RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र
एम-डी के जाने के बाद प्रीती ने देखा कि लड़कों का लंड फिर खड़ा हो चुका है। “लड़कों लगता है कि तुम लोगों की भूख अभी शाँत नहीं हुई है, शायद और चुदाई करना चाहते हो? तुम लड़कियों को अपने साथ कमरे में ले जाओ और चाहे जैसी चुदाई करो..... लेकिन ये ध्यान रखना कि लेट काफी हो चुका है और हमें खाना भी खाना है”, प्रीती ने कहा।
उनके जाने के बाद प्रीती ने टीना से कहा, “टीना! अब तुम्हारा अगला सबक… चुदाई के मज़े कैसे लिये जाते हैं..... रजनी! क्या तुम पहले अपनी चूत चूसवाना चाहोगी?”
“नहीं प्रीती! तुम्हारा हक पहले बनता है.... मैं बाद में चूसवा लूँगी”, रजनी ने अपने लिये नया पैग बनाते हुए जवाब दिया।
“ठीक है! अगर तुम यही चाहती हो तो! प्रीती बिस्तर पर थोड़ा आराम से लेट गयी और अपनी दोनों टाँगें एक दम फैला दी, टीना! अब तुम मेरी चूत तब तक चूसो और चाटो जब तक कि ये पानी ना छोड़ दे और एक-एक बूँद इसकी पी जाना।”
टीना शर्मा भी रही थी और झिझक भी रही थी कि कैसे करूँ। “अरे चलो चूसो! शरमाओ मत, तुम जानना चाहती थी ना कि तुम्हारी माँ और आँटी साथ-साथ क्या करेंगे, अब आया समझ में?”
टीना झिझकते हुए अपनी ज़ुबान प्रीती की चूत पर घुमा कर उसे चाटने लगी, “हाँ! सही जा रही हो, आधे मन से मत करो, दिल लगा कर चाटो और चूसो..... तुम्हें खूब मज़ा आयेगा”, प्रीती ने उसके सिर पर हाथ रख कर उसे अपनी चूत पर और दबा दिया।
टीना अब थोड़ा और अच्छी तरह चाटने लगी। “क्या अब मैं ठीक कर रही हूँ दीदी?”
“हाँ! अब सही कर रही हो। अब ऐसा करो अपनी अंगुलियों से प्रीती की चूत को फ़ैलाओ और अपनी जीभ से इसे अंदर से चाटो”, रजनी ने उसे सिखाया।
रजनी ने जैसा कहा, टीना वैसा ही करने लगी। “हाँ! अब अच्छा लग रहा है, तुम सही कर रही हो टीना”, प्रीती सिसकी। प्रीती के एक हाथ में सिगरेट थी और टीना से चूत चुसवाते हुए बीच-बीच में कश ले रही थी। इस कहानी के लेखक राज अग्रवाल है!
“टीना! क्या तुम्हें चूत के अंदर चूत का दाना दिख रहा है?” रजनी ने पूछा। टीना ने हाँ में गर्दन हिला दी।
“तो उस पर अपनी जीभ घुमाओ और जैसे अँगुली से अपनी चूत को चोदती हो वैसे ही अपनी जीभ से अब प्रीती की चूत को चोदो”, रजनी ने अपने पैग में से सिप लेते हुए कहा।
टीना अब अपनी जीभ जोर-जोर से प्रीती कि चूत में अंदर बाहर करने लगी। “ओहहहहह टीना...आआआ मज़ा आ रहा है!!!!! तुम्हारी जीभ का जवाब नहीं”, प्रीती अब मस्त हो कर बोल रही थी।
“हाँ! अब इसकी चूत की पंखुड़ी को अपने दाँतों से काटो, पर जोर से नहीं?” रजनी ने आगे सिखाया।
जैसे-जैसे रजनी सिखाती गयी वैसे-वैसे टीना करती गयी। इस कहानी के लेखक राज अग्रवाल है!
“हाँ आआआआआ.... जोर से अपनी जीभ डालो, ओहहहहह आआआआहहहह हाँआआआ मेरा छूटने वाला है”, प्रीती जोर से चींखी।
“टीना बहुत अच्छे! अब प्रीती की चूत का सारा पानी पी जाओ?” रजनी ने अपना पैग खत्म करते हुए कहा।
“टीना! तुम कमाल की हो”, कहकर प्रीती ने उसे बाँहों में भर लिया और चूमने लगी।
“अब किसकी बारी है?” टीना ने अपनी जीभ बाहर निकालते हुए कहा।
“आओ रजनी! अब तुम बिस्तर पर लेट जाओ!” प्रीती ने रजनी के लिये जगह बनाते हुए कहा।
कुछ देर बाद जब टीना, रजनी और बाकी सब लड़कियों की चूत चाट चुकी थी तो थक कर बोली, “बस अब और नहीं!!! मेरी जीभ दुखने लगी है।”
“तुम अब अपनी जीभ को आराम दो, अब हमारी बारी है कि हम तुम्हारी चूत को अपनी जीभ से मज़ा दें”, प्रीती हँसते हुए बोली, “इधर आओ और बिस्तर पर लेट कर अपनी टाँगें फैला दो जैसे मैंने फ़ैलायी थी।”
“आओ लड़कियों!!! अब हम टीना को ज़िंदगी का असली मज़ा दें”, इतना कहकर प्रीती ने अपनी सिगरेट को ऐशट्रे में बुझाते हुए अपना मुँह टीना कि जाँघों के बीच छुपा दिया।
“ऊऊऊऊओओओहहहह प्रीती!!!!” टीना सिसकी।
प्रीती अब टीना की चूत को अपनी जीभ घुमा-घुमा कर चाट रही थी और उसे चूस रही थी। “ओहहहहह प्रीती!!!! बहुत अच्छा लग रहा है..... हाँआआआआ चाटते जाओ..... हाँआआआआ ऐसे ही..... काट लो मेरी चूत को...... ओहहहह हे भगवान!!!! मैं तो गयीईईई”, कहते हुए टीना की चूत झड़ गयी और वो गहरी-गहरी साँसें लेने लग गयी।
प्रीती मज़े लेकर उसकी चूत से निकली एक एक बूँद को पीने लगी। जैसे ही प्रीती हटी, रजनी उसकी जगह लेकर टीना की चूत को चूसने लगी। इस तरह बारी-बारी सब लड़कियों ने टीना की चूत को चाटा और चूसा।
“मुझे नहीं मालूम कि मैं कितनी बार झड़ी हूँ, मुझे तो लग रहा है कि मेरे शरीर में जान ही नहीं है...” टीना बोली।
“मैं समझ सकती हूँ, इसलिये मेरे पास एक दवाई है! अब तुम्हें गाढ़े और मजबूत रस की जरूरत है जो तुम्हें लड़कों के लंड से ही मिलेगा”, प्रीती ने कहा।
“ठीक है! तो पहले तुम राज के लंड को चूसो और उसके पानी को पी जाओ और फिर हर लड़के के लंड का पानी पीना है...” रजनी बोली।
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