RE: Sex amukta मस्तानी ताई
फिर उन्होने मुझसे हटने को कहा और खुद पाइप के नीचे खड़ी होगयि, जैसे ही पानी उनके उपर से बहने लगा पेटिकोट पूरा उनके शरीर से चिपक गया और उनकी बॉडी का शेप क्लियर दिखने लगा, ताइजी की गांद मेने सोचा था उससे भी बड़ी थी, फिर क्या था उनकी गांद देख के मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया, अब इतना बड़ा हो चुक्का था के गम्चे से बाहर दिखने लगा था, फिर ताइजी पत्थर पे बैठ गयी और अपने आप को हाथ से साफ करने लगी, मेने साबुन नही लगाया था अभी तक, उन्होने मेरी तरफ देखा और कहा साबुन नही लगाना जल्दी कर कोई आजाएगा, मेने कहा आप ही लगा दो ना, वो बोली क्यूँ तू नही लगा सकता मेने कहा लगा तो सकता हूँ पर थक गया हूँ, फिर बोल बोली तू पत्थर पे बैठ जा में साबुन लगा देती हूँ, मेरी खुशी का तो ठिकाना नही है, फिर में पत्थर पे बैठ गया, और ताइजी ने पहले मेरे सर पे और फिर पीठ पे आछे से साबुन लगाया और फिर छाती और पेट पे लगाने लगी, वो जैसे नॉर्मली साबुन लगाते हैं वैसे नही लगा रही थी, वो मेरी बॉडी के एक एक पार्ट को फील कर रही थी, और अपनी आँखें बंद कर एंजाय कर रही थी, फिर उन्होने कहा चल खड़ा हो जा बाकी शरीर में भी लगा देती हूँ, उनके स्पर्श से मेरा लंड एक दम टाइट हो चुक्का था, और जब में खड़ा हुआ तो उन्होने मेरे लंड की तरफ देखा और मुस्कुराने लगी, फिर वो मेरे आगे झुक के टाँगो पे साबुन लगा रही थी, इस पोज़िशन मेरा लंड उनके मूह से कुछ ही दूर था, वो मेरी टाँगो पे साबुन लगाने के बाद उपर से नीचे तक हाथ घुमा रही थी, अब उनका हाथ अप्पर थाइस पर भी टच हो रहा था, फिर उन्होने कहा गमछा निकाल दे में आछे से साबुन लगा देती हूँ, मेने कहा मुझे शरम आती है, तो वो हंस पड़ी और कहने लगी के बचपन में तू नंगा ही घूमता रहता था घर में, और वैसे भी वो सब करते शरम नही आई जो अब शर्मा रहा है, उनका मतलब पंप हाउस और ऑटो की बात से था, मेने कुछ नही बोला और सर झुका लिया उन्होने मेरा गमछा निकाल दिया और पहले मेरी कमर और नीचले भाग में साबुन लगाया और फिर मेरी बॉल्स पे और उसके नीचे पे साबुन लगाया, और फिर साबुन हाथ में मलते हुए मुझसे चिपक गयी और मेरी गांद पे साबुन लगाने लगी, इस पोज़िशन में मेरा लंड उनकी चूत से टकरा रहा था, और मुझे बड़ा मज़ा आरहा था, और मूह से आवाज़ें निकल रही थी, पर में कुछ बोला नही और इस सिचुयेशन का आनंद उठा रहा था, वो भी मुझसे चिपक के खड़ी थी और मेरे लंड का मज़ा ले रही थी, हम दोनो ही एक दूसरे की बॉडी का मज़ा ले रहे थे, फिर थोड़ी देर बाद वो अलग हुई और दोनो हाथों में साबुन मलते हुए मेरे लंड पे साबुन लगाने लगी, सच बताउ दोस्तों जैसे ही उनका नरम हाथ मेरे लंड पे पड़ा मुझे लगा में स्वर्ग में हूँ, और वो इतने प्यार से मेरे लंड पे हाथ घुमा रही थी और उसे घुरे जा रही थी, वो शायद मेरे लंड का साइज़ देख के हैरान थी, कुछ देर बाद मुझे ऐसा लग रहा था के वो मुझे मास्टरबेट करवा रही हैं, और एक पल तो ऐसा आया के में झड़ने वाला था, पर उन्होने शायद भाप लिया और मेरे लंड से हाथ हटा दिया, में बड़ा निराश हुआ, ताइजी ने मुझे बड़ी ही नॉटी स्माइल दी, और कहने लगी चल अब नहा ले और में भी साबुन लगा के नहा लेती हूँ.
