RE: Antarvasnasex चिकनी भाभी
"मेरे बुद्धू देवर जी, मेरा मतलब ये था कि मर्द का वो बहुत तगड़ा होता है, औरत की नाज़ुक पॅंटी उसे कैसे झेल पाएगी ? और अगर वो खड़ा हो गया तब तो फॅट ही जाएगी ना." "भाभी आपने वो वो लगा रखी है, मुझे तो कुच्छ नहीं समझ आ रहा."
"अच्छा अगर तू बता दे उसे क्या कहते हैं तो मैं भी बोल दूँगी." भाभी ने लाजाते हुए कहा.
"भाभी मर्द के उसको लंड कहते हैं."
"हाया…..!, मेरा भी मतलब यही था."
"क्या मतलब था आपका?"
"कि तेरा लंड मेरी पॅंटी को फाड़ देगा. अब तो तू खुश है ना.?"
"हाँ भाभी बहुत खुश हूँ. अब यह भी बता दीजिए कि आपकी टाँगों के बीच में जो है उसे क्या कहते हैं"
"उसे? मुझे तो नहीं पता. ऐसी चीज़ें तो तुझे ही पता होती हैं. तू ही बता दे."
"भाभी उसे चूत कहते हैं."
"ःआआ! तुझे तो शरम भी नहीं आती. वही कहते होंगे."
"वही क्या भाभी?"
"ओह हो बाबा, चूत और क्या." भाभी के मुँह से लंड और चूत जैसे शब्द सुन कर मेरा लंड फंफनाने लगा. अब तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. मैने भाभी से कहा.
"भाभी इसी चूत की तो दुनिया इतनी दीवानी है."
"अच्छा जी तो देवेर्जी भी इसके दीवाने हैं."
"हां मेरी प्यारी भाभी किसी की भी चूत का नहीं सिर्फ़ आपकी चूत का दीवाना हूँ."
"तुझे तो बिल्कुल भी शरम नहीं है. मैं तेरी भाभी हूँ." भाभी झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली.
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