RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र
शनिवार को शाम प्रीती काफी सज़ धज़ कर तैयार हो गयी। मैंने कहा, “प्रीती! तुम्हें अकेले नहीं जाना चाहिये, मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ।”
“नहीं! तुम चल कर क्या करोगे? वैसे भी एम-डी की कार आ चुकी है।” उसने जाते हुए कहा, “हाँ!!! मेरा इंतज़ार मत करना, हो सकता है मुझे लेट हो जाये।”
मैं काफी देर तक जागता रहा। करीब आधी रात को वो नशे में धुत्त हो कर लड़खड़ाती हुई घर आयी। मैं सोने का बहाना करे बिस्तर पे पड़ा रहा। मुझे सोता समझ वो भी सो गयी। सुबह उसने मुझे ढेर सारे रुपये पकड़ाते हुए कहा, “राज। इन्हें संभाल कर रखो, ये तुम्हारी राँड की पहली कमाई है।”
मैं आश्चर्य चकित था। उससे अपने व्यवहार की माफी माँगना चाहता था मगर उसने बीच में ही कहा, “कुछ कहने की जरूरत नहीं है, अब बहुत देर हो चुकी है, तुम अपनी तीनों एसिसटेंट को चोदते हो, इस बात का मैंने तो कभी बुरा नहीं मना।”
“कौन कहता है?” मैंने विरोध करना चाहा।
“रहने दो! मुझे सब पता है। मुझे वो तस्वीरें मिल गयी थी जो तुमने अपनी मोटर-साइकल की डिक्की में छुपायी थीं। तुम्हारे दिल में जो आये उसे चोदो पर मेरे काम में डिस्टर्ब मत करो, जो मेरा दिल चाहेगा मैं करूँगी। मैं जिससे जी चाहेगा चुदवाऊँगी और खुलेआम शराब सिगरेट पीयूँगी... तुम्हें मुझे टोकने का कोई हक नहीं है।”
“राज एक बात बताओ, उस रात मेरे कोक में क्या मिला था जिसकी वजह से उस रात को मेरी चूत में इतनी खुजली हो रही थी?” उसने पूछा।
अगर मुझे प्रीती को वापस पाना है तो उसे सब सच बताना ही पड़ेगा। मैंने यह सोचते हुए कहा, “क्योंकि उस कोक में उत्तेजना की दवा मिली हुई थी।”
“इसलिये उस रात मेरी चूत में इतनी खुजली हो रही थी, और चुदवाने के लिये दिल मचल रहा था..., अब समझी मैं, राज! मैं तुम्हारा ये एहसान कभी नहीं भूलूँगी।”
इसके बाद वो हफ़्ते में तीन-चार बार क्लब जाने लगी और हर बार जाने से पहले वो स्पेशल दवा मिली शराब पीकर जाती। रात को लौटती तो शराब के नशे में चूर होकर, ढेर सारा पैसा लेकर लौटती। घर में पैसा बढ़ने लगा।
एक दिन उसने मुझे कहा, “राज मैं चाहती हूँ कि आज तुम मुझे होटल शेराटन लेकर चलो, वहाँ एम-डी और महेश हमारा इंतज़ार कर रहे हैं।”
मैं प्रीती को लेकर होटल शेराटन पहुँचा। सूईट में एम-डी और महेश इंतज़ार कर रहे थे। हमें देखते ही एम-डी खुशी से बोला, “आओ प्रीती आओ, ये भी अच्छा है तुम राज को साथ ले आयी, पिछली बार की तरह आज मज़ा आयेगा।”
प्रीती ने सीधे बार की तरफ बढ़ कर तीन ड्रिंक्स बनाये और हम लोगों को पकड़ा दिये और खुद के लिये शराब में स्पेशल दवाई मिला कर पीने लगी। हम लोग थोड़ी देर तक बातें करते रहे। फिर एम-डी ने कहा, “प्रीती! मैंने अपने दोस्तों से सुना है कि तुम्हारा एक अलग अंदाज़ है कपड़े उतरने का, हमें भी दिखाओ ना।”
बिना कुछ कहे हुए प्रीती खड़ी हुई और एक झटके में अपना ड्रिंक पी कर उसने म्यूज़िक लगा दिया। फिर एक और बड़ा सा ड्रिंक बना कर एक ही साँस में गटकने के बाद अब वो म्यूज़िक पर थिरक रही थी।
“महेश! इसे जरा ध्यान से देखना, मेरे दोस्त कह रहे थे कि ये बहुत अच्छा करती है, मैं भी देखना चाहता था।”
प्रीती का अंदाज़ जरा ज्यादा ही निराला था। उसका झटक कर अपनी साड़ी का पल्लू गिराना और खुद से कहना, “प्लीज़ ऐसा मत करो ना मुझे शरम आयेगी।”
मैं समझ गया वो नयी दुल्हन की तरह पेश आ रही थी जैसे उसका पति उसे नंगा करना चाहता है। वो पति और पत्नी दोनों की आवाज़ में बोल रही थी।
“प्लीज़ मेरे कपड़े मत उतारो ना।” उसने अपने दांये हाथ से अपना पल्लू ठीक किया।
“प्लीज़ डार्लिंग उतारने दो ना”, और अपने बांये हाथ से फिर पल्लू गिरा दिया।
इसी तरह से अपना उत्तेजनात्मक नाटक करते हुए प्रीती अब सिर्फ़ ब्रा, पैंटी और हाई-हील सैंडल में खड़ी थी।
