RE: Antarvasnasex चिकनी भाभी
गतान्क से आगे................
"भाभी ब्लाउस तो उतार दो तैल लगाने की जगह कहाँ है. अब शरमाओ मत. याद है ना मैं आपको नंगी भी देख चुका हूँ." भाभी ने अपना ब्लाउस उतार दिया. अब वो काले रंग के ब्रा और पेटिकोट में थी. मैं भाभी की टाँगों के बीच में बैठ कर उनकी पीठ पर तैल लगाने लगा. चुचियो के आस पास मालिश करने से वो उत्तेजित हो जाती. फिर मैने ब्रा का हुक खोल दिया और बड़ी बड़ी चुचिओ को मसल्ने लगा. भाभी के मुँह से सिसकारी निकलने लगी. वो आँखें मूंद कर लेटी रही. खूब अच्छी तरह चुचिओ को मसल्ने के बाद मैने उनकी टाँगों पर तैल लगाना शुरू कर दिया. जैसे जैसे तैल लगाता जा रहा था, पेटिकोट को उपर की ओर खिसकाता जा रहा था.
मेरा अंडरवेर मेरी टाँगों में फसा हुआ था, मैने उसे उतार फेंका. भाभी की गोरी गोरी मोटी जांघों के पीछे बैठ कर बड़े प्यार से मालिश की. धीरे धीरे मैने पेटिकोट भाभी के चूतदों के उपर सरका दिया.
अब मेरे सामने भाभी के बड़े बड़े , गोरे और गोल गोल चूतड़ थे. भाभी ने छ्होटी सी जालीदार नाइलॉन की पारदर्शी काली पॅंटी पहन रखी थी जो कुच्छ भी छुपा पाने में असमर्थ थी.
उपर से भाभी के चुतड़ों की आधी दरार पॅंटी के बाहर थी. फैले हुए मोटे चूतड़ करीब पूरे ही बाहर थे. चुतड़ों के बीच में पॅंटी के दोनो तरफ से बाहर निकली हुई भाभी की लंबी काली झटें दिखाई दे रही थी. भाभी की फूली हुई चूत के उभार को बड़ी मुश्किल से कछि में क़ैद कर रखा था. मैने उन मोटे मोटे चुतड़ों की जी भर के मालिश की जिससे पॅंटी चूतरो से सिमट कर बीच की दरार में फँस गयी.
अब तो पूरे चूतड़ ही नंगे थे. मालिश करते करते मैं उनकी चूत के आस पास हाथ फेरने लगा और फिर फूली हुई चूत को मुथि में भर लिया. भाभी की पॅंटी बिल्कुल गीली हो गयी थी. उनकी प्यासी बूर बहुत पानी छ्चोड़ रही थी.
"इसस्स…. आआ…. क्या कर रहा है. छ्चोड़ दे उसे, मैं मर जाउन्गि. तू पीठ पर ही मालिश कर नहीं तो मैं चली जाउन्गि."
"ठीक है भाभी पीठ पर ही मालिश कर देता हूँ." मैं भाभी की टाँगों के बीच में थोड़ा आगे खिसक कर उनकी पीठ पर मालिश करने लगा. ऐसा करने से मेरा तना हुआ लॉडा भाभी की चूत से जा टकराया. अब मेरे तने हुए लंड और भाभी की चूत के बीच छ्होटी सी पॅंटी थी. भाभी की चूत का रस जालीदार पॅंटी से निकल कर मेरे लंड के सुपरे को गीला कर रहा था. मैं भाभी की चुचिओ को दबाने लगा और अपने लंड से भाभी की चूत पर ज़ोर डालने लगा.
लंड के दबाव के कारण पॅंटी भाभी की चूत में घुसने लगी. बड़े बड़े चूतादो से सिमट कर अब वो बेचारी पॅंटी उनके बीच की दरार में धँस गयी थी. भाभी के मुँह से उत्तेजना भरी सिसकारियाँ निकलने लगी.
मुझसे ना रहा गया और मैने एक ज़ोरदार धक्का लगाया. मेरे लंड का सुपरा भाभी की जालीदार पॅंटी को फाड़ता हुआ उनकी चूत में समा गया.
"आआआः…….ऊवू….उई माआ. ऊऊफ़.. यह क्या कर दिया आशु. तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए. छोड़ मुझे, मैं तेरी भाभी हूँ. मुझे नहीं मालिश करवानी" लेकिन भाभी ने हटने की कोई कोशिश नहीं की. मैने थोड़ा सा दबाव डाल कर आधा इंच लंड और भाभी की चूत में सरका दिया.
" अया …ऊवू तेरे लॉड ने मेरी पॅंटी तो फाड़ ही दी, अब मेरी चूत भी फाड़ डालेगा." मेरे मोटे लंड ने भाभी की चूत के छेद को बुरी तरह फैला दिया था.
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