RE: Sex amukta मस्तानी ताई
खाना खाने के बाद ताइजी ने पार्वती से कहा के तुम खाना खलो और भोला के लिए बाँध लो फिर में तुम्हे छोड़ आती हूँ, मेने कहा ताइजी में छोड़ आता हूँ आप थक गयी होंगी आप आराम कर लीजिए, कहने लगी कोई बात नही, अगर तू चलना चाहे तो तू भी चल मेरे साथ, जब पार्वती ने खा लिया फिर हम उससे छोड़ ने निकल गये, ताइजी और मेरे पास दोनो के हाथ में टॉर्च थी, में ताइजी के पीछे चल रहा था, ताइजी और पार्वती साथ साथ चल रहे थे, में बारी बारी उन दोनो की गांद पे टॉर्च की लाइट रखता, ताइजी की गांद पार्वती से बड़ी थी, और चलते हुए ताइजी की गांद सारी में मदमस्त होके नाच रही थी, पार्वती की गांद ताइजी से छोटी थी पर उसकी गांद टाइट थी और जवान होने के कारण कसी हुई भी थी, खैर हम पंप हाउस आगाये, भोला बाहर खाट पे सो रहा था, फिर हमारे आने की आहट से उठ गया, और फिर ताइजी का धन्यवाद किया के वो पार्वती को छोड़ने यहाँ तक आई, फिर ताइजी ने उससे इधेर उधेर की बात की और हम घर की ओर लौट चले, चारों ओर उंधेरा छाया हुआ था, और टॉर्च के सिवाय चाँद की रोशनी थी, पंप हाउस से कुछ दूर आते ही मेने ताइजी की गांद पे हाथ रखा और उसपे छुट्टी काटी, वो चौक गयी और प्यार से मेरी छाती पे मारते हुए कहने लगी तू बाज नही आएगा ना अपनी हरकतों से, मेने अब भी अपना हाथ गांद से हटाया नही और उसे सहला रहा था, मेने उनसे कहा के अब आप हो ही इतनी सुन्दर के में अपने आप को रोक नही पाता हूँ, वो कहने लगी चल रहने दे, फिर मेने ताइजी का हाथ पकड़ा और अपनी ओर खिचते हुए उनके होंठों पे होंठ रख दिए, वो कुछ कहना चाह रही थी, पर मैं मा की गांद के स्पर्श के बाद चुदाई के लिए बेताब था, ताई भी कुछ ही देर में मेरा पूरा साथ दे रही थी, हम दोनो ही बोहत गरम हो चुके थे, ताइजी ने मेरे मूह में अपनी जीभ डाल के मेरी जीभ से खेलना शुरू कर दिया, में भी एक हाथ से ताइजी की गांद सहला रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूत को सारी के उपर से ही घिस रहा था, ताइजी भी बोहत गरम हो रही थी, उम्म्म्म आआअहह उूउउफफफफफफफ्फ़ कर रही थी, फिर मेने गांद से हटाया और उनकी चुचियों को सारी के उपर से दबाने लगा, वो अब बोहत ज़्यादा उत्तेजित हो रही थी, कहने लगी, ज्ज्ज्जाअल्ददिईइ कारूव घर्ररर लातीए हूओ गाईए तो साआबब्ब परेशाआं हूओ जाआईनगीए, उनकी साँसे फूल रही थी, फिर मेने उन्हे एक पेड़ के सहारे खड़ा किया, उनकी सारी उठा के कमर तक चड़ा के, उनकी पॅंटी निकाल ली और अपनी जेब में डाल दी, और अपनी पॅंट भी खोल के अंडरवेर नीचे करके अपने लंड को बाहर निकाला, उन्होने तुरंत मुझे अपने से चिपकाया और मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत के छेद के यहाँ रखा, में हल्का सा नीचे हुआ और फिर लंड उनकी चूत में अंडर डाल दिया, ताइजी की चूत एक दम गीली और गरम हो चुकी थी, उन्होने मेरा लंड अपनी चूत में अंडर तक लेने के लिए अपना एक पाँव मेरी कमर के यहाँ रख दिया, मेने एक हाथ से उनके पाँव को घुटनो से पकड़ा जो मेरी कमर पे