RE: Antarvasnasex चिकनी भाभी
“भाभी आप तो कुँवारी नहीं हैं. आपको तो लंड की आदत है?"
"आआआः… मुझे आदमी के लंड की आदत है घोड़े के लंड की नहीं. चल निकाल उसे बाहर." लेकिन भाभी को दर्द के साथ मज़ा आ रहा था. उसने अपने चूतदों को हल्का सा उचकाया तो मेरा लंड आधा इंच और भाभी की चूत में सरक गया. अब मैने भाभी की कमर पकड़ के एक और धक्का लगाया. मेरा लंड पॅंटी के च्छेद में से भाभी की चूत को दो भागों में चीरता होता हुआ 4 इंच अंडर घुस गया.
"आआआआआः… आहह….आहह. मर गयी ! छ्चोड़ दे आशु फॅट जाएगी. ऊवू…धीरे राजा. अभी और कितना बाकी है? निकाल ले आशु, अपनी ही भाभी को चोद रहा है." मैं भाभी की चुचिओ को मसल्ते हुए बोला
"अभी तो आधा से थोड़ा ही ज़्यादा गया है भाभी, एक बार पूरा डालने दो फिर निकाल लूँगा." "हे राम! तू घोड़ा था क्या पिछले जनम में. मेरी चूत तेरे मूसल के लिए बहुत छ्होटी है" मैने धीरे धीरे दबाव डाल कर 2 इंच और अंदर पेल दिया.
"भाभी, मेरी जान थोड़े से अपने इन मस्ताने चूतदों को और उँचे करो ना." भाभी ने अपने मस्त गोल चूतदों को और उँचा कर दिया. अब उनकी छाती चटाई पर टिकी हुई थी. इस मुद्रा में भाभी की चूत मेरा लंड पूरा निगलने के लिए तैयार थी. अब मैने भाभी के चूतदों को पकड़ के बहुत ज़बरदस्त धक्का लगाया. पूरा 8 इंच का लॉडा भाभी की चूत में जड़ तक समा गया.
"आआआआआआआः………. मार डाला…….ऊवू .…अया…..अघ….उई…सी….आ… अया….. ओईइ….. माआ…… कितना जालिम है रे..आह….ऐसे चोदा जाता है अपनी भाभी को? पूरा 8 इंच का मूसल घुसा दिया?" भाभी की चूत में से थोड़ा सा खून भी निकल आया. अब मैं धीरे धीरे लंड को थोड़ा सा अंडर बाहर करने लगा.
भाभी का दर्द कम हो गया था और वो भी चुतड़ों को पीछे की ओर उचका कर लंड को अंदर ले रही थी. अब मैने भी लंड को सुपरे तक बाहर निकाल कर जड़ तक अंदर पेलना शुरू कर दिया. भाभी की चूत इतनी गीली थी कि उसमे से फ़च फ़च की मीठी आवाज़ पूरे कमरे में गूंज़्ने लगी.
"तू तो उस सांड़ की तरह चढ़ कर चोद रहा है रे अपनी भाभी को. ज़िंदगी में पहली बार किसी ने ऐसे चोदा है. अया…..आ..एयेए.ह…..ऊवू..ओह."
अब मैने लंड को बिना बाहर निकाले भाभी की फटी हुई पॅंटी को पूरी तरह फाड़ कर उनके जिस्म से अलग कर दिया ओर छल्ले की तरह कमर से लटकते हुए पेटिकोट को उतार दिया. भाभी अब बिल्कुल नंगी थी. चूतड़ उठाए उनके चौड़े नितंब और बीच में से मुँह खोले निमंत्रण देती, काली लंबी झाटों से भरी चूत बहुत ही सुंदर लग रही थी.
भारी भारी चूतरो के बीच गुलाबी गांद के छेद को देख कर तो मैने निश्चय कर लिया कि एक दिन भाभी की गांद ज़रूर लूँगा. बिल्कुल नंगी करने के बाद मैने फिर अपना 8 इंच का लॉडा भाभी की चूत में जड़ तक पेलना शुरू कर दिया. भाभी की चूत के रस से मेरा लंड सना हुआ था. मैने चूत के रस में उंगली गीली करके भाभी की गांद में सरका दी.
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