RE: Sex amukta मस्तानी ताई
मेने अपनी जीभ उनकी चूत पे घुमाई तो उन्होने ज़ोर से सिसकिया लेना शुरू कर दिया, वो अपना बॅलेन्स शायद प्लॅटफॉर्म पे बनाए खड़ी थी, उनकी टांगे थोड़ी चौड़ी होगयि थी, फिर में उनकी चूत चाटने लगा, वो कहने लगी रुक्ककक जाओ बएटााअ इधेर मात्त्ततत्त करूऊ कोइइ आअजेगाआअ, में नही रुका और उनकी चूत में जीभ अंडर बाहर करने लगा, उनकी टांगे पूरी पसीने से गीली हो गई थी, और शायद उन्हे बोहत पसीना भी आरहा होगा, वो सारी के उपर से मेरे सर को पकड़ के उनकी चूत में घुसाने लगी, इतने में दीदी की आवाज़ आई, ताइजी घबरा गयी और कहने लगी सुजाता आराही है, जाओ यहाँ से, मेने सारी के अंडर से ही कह दिया के में कहीं नही जा रहा हूँ, दीदी किचन में आगाई, और ताइजी को देखकर पूछा मा क्या बात है, आपकी तबीयत तो ठीक है ना??, आपको इतना पसीना क्यूँ आरहा है, ताइजी हड़बड़ते हुए बोली स्साब ठीक है बेटा, आज गर्मम्मी बोहत है ना इसलिए, वो वहीं बैठी रही कुछ देर तक, मेने अपना काम चालू रखा, और मेने ताइजी की चूत चाटना जारी रखा, वो पागल हुई जा रही थी, मेरी जीभ उनकी चूत को मज़े दे रही थी, और सामने बेटी होने की वजह से वो खुल के मज़ा भी नही ले पा रही थी, फिर मेने उनकी चूत में उंगली डाली और अंडर बाहर करने लगा, उनके मूह से उउउइइ माआअ निकल गया, दीदी ने पूछा क्या हुआ, वो बोली शायद चीटी ने काटा है, फिर कुछ देर बाद जब दीदी चली गयी तो उन्होने अपनी सारी उठाई, और मेरे कान ज़ोर से पकड़े और कहने लगी एक नंबर का नालयक है तू, में पसीने से भीग गया था और ताइजी की चूत का रस मेरे पूरे मूह पे पड़ा हुआ था, मेने उन्हे नीचे झुकाया और उनके होंठों को किस किया, उन्होने भी भरपूर साथ दिया और अपनी जीभ मेरे मूह में डाल के घुमाने लगी, उनके मूह से म्म्म्मम उउम्म्म्म क आवाज़ आराही थी, फिर उन्होने मुझसे अपने आप को छुड़ाया, और किचन से चली गयी, फिर दोपेहेर में खाना खाया, और ताइजी जान बूझकर बाहर ही सोई क्यूँ की वो जानती थी अगर वो कहीं अकेले मिलती तो में उन्हे पक्का परेशान करता और इन सब में पकड़े जाने का ख़तरा भी था, मुझे कब नींद आगाई पता नही चला, शाम में उठा तो दीदी घर का काम कर रही थी, मेने दीदी से पूछा ताइजी कहाँ है तो वो बोली वो तो अभी अभी खेत पे गयी है, और आपको बुलाया है, में तुरंत हाथ मूह धोके खेतों की ओर चल पड़ा, जब में पंप हाउस के उधेर पोह्चा तो देखा ताइजी भोला और पार्वती बैठ के बात कर रहे थे, में भी वहीं जाके बैठ गया, ताइजी ने मुझे देख के एक मस्ती वाली स्माइल दी, में समझ गया वो भी इतनी ही बेताब है, कुछ देर बाद उन्होने मुझसे कहा के चलो घर चलते हैं, में निराश हो गया, ताइजी ने गुलाबी रंग की सारी पहनी हुई थी, और आज उन्होने सारी कुछ ज़्यादा ही नीचे बाँधी हुई थी, वो बोहत सेक्सी लग रही थी, खैर हम घर की ओर चलने लगे, हम दोनो साथ साथ चल रहे थे, जब हम पंप हाउस से थोड़ा दूर आगाए तो मेने ताइजी की गांद पे हाथ रख दिया, उन्होने मेरी तरफ देखा और कहा सबर नही है तुम में, मेने कहा आप के जैसा माल हो तो सबर किसे रहेगा, वो मेरे मूह से माल शब्द सुन के चौक गयी, और कहने लगी नालयक तुझे शरम नही आई मुझे माल कहते हुए, मेने कहा माल को तो माल ही कहेंगे ना ताइजी, और बातें करते हुए भी में उनकी गांद पे हाथ घुमा रहा था, वो बोली छोड़ दे कोई देख लेगा, मेने उनकी गांद ज़ोर से दबाई और कहा ऐसे कैसे छोड़ दूं, वो बोली थोड़ा सबर रखो सब होगा, हम घर आगाये, दीदी खाना बना चुकी थी, हमने हाथ पाँव धोए और खाना खाने बैठ गये, खाना खाने बाद, दीदी अपने रूम में चली गयी, ताइजी ने कहा में भी तेरे ताउजी की मालिश करने जा रही हूँ, मेने कहा में भी चलता हूँ, वो बोली जैसी तेरी मर्ज़ी, अब हम ताउजी के रूम में आ गये, ताउजी जाग रहे थे, मेने उन्हे देख के प्रणाम किया, और वहाँ बैठ गया, ताइजी ने ताउजी को दवाई दी और उनकी मालिश करने लगी,
दोस्तो ताई जी के साथ सुहागरात अब जल्दी ही होने वाली है आगे के पार्ट पढ़ते रहिए आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः................
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