RE: Antarvasnasex ट्यूशन का मजा
ट्यूशन का मजा-8
गतांक से आगे..............................
"क्या हुआ लीना? दुख रहा है क्या, दुखना नहीं चाहिये, सिर्फ़ उंगली ही तो डाली है, तू तो मोमबत्ती डालती है ना" कहकर सर उसकी चूत को उंगली से चोदते हुए चूसने लगे. फ़िर उंगली निकालकर चाटी और दीदी की बुर उंगलियों से फ़ैलायी और मुंह लगा दिया जैसे आम चूस रहे हों. "हा ऽ य ... आ ऽ ह ... सर ... बहुत अच्छा लगता है सर ... प्लीज़ सर ऽ ... उई ऽ मां ऽ ..." कहकर दीदी अपनी कमर हिलाने लगी. उसने सर का सिर पकड़ लिया था और उनके मुंह पर अपनी चूत रगड़ रही थी.
देखकर मुझसे न रहा गया. उनका निपल मुंह से निकाल कर मैंने अपनी उंगली मैडम की बुर में से निकाली और चाट कर देखी "मैडम मैं आप की चूत चूसूं?"
"क्यों रे? चूसेगा कि चोदेगा? कल तूने बहुत अच्छा चोदा था. मजा आया. बहुत दिन में किसी ने ऐसे चोदा मुझे" मैडम मेरे गालों पर अपनी चूंचियां रगड़ती हुई बोलीं.
"मैडम, चोदूंगा भी पर पहले चूसने दीजिये ना, कल भी आप ने सिर्फ़ दीदी को चूत चटवायी, मुझे कुछ नहीं मिला" मैं बोला. मेरे मन में आया कि सर का इतना मस्त लंड है, उससे तो मैडम रोज चुदवाती होंगी, फ़िर ऐसा क्यों बोलीं कि बहुत दिन बाद कल चुदवाया. पर कुछ बोला नहीं.
"चल, चूस ले, वैसे तेरी दीदी ने भी बहुत प्यार से मेरी बुर का रस पिया था कल" कहकर मैडम ने पैर फ़ैला दिये. मैं झट से नीचे बैठा और उनकी बुर से मुंह लगा दिया.
"हां ऽ बस ऐसे ही ऽ ... जीभ लगा ... वो दाना है ना? ... वहां ... बस ऐसे ही ... बहुत अच्छे अनिल ... अच्छा लगा टेस्ट?"
"हां मैडम ..." मैं बोला और चूसता रहा. थोड़ी देर के बाद वे आगे पीछे होने लगीं और मेरे सिर को अपनी जांघों में कस कर मेरा चेहरा अपनी बुर पर सटा लिया.
"ओह ... ओह ... तुम दोनों बच्चे हो बड़े होशियार इन कामों में ... आह ऽ ... वो देख तेरी दीदी झड़ गयी ... छूटने की कोशिश कर रही है पर सर उसे नहीं छोड़ेंगे, रस का चस्का जो लग गया है ... अब तेरी दीदी की बुर को निचोड़ कर ही दम लेंगे ... ओह .. ओह .. ले ... तू भी पी मेरा रस ... हां ऽ हां अनिल .. ऐसे ही ...." कहते हुए मैडम का बदन कपकपाया और मेरे मुंह में पानी बहने लगा.
करीब दस मिनिट बाद मैडम फ़िर से झड़ीं और मुझे और थोड़ा बुर का पानी पिलाकर मुझे खींच कर उठा दिया. वे बड़ी तृप्त लग रही थीं. "बहुत अच्छा किया अनिल. तुझे स्वाद पसंद आया?"
"हां मैडम, बहुत ... गाढ़ा और .... शहद जैसा है मैडम" मैंने तारीफ़ की. मैडम खुश होकर बोलीं "शहद की कमी नहीं होगे तुझे कभी, जब चाहे, ले लिया कर अब अब जरा यहां देख ... तेरी दीदी कौनसा लेसन सीख रही है"
मैं मुंह पोंछता हुआ उठ बैठा. देखा तो दीदी सर के सामने नीचे बैठ कर उनका लंड मुंह में लेने की कोशिश कर रही थी. बस सुपाड़ा ही ले पायी थी, उसके गाल फ़ूल गये थे. सर अपना लंड उसके मुंह में पेलने की कोशिश कर रहे थे और कह रहे थे "लीना, ऐसे तो तूने कल भी चूसा था, अब नया कुछ सीखना है कि नहीं? और मुंह में ले, जाने दे गले में, रोक नहीं, पूरा ले आज ..."
लीना गों गों करने लगी. सर ने लंड उसके मुंह से खींचा और उठ खड़े हुए "कोई बात नहीं, तेरे लिये ये नया है, नयी नयी जवानी जो है. घबरा मत, आज तेरा ये लेसन मैं पूरा कर ही दूंगा. रुक, मैं अभी आया"
वे कमरे के बाहर गये और एक मिनिट में एक मोटा लंबा केला ले कर वापस आये. केला छीलते हुए बोले "इससे प्रैक्टिस करवाता हूं, देख लीना, पहली बात यह ध्यान में रख कि गले को ढीला छोड़, एकदम ढीला. दूसरे यह कि ऐसे समझ कि तू जो निगल रही है उसमें से तुझे बहुत सी मलाई मिलने वाली है, ठीक है ना? अब मुंह खोल"
लीना ने मुंडी हिलाई और पूरा मुंह बा दिया. चौधरी सर ने उसके मुंह में केला डाला और धीरे धीरे अंदर घुसेड़ने लगे. चार पांच इंच के बाद दीदी कसमसाई तो वे रुक गये "तू गला नहीं ढीला कर रही है लीना, बिलकुल ढीला कर" लीना दीदी ने पलकें झपकाईं और सर फ़िर से केला अंदर डालने लगे. इस बार दीदी पूरा निगल गयी.
"शाबास लीना, ये हुई ना बात! ये केला बड़ा वाला मद्रासी केला है, दस इंच का, मेरे लंड से दो इंच बड़ा, अब तो तू आराम से ले लेगी, बस अंदर बाहर करने की प्रैक्टिस कर. लंड चूसते समय जितना जरूरी पूरा मुंह में लेना है, उतना ही बार बार अंदर बाहर करना है, इससे जो मजा मिलता है उससे कोई भी मर्द तेरा गुलाम हो जायेगा. और देख, दांत नहीं लगाना, इस केले पर देख ये निशान बन गये हैं, अब बिना दांत लगाये अंदर बाहर कर, दांतों को अपने होंठों से ढक ले"
सर केले को लीना दीदी के मुंह से पूरा खींच कर फ़िर अंदर पेलने लगे. दीदी अब आसानी से कर रही थी. उसे मजा भी आ रहा था, वह सर का लंड अब हाथ में पकड़ कर बैठी थी. मैडम ने मुझसे कहा "तेरी दीदी तो एकदम एक्सपर्ट हो गयी अनिल? लगता है काफ़ी मतवाले स्वभाव की है. आ, मैं भी तुझे जरा मजा दूं इस बात का, पर झड़ना नहीं हं? नहीं तो सर मुझे डांटेंगे, बोले थे कि अनिल को इस लेसन में झड़ाना नहीं"
फ़िर मैडम ने झुक कर मेरा लंड मुंह में लिया और प्यार से चूसने लगीं. मैं उनके रेशमी बालों में उंगलियां फ़िराता हुआ मजा ले लकर फ़िर से सर और दीदी के कमरे में देखने लगा.
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