RE: Sex kahani पेइंग गेस्ट
भाभी की सिस्कारियों को सुनकर बड़ी मीनल ने, जो मां की लाड़ली थी, पूछा “अम्मा, दर्द हो रहा है क्या, अनिल अंकल को उठने के लिये कहूम?” भाभी ने सिर हिला कर मना किया “नहीं बेटी, बहुत मजा आ रहा है, हा ऽ य, कितने जोर से मन लगा कर चोद रहे हैं मुझे तेरे अंकल” और उसने लाड़ में मीनल को पास खींच किया. मीनल का चेहरा अपनी हथेलियों में भर कर भाभी उसका मुंह चूमने लगीं. मीनल ने भी बड़े प्यार से भाभी की आंखों और गालों को चूमा और कहा “मेरी प्यारी अम्मा, कितने दिनों के बाद तुझे इतना खुश देखा है, मन भर के चुदा लो मां, हमारी फ़िक्र मत करो” और फ़िर वह भाभी को बड़े प्यार से चूमने में लग गई.
उधर छोटी सीमा मेरे गालों से अपना गाल सटा कर बैठ गयी और पूछा “क्यों अंकल, कैसी है हमारी अम्मा?” मैं हचक हचक कर उस बच्ची की मां को चोदता रहा और बोला “सीमा बेटी, तेरी अम्मा की चूत इतनी मादक है कि शराब भी क्या होगी. अभी चोद रहा हूं तो लगता है कि मखमल की म्यान को चोद रहा हूं.” सीमा ने मेरे होंठों पर अपने प्यारे नाजुक होंठ रख दिये और मुझे चूमने लगी. मैने धीरे से भाभी की ओर देखा कि वह इसपर क्या कहती है. पर उसे इसमें कुछ गैर नहीं लगा और हमारी ओर प्यार से मुस्कराकर वह फ़िर अपनी बड़ी बेटी का चुम्बन लेने लगी. मैने भी अपने होंठों में सीमा के मुलायम होंठों को दबा लिया और चूसने लगा.
चुदाई अब पूरे जोरों में थी और कस के फ़चाक-फ़चाक-फ़चाक कर मेरा लन्ड अन्दर बाहर हो रहा था. बड़ी बेटी अम्मा के साथ चूमाचाटी कर रही थी और छोटी बेटी अपनी अम्मा को चोदते मर्द से याने मुझसे चुम्बनों का आदान प्रदान कर रही थी. मैने चुम्बन थमा कर कहा “लड़कियों, देखो तुम्हारी मम्मी की चूचियां कैसी खड़ी होकर थिरक रही हैं. इसका मतलब यह है कि मां को बहुत आनन्द हो रहा है और ये स्तन भी खड़े होकर मांग कर रहे हैं कि हमें दबाओ. अगर इन्हे अपने नाजुक हाथों से सहलाओ और मसलो तो मम्मी को बड़ा मजा आयेगा.”
मीनल ने सीमा से कहा. “चल छोटी, देर मत कर, तू दाहिनी चूची पकड़, मैं बायीं दबाती हूं.” दोनों ने एक एक स्तन को हाथ में लिया और बड़े प्यार से वे अपनी मां के स्तन दबाने लगीं. मेरे साथ सीमा की और भाभी के साथ मीनल की चूमा चाटी चलती ही रही. मैं अब हचक हचक कर पूरे जोर से सुधा भाभी को चोद रहा था. “भाभी, अब नहीं रहा जाता, आप मन भर के चुद चुकी हैं ना, तो मै भी झड़ लूम”
भाभी मस्ती से कराह कर बोली “बस एक बार और अनिल, फ़िर तुम मार लेना मेरी बुर जैसे चाहो.” मेरे कहने पर लड़कियां जोर जोर से भाभी के निपल मसलने लगीं और इस मीठी हरकत को भाभी सह न सकीं और तृप्ति की एक किलकारी मार कर झड़ गईं. मैने अब घचा घच लन्ड चलाना शुरू कर दिया और दो मिनट में मस्त मुठिया कर भाभी की चूत में झड़ गया. मैं पूरा लस्त होकर भाभी के शरीर पर पड़ा पड़ा और सीमा को चूमता हुआ इस मीठे स्खलन का लुत्फ़ उठाता रहा जब तक पूरा नहीं झड़ गया.
लन्ड बाहर निकालकर मैने रूमाल से पोंछा. दोनों लड़कियां बड़ी ललचायी निगाह से उसकी तरफ़ देख रही थीं. रूमाल से मैने भाभी की गीली चू रही बुर भी पोंछी. भाभी ने अब अपनी दोनों बेटियों को बाहों में भर लिया था और बारी बारी से प्यार से चूम रही थीं. चूमते हुए भाभी ने उनसे कहा “मेरी प्यारी बच्चियों, अनिल अंकल इतना अच्छा चोदते हैं कि मुझे लगता है इनसे रात दिन चुदाऊ.”
सीमा ने शैतानी से कहा. “अम्मा, तो कितने दिनों से चुदा रही हो, हमें भी तो बताओ?” भाभी ने पूरी कहानी बताई कि कैसे वह पिछले कई दिनों से मुझसे दिन रात चुदा रही थी. जब उन्होंने बताया कि चोदने के अलावा कैसे हम एक दूसरे के गुप्तांगों को चूस चूस कर रसपान भी करते हैं तो लड़कियों की आंखों में छाई मादकता और गहरी हो गयी और उनकी सांसें जोर जोर से चलने लगीं.
छोटी सीमा भाभी की चूची दबाती हुई बोली. “वाह मम्मी, अकेले अकेले ही मजा लोगी, हमें भी तो चुदने दो.” सीमा की इस बेशर्म हरकत पर मीनल शरमा गई. “चुप कर सीमा, अम्मा को चुदाने दो, हम सिर्फ़ देखा करेंगे” सीमा ने झपट कर अपनी बड़ी बहन के उरोजों को हाथ लगाया और दबा कर देखा. “तो दीदी चुदाने के नाम से तेरे निपल क्यों कड़े हो गये, बिलकुल कंचे जैसे कड़क लग रहे हैं ?” मीनल और शरमा गयी और इधर उधर झांकने लगी. सुधा भाभी पड़े पड़े अपनी बेटियों की नोक झोंक देख कर हंस रही थी. मुझसे बोली “ठीक ही तो है, अनिल, बच्चियों को भी मजा मिलना चाहिये.”
मैंने कहा “इतनी प्यारी सुकुमार लड़कियां हैं भाभी, इन्हें तो मैं बड़े प्यार से रस ले लेकर भोगूंगा.” सीमा तो खुशी से उछल पड़ी “चलिये अंकल, पहले मुझे चोदिये” और अपने कपड़े उतरने लगी. भाभी ने उसे रोका और कहा “अभी नहीं बेटी, दिन है, कोई आ जायेगा तो तकलीफ़ होगी, बीच में ही कामकर्म बन्द करना पड़ेगा. सब लोग आराम कर लो, रात के खाने के बाद सब बड़े वाले कमरे में, जहां वह बड़ा पलन्ग है, मिलते हैं, फ़िर खूब प्यार करेंगे.”
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