RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र
निशा चलो एक बार फिर से चुदाई करते है.तुम्हारा तो सपना कोई होगा नही.
"सच कहूँ तो एक नही कई है.और में आज उनमे से अपने एक सपने को ज़रूर पूरा करूँगी." निशा ने जवाब दिया.
निराश होता हुआ संजू प्रीति के पास पहुँचा,प्रीति चलो चुदाई करते है."अभी नही,में नही चाहती हूँ कि निशा इस खेल में हर जाए." प्रीति ने जवाब दिया.
जैसे सब बैठे है वैसे ही तुम भी बैठ जाओ और 9.00 बजने का इंतेज़ार करो." कहकर निशा ने संजू को एक कुर्सी पर बिठा दिया.ठीक 9.00 बजे औरतों की जोड़ी मे सबसे छोटी थी वो अपने मर्दों का लंड चूसने लगी,
निशा ज़रा धीरे चूसो तुम्हारे दाँत मुझे चुभ रहे है." संजू ने दर्द से सिसकते हुए कहा.
संजू अपना मुँह बंद रखो,मेरे हिसाब से निशा सही ढंग से चूस रही है." प्रीति ने उसे डाँटते हुए कहा.
नीलम मेरे लंड को चूस रही थी.उसे भी लंड चूसने का अनुभव नही था इसलिए उसके भी दाँत मेरे लंड पर चुभ रहे थे.थोड़ी देर बाद सब बड़ी औरतों ने छोटी लड़कियों का स्थान ले लिया.
"शुक्रिया भगवान" संजू ने एक गहरी सांस ली."निशा तुमने तो मेरे लंड को चबा ही डाला था.
"मेने अनिता को कहते हुए सुना,मीना कैसा चल रहा है?
"वैसे तो ठीक है पर खड़ा नही हो रहा." मीना ने जवाब दिया.
लाओ इसके लंड को मुझे चूसने दो." अनिता ने कहा,में इसके लौडे को थोड़ी देर मे ऐसा कर दूँगी कि ये कमरे के चारों और पिक्खरी मारता रहेगा." थोड़ी देर में ज़य के मुँह से सिसकारियाँ फुटनी शुरू होगआई,हााआअँ चूऊऊओसो आईसस्स्स्ससे ही ओह हन्णन्न् ज़ोर सीईई उ.'
वैसे तो मिली भी काफ़ी अच्छी तरह चूस रही थी पर ज़य के चेहरे से लग रहा था कि वो लोग बाज़ी मार ले जाएँगे.ओह अनीता मेरााा छोओओओओट्णे वाला हाईईईई." जाई ज़ोर से चिल्लाया,हााआ ज़ोर सस्स्ससे चूऊवसो हाआआं आईसस्स्स्स्ससे ही हाआाआअँ मेरााआअ छूउटा." उसका शरीर आकड़ा और उसके लंड ने अपने वीर्य की पिचकारी अनिता के मुँह मे छोड़ दी.खुशी से झूमते हुए अनिता ने ज़य के लंड को अपने से निकाला और मीना और ज़य को अपनी बाहों मे भर लिया,हम जीत गये हम जीत गये."जब सब मदों का पॅनिक छूट गया तो सभी औरतें अनिता को बधाई देने लगी
."एमडी सही कह रहा था,लगता है हम सब को तुमसे ट्यूशन लेना पड़ेगा.अब बताओ तुम अपना कौन सा सपना पूरा करना चाहोगी.?"
मेरा एक सपना है जिसके बारे मे में हमेशा सोचती रहती थी किंतु……." अनिता कहने जा रही थी पर में बीच मे बोला,
अनिता तुम अपना समय लो और सोच कर बोलो.हम खाना खाने के बाद तुम्हारा सपना ज़रूर पूरा करेंगे.तब तक लिए बार खुला है और जो लोग ड्रिंक्स लेना चाहे ले सकते है.
"राज मुझे मालूम है कि में क्या करना चाहती हूँ मुझे सोचने की ज़रूरत नही है." अनिता हंसते हुए बोली.
खाना खाने के बाद सब ये जानने को उत्सुक थी कि अनिता का वो ऐसा कौन सा सपना है जिसे वो पूरा करना चाहती है.सब अनिता के पास इकट्ठा हो गये,मेरा हमेशा से सपना रहा है कि मुझे 5 मर्द मिल कर चोदे और मेरे शरीर को अपने वीर्य से नहला दे,आज मे अपना ये सपना पूरा करूँगी." अनिता ने कहा.
क्या 5 मर्द वो कैसे?" अंजू ने पूछा.
सीधी सी बात है,एक मेरी चूत में एक मेरी गांद में और एक मेरे मुँह में.बाकी बचे दो वो या तो मेरे हाथों से या मेरी चुचियों के बीच." अनिता ने बताया.
ठीक है तुम अपने साथी चुन सकती हो?" मेने अनिता से कहा.
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