RE: Antarvasnasex सास हो तो ऐसी
जवान लंड था और न जाने कितने दिनसे उसे सेक्स मिला नहीं था - टच होतेही लंड अपनेआप सलामी देने लगा। रवीने थोडा पीछे हटनेकी कोशिश की तो मै उसपे चिल्लाई- अरे बाबा थोडा स्थिर बैठो। हिलो मत। और मैंने उसके दोनों हाथ अपने कमरपे रखवाया। मेरे कमरपे हाथ रखतेही वो चुप हो गया। मै समझ गयी वो एन्जॉय कर रहा है।बीचमे उसने अपना लंड एडजस्ट किया। अब उसका लंड मेरे दोनों चुतड के बीच फसा था। इस बात से ना-समझ हु ऐसे दिखाके मै गाड़ी चलाने लगी। अब वो मेरे बहोत करीब था।मेरे पीठसे उसकी नाक दो-तीन इंचकी दुरीपे थी। उसकी सास मेरे पीठपे महसूस होती थी। उसका हाथ, जो मेरे कमर पे था वो वायब्रेट हो रहा था। उसकी उंगलिया मचल रही थी। अचानक मैंने एक दुकान के सामने गाड़ी रुकवाई। उतरतेही मैंने देखा रवि के चेहरेपे नाखुशी दिख रही थी। थोडा सामान लेके हम फिर गाड़ीपे बैठ गए। फिरसे खेल शुरू हो गया। फिर मैंने एक दुकानसे सामान लेनेका बहाना बनाके खेल शुरू-बंद किया। आखिरमें सब्जी मार्किटसे सब्जी लेके हमारा खेल फिरसे शुरू हुआ। मार्केट में मैंने जाना- रवि मेरे बदनसे स्पर्श करनेका कोई मौका हाथसे जाने नहीं दे रहा था। सब्जी लेते समय जहा भीड़ होती थी वहा वो मुझे चिपकके साइडमें या मेरे पीछे रुकता था। केला लेते वक्त मैंने उसे सीधे कहा- मुझे तो बड़े केले पसंद है। बड़ा एक हो तो पेट भर जाता है छोटे दो-तीन एक साथ हो तो भी कम लगते है। बादमें उसने मुझे आइस-क्रीम के लिए पूछा तो मैंने कहा-मुझे चोकोबार पसंद है। चूसनेमें ज्यादा मजा आता है। रवि भी अब लाइनपे था- उसने कहा उसे कटोरी में आइसक्रीम लेके जीभसे कुदेरके खानेमें मजा आता है।
घर वापस आते समय मै थोड़ी हवामे थी। मेरा निशाना अचूक लगा था। अब बस मुझे इशारा करनेकी जरुरत थी। रवि तो नंगा होकर अपना बड़ा लंड हाथ में लेकर तैयार था। अब तो बस मुहूरत मुझेही निकालना था।
शामको जब मै खाना बनाने लगी तो मेरा दामाद मुझे किचेनमें मदद करनेके बहाने मेरे इर्दगिर्द रहने लगा। कई बार उसने मुझे टच किया। जब मै सब्जी काटने लगी तो वो मुझे चिपकके बैठा था। रोटी बनाते वक्त जनाब मेरे पिछेसे इतना चिपका था के मुझे लगा वो शायद मुझे वही चोदनेकी कोशिश करेगा। मैही डरके उसे बोली- रवि, मेरी बेटी यानेकी तेरी पत्नी घरमें है। वो अचानक आएगी तो क़यामत आएगी।ये सुनानेके बाद रवि थोडा सम्हाल के रहने लगा। खाना खाते वक्त मेरी बेटीने कहा भी- आज सांस और दामादमें कुछ ज्यादाही बाते चल रही है। रवि और थोडा सहम गया। उसके बाद उसने शांतिसे खाना खाया। बाद में थोडा गपशप करके हम सोने गए। रूम में जाते वक्त उसकी आंखोमे मुझे एक बिनती नजर आई। मगर मैंने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। मै उसे थोडा और तडपाना चाहती थी। इतने सस्तेमें अपनी सांस मिलती नहीं ये उसके समझमे आना जरुरी था।
रातको बेडपे मुझे नींद आना मुश्किल हो रहा था। रविकी कटोरिमे आइसक्रीम जीभसे कुदरने की बात मेरे दिमागमें घूम रही थी। बिलकुल इसी शब्दोमे इन्दोरमें मेरे योगा ग्रुपके साथी कपल नीता और निलेश चूत चुसनेकी बात करते थे। उन दोनोंनेही मुझे चूत चुसनेसे कितना मजा मिलता है इसकी जानकारी दी थी। क्या वो भी दिन थे। एक ही वक्त स्त्री और पुरुष दोनोसे सेक्स का मजा अलगही था।
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