RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र
मैंने कमरे में झाँक कर देखा कि एम-डी सिमरन की चुदाई कर रहा था और दूसरे कमरे में श्याम और विजय योगिता और मिली को चोद रहे थे। अंजू और मंजू भी एक दूसरे की चूत चाट रही थीं और कामुक्ता से कराह रही थीं। उन सबकी सिसकरियाँ और मादक चींखें बता रही थी कि उन्हें बहुत मज़ा आ रहा है।
“राज! क्या तुम टीना की गाँड मारने को तैयार हो?” प्रीती ने पूछा।
“एक दम डार्लिंग!” मैंने अपने खड़ा लंड दिखाते हुए कहा।
“तो फिर किसका इंतज़ार कर रहे हो? शुरू हो जाओ!” रजनी बोली।
मैं टीना के पास आकर उससे बोला, “चलो टीना! अब घोड़ी बन जाओ..... मैं तुम्हारी गाँड मारूँगा।”
“नहीं राज! गाँड में नहीं!!!” टीना ने याचना भरे स्वर में कहते हुए प्रीती और रजनी की ओर देखा।
“गाँड तो तुम्हें मरवानी पड़ेगी!!!!” प्रीती बोली। इस कहानी के लेखक राज अग्रवाल है!
“नहीं दीदी! मैं मर जाऊँगी, राज का लंड कितना बड़ा और मोटा है”, टीना बोली।
“क्या मैं और प्रीती मर गये जो तू मर जायेगी, अब जैसा राज बोलता है वैसा कर”, रजनी बोली।
टीना घोड़ी बन गयी और मैंने थोड़ा थूक लेकर उसकी गाँड के भूरे छेद पर रगड़ दिया। अपने लंड को छेद पर रख कर थोड़ा जोर लगाया कि वो जोर से चिल्लायी, “ओहहहहह मर गयीईईई..... राज मेरी गाँड को बख्श दो!!!!”
“छोड़ो मुझे!!! उठो मेरे ऊपर से...... मुझे राज को टीना की गाँड मारने से रोकना है”, एम-डी की चिल्लाने की आवाज़ आयी।
“मारने दो उसकी गाँड!!!! इधर मेरा छूटने वाला है”, सिमरन ने एम-डी को पकड़ते हुए कहा।
एम-डी सिमरन को जबरदस्ती अलग करते हुए हॉल में दाखिल हुआ। उसके पीछे चारों लड़कियाँ भी नशे में झुमती हुई आयी। “रुक जाओ राज!!! टीना की गाँड मत मारना, मैं कहता हूँ रुक जाओ?” एम-डी जोर से चिल्लाया।
उसकी चिल्लाहट पर ध्यान ना देते हुए मैंने पूरे जोर से अपना लंड टीना की गाँड में घुसा दिया। जैसे ही लंड उसकी गाँड को चीरता हुआ अंदर तक गया तो टीना दर्द से छटपटाने और जोर से चिल्लाने लगी, “मर गयीईई, राज निकाल लो!!!! बहुत दर्द हो रहा है.... ऊऊऊऊईईईई माँआआआआ!”
