RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
गतान्क से आगे............
"तुमको मेरे घर से रोज रात को घुसना और आधी रात को निकलना कोई भी देख सकता है और एह बात अक्च्ची नही है. इसलिए हुमलोगों के पास तुम्हारे लिए एक सुझाब है. अगर तुम मानो तो" देवकी जगन से कही. जगन देव और देवकी को कुच्छ आश्चर्या से देखता रहा और सोचता रहा कि इस'से और क्या असचर्या की बात हो सकती है इस समय हम तीनो लोग नंगे एक कमरे मे बैठे हैं और इसकी चिंता किसी को भी नही है."
"देवकी की एक छोटी बहन है जो कि देवकी से 5 साल छोटी है, अगर तुम चाहो तो हम उस'से तुन्म्हरी शादी करवा सकते हैं. इस तरह से तुम हुमारे घर मे रह सकते हो और इस'से किसी को भी कोई एतराज नही होगा" देव जगन से बोला.
"देवकी कल ही अपने घर जा सकती है और तुम्हारी शादी की बात पक्की कर सकती है."
"एह तो बहुत ही अcछी बात है. मुझे कोई एतराज नही है. लेकिन क्या देवकी की बहन इस शादी के लिए राज़ी होगी?" जगन देव से पुचछा.
"तुम घहबराव मत. मैं खुद अपनी साली को मना लूँगा. एह तो तुम जानते ही हो कि हम लोगों का परिवार बहुत घुला मिला है. मेरी साली मेरी बात मान जाएगी. खास कर मैं जब उसको हम लोगों का प्लान बतुआंगा. मैं अपनी साली को भी अपने प्लान मे शामिल करना चाहता हूँ," देव की यह बात सुन देवकी जगन का हाथ अपने हाथों मे पकड़ कर बोली.
"मैं अपनी छोटी बहन को यहाँ अपने साथ कुच्छ दीनो के लिए रहने के लिए बोलूँगी और धीरे धीरे उसको भी अपने खेल मे शामिल कर लूँगी," . इस तरह से देवकी अगले दिन ही अपने मैके चली गयी और दो दीनो के बाद अपनी बहन को साथ के कर लौटी. देवकी की बहन हालंकी देवकी से 5 साल छोटी थी लेकिन उसका रूप रंग और कद कती बिल्कुल देवकी जैसा था.
"एह जया है" देवकी अपने बहन की मुलाकात जगन से उस्दीन शाम को करवा दिया,
"और एह जगन है, जिसके बारे मे मैने तुझको पहले ही बताया था", जया जगन को श्रमेली आँखो से देखती रही. जगन सोचता रहा कि देवकी अपनी बहन को कितना बता चुकी है. वो लोग जया के रहने तक अपना क्रिया क्रम बंद रखे. जया धीरे धीरे जगन से घुल मिल गयी और उसने अपनी दीदी से जगन से शादी करने की हामी भर दी. एह सुन कर सब लोग बहुत खुस हो गये और देवकी अपनी बहन की शादी की तैय्यारि मे लग गयी. देवकी के माता पिता भी इस बात पर खुस थे की उनकी बेटी के लिए एक सरकारी नौकर मिल गया और एह की दोनो बहने एक साथ एक ही गाओं मे रहेंगी. जगन और जया की शादी बहुत धूम धाम से हुई. उनके सारे परिवार के लोग शादी मे शामिल हुए और खूब दावत उड़ाई.
धीरे धीरे सारा परिवार के लोग शाम को नये दूल्हा और दुल्हन को असिर्वाद देकर अपने अपने घर वापस चले गये. जया के माजी और पिताजी भी शाम को बेटी और दामाद को असिर्वाद देकर अपने गाओं वापस चले गये. जैसा की रीत और रिवाज है, जगन और जया की सुहाग रात देव के घर मे होना था.
