RE: Antarvasnasex ट्यूशन का मजा
लीना दीदी ने मेरी ओर देखा. उसके मन की बात मैं समझ गया "सर, हम दोनों को आप दोनों से पढ़ना है सर, आप बहुत अच्छे लेसन देते हैं" मैं झिझकता हुआ बोला. चौधरी सर हंसने लगे और मैडम की ओर देखा.
मैडम बोलीं. "बस फ़िर हो गया. चार से साढ़े चार तक मैं तुम दोनों को गणित पढ़ाऊंगी और फ़िर आधे घंटे तक सर तुम लोगों को इंगलिश पढ़ायेंगे जिसके लिये तुम दोनों यहां आते हो. पढ़ाई लिखाई में कोई कमी नहीं होनी चाहिये. उसके बाद एक एक घंटे हमारा खास लेसन होगा. मैं तुम्हें पढ़ाऊंगी अनिल और सर लीना को पढ़ायेंगे. हर दिन बदल लेंगे, कभी मैं लीना को पढ़ाऊंगी और सर अनिल को पढ़ाएंगे. अलट पलट कर हर दिन ऐसे लेसन होंगे. और फ़िर हर रोज आखरी एक घंटे में मैं और सर दोनों मिलकर तुम दोनों के लेसन लेंगे जैसे आज लिया था. ठीक है ना?"
मैं और लीना खुशी से एक साथ बोल पड़े "हां मैडम" और अपनी किताबें उठाकर चलने की तैयारी करने लगे.
लीना ने मुड़ कर झिझकते हुए मैडम से पूछा "मैडम, शनिवार और रविवार को छुट्टी होगी क्या?"
चौधरी सर बोले "हां वैसे तो छुट्टी है. क्यों, तुम दोनों पढ़ना चाहते हो क्या छुट्टी में भी?" लीना ने मेरी ओर देखा. मैं साहस करके बोला "हां सर, घर में तो हम अकेले हैं, नानी भर है, आस पड़ोस में पहचान भी नहीं है. आप कहें तो ..."
"अरे वाह, ये तो अच्छी बात है, तुम अगर पढ़ना चाहते हो तो हम तो बड़ी खुशी से पढ़ायेंगे. ऐसा करो नानी को बोल दो कि शनिवार को स्पेशल क्लास होगी छह घंटे की, सुबह जल्दी खाना खाकर ग्यारा बजे आ जाया करो. पांच बजे तक अच्छे से पढ़ाई करेंगे हम मिल कर. ठीक है ना? परसों ही शनिवार है, तभी से शुरू कर देंगे"
"हां सर" हमने कहा और घर को निकल पड़े.
क्रमशः। ...........................
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