RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील हाल का गेट खोल रहा था. सोनल उसे पीछे से पकड़ लेती है.
'मुझे छोड़ के मत जा' सोनल के मुँह से ये लफ्ज़ निकले और वो बेहोश हो के सुनील की कमीज़ को खींचते फाड़ते हुए नीचे गिर पड़ी.
'दीईईईईईईई' सुनील घबरा गया सोनल की ये हालत होगी उसने सपने में भी नही सोचा था. सूटकेस छूट के गिर गया और उसने फटाफट सोनल को अपनी गोद में उठाया और सोफे पे लिटा दिया.
सागर और सुमन भी वहाँ पहुँच चुके थे - दोनो ने सोनल को गिरते देखा था - सोनल - सोनल दोनो चीखते हुए लपके.
सुनील भाग के किचन से पानी ले आया - सागर सोनल का चेकप करने लग गया.
सुमन ने गुस्से से सुनील की तरफ देखा - जो जिंदगी में आए तूफान से मुकाबला ना कर भाग रहा था.
सुमन सुनील से पानी ले सोनल के मुँह पे छींटे मारती है - कुछ पलों में सोनल की आँखें खुल जाती है - वो घबराई हुई इधर उधर देखती है और सुनील जो वहीं पास ज़मीन पे बैठा उसे देख रहा था - उसे खींच के उसके चेहरे को चूमने लगती है - 'मेरा हीरो मुझे छोड़ के जा रहा था - नही जाएगा ना - मेरा रखवाला चला गया तो मेरा क्या होगा' सोनल की आँखों में आँसू थे. उसे होश में आया देख दोनो माँ बाप ठंडी सांस भरते हैं.
बहन का प्यार भाई के लिए देख दोनो माँ बाप की आँखें भर गयी. तभी सागर ने पूछ ही लिया.
'क्या है ये सब-- कहाँ जा रहा था तू - वो भी बिना बताए?'
सागर की आवाज़ में गुस्सा और दर्द दोनो ही थे.
सोनल सुनील से जोंक की तरहा चिपक गयी और उसने ही जवाब दिया - 'हॉस्टिल जा रहा था - मुझे छोड़ के - नही जाने दूँगी'
'होस्टेल!! --- पर अभी क्यूँ अभी तो टाइम है - 4 महीने पड़े हैं - और जा भी रहे थे तो पहले हम से बात तो करते - ये कॉन सा तरीका हुआ.'
'शायद ये भूल गया - हम इसे कितना प्यार करते हैं - हमारा वजूद शायद ख़तम हो गया इसके लिए' सुमन दर्द भरी आवाज़ में बोली.
'मोम!!!!!' सुनील लग भग चीख पड़ा - उसकी आँखों में भी आँसू आ गये - असल बात वो बोलना नही चाहता था - सोनल पे क्या असर पड़ेगा - सागर क्या सोचेगा.
'सॉरी डॅड - सॉरी मोम - मैं कुछ परेशान था - ये रोज आने जाने में टाइम वेस्ट हो रहा था - और एमबीबीएस करना कोई मज़ाक तो नही - पहले भी कितना मेरा मिस हुआ - बड़ी मुश्किल से बॅक लोग पूरा किया था - अब प्रेशर ज़यादा बन रहा है'
सुमन तो समझ गयी कि झूठ बोल रहा है . सागर - हँस पड़ा ' वाह मेरे शेर इस बात से इतना परेशान कि बिना बताए हॉस्टिल जाने की तैयारी - और हमारे बारे में कुछ नही सोचा - तुझे गायब पा कर हमारी हालत क्या होती - देख अपनी बहन को क्या हाल हुआ है उसका'
सुनील अपने हाथ जोड़ लेता है - सॉरी डॅड - सॉरी ऑल.
सागर - उसे गले से लगा लेता है - सॉरी की ज़रूरत नही बेटे - बस ज़िम्मेदारी को मत भूला करो.
सुमन : जा सूटकेस कमरे में रख - मैं आती हूँ चाइ लेके.
सुमन - सोनल के गालों पे किस करती है 'इतना प्यार अपने भाई से - कुछ हमारे लिए भी है या नही'
'मोम ' सोनल सुमन के गले लग गयी और सुमन प्यार से उसके बालों में हाथ फेरने लगी.
'चल जा फ्रेश हो जा - मैं चाइ बनाती हूँ'
सोनल फ्रेश होने चली गयी - सुनील कमरे में बैठा सोचने लगा अब क्या करे.
सागर भी अपने कमरे में चला गया.
सुमन ने पहले सोनल को चाइ दी फिर वो सुनील के कमरे में गयी . सुनील अपने ख़यालों में डूबा बिस्तर पे अढ़लेटा कहीं खोया हुआ था.
चाइ टेबल पे रख सुमन उसके पास बैठ गयी.
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