RE: Sex kahani पेइंग गेस्ट
एक समां सा बन्ध गया जो आधे घम्टे तक बन्धा रहा. सीमा पलन्ग पर खड़ी होकर अपनी मां के मुंह में अपनी बुर दे कर चुसवा रही थी. भाभी अपनी छोटी बेटी की बुर चाटते हुए अपनी बड़ी बेटी के मुंह पर बैठ कर उससे अपनी चूत चुसवा रही थी और मैं पीछे से भाभी के मम्मे दबाता हुआ उनकी चिकनी पीठ को चूमता हुआ हचक हचक कर मीनल की बुर चोद रहा था.
तीनों चूतें खूब झड़ीं और खुशी की किलकारियां कमरे में गूजने लगीं. आखिर मुझसे न रहा गया और मैने भाभी को हटने को कहा. “भाभी, अब आप दोनों अलग हो जाइये और अपनी चूमा चाटी चालू रखिये. मुझसे अब नहीं रहा जाता, मैं मीनल को जोर जोर से चोदूंगा.”
भाभी हटीं और सीमा को लिपटकर चूमते हुए हमारी कांअक्रीड़ा का आखरी भाग देखने लगीं. मैंने मीनल पर लेट कर उसे बाहों में जकड़ लिया और अपनी जांघों में उसके कोमल तन को दबोचकर उसे चूमता हुआ हचक हचक कर चोदने लगा. मीनल की गर्म सांसेम अब जोर से चल रही थीं, वह उत्तेजित कन्या चुदने को बेताब थी. “चोदिये अंकल, और जोर से चोदिये ना, मेरी बुर फ़ाड़ दीजिये, मुझसे अब नहीं रहा जाता.”
उसकी जीभ मुंह में लेकर चूसता हुआ मैं उसे पूरी शक्ति से चोद रहा था. सुख से मैं पागल हुआ जा रहा था. कुम्वारी बुर में लन्ड चलने से ‘पा~म्क पा~म्क’ की मस्त आवाज आ रही थी. आखिर मैंने एक करारा धक्का लगाया और लन्ड को मीनल की बुर में जड़ तक गाड़ कर स्खलित हो गया. मीनल की बुर अभी भी मेरे लौड़े को पकड़ कर जकड़े हुए थी.
पूरा झड़ने के बाद मैने मीनल का प्यार से एक चुम्बन लिया और उठ कर लन्ड खींच कर बाहर निकाला. लन्ड उसकी चूत के पानी से गीला था. सीमा भाग कर मेरे पास आई और उसे मुंह में लेकर चूसने लगी. उसकी अधीरता देखकर भाभी हम्सने लगीं. मुझे बाजू में हटने को कहते हुए वे खुद मीनल की जांघों को फ़ैलाते हुए बोलीं. “अब देखूम तो, मेरी बेटी की चुदी बुर में अपनी मां के लिये क्या तोहफ़ा है!” और झुक कर मीनल की बुर चूसने लगीं. मेरा सारा वीर्य और मीनल का पानी वे चटखारे ले ले कर निगलने लगीं.
मैने मीनल से पूछा “तो बेटी, चुदा कर मजा आया, मुझे तो बहुत मजा आया मेरी प्यारी मीनल रानी की टाइट चूत चोदकर.” मीनल शरमाती हुई बोली “बहुत अच्छा लगा अनिल अंकल, सा~म्री, मैने पहले रो कर आपको तकलीफ़ दी, पर क्या करूम, आपका लन्ड इतना मोटा है कि मुझे लगा कि मेरी बुर फ़ाड़ देगा” “नहीं मेरी जान, रोई इसीलिये तो मजा आया. रोती हुई लड़कियों को चोदने में तो और मजा आता है.”
सीमा जो यह सुन रही थी, तपाक से बोली. “मैं होती तो बिलकुल नहीं रोती दीदी, बल्कि अंकल से कहती कि मेरी चूत फ़ाड़ दें, हाय, इतने मस्त हलब्बी लन्ड से चुदने में मेरी फ़ट भी जाती तो मुझे कोई गम न होता.” मीनल झल्ला कर बोली. “चल, अब देखते हैं, अब तेरी ही बारी है, है ना अंकल?” मैने उसे कहा. “हां बेटी, अब इस नन्ही गुड़िया, तेरी छोटी बहन को चोदूंगा, अब तू ऐसा कर कि चूस कर मेरा लन्ड मस्त खड़ा कर दे नहीं तो अगर जरा सा ही खड़ा हुआ तो यह बच्ची तो बड़े सस्ते में छूट जाएगी.
मीनल ने तपाक से मेरा लन्ड मुंह में ले लिया और बड़े प्यार से चूसने लगी. सीमा अब बहुत गरम थी और अपनी उंगली डाल कर अपनी ही कुम्वारी बुर चोद रही थी. मैने सुधा भाभी से कहा. “भाभीजी, देख क्या रही हैं? संहालिये अपनी छोटी बेटी को, इसकी बुर चूस लीजिये, आपको बेटी की चूत का रस मिल जाएगा और वह गरम भी रहेगी मेरा लौड़ा अन्दर लेने को.”
“आ मेरी रानी बिटिया आ, अपनी चूत चुसवाले अपनी मां से” बड़े लाड़ से भाभी ने सीमा को अपनी गोद में खींच कर लिटाया और झुक कर उसकी चूत चूसने लगीं. सीमा भी अपनी मां के स्तनों को दबाते हुए बुर चुसवाने लगी. “अम्मा, जीभ डाल ना अन्दर, जीभ से ही चोद, अंकल तो बहुत तरसा रहे हैं मुझे.” मां बेटी का यह कांअकर्म देखकर और मीनल के कोमल मुलायम तपते मुंह से चुसवाकर मेरा लौड़ा ऐसा खड़ा हुआ जैसे कभी झड़ा ही न हो.
“सीमा, बोल तू मीनल जैसे ही लेटकर चुदवाएगी या मुझ पर चढ कर खुद सूली चढ लेगी?” मैने उस प्यारी गुड़िया से पूछा. भाभी से चूत चुसवा कर अब वह एकदम मस्त और उत्तेजित हो चुकी थी. बोली “आप लेटिये अंकल, मैं खुद ही चुद लूंगी और फ़िर मां और दीदी भी तो हैं मेरी सहायता करने को.”
मैं बिस्तर पर लेट गया. मेरा लन्ड बिलकुल सीधा खम्बे जैसा खड़ा था. सीमा उठ कर मेरे दोनों ओर घुटने टेककर बैठ गई और सुपाड़ा अपनी चूत पर रगड़ कर मजा लेने लगी. सुधा भाभी ने लन्ड का डम्डा पकड़कर सीमा की चूत के गुलाबी मुंह पर सुपाड़ा जमाकर सीमा को धीरे धीरे बैठने को कहा. वह चुदैल बच्ची तुरम्त नीचे बैठ गई और एक ही बार में पूरा सुपाड़ा उस कुम्वारी नन्ही चूत के अन्दर घच्च से समा गया.
अब उसे दर्द हुआ और उसके मुंह से एक हल्की चीख निकल आई. तिलमिला कर उसने मां की ओर देखा और सुधा भाभी ने तुरम्त उसका मुंह अपने मुंह से बन्द कर दिया. उधर मीनल ने अपनी छोटी बहन के क्लिटोरिस को रगड़ना शुरू कर दिया और जल्द ही सीमा का दर्द से कांपता बदन शांत हो गया
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