मेने उनसे पूछ लिया के क्या में भी आप को लगा दूं, तो वो बोली नही में लगा लूँगी पर में उनसे ज़िद करने लगा के में लगा देता हूँ, बोली ठीक है, अब में खड़ा था उनके सामने और वो बैठी हुई थी, अब मेने पहले उनके सर पे साबुन लगाया और आछे से उनके सर पे हाथ घुमाया, उन्हे बड़ा आराम मिल रहा था, फिर साबुन हाथ में मल के मेने उनके नेक और शोल्डर पे लगाया उनका शरीर काफ़ी चिकना था एक दम मक्खन के जैसा मुझे बड़ा मज़ा आरहा था और वो भी आँख बंद किए साबुन लगवा रही थी और मज़े ले रही थी, फिर मेने साबुन को हाथ में मला और छाती का जो हिस्सा पेटिकोट से बाहर था उसपे लगाने लगा, क्या बताउ कितना मज़ा आरहा था, मंन कर रहा था पेटिकोट के अंडर हाथ डाल के चुहिया को फिर से भीच दूं, पर मेने उन्हे और सिड्यूस करने का सोचा, और फिर उसी तरह मेने पीठ का जो हिस्सा पेटिकोट से बाहर था उसपे साबुन लगाया, अब मेने ताइजी से कहा आप खड़ी हो जाइए ताकि में बाकी के शरीर पे भी साबुन लगा सकूँ, वो खड़ी हो गयी और जैसे ही मेने साइड से नाडा खोलने की कोशिश की और मेरे हाथ को रोक दिया मेने कहा क्या हुआ, तो वो बोली रहने दे, मुझे कुछ समझ नही आया, और मेने उनसे पूछा तो में साबुन कैसे लगाउन्गा वो बोली ऐसे ही लगा ले, तब उन्होने के कहा के यह ओपन जगह है कोई भी आ सकता है, मेने समझ गया और कुछ नही बोला फिर मेने साबुन अपने हाथों में लिया और घुटनो के बल नीचे बैठ गया और उनके पाँव पे साबुन लगाने लगा, मेने साबुन आछे से अपने हाथों पे मला और पूरी टाँगो पे लगाने लगा, में उनके पाँव पे नीचे से उपर तक हाथ घुमा रहा था, पर में उनकी चूत पे नही गया, और फिर वैसे ही साबुन को हाथ में मलके पेटिकोट के अंदर हाथ डालकर टाँगो के पीछे के हिस्से में उपर से लगाने लगा, ताइजी की टाँगे गोरी थी और एक भी बाल नही था, उन्हे छू ने में मुझे बड़ा मज़ा आरहा था, और अब में खड़ा हुआ और उनके पीछे खड़ा हो गया और हाथ में साबुन लेके उनके पेटिकोट के अंदर हाथ डालकर उसे कमर तक उँचा कर दिया और अब वो नीचे से पूरी नंगी थी, मेरे पीछे होने के वजह से मैं उनकी चूत तो नही देख पाया पर उनके चूतड़ ज़रूर देखे, एक दम गोरे गोरे फूले हुए, वो बोली क्या कर रहा है मेने कहा साबुन लगा रहा हूँ, वो कुछ नही बोली, अब मेने साबुन लगा हाथ उनकी चूत पे रख दिया वो काँप गयी और अपने शरीर का वजन पीछे की तरफ करने लगी, फिर मेने दोनो हाथ से उनकी चूत पर उपर से नीचे तक साबुन लगाया और आछे से हाथ घुमा रहा था, अब मेने उनकी चूत की लकीर पे उंगली घुमा रहा था, और वो एक दम गरम हो चुकी थी, मेने उनके चूत के दाने को दबाया तो उनके मूह से हल्की सी चीख निकल गयी, उन्होने कुछ नही बोला और ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी, अब में थोड़ा झुका और इस पोज़िशन में मेरा लंड ताइजी की गांद के छेद के सामने था, मेने अपने लंड सीधा किया और उनकी चूतदों के बीच सेट कर दिया, अब में उनकी चूत में उंगली कर रहा था और उनकी गांद पे लंड भी घिस रहा था, वो भी मेरे साथ दे रही थी, वो अपनी गांद पीछे की तरफ पुश कर रही थी, और मेरी उंगली उनकी चूत की सैर कर रही थी, इतना अछा और थ्रिलिंग एक्सपीरियेन्स लाइफ में कभी नही मिला था, जैसे ही में झड़ने वाला था मेने अपने आप को रोक दिया और उनसे अलग हो गया यह देख के ताइजी निराश हुई और गुस्से से मेरी तरफ देखा मेने वोही मुस्कान उन्हे वापस दी जो उन्होने मुझे दी थी जब उन्होने बीच में छोड़ा जब में झड़ने वाला था तब, खैर में उनके सामने आके खड़ा हो गया और फिर से अपने हाथ में साबुन लगाया और उनका पेटिकोट उँचा करके उसके अंदर हाथ डालकर उनकी गांद पे साबुन लगाने लगा, ओह्ह वो तो खुश हुई पर मुझे भी बड़ा मज़ा आरहा था, अब मेरा लंड उनकी चूत के सामने था, और मेने उन्हे अपने से सटा लिया और गांद पे साबुन लगाकर हाथ घुमाने लगा, वो भी ऊऊओ आआअहह हाआआआईयईईई, फिर मेने उनके चूतड़ को फैलाया और उनके चूतड़ के बीच हाथ घुमाने लगा, उनकी गांद गरम थी, अब मेने एक उंगली उनकी गांद में घुसाने की कोशिश की, वो रेज़िस्ट कर रही थी पर मुझे हटाया नही और कुछ बोली भी नही, मेने धीरे धीरे उनकी गांद में उंगली घुसा दी और उसे अंदर बाहर करने लगा, मेने जिंदेगी में पहली बार किसी औरत की गांद में उंगली की थी, और क्या मज़ा आया, उस आनंद को बयान करना मुश्किल है उनकी गांद अंदर से किसी भट्टी की तरह गरम थी, अब मेरा लंड उनकी चूत से टकरा रहा था, वाह क्या मज़ा आरहा था, मंन कर रहा था लंड घुसेड दूं पर अब में उनके मूह से सुन ना चाहता था, में ऐसे ही लंड टच करता रहा, कई बार तो ऐसी पोज़िशन में आए के लंड उनकी चूत के मूह पे ही अटक गया पर मेने पुश नही किया, ताइजी समझ गयी कहने लगी चल नहा ले, बोहत साबुन लगा लिया..
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