RE: Antarvasnasex ट्यूशन का मजा
सर ने डिल्डो अपने छेद पर रखा और फ़िर उसे अपनी गांड में लेते हुए बैठ गये "आह ... मजा आया ...इस लंड की खास बात है कि ये झड़ता नहीं है, कितना भी चुदवाओ"
फ़िर सर ऊपर नीचे होकर अपनी गांड खुद मरवाने लगे. दीदी फ़िर सी सी करने लगी. उसकी बुर में डिल्डो थोड़ा सा अंदर बाहर हो रहा था और क्लिट पर उसके दाने रगड़ रहे थे.
सर लीना की टांगों पर हाथ फ़ेरते हुए बोले "लीना, तू पूछ रही थी ना कि मैं तुझे कैसे चोदूंगा? तो देख ले, एक तो इस तरह से जैसे अभी तेरे बदन को चोद रहा हूं, अपनी गांड से. और दूसरी तरह से कैसे चोदा जाता है लड़कों को? बता. कल नहीं देखा कि तेरे भाई को कैसे चोदा था"
"सर ... उसकी गांड ...."
"हां ... अब समझी? वैसे होशियार है तू लीना, इत्ती सी बात न समझे ऐसा हो ही नहीं सकता"
"नहीं सर .... प्लीज़ सर ... आप नहीं मारेंगे ना मेरी?" लीना रोने को आ गयी थी.
"क्यों नहीं मारूंगा? मैं तो कब से इस फ़िराक में हूं. इसी लिये तो तुझे लड़का बनाया है आज कि नये लड़के की गांड मारूं. पर अभी से क्यों डरती है, अभी तो तेरा लंड मेरी गांड चोद रहा है, उसका आनंद ले"
मैडम मुझसे लिपटकर मुझे चूमने लगीं. मेरे मुंह में अपनी चूंची दे दी और मेरी नकली चूंचियां दबाने लगीं. एक हाथ से मेरे लंड को पकड़कर बोलीं "मजा आ रहा है अनू?"
"हां मैडम, बहुत .... मस्ती लग रही है ... मैडम ... लंड चूस लीजिये ना प्लीज़" मैंने मचल कर कहा.
"अरे नहीं बाबा, सर मार डालेंगे मुझे, हां चोद सकती हूं कह तो" मैडम बोलीं.
"हां मैडम ... चोद डालिये ना .... जोर से" मैंने मिन्नत की.
मैडम मेरे लंड को बुर में लेकर चोदने लगीं. पर मेरी हालत और खराब हो गयी. चोद तो रही थीं पर खुद के मजे के लिये, मेरे लंड को बिना झड़ाये. "मैडम प्लीज़ ... चोदिये ना ... मुझे .... झड़ा दीजिये ना" मैं बोला.
"अरे चोद तो रही हूं, मैंने कहा था वैसे, मैंने ये थोड़े ही कहा था कि झड़ा दूंगी! आज तो समझ ले कि तू मेरा गुड्डा है ... या गुड्डी है, खेलूंगी मन भर के, गुड्डों से थोड़े कोई पूछता है कि अब खेलें या नहीं. इसीलिये तो तेरे हाथ पैर बांधे हैं" मैडम उछलते हुए बोलीं.
उधर लीना की हालत खराब थी. झड़ झड़ कर बेचारी परेशान हो गयी थी. बस "अं ...आह...ओह...नहीं सर ... बस सर .... प्लीज़ सर ...’ ऐसे बोल रही थी. उसके क्लिट पर डिल्डो का निचला सिरा घिस घिस कर चूत एकदम खलास हो गयी थी, वहा उसे अब जरा सा भी घिसना सहन नहीं हो रहा था.
सर मस्ती से गांड चुदवा रहे थे और लीना की रोने को आयी सूरत देख देख कर मजा ले रहे थे. उनका लंड अब ऐसे खड़ा था जैसे लोहे की सलाख हो. एक दो मिनिट के बाद वे डिल्डो गांड से निकाल कर बैठ गये और लीना को बाहों में उठाकर चूमने लगे "आ जा लीना, परेशान मत हो, अब तेरी गांड चोदता हूं. तू यही चाहती है ना?"
"नहीं सर ... मर जाऊंगी .... प्लीज़ .... " लीना धीमी कांपती आवज में बोली.
क्रमशः। ...........................
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