एम-डी ने जब देखा कि मैं उसकी बातों पे ध्यान नहीं दे रहा तो वो दूसरे में कमरे में भागा, “मिली तू यहाँ चुदवा रही है और दूसरे कमरे में राज हमारी बेटी की गाँड मार रहा है।”
“किसे परवाह है..... मारने दो उसे उसकी गाँड, मुझे चुदवाने में मज़ा आ रहा है”, वो अपने कुल्हे उठा कर चुदवाते हुए बोली, “हाँ ऐसे ही.... और जोर से।” साफ ज़ाहिर था कि मिली को शराब और चुदाई के नशे में अपनी मस्ती के अलावा किसी भी बात की परवाह नहीं थी।
“राजू अब कुछ नहीं हो सकता, राज का लंड उसकी गाँड को फाड़ चुका है। जाओ और जा कर चूत के मज़े लो... अगर तुम में ताकत बची हो तो....” योगिता जोर से हँसते हुए बोली।
“टीना की गाँड भी इसे चार चूतों को चोदने से नहीं रोक सकती..... जब तक कि इसमें ताकत ना रहे और ताकत के लिये ये अपनी दूसरी बेटी की चूत को भी चुदवा सकता है”, मिली जोर से बोली, “क्यों ठीक बोल रही हूँ ना डार्लिंग! जाओ और अब चुदाई के मज़े लो और हमें भी मज़े लेने दो...।”
एम-डी बिना एक शब्द कहे कमरे से बाहर आ गया और लड़कियाँ उसे लेकर वापस बेडरूम में घुस गयीं। जब मैं टीना की गाँड मार कर अलग हुआ तो रजनी ने उससे पूछा, “टीना! क्या गाँड मरवाने में मज़ा आया?”
“दीदी! शुरू में दर्द हुआ था लेकिन बाद में मज़ा आया”, टीना बोली।
“चलो लड़कों! अब तुम सब टीना की गाँड मार सकते हो”, प्रीती ने आवाज़ लगायी। इस कहानी के लेखक राज अग्रवाल है!
सभी ने फिर बारी-बारी से टीना की गाँड मारी। हम सब आराम कर रहे थे कि एम-डी की आवाज़ सुनाई दी, “बस लड़कियों! अब मेरे लंड में और ताकत नहीं है, मैं घर जाऊँगा।” एम-डी कपड़े पहन बाहर आया और मिली के पास पहुँचा।
“मिली! चलो घर चलो।”
“तुम्हें जाना है तो जाओ मेरा अभी हुआ नहीं है।” मिली अपने कुल्हे उछालती हुई बोली, “हाँआआआ राम और जोर से चोदो..... ओहहहह आआआहहह।”
“मैंने कहा ना कि चलो यहाँ से!!!! राम छोड़ो उसे, हमें घर जाना है”, एम-डी ने थोड़ा गुस्से में कहा।
राम ने उसकी बातों पे ध्यान दिये बिना दो चार धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।
“योगिता! तुम भी हमारे साथ क्यों नहीं चलती? राजू के लंड में तो जान नहीं है.... शायद हम दोनों मिलकर कुछ कर सकें”, मिली लड़खड़ाते स्वर में बोली।
“ठीक है! चलती हूँ पर पहले मुझे खलास तो होने दो...” योगिता बोली, “हाँ श्याम चोदो मुझे जोर से..... और जोर से...... मेरा छूटने वाला है।”
श्याम भी छूटने के करीब था और दो चार धक्कों के बाद वो उसके बदन पर निढाल पड़ गया। इस कहानी के लेखक राज अग्रवाल है!
“साथ में मिलकर कुछ करेंगे???” टीना ने पूछा।
“थोड़े दिनों में तुम सब जान जाओगी”, रजनी ने कहा।
थोड़ी देर बाद में योगिता और मिली ने नशे में झूमते हुए जैसे-तैसे अपने कपड़े पहने और एम-डी के साथ जाने के लिये तैयार हो गयीं। “टीना! कपड़े पहनो और हमारे साथ चलो”, एम-डी कड़क कर टीना से बोला।
टीना सोच में पड़ गयी और चारों तरफ देखाने लगी पर उसकी मदद में कोई कुछ नहीं बोला। वो ही हिम्मत करके बोली, “पापा! आप लोगों को जाना है तो जाओ.... मुझे यहाँ अच्छा लग रहा है।” उसकी बातों को सुन हम सब ने ताली बजा कर स्वागत किया।
“राजू!!! टीना इक्कीस की हो गयी है और वो जो चाहे कर सकती है, और वैसे भी राज उसकी गाँड और चूत दोनों फाड़ ही चुका है। वो और चुदवाना चाहती है तो उसे रहने दो”, मिली एम-डी को घसीटती हुई बाहर ले गयी।
!!! क्रमशः !!!
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