RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र
इतने में शबनम ने मेरा लंड पकड़ते हुए कहा, “तुम्हें तो खुश होना चाहिये राज, रोज़ नयी और कुँवारी चूत मिलेगी चोदने के लिये। और अगर बात फ़ैल गयी कि तुम्हारा लंड इतना लंबा और मोटा है तो थोड़े ही दिनों में तुम ऑफिस की हर लड़की को चोद चुके होगे। सब एक से बढ़ कर एक चुदक्कड़ हैं... तुम्हारे लंड की तो खैर नहीं... मेरी मानो तो वायग्रा का स्टॉक जमा कर लो... बहुत जरूरत पड़ेगी... चलो अब एक बार हम दोनों को और चोद दो।”
संडे के दिन मैं जल्दी उठ गया और खाने का इंतज़ाम करने लगा। ठीक बारह बजे वो तीनों आ गयी। शबनम ने लाल कलर की साड़ी पहनी थी, और नीता ने हरे रंग की। समीना ने स्लीवलेस ब्लाऊज़ के साथ ब्लू कलर की साड़ी पहन रखी थी। शबनम ने काले रंग के ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहने हुए थे और बाकी दोनों ने सफ़ेद रंग के सैंडल पहने थे। तीनों बहुत ही सुंदर लग रही थी।
मैंने उन तीनों को सोफ़े पर बैठने को कहा और खुद उनके सामने बैठ गया। थोड़ी देर बाद तीनों को ठंडी बियर की बोतलें और तीन ग्लास देकर मैंने कहा “तुम तीनों बातें करो, तब तक मैं खाने का इंतज़ाम करके आता हूँ।”
ये हमारे प्लैन के तहत हो रहा था जो हमने पिछले दिन तैयार किया था। इसलिये मैं किचन में ना जा कर बाहर दरवाजे से उनकी बातें सुनने लगा।
वो तीनों बियर पीती हुई बातें करती रही। कुछ देर बाद जब बियर का कुछ असर हुआ तो शबनम ने समीना से पूछा, “अच्छा समीना! तुम्हारी सैक्स लाइफ के बारे में बताओ?”
“कैसी सैक्स लाइफ? तुम्हें तो पता है मेरे शौहर तो बाहर रहते हैं।”
“हमें पागल मत बनाओ, हम सब जानते हैं, तुम मिस्टर महेश के साथ क्या करती हो, जब अर्जेंट एसाइनमेंट निपटाने होते हैं।”
“क्या मतलब तुम्हारा?” समीना ने जल्दी से कहा।
“अरे पगली तेरे आने से पहले हम ही उसका अर्जेंट एसाइनमेंट निपटाते थे।”
“तो क्या उसने तुम दोनों को भी चोदा है?” समीना ने पूछा।
“आज से नहीं! वो हमें कई सालों से चोद रहा है”, शबनम ने जवाब दिया।
“मैं तो समझती थी कि मैं अकेली ही हूँ” समीना बोली।
“अरे हम तो ये भी जानते हैं कि तू उस स्टोर मैनेजर के साथ क्या करती है”, नीता ने कहा।
“बाप रे! तुम्हें उसके बारे में भी पता है, क्या तुम लोग मेरा पीछा करती रहती हो?” समीना थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली।
“नाराज़ मत हो, हम तेरा पीछा नहीं करते पर ऑफिस में क्या हो रहा इस बात की जानकारी जरूर रखते हैं”, शबनम ने कहा।
“समीना जब महेश तुम्हारी चूत का खयाल रखता है तो तुम उस स्टोर मैनेजर से क्यों चुदवाती हो?” नीता ने पूछा।
“नीता तुम्हें तो पता है कि मिस्टर महेश को सिर्फ़ मम्मे और गाँड मारना पसंद है। पक्का गाँडू है वो। इसलिये मेरी चूत प्यासी रह जाती है। एक दिन मैं स्टोर में कुछ सामान लेने गयी और मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही थी, बस तभी मैंने इस मैनेजर को देखा और उसे मैंने चोदने के लिये पटा लिया। अब मैनेजर मेरी चूत चोदता है और महेश मेरी गाँड। इस तरह मेरी दोनों भूख मिट जाती हैं। महेश ने तो मुझे ब्रा पहनने को भी मना किया है, देखो इस वक्त भी नहीं पहनी हूँ।” उसने अपने ब्लाऊज़ के बटन खोल कर दिखाया।
उसकी नाज़ुक और नरम चूचियाँ देख कर मेरा लंड तन कर खड़ा गो गया।
नीता ने अपने दोनों हाथ उसके ब्लाऊज़ में डाल दिये और उसके मम्मों को दबाने लगी।
