RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
चाची अपना चूतर हिला दूला कर अपना पेटिकोट उतार दिया और नंगी देव के सामने खरी हो गयी. फिर चाची देव का पायजामा और उसका अंडरवेर उतार कर उसको भी अपनी तरह नंगा कर दिया. देव अपने चाची के सामने नंगा हो कर खरा होने से शर्मा रहा था. लेकिन उसका लंड अब तक खरा हो चुक्का था और अपना सिर हिला हिला चाची की चूत को अपने पास बुला रहा था. चाची देव के खरे लंड को अपने हाथों से पकर कर अपनी तरफ खींची.
"वाह, तुम्हारा लंड तो तुम्हारे उमर से कुच्छ ज़्यादा ही लंबा और मोटा है. क्यों है ना?" चाची बोली. फिर झुक कर देव के लंड को अपने होठों से लगा कर चूमी और फिर मूह मे भर लिया और उस पर अपनी जीव फिराने लगी. थोरी देर देव के लंड पर अपनी जीव फिराने के बाद चाची बोली,
"चलो तुम्हारा खेल अभी से शुरू किया जाए". चाची ज़मीन पर बिछी चटाई पर लेट कर अपने पैरों का फैला दिया और देव को अपने पावं के बीच मे बैठने के लिए बोली. अपने चूतर के नीचे एक तकिया रखने के बाद चाची अपने जांघों को और खोल दिया और देव से बोली,
"और पास आ कर मेरी चूत को देखो." देव का चहेरा अपने चाची की चूत से करीब चार इंच दूर था और उसके नाक मे अपनी चाची की चूत से निकलती हुई सोंधी सोंधी खुसबू घुस रही थी. चाची अपने हाथों से अपनी झांतो भरी चूत को और फैला दिया और देव से अपनी चूत के अंदर लाल लाल हिस्सा देखने के लिए बोली. फिर अपने हाथों से देव को अपनी चूत के दाने को दिखा कर उसको चूसने के लिए बोली. देव तब अपनी चाची की चूत के दाने को अपने होठों मे लेकर चूसना शुरू किया और इस'से उसको बहुत मज़ा मिलने लगा.
चाची अपनी चूत की होठों के बीच का हिस्सा भी देव से चाटने के लिया बोली. देव वैसे ही किया. उसने अपनी जीव अंदर तक डाल कर अपनी जीव घुमा घुमा कर चूसना शुरू किया. फिर चाची देव से चोदने के लिए बोली और देव अपनी चाची की चूत मे अपना लंड डाल कर चोदना शुरू कर दिया. पहले देव चाची जो ज़मीन पर लेता कर, फिर उनको कुतिया की तरह झुका कर और खुद उनके पिछे से, और फिर खुद ज़मीन पर लेट कर और चाची को अपने उपर चढ़ कर चोदा. देव की जवानी अपने पूरे जोश पर थी.
अब चाचा की गैर हाजरी में यह काम रोज होने लगा. चाची देव को अपने कमरे में बुला लेती. फिर चाची निढाल हो कर चुप चाप ज़मीन पर लेट जाती और अपनी टाँगे फैला कर देव से अपनी चूत पिछे से चोदने के बोलिती. देव धीरे से अपन खरा लंड उनकी चूत के अंदर उतार देता था और उनको अपने हाथों मे भर कर अपना लंड जितना जा सके उतना डाल कर रगर के चोद्ता. वो जैसे ही अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ाता था उसकी चाची गलियाँ बकने लगती,
"अरे हरमज़ड़ा, क्या तू अपनी चाची को मार ही डालेगा क्या. तेरा लंड तो पूरा गधे का लंड जैसा है. आई मैं मेरीयी जा रही हूँ छोड मेरी चूत निकल ले अपना लंड, मेरी चूत फटी जा रही है. देख तेरे लंड के धक्के से मेरी गुलाबी चूत काली पड़ चुकी है." तब देव अपना लंड पूरे जर तक चाची की चूत मे डाल कर चोद्ता. देव झरने के बाद चुप चाप अपनी चाची की पीठ पर लेट गया और महसूस करने लगा कि चाची की चूत से पानी निकल कर उसके अंडों को गीला कर रहा है.
रात को जब देव के चाचा अपनी बीवी को चोद्ते थे तो देव उनकी चुदाई अंधेरे में लेट कर देखता था और अपने लंड पर हाथ फेरता था. जब चाचा अपनी बीवी को चोद कर वरेंड़े मे सोने के लिए चले जाते थे तब चाची देव को अपने कमरे मे बुला लेती थी और उस'से अपनी चूत को फिर से चोदने के लिए बोलती थी.
यह चाची और भतीजे की चुदाई का किस्सा बहुत दीनो तक चलता रहा लेकिन एक दिन चाचा ने देव और चाची को रंगे हाथ चुदाई करते हुए पकर लिया. चाचा देव को इसके लिया बहुत मार मारा और देव को अपने घर से अगले दिन निकाल दिया. चाचा अपनी बीवी को भी बहुत लतारा लेकिन उसने जो सुख अपनी चूत से दिए हैं एह सोच कर चाचा चाची को घर से नही निकाला.
देव पर तरस खा कर और जो सुख देव अपने लौरे से उसकी चूत को दिया है एह सोच कर चाची देव को ढेर सारा रुपया पैसे छुप कर दिया. देव अप'ने गाओं वापिस आ गया और अपनी खेती सम्हलने लगा.
थोरे दीनो के बाद देव की शादी देवकी के साथ हो गयी. शुरू शुरू मे सब कुच्छ ठीक ठाक था और जब भी वो चाहता था वो देवकी को पकर कर उसके कापरे खोल कर चोद लेता था. लेकिन देवकी बहुत ही कामुक औरत थी और इसलिए उसकी चुदाई की भूख बहुत ज़यादा थी और वो भूख उस'से शांत नही होती थी.
जब देव का लंड देवकी की चूत की गर्मी शांत करने के काबिल नही रहा तो देवकी ने एह बात देव को भी समझा दिया था.
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