ऐसे ही चोद्ते रहो. बहुत मज़ा मिल रहा है तुम्हारे लौरे के धक्को से. मैं तुमसे वादा करती हूँ की जब हुमारी बेटियाँ घर आ जाएँगी, मैं ऐसे ही उनके सामने नंगी हो कर उनके साथ एक ही बिस्तेर पर लेट तुमसे अपनी चूत मे तुम्हारा लंड पिल्वन्गी. चाहे तुम मेरे सामने हुमारी बेटिओं को चोद लेना, मुझे कोई एतराज नही होगा. बस इस समय तुम रुकना मत, मुझे लॉंड के झटकों के साथ चोदो और मेरी चूत को झार दो, अब मुझसे सहा नही जा रहा, मेरी चूत मे बहुत जोरो की ख़ाज़ हो रही है. अपना लंड के झटकों से मेरी चूत की खज़ दूर करो."
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