RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र
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कमरे में घुसते ही राम ने कहा, “सिमरन ये मैं क्या देख रहा हूँ?”
“ओह गॉड! मेरे पति कि आवाज़ है! मुझे जाने दो”, सिमरन अपने आपको जय से छुड़ाने की कोशिश करने लगी।
“चुप हो जाओ रानी, मैं तुम्हें तभी जाने दूँगा जब मेरा काम हो जायेगा”, जय ने हँसते हुए अपने लंड की रफ़्तार और तेज कर दी।
“राम मुझे जाने दो! नहीं.... मैं तुम्हें नहीं करने दूँगी!” अंजू ने विरोध करते हुए कहा, लेकिन ज़मीन पर कार्पेट पे लेट कर अपनी टाँगें फैला दी।
“अंजू तुम्हें क्या हुआ?” जय ने पूछा।
“आहहहह!!! राम ने अपना लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया है और मुझे चोद रहा है”, अंजू ने जवाब दिया।
“चोदने दो! मैं भी तो उसकी बीवी की गाँड मार रहा हूँ”, जय ने हँसते हुए कहा।
“ओहहहहहहह नहीं!!! मुझे नंगा मत करो प्लीज़, नहीं.... तुमने तो अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया है”, मंजू सिसकी।
“अब तुम क्यों चिल्ला रही हो?” विजय ने पूछा।
“श्याम मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोद रहा है”, मंजू ने जवाब दिया।
“चढ़ा रहने दे, मैं भी तो उसकी बीवी पर चढ़ा हुआ हूँ, मजे लो!” विजय ने साक्षी की गाँड में धक्का मारते हुए कहा।
चारों जोड़े चुदाई में मस्त थे। दो बिस्तर पर और दो ज़मीन पर। ऐसा सामुहिक चुदाई का नज़ारा देखने लायक था। थोड़ी देर बाद सब थक कर चूर हो चुके थे। जय और विजय खड़े होने लगे।
“तुम कहाँ जा रहे हो? अभी मुझे और चुदाना है!” साक्षी ने विजय का हाथ पकड़ते हुए कहा।
“नहीं, मैं थक चुका हूँ! अब मुझसे नहीं होगा”, विजय ने कहा। इस कहानी के लेखक राज अग्रवाल है!
“तुम्हें अब मैं चोदूँगा”, राम ने कहा।
“हाँ राम! तुम मुझे चोदो”, साक्षी बोली।
“चोदूँगा जरूर! लेकिन तुम्हें नहीं सिमरन को, तुम्हें श्याम चोदेगा”, राम ने कहा।
“हाँ राम! मुझे चोदो प्लीज़....!” फिर दोनों ने अपने-अपने पति के लंड को मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिया।
“अब चलो यहाँ से..... मुझसे सहा नहीं जा रहा है, देखो मेरी चूत कितनी गीली हो गयी है”, प्रीती मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेडरूम में ले आयी।
वहाँ वो चुदाई में मस्त थे और मैं अपनी प्रीती की जम कर चुदाई कर रहा था। उसके मुँह से सिसकरियाँ फूट रही थीं, “ओहहहहहह हाँ!!!! जोर से!!! ओहहहह तुम्हारे लंड की तो मैं दीवानी हो गयी हूँ!!!! कितने लौड़ों से चुदवा चुकी हूँ पर तुम्हारे लंड का जवाब नहीं।”
थोड़ी देर में हम झड़ कर अलग हुए ही थे कि चुदाई पार्टी हमारे कमरे में आ गयी।
“कैसे रहा तुम लोगों के साथ?” प्रीती ने पूछा।
“बहुत अच्छा रहा! सिमरन और साक्षी की चूत और गाँड सही में लाजवाब हैं”, जय बोला।
“और तुम दोनों की चूत की खुजलाहट कैसी है?”
“पहले से ठीक है पर अब भी खुजला रही है”, सिमरन ने जवाब दिया।
“जाओ जा कर स्नान कर लो..... ठीक हो जायेगी”, प्रीती ने कहा, “सब लोग तैयार हो जाओ... फिर पिक्चर देखने चलते हैं।”
हम सब लोग तैयार होकर पिक्चर देखने गये और एक अच्छे रेस्तोरां में खाना खाया। घर पहुँचते हुए काफी देर हो चुकी थी। घर पहुँच कर हम सब ड्रिंक्स पीने बैठ गये। बाद में जब सब सोने की तैयारी करने लगे तो प्रीती बोली, “सिमरन और साक्षी तुम आज रात राज के साथ सोओगी, और राम और श्याम, अंजू और मंजू के साथ!” प्रीती ने कहा।
“तो हम लोग किसके साथ सोयेंगे?” जय ने पूछा। इस कहानी के लेखक राज अग्रवाल है!
“तुम दोनों आज मेरे साथ सोओगे”, प्रीती बोली। प्रीती की आँखों में वासना भरी थी और उसकी आवाज़ नशे में बहक रही थी।
बेडरूम में मैंने जब अपने कपड़े उतारे तो सिमरन सिसकी, “साक्षी! देख तो जीजाजी का लंड कितना लंबा और मोटा है!”
“हाँ यार! ये तो काफी मोटा और लंबा है, सुना है... मोटा लंड चुदाई में ज्यादा मज़ा देता है”, साक्षी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी, “पहले मैं चुदवाऊँगी।”
“नहीं पहले मैं चुदवाऊँगी, पहले मैंने देखा है”, सिमरन बोली। वो दोनों भी नशे में थीं। उन्होंने पहले कभी शराब पी नहीं थी और आज प्रीती के जोर देने पर दोनों ने एक-एक पैग पिया था और उसमें ही दोनों को अच्छा खासा नशा हो गया था।
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