“हे! इन्हें इस तरह मत दबाओ नहीं तो गरम हो जाऊँगी।” समीना हँसती हुई अपने ब्लाऊज़ के बटन बंद करने लगी।
“अच्छा एक बात बताओ! तुम यहाँ काम करने के लिये क्यों आयी? तुम्हारे हसबैंड दुबई में काम करते हैं और पैसा भी अच्छा कमाते हैं, तो जाहिर है पैसे के लिये तो तुम नहीं आयी”, नीता ने पूछा।
“नहीं पैसे के लिये नहीं आयी, मैं घर पर बोर होती रहती थी। और अपने मियाँ को मिस करते हुए मैं अपनी चूत में अँगुली भी करने लगी थी। फिर मैंने ये एडवरटाइज़मेंट देखी। मैंने अकाऊँट्स और कंप्यूटर में डिप्लोमा लिया हुआ था तो एपलायी कर दिया, और मुझे जोब मिल गयी।”
“इसका मतलब तुम्हें चुदवाये बगैर जोब मिल गयी?” नीता ने पूछा।
“हाँ! लेकिन बाद में चुदवाना पड़ा”, समीना ने हँसते हुआ कहा, “एक दिन दोपहर को मिस्टर महेश ने कहा एम-डी तुमसे मिलना चाहते हैं तो मैंने चौंकते हुए पुछा कि मुझ जैसी छोटी क्लर्क से, तो महेश ने कहा कि आदमी चाहे छोटा हो या बड़ा, एम-डी अपने स्टाफ का पूरा खयाल रखते हैं, चलो एम-डी ने बुलाया है। फिर उस दिन लंच के बाद महेश मुझे एम-डी से मिलवाने ले गया और उस दिन दोनों ने मेरी खूब चुदाई की।”
“तुमने मना नहीं किया?” शबनम ने पूछा।
“शुरू में किया पर मेरे शौहर बाहर रहते हैं और मेरी भी चुदवाने की इच्छा थी सो मैंने उन्हें चोदने दिया”, समीना हँसते हुए बोली।
“क्या तुम्हें प्रेगनेंट होने का डर नहीं लगता?” नीता ने पूछा।
“नहीं! मेरे शौहर के जाने के बाद मैंने बर्थ कंट्रोल की गोली लेनी शुरू कर दी थी”, समीना बोली।
“महेश तो तुम्हें ऑफिस में चोदता है, पर एम-डी का क्या?” शबनम ने पूछा।
“महेश मुझे बता देता है कि ऑफिस के बाद मुझे हॉटल शेराटन में जाना है, तुम लोगों को होटल शेराटन के बारे में तो मालूम है ना?” समीना ने कहा। नीता और शबनम दोनों ने साथ में कहा, “हाँ मालूम है।”
“अच्छा मेरे बारे में तो बहुत हो गया अब तुम दोनों अपनी सैक्स लाइफ के बारे में बताओ जबकि महेश तुम लोगों को नहीं चोदता”, समीना ने कहा।
“हमारे हसबैंड हैं हम दोनों के लिये। और...” शबनम ने किचन की तरफ हाथ से इशारा करते हुए कहा।
“क्या राज तुम दोनों को चोद रहा है?” समीना ने चौंकते हुए पूछा।
“हाँ! कई महीनों से”, नीता हँसते हुए बोली, “अगर तू चाहे तो राज तुझे भी चोद सकता है।”
“ना बाबा! मैं जैसी हूँ, ठीक हूँ”, समीना ने अपनी नज़रें झुकाते हुए कहा, “मैंने सुना है कि गाँव वालों का लंड लंबा और मोटा होता है?”
“मुझे नहीं मालूम तुम्हारा मापडंड क्या है पर इतना जानती हूँ कि राज का लंड अपने महेश के लंड से लंबा और मोटा है”, शबनम बोली।
“ओह गॉड, महेश से बड़ा! मुझे विश्वास नहीं होता”, समीना बोली।
“अपनी आँखों से देख कर फैसला कर लेना.... मैं उसे अभी बुलाती हूँ....”
“नहीं! उसे ना बुलाना, मुझे शरम आयेगी”, समीना ने नीता को रोकना चाहा।
समीना के रोकने के बावजूद नीता ने मुझे आवाज़ लगायी, “राज.... यहाँ आओ, समीना तुम्हारा लंड देखना चाहती है।”
मुझे इसी मौके का तो इंतज़ार था। मैंने अपने कपड़े उतारे और अपने खड़े लंड के साथ कमरे में दाखिल हुआ। “किसने मुझे पुकारा?” मैंने पूछा और अपने लौड़े को हिलाने लगा।
दोनों, नीता और शबनम ने, समीना को खड़ा करके मेरी तरफ ढकेल दिया।
मैंने समीना को बाँहों में भरते हुए उसका हाथ अपने खड़े लंड पर रखते हुए कहा, “तुम खुद देख लो।”
“हाय अल्लाह! राज तुम्हारा लंड तो सही में काफी तगड़ा और मोटा है।” समीना मेरे कानों में फुसफुसायी और मेरे लंड को सहलाने लगी।
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