RE: Antarvasnasex रीटा की तडपती जवानी
फिर तो बहादुर के हथौडे से लन ने रीटा को कसमसाने की भी जगहा नही दी और चूत की चूले हिला दीं। बहादुर के मौटे घीये जैसे लन्ड ने रीटा की चूत के बखीये उधेड के रख दिये हिचकोले खाती नन्ही रीटा किसी छिपकीली सी बहादुर से चिपकी और बहादुर के कन्धे मे दात गडाये अपनी चीखो को दबा के बहादुर के लन्ड की पिटाई की पीडा पी गई। रीटा के लम्बे लम्बे नाखून बहादुर की पीठ मे धन्से हुऐ थे और बहादुर रीटा को उछल उछल सरकारी साडे़ की तरहा चौदा मार कर रौंद रहा था। बहादुर पूरा का पूरा लन्ड़ बाहर खीचं कर पूरे वेग से वापिस अंदर ठौकता तो रीटा की चुदकड चूत को थोडा सा चैन पडता।
कुछ ही देर मे बेचारी चारपाई दोनो की लडाई को संभाल न पाई और चरमराती हुई टूट गई। चारपाई टूटते हुऐ रीटा बहादुर के नीचे थी और ज़मीन पर गिरने से बहादुर का लन्ड का सुपाड़ा रीटा की बच्चेदानी मे घुस गया तो रीटा चिहुंक कर दौहरी हो गई। एक बार तो रीटा को लगा जैसे बहादुर का लन्ड़ रीटा के मँह से बाहर आ जायेगा। दर्द के मारे रीटा की चीख भी रीटा के गले मे ही घुट कर रह गई। रीटा को लगा के जैसे किसी पेड का तना उस की चूत मे घुस गया हो बेचारी अधमुई सी रीटा करहा भी नही पा रही थी। चारपाई से ज़मीन पर गिरने पर भी बहादुर की स्पीड जरा भी कम नही हुई। एक बार तो रीटा को लगा की वह बेहोशी ही हो जायेगी। वासना को उन्माद मे रीटा को सब कुछ धुंधला सा दिखाई देने लगा।
पर रीटा ने जल्दी ही होश सम्हाल लिया और मस्तीमें आ कर अपनी गौरी गौरी चिकनी टांगो को हवा मे उपर उठा दिया तो बहादुर का लोडा चूत की कुंवारी गहराईयों मे विचरण करने लगा इस पोज़ मे रीटा का दाना बहादुर के लन्ड के साथ अंदर बाहर होने लगा तो रीटा की चूत तितली सी फडफडा उठी और रीटा फट से झडती चली गई बूममममम बूममममम बूममममम!
मिनमीनाती रीटा ने बहादुर के चुतडो मे अपने नाखून घौंप दिये। बहादुर ने रीटा को जन्नत मे पहुचा दिया तो रीटा ने बहादुर पर ताबा तौड चुम्मौ की बरसात कर दी। परन्तु बहादुर की स्पीड जरा भी कम नही हुई और वह जंगली जानवर की तरह रीटा की मारता रहा हर ठप्पे पे बहादुर के अन्डे रीटा गाड का दरवाज़ा खटखटा देते थे और अंदर घुसने की नाकाम कोशीश करते। रीटा के चुच्चे बहादुर की छाती के दबाव से पिचक कर गुबारो की तरह उपर आ चुके थे। बहादुर की भयंकर चुदाई ने कमरे की दिवारो की फचाफच फचाफच कर के मां चौद के रख दी थी।
थोडी देर में रीटा अब फर्श पर दो बार झड चुकी थी। और बहादुर अब भी रीटा को बकरी के मेमने की तरह अन्धाधुन्द हो कर चौदे जा रहा था, चौदे जा रहा था। अन्तीम समय में बहादुर ने सांस रौक कर गाडी फुल स्पीड पर छौड दी - छका छक छका छक फिर चरम सीमा पर पहुंच कर बहादुर का लन्ड और भी फूल गया और भचाक भचाक से गर्म पानी के रेले छौडने लगा। बहादुर ने रीटा को कस कर आपने आगोश में ले लिया और अपना तीर सा लन्ड अब रीटा की चूत मे आखिर तक घुसेड दिया तो रीटा का बदन तले पापड सा अकड कर तडक गया।
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