RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र
“उधर दूसरी तरफ मंजू भी अपनी पहली चुदाई के आनंद से दूर नहीं थी। श्याम और ज्यादा अंदर घुसाओ, क्या तुम तेजी से नहीं चोद सकते.... हाँ इसी तरह... और तेजी से हाँआँआँ... हाँआँ... मेरा छूटने वाला है... वो सिसकरियाँ भर रही थी।”
“श्याम भी अपना पूरा जोर लगा रहा था उसे चोदने में। हाँआआआआ.... ले मेरे लंड को... अंदर तक ले..... हाँआआआआआआ और ले....। और उसने अपना पानी मंजू की चूत में छोड़ दिया, लेकिन उसने चुदाई चालू रखी। शायद उसका लौड़ा अभी भी तना हुआ था। उसके पानी ने मंजू को भी पानी छोड़ने पर मजबूर कर दिया। ओहहहहहह... मेरा पानी छूट रहा है.... कहकर उसका बदन ढीला पड़ गया।
दोनों जोड़े चूमा चाटी करते हुए चुदाई के बाद का आनंद ले रहे थे। सच कहती हूँ राज उस दिन मुझे इतनी खुशी मिली कि मैं क्या बताऊँ।”
“चलो लड़कों! तुम लोग ऐसे नहीं लेटे रह सकते, तुम चारों थोड़ा और डाँस क्यों नहीं करते...., मैंने राम और श्याम को बीयर पकड़ाते हुए कहा। तुम लड़कियों को भी प्यास लग रही होगी? कहकर मैंने दोनों को वो स्पेशल कोक का ग्लास दे दिया। मुझे भी नशे में ध्यान नहीं रहा और मैंने भी स्कॉच की जगह अपने ग्लास में वो स्पेशल कोक डाल लिया।”
“हम पाँचों म्यूज़िक पर डाँस कर रहे थे। इस बार राम ने मंजू को और श्याम ने अंजू को साथ लिया हुआ था।”
“अंजू तुम इतनी दूर रहकर क्यों डाँस कर रही हो, मुझसे सट कर डाँस करो ना? श्याम ने अंजू को अपने करीब खींचते हुए कहा।”
“ना बाबा! मैं नहीं आ सकती, पहले तुम्हारे लंड का कुछ करो, ये मेरे पेट में चुभता है... अंजू ने हँसते हुए कहा।”
“अच्छा तो ये बात है? तो इसका हल अभी कर देते हैं.... कहकर श्याम ने अंजू को कमर से पकड़ नीचे लिटा दिया अपना लंड अंजू की चूत में डाल दिया।”
“श्याम! तुम बदमाश हो, अंजू ने चुलबुलाते हुए कहा, मैंने तुम्हें अपने लंड को मेरी चूत में डालने की इजाज़त नहीं दी थी।”
“जान मेरी! खड़े लंड की सही जगह चूत है और अब ये ऐसे भी तुम्हारे पेट को नहीं चुभ रहा। इतना कहकर श्याम अंजू को बिस्तर पेर लिटा कर चोदने लगा।”
“राम देखो! वो दोनों चुदाई कर रहे हैं! क्या हम दोनों ऐसे ही उन्हें देखते रहेंगे.... मंजू ने प्यासी नज़रों से देखते हुए राम से कहा।”
“नहीं जान हम भी चुदाई करेंगे..., राम ने हँसते हुए कहा। इतना सुनकर मंजू बिस्तर पे लेट गयी और अपनी टाँगें फैला कर बोली, आओ राम! और ये मोटा लंड मेरी चूत में जोर से पेल दो, बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत में।”
“दोनों राम और श्याम कस कर मंजू और अंजू की चुदाई कर रहे थे। हर चुदाई के बाद ये आपस में पार्टनर बदल लेते थे। आखिर में दोनों थक कर चूर हो चुके थे। एक बूँद पानी भी दोनों के लंड में नहीं बचा था, और अंजू मंजू की चूत पानी से भरी हुई थी। उनकी चूत से पानी टपक रहा था। किंतु उनका मन नहीं भरा था। वो और चुदवाना चाहती थी।”
“राम अपने लंड को खड़ा करो...! अंजू ने शिकायत भरे सुर में कहा और उसके लंड की चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी।”
“रुको मेरी जान थोड़ा वक्त लगेगा.... राम ने कहा।”
“मगर मैं अभी चुदवाना चाहती हूँ.... अंजू ने जवाब दिया।”
“श्याम अपना लंड जल्दी से खड़ा करो और मुझे चोदो, मेरी चूत की खुजली अभी मिटी नहीं है....! मंजू भी बोली।”
“हाँ मेरी जान जैसे ही ये खड़ा होता है.... मैं तुम्हें चोदूँगा.... श्याम बोला।”
“ओह!!! मैं क्या करूँ? मंजू अपनी चूत को रगड़ते हुए बोली।”
“अगर तुम दोनों लड़कियों को चुदवाने की इतनी ही जल्दी है तो तुम दोनों इनका लौड़ा क्यों नहीं चूसती हो? इससे इनका लंड जल्दी खड़ा हो जायेगा.... मैंने सलाह दी।”
“मेरी बात सुन कर दोनों लड़कियाँ उनके लंड को मुँह में ले कर जोर-जोर से चूसने लगी। थोड़ी ही देर में दोनों का लंड तन कर खड़ा हो गया। चुदाई के बाद चारों अपने कमरे जा कर गहरी नींद में सो गये।”
“पर मेरी खुद की हालत खराब थी। मैंने अकेले ही स्कॉच की आधी से ज्यादा बोतल पी ली थी अब तक और दो ग्लास स्पेशल कोक भी पी लिये थे। मेरी चूत में इतनी खुजली मची थी कि क्या बताऊँ। ऊपर से नशे में मैं खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। मैंने अपने कपड़े फटफट उतार दिये और कुछ देर अपनी अँगुलियों से चूत को रगड़ती रही। पर चूत को ऐसे ही राहत नहीं मिलने वाली थी। उस समय तो मैं किसी से भी चुदवाने को तैयार हो जाती पर मेरे भाई भी थक कर चूर सो गये थे। उनसे कोई उम्मीद नहीं थी। मैं नशे में, सिर्फ अपने सैंडल पहने लड़खड़ाती हुई पागलों की तरह किचन की तरफ बढ़ी और फिर फ्रिज में से मोटा सा खीरा निकाल कर अपनी चूत चोदी। तब जाकर पंद्रह-बीस मिनट में कुछ चैन पड़ा।”
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