देवकी अपनी बहन की सुहाग रात के लिए सारी तैयारिया कर चुकी थी. जया को नहला कर उसके शरीर पर अच्छा सा सेंट लगाया गया और उसको सजाया गया. जगन और जया फिर रात का खाना खाया और देवकी नये दुल्हन को अंदर के कमरे मे ले गयी. कमरे मे जगन पहले से ही अपनी पत्नी के लिए इंतेजर कर रहा था. कमरे मे बीचो बीच एक बरा सा बिस्तर लगा हुआ था. कमरे के अंदर एक बरा सा दिया जल रहा था और उसकी रोशनी से पूरा कमरा साफ साफ दिख रहा था. जगन बिस्तेर पर बैठा था और बिस्तेर पर बेला के फूल फैले हुए थे.
जैसा की रेवज़ है, देवकी ने उन्हे दूध से भरा गिलास थमाया. जगन जया को खींच कर अपने पास बैठा लिया. फिर जगन गिलास से थोरा सा दूध पी कर गिलास को जया के मूह से लगा दिया. वह शरमाती हुई गिलास से दूध पीने लगी. फिर जगन गिलास रख कर जया को अपने बाहों मे भर लिया और उसके गाल पर चुम्मा दे दिया. जया पहले तो शरमाई पर फिर उसने भी जगन को चुम्मा देना शुरू कर दिया. जया को कुच्छ अजीब सी हलचल महसूस हो रही थी. हालंकी जया को मालूम था की सुहाग रात मे क्या होने वाला है और उसने अपनी मा और अपने पिताजी या अपने चाचा की चुदाई भी देख रखी थी फिर भी जया कुच्छ कुच्छ घबरा रही थी.
एह जया के लिए पहली बार था. जया को जगन का हाथ अपने चूंची पर जाते ही बहुत अक्च्छा लगा. जगन थोरी थोरी देर मे जया का चुम्मा ले रहा था. जया ने अपने आप को जगन के हाथों मे सौप दिया और जगन जो भी कर रहा था जया को अक्च्छा लग रहा था. जगन उसकी सारी की पल्लू को धीरे से हटाया और उसकी ब्लाउस के अंदर चूंची तन कर दिखने लगी. जगन तब धीरे धीरे जया की ब्लाउस की हुक खोलना शुरू किया. जया ने जगन को अपनी ब्लाउस की हुक खोलने मे मदद किया. जया अपने ब्लाउस के नीचे एक काले रंग का ब्रा पहने हुए थी. जया की चूंची ब्रा के अंदर से फट कर बाहर आने को हो रही थी और एह देख कर जगन बहुत उत्तेजित हो गया. जगन पहले तो उसके ब्रा के उपर से चूंची पर हाथ फेरता रहा और इस'से जया की शरीर मे करेंट दौरने लगा.
जगन तब ब्रा का हुक भी खोल दिया और चूंची पर से ब्रा को हटा दिया. अब जया की चूंची बिल्कुल नंगी हो गयी थी. जगन उन नंगी चूंची को देख पागल सा हो गया और उनको बुरी तरह से मसल्ने लगा. जया अपनी चूंची मस्लाई से ओह! ओह! आह! हाँ हाँ दबओ, मेरी चूंची और दबओ बोलने लगी. जगन फिर जया को बिस्तर पर लेटा दिया और जया की चूंची के दोनो निपल को अपने मूह मे भर कर बारी बारी से चूसने लगा.
जया की निपल जो की चूंची मसल ही तन गयी थी अब चुसाइ से फूल गयी. जगन अपने मुँह मे एक चूंची जितना भर सकता था भर कर चूसने लगा और दूसरी चूंची अपने हाथों से मसालने लगा. जया अपने हाथों से जगन का सर पकर अपनी चूंची पर दबाने लगी. जगन ने तब अपना हाथ जया के जांघों के तरफ बढ़ाया. उसने जया की जांघों को पहले सारी के उपर से सहलाया और फिर अपने हाथों से सारी को उठा कर उसकी गरम गरम जांघों पर हाथ फेरने लगा.
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