था और दूसरा उनके कंधो पे रख के धक्के मारने लगा, ताइजी खड़े खड़े छटपटा रही थी और कहने लगी, ऊओह बीएटाअ कित्न्न्न्नीए डीननूओ बाद्द्ड़ यहह अनानन्न्ँद्दद्ड मिलाआ हाईईईई, अयाया आौरर्र करूऊओ आआआहह, आआहह बोाआतत्त अककचहाा लागगग राआहहाा हाईईइ, उफफफफ्फ़ उईईइइंमाम्माआअ, में भी धक्के लगा रहा था, और कहने लगा, कबब्ब्बबसीई आअप्प्प्पक्कक्कीिई राआह डीएक राअहहाअ थाअ के कबब्ब्ब आप्प्प्प मौऊउकाअ ढूनडड़ड़ के मईएरीए पाअससस्स आाू, पाआररर आआप्प्प्प टूऊ आअपन्ंनईए हिी काअम मेंन्न्न् व्ययययाससस्त त्ीईीईई, वो बोली आआहह बीएटाअ आअनना तूओ मेंन्न भीईीई चाआहहतिई त्ीईिइ पाअर क्याअ कर्ररूउन्न्ञन् क़िस्स्स्सिईई कूओ शाआक्ककक करन्ननईए काअ मौकाअ नह्ह्हीइ डेन्न्नाअ चाआहहति थी, हम दोनो बोहत उत्तेजित हो गये थे, वो कहने लगी, बेटाअ जूऊओररर सीए काआरूऊ मेंन्न्न् झाआदन्न्न्णनईए वलल्ल्लीइी हुन्न्ञणन्, आआअहह उईईइमाआअ, मेराअ बसस्स चलीए तूओ मेंन्न्न् तेरीए स्ाआतह हीईिइ राहहूनन्ं औरर्र तेरीए सातह इसस्स सुख(चुदाई) का आन्न्न्नाद ल्ल्लीए सक्ककुउउन्ण, आआहह, ऊऊओह हाआनन्न बीताआ और्र्रर जोर्र्र्र से ऊओह मेंन्न्न् एयेए रहिी हुन्न्ञन्, में भी झाआद ने वाला था, और अपने होंठ उनके होंठ पे रख के ज़ोर ज़ोर से धक्के माआरन्नन्नईए लगाअ तकीइ वो ज़्यादा आवाज़ ना कर सके, वो भी बोहत गरम हो चुकी थी और ग्रोन कर रही थी, ह्म्म्म्मममम हमम्म, फिर मेने अपने होंठ उनके होंठ से हटाए तो वो कहने लगी ऐसे ही ज़ोर ज़ोर से झटके मारो, जल्दी करो में आने वाली हूँ आआअहह, मेने भी झटके तेज कर दिए, और मेने कुछ तेज तेज झटके लगाए, सन्नाटे में झटको की आवाज़्ज़ ताप्प्प ठप्प्प आ रही थी, और ताइजी के मूह से ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ निकल रही थी, और वो सुन के में और गरम हो गया, वो कह रही थी, आआहह बएटाा अओउउर्र्र जूऊर्रर हाआअन्णन्न् आआईीससीए हीई आआअहह मीईईँन्न आआरहियिइ हुन्न्ञन्, ऊऊऊहह म्माआअ आआहह ककक्कीत्ट्तांन्न्नाअ मज्ज़ज़जाअ आआअरर्रााहहाअ हाऐईयईई आआआअ ऊऊऊऊहह उउउइइइइम्म्म्ममाआआ और्र्रर वो झाआद गाइइ, में भी कुछ देर बाद झाड़ गया और अपना सारा पानी ताइजी की चूत में ही निकाल दिया, हम ऐसे ही एक दूसरे का सहारा लेकर खड़े रहे, जब जान में जान आई तो अलग हुए, ताइजी ने मुझे माथे पे एक किस दी और कहने लगी के तुमने मुझे बोहत खुशी दी है, और फिर हम दोनो घर की ओर चल पड़े, ताइजी चलते हुए कहने लगी के मेरी टांगे गीली हो गयी है, तब मेने उन्हे याद दिलाया के उनकी पॅंटी मेरे पास है, उन्होने फिर मुझे प्यार से कंधे पे मारते हुआ कहा नलायक चल अब जल्दी दे मुझे घर आने वाला है, मेने ताइजी की पॅंटी जेब से निकाली और उसे सूंघते हुए उनको दे दी वो हंस ते हुए बोली पागल, फिर उन्होने वो पॅंटी पहनी और हम घर आगाये, मा उपर रूम में थी पूजा अपने कमरे में और दीदी हमारी राह देख रही थी, ताइजी ने दीदी को सारा काम बताया और अपने रूम में चली गयी, दीदी भी अंडर चली गयी, में भी उपर रूम में आगेया,
क्रमशः................
|