RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र
“दूसरे दिन मेरी आँख खुली तो खुद को किचन के फर्श पर ही सिर्फ सैंडल पहने नंगी लेटे पाया। मैं उठ कर इन लड़कियों के बेडरूम में गयी तो देखा कि अंजू और मंजू गहरी नींद में सोयी पड़ी थी। उन दोनों की फैली टाँगों के बीच उनकी गोरी चूत देख कर मेरे मन में एक ऑयडिया आया और मैं कपड़े पहन कर अपने भाइयों को बुलाने उनके कमरे में गयी। उनको सोते से जगाते हुए कहा.... यहाँ तुम दोनों सोये हुए हो और वहाँ वो दोनों चुदवाने को बेचैन हैं। वो दोनों बिस्तर से उछले और अपना लंड पकड़ते हुए मेरे पीछे चले आये।”
“दीदी! ये दोनों तो अभी तक सो रही हैं....! ”
“तो क्या? इनकी चूत चाट कर इनको उठाओ... मैंने राम को अंजू पर ढकेलते हुए कहा।”
“ये क्या कर रहे हो? अंजू नींद से चौंक कर जागती हुई बोली।”
“कुछ नहीं! अपने लंड के धक्कों से तुम्हारी सोयी हुई चूत को जगा रहा हूँ.... कहकर राम ना अपना लंड अंजू की चूत में घुसा दिया।”
“ओहहहह राम!!! कितना अच्छा लग रहा है... अंजू ने सिसकरी भरी।”
“श्याम अब मुझे और मत तड़पाओ, प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.... मंजू ने श्याम से कहा जो उसकी चूत को चाटे जा रहा था।”
“दोनों चुदाई करने के बाद एक बार फिर पार्टनर बदल कर चुदाई करने लगे। थोड़ी देर बाद मैंने कहा... बस अब तैयार हो जाओ, हमें घूमने जाना है।”
“ओह भाभी! अभी कितनी सुबह है। बाद में चलेंगे ना, मेरी चूत मैं अभी भी खुजली हो रही है। अंजू ने कहा। ”
“हाँ भाभी! जल्दी क्या है जाने की? मैं भी और चुदवाना चाहती हूँ... मंजू भी बोली।”
“नहीं मेरी प्यारी ननदों, हमें जहाँ जाना है वो जगह यहाँ से दो घंटे की दूरी पर है और हमें शाम होने तक वापस भी तो आना है। इसलिये तैयार हो जाओ और रात को जितना मरज़ी हो उतना चुदवा लेना...। मैं दोनों भाइयों को कमरे के बाहर धक्का देने के बाद आयी तो देखा दोनों लड़कियाँ आपस में कानाफ़ूसी कर रही थी।”
“ममममम!!! लगता है तुम दोनों को चुदवाने में बहुत ही मज़ा आया है। अच्छा बताओ किसका लौड़ा सबसे ज्यादा अच्छा लगा? मैंने दोनों से पूछा।”
“दोनों शरमाने लगी। थोड़ा सोचने के बाद अंजू बोली... मुझे राम का लंड अच्छा लगा, कितना लंबा और मोटा है।”
“लेकिन मुझे श्याम का लंड ज्यादा अच्छा लगा, थोड़ा छोटा है पुर उसके चोदने का जो तरीका है, उसमें मज़ा ज्यादा आता है... मंजू बोली।”
“तुम दोनों अपनी जगह सही हो, चलो अब तैयार हो जाओ... मैंने कहा।”
“अभी रुको भाभी!! पहले आपको हमारे एक सवाल का जवाब देना है... अंजू कुछ सोचते हुए बोली, आपने राम और श्याम को हमें चोदने से क्यों नहीं रोका?”
“मैं उन्हें क्यों रोकती। जब तुम दोनों पहले से ही चुदवाना चाहती थी तो मैंने उन्हें करने दिया जो वो करना चाहते थे। फिर तुम दोनों भी तो उन्हें रोक सकती थी, तुमने क्यों नहीं रोका उनको? मैंने सवाल पर सवाल किया।”
“हम नहीं कर सके भाभी! हमारी चूत में इतनी खुजली हो रही थी... अंजू ने कहा।”
“मैं नहीं मानती कि ये सचाई है... मंजू सोचते हुए बोली, भाभी याद है जब हमने कहा था कि हमारा मन चुदाई के लिये करता है तो आपने हमें शादी तक रुकने को कहा था? नहीं भाभी? हमें सचाई बताइये।”
“इन्हें एक दिन तो सचाई बतानी ही थी सो मैंने सोचा कि आज क्यों नहीं । ठीक है मैं बताती हूँ... फिर मैंने इन्हें पूरी कहानी सुना दी कि कैसे तुमने अपने स्वार्थ और तरक्की के लिये मुझे अपने दोनों बॉस से चुदवाने के लिये भेज दिया।”
“पर भाभी आप भी तो मना कर सकती थी? आप क्यों तैयार हो गयी? मंजू ने पूछा।”
“मैं भी तुम दोनों की तरह मना नहीं कर सकी। उस दिन मेरी भी चूत में ऐसे हो खुजली हो रही थी। मेरा भी मन चुदवाने का कर रहा था... चाहे किसी का भी लंड हो। तुम्हारे भैया ने मुझे वही कोक पिलाया था जो मैंने तुम दोनों को पिलाया था। उसमें उत्तेजना की दवाई मिली हुई है। मैंने सचाई बताते हुए कहा।”
“तो आपने ये तरकीब बनायी थी, यहाँ लाकर हमारी कुँवारी चूत अपने भाइयों से चुदवाकर आपने राज भैया का बदला लिया? अंजू ने पूछा।”
“हाँ ये सही है, लेकिन अभी मेरे बदले का पहला चरन ही पूरा हुआ है... मैंने जवाब दिया।”
“पहला चरन? जो हुआ उससे आपका दिल नहीं भरा? अब आपको और क्या चाहिये? मंजू ने पूछा, क्या आप अब ये चाहती हैं कि आपके भाई हमारी गाँड मारें।”
“नहीं मेरे भाई नहीं, मैं चाहती हूँ तुम्हारे भैया के सामने उनके बॉस, एम-डी और महेश तुम दोनों की गाँड का उदघाटन करें... मैंने जवाब दिया।”
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