एम-डी और महेश दोनों गरम हो चुके थे और अपनी पैंट के ऊपर से ही अपना लंड सहला रहे थे।
“प्रीती! बाकी के कपड़े भी उतार दो, रुक क्यों गयी?” एम-डी ने कहा।
“बाकी के मैंने तुम्हारे लिये छोड़ दिये हैं।” ये सुनते ही एम-डी ने खड़े होकर प्रीती को बाँहों में भर लिया और उसकी ब्रा उतार दी। वो उसके मम्मे दबाने लगा।
महेश ने भी घुटनों के बल बैठ कर उसकी पैंटी उतार दी और उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा। तीनों काफी उत्तेजित हो चुके थे और लंबी-लंबी साँसें ले रहे थे।
“प्रीती अब और मत तरसाओ, हमें चोदने दो ना प्लीज़”, एम-डी ने अपने कपड़े उतारते हुए कहा।
“हाँ प्रीती! देखो मेरा लंड कैसे भूखे शेर की तरह खड़ा है।” महेश ने अपने कपड़े उतार कर अपना खड़ा लंड प्रीती को दिखाया।
“ठीक है! तुम लोग मुझे चोदना चाहते हो?” प्रीती ने पूछा।
“हाँ! हम तुम्हें चोदना चाहते हैं!!” दोनों ने साथ जवाब दिया।
“और गाँड भी मारना चाहते हो?” उसने फिर पूछा।
“हाँ हाँ!!!” दोनों ने फिर जवाब दिया।
“तो ठीक है पहले पैसे कि बात तय हो जाये”, उसने एक दम प्रोफेशनल की भाषा में बात की।
“क्या तू चाहती है कि हम तुझे चोदने के पैसे दें”, एम-डी ने चौंकते हुए कहा।
“हाँ! याद है तुम्हें? एक दिन अपने दोस्त को तुमने क्या कहा था? दोस्त इस दुनिया में कुछ भी मुफ़्त में नहीं मिलता, अगर तुम इसे चोदना चाहते हो तो इसकी कीमत देनी पड़ेगी, सो नो पैसा, नो चूत!!!” प्रीती ने जवाब दिया।
“पर प्रीती लास्ट बार तो हमने कोई पैसा नहीं दिया था”, एम-डी बोला।
“आपकी याद्दाश्त खराब है शायद, लास्ट बार आपने दूसरे तरीके से कीमत चुकायी थी और वो कीमत आप आज भी हर महीने चुका रहे हैं”, प्रीती ने मेरी तरफ देखते हुए कहा।
“ठीक है!!! कितना पैसा चाहिये?” एम-डी एकदम व्यापारी कि तरह कहा।
“वही जो सब देते हैं, दस हज़ार एक आदमी का!” प्रीती ने जवाब दिया।
“मगर इतना पैसा मेरे पास अभी इस वक्त नहीं है, मैं कल दे दूँगा”, एम-डी ने कहा।
“मेरे पास भी नहीं है, मैं भी कल दे दूँगा, प्रॉमिस!” महेश भी झट से बोला।
“सॉरी फ्रैंड्स, आज पैसा... आज चूत। अगर कल पैसा तो चूत भी कल।” कहकर प्रीती अपने कपड़े उठाने लगी।
“ठहरो! मेरे पास मेरी चेक बुक है, मैं तुझे चेक दे देता हूँ”, एम-डी ने अपनी पॉकेट से चेक बुक निकाली।
“मैं भी तुम्हें चेक दे देता हूँ!” महेश भी चेक निकाल कर लिखने लगा।
“ठीक है! लेकिन एक बात याद रखना कि अगर ये चेक कल सुबह पास नहीं हुए तो मैं तुम दोनों पर मुकदमा करूँगी और देखुँगी तुम दोनों जेल में जाओ..., चाहे इसके लिये मुझे पूरे पुलीस डिपार्टमेंट से क्यों ना चुदवाना पड़े”, प्रीती ने जोर से कहा।
“चिंता मत करो, पास हो जायेंगे”, एम-डी ने अपनी ड्रिंक का घूँट भरते हुए कहा।
“ठीक है!” प्रीती ने भी अपना दवा मिला तीसरा ड्रिंक पूरा किया।
“जब सब तय हो गया तो देर किस बात की है?” एम-डी ने पूछा।
“किसी बात की नहीं, बस मुझे राज से कुछ कहना है”, प्रीती मुझे कोने में ले जाते हुए बोली, “राज! इन दोनों हरामियों को कमरे में लेकर जा रही हूँ, तुम अंदर जो भी हो रहा है, वो सब टीवी चालू कर वी-सी-आर से रिकॉर्ड कर लेना”, मैंने कुछ ना समझते हुए भी हाँ कर दी।
“और हाँ!! ये चेक संभालो”, कहकर प्रीती दोनों को उनके लंड से पकड़ कर कमरे में खींच के ले गयी।
उनके जाने के थोड़ी देर बाद मैंने टीवी चालू किया और देखा कि एम-डी जोर-जोर से अपना लंड प्रीती की चूत में पेल रहा था और प्रीती महेश के लंड को प्रीती मुँह में लेकर चूस रही थी। पिक्चर इतनी क्लीयर थी कि क्या कहूँ। मैं सब रिकॉर्ड करने लगा।
दो घंटे बाद प्रीती कमरे से बाहर निकली और कपड़े पहन कर एक और ड्रिंक बनाकर पीते हुए बोली, “चलो राज! घर चलते हैं।”
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