RE: Sex Kahani चुदाई के नौकर
गतान्क से आगे................
थोड़ी देर बाद उसने मेरी चुचियों को मसल्ते हुए अपना लंड धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा. उसका लंड इतना ज़्यादा मोटा था कि मेरी चूत ने उसके लंड को बुरी तरह से जाकड़ रखा था. 2 मिनट में जब मेरा दर्द कुच्छ कम हो गया तो मैने जोश में आकर अपना चुत्तऱ उठाना शुरू कर दिया. मुझे चुत्तऱ उठता हुआ देखकर मोनू ने अपनी स्पीड थोड़ी सी बढ़ा दी. मुझे अब ज़्यादा मज़ा आने लगा. मैं जोश के मारे पागल सी हुई जा रही थी. जोश में आ कर मैने और तेज और तेज कहना शुरू कर दिया तो मोनू ने अपनी स्पीड और तेज कर दी. 5 मिनट चुदवाने के बाद मैं झाड़ गयी तो मोनू ने बिना मेरे कुच्छ कहे ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए.
हर धक्के के साथ ही मोनू का लंड मेरी चूत के अनादर और ज़्यादा गहराई तक घुसने लगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं पूरे जोश में आ चुकी थी. उस जोश के आगे मुझे दर्द का ज़्यादा एहसास नहीं हो रहा था. धीरे धीरे मोनू ने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. पूरा लंड मेरी चूत में घुसा देने के बाद मोनू रुक गया. उसका लंड जड़ के पास बहुत ज़्यादा मोटा था. मेरी चूत ने उसके लंड को बुरी तरह से जाकड़ रखा था. थोड़ी देर बाद जब उसने धक्के लगाना शुरू किया तो वो आसानी से अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर नहीं कर पा रहा था. मुझे एक दम ज़न्नत का मज़ा मिल रहा था. मैं एक दम मस्त हो चुकी थी. आज मुझे बहुत ही अच्छे लंड से चुदवाने का मौका मिल रहा था. मोनू मेरी चुचियों को मसल्ते हुए मुझे धीरे धीरे चोद रहा था. 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं झाड़ गयी.
झाड़ जाने की वजह से मेरी चूत एक दम गीली हो गयी तो मोनू ने तेज़ी के साथ धक्के लगाने शुरू कर दिए. अब मेरी चूत ने मोनू के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था. वो ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई कर रहा था. हर धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी बच्चेदानि के मु'ह का चुंबन ले रहा था. मैं जोश से एक दम पागल सी हुई जा रही थी और खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को, की आवाज़ें मेरे मु'ह से निकल रही थी. मोनू भी पूरे जोश और ताक़त के साथ मेरी चुदाई कर रहा था. उसकी स्पीड धीरे धीरे और ज़्यादा तेज होने लगी तो मैं पूरी तरह से मस्त हो गयी. अब तक मेरा दर्द एक दम कम हो चुका था. मैने अपना चुत्तऱ उठा उठा कर मोनू का साथ देना शुरू कर दिया तो उसने भी मेरी चुचियों को मसल्ते हुए मुझे बहुत ही अच्छि तरह से चोदना शुरू कर दिया.
मोनू का लंड अब मेरी चूत में आसानी के साथ अंदर बाहर होने लगा. मोनू ने मेरी चुचियों को छ्चोड़ कर मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी स्पीड और ज़्यादा तेज कर दी. अब वो मुझे एक दम आँधी की तरह से चोदने लगा था. मैं ज़ोर ज़ोर के हिचकोले खा रही थी. मेरी चुचियाँ उसके हर धक्के के साथ गोल गोल घूम रही थी. लग रहा था कि जैसे मेरी चुचियाँ गोल गोल घूम कर नाच रही हो और मेरी चुदाई का जस्न मना रही हो. मुझे ये देख कर बहुत अच्छा लग रहा था. मैं भी पूरी मस्ती में थी. जब मोनू धक्का लगता तो मैं अपना चुत्तऱ उपर उठा देती थी जिस से उसका लंड एक दम जड़ तक मेरी चूत के अंदर समा जाता था.
इसी तरह मोनू ने मुझे लगभग 30 मिनट तक चोदा और उसके बाद मेरी चूत में ही झाड़ गया. उसके लंड से इतना ज़्यादा जूस निकला जैसे वो बहुत दीनो से झाड़ा ही ना हो. मेरी चूत उसके वीर्य से पूरी तरह भर गयी थी. मेरी चूत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जाकड़ रखा था इस लिए उसके वीर्य की एक बूँद भी बाहर नहीं निकल पाई. मैं भी इस चुदाई के दौरान 3 बार झाड़ चुकी थी. वो अपना लंड मेरी चूत में डाले हुए ही मेरे उपर लेटा रहा और मुझे चूमता रहा. मैं भी उसकी पीठ को सहलाते हुए बड़े प्यार से उसे चूमने लगी. हम दोनो इसी तरह लगभग 10-15 मिनट तक लेटे रहे.
मोनू का लंड अभी तक मेरी चूत के अंदर ही था. वो अपना लंड मेरी चूत में डाले हुए ही अपनी कमर को इधर उधर करने लगा तो 2 मिनट में उसका लंड फिर से मेरी चूत के अंदर ही टाइट होने लगा. मैं अभी तक जोश में थी. मैने भी उसके साथ ही साथ अपना चुत्तऱ इधर उधर करना शुरू कर दिया. 5 मिनट में ही मोनू का लंड मेरी चूत के अंदर ही एक दम टाइट हो कर लोहे जैसा हो गया तो मोनू ने मुझे फिर से चोदना शुरू कर दिया. 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं झाड़ गयी तो मैने मोनू से कहा,
मुझे डॉगी स्टाइल में चुदवाना ज़्यादा पसंद है. वो इंग्लीश नहीं जानता था. वो बोला,
ये कौन सी स्टाइल है. मैने कहा,
तुमने कुतिया को कुत्ते से करते हुए देखा है. वो बोला,
मैं समझ गया. तुम घोड़ी बन कर चुदवाना चाहती हो. मैने कहा,
हाँ. उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया तो मैं डॉगी स्टाइल में हो गयी. मोनू मेरे पिछे आ गया और उसने अपना पूरा का पूरा लंड एक झट्के से मेरी चूत में डाल दिया. मुझे थोड़ा दर्द महसूस हुआ तो मेरे मु'ह से हल्की सी चीख निकल गयी. पूरा लंड मेरी चूत में घुसा देने के बाद मोनू ने मेरी कमर को पकड़ लिया और मुझे बहुत ही तेज़ी के साथ चोदने लगा. थोड़ी देर तक तो मैं दर्द से तड़पति रही लेकिन फिर बाद में मैं भी अपना चुत्तऱ आगे पिछे करते हुए मोनू का साथ देने लगी. मुझे साथ देते हुए देख कर मोनू ने अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी.
10 मिनट की चुदाई के बाद ही मैं फिर से झाड़ गयी. मेरे झाड़ जाने के बाद मोनू ने मुझे बहुत ही बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया. वो इतनी ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहा था कि मैं हर धक्के के साथ आगे की तरफ खिसक जा रही थी. मोनू ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मुझसे ज़मीन पर चलने को कहा. मैं ज़मीन पर आ गयी तो उसने मेरा सिर दीवार से सटा कर मुझे कुतिया की तरह बना दिया. उसके बाद उसने बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई शुरू कर दी. मेरा सिर दीवार से सटा हुआ था. मैं अब आगे नहीं खिसक पा रही थी इसलिए अब उसका हर धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था.
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