RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल की आँखें छलक रही थी लेकिन उसका दिल अपने ज़ज्बात को बताने से उसे रोक नही पाया और एक गीत उसके लबों पे आ गया जिसने चलते हुए सुनील के कदम रोक दिए उसकी पीठ सोनल की तरफ ही रही पर उसके कदमो ने आगे बढ़ने से मना कर दिया.
वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाहें
जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे
वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाँहे
जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे
वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाँहे
जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे
वादियाँ मेरा दामन
जब हँसेगी कली रंग वाली कोई
जब हँसेगी कली रंग वाली कोई
और झुक जाएगी तुमपे डाली कोई
सर झुकाए हुए तुम मुझे पाओगे
वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाँहे
जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे
वादियाँ मेरा दामन
चल रहे हो जहाँ इस नज़र से परे
चल रहे हो जहाँ इस नज़र से परे
वो डगर तो गुज़र है दिल से मेरे
डगमगाते हुए तुम यही आओगे
वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाँहे
जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे
वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाँहे
जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे
एक एक लफ्ज़ सोनल के दिल का हाल ब्यान कर रहा था और सुनील के दिल को चीर रहा था.
यहाँ सोनल के मुँह से निकलते हुए गीत ने सुनील के कदम रोक दिए - उसके दिल को झिझोड़ने लगे - उसका दिमाग़ उसे कोसने लगा - वो तो पागल हो गयी है तुझे क्या हो गया है - बहन है वो तेरी - अभी ज़ज्बात की रो में है - सम्भल जाएगी - और सही रास्ते पे आ जाएगी.
सुनील का दिल कर रहा था कि फुट फुट के रोए - बड़ी मुश्किल से खुद को संभालने की कोशिश कर रहा था एक कड़वे सच को जानने के बाद और ये दूसरा आघात जो उसकी प्यारी बहन उसपे कर रही थी वो उसके लिए जानलेवा बनने लगा था. आख़िर सुमन और सागर ने ऐसे संस्कार भरे थे उसमे जिनकी वो किसी भी कीमत पे अवहेलना नही कर सकता था.
लेकिन उसके कदम क्यूँ रुक गये - वो क्यूँ सोनल की आवाज़ के साथ रुक गया - ये तो वो खुद भी नही जानता था.
इधर सोनल की आवाज़ रुकी उधर सुनील वहीं ज़मीन पे बैठ के फुट फुट के रोने लगा - ये दोहरा आघात उस से सहन नही हो रहा था.
सोनल ने जब सुनील को ज़मीन पे बैठ फुट फुट के रोते हुए देखा तो दिल ने चीत्कार भरी और वो लपक के सुनील के पास पहुँच के उसे अपने सीने से लगा के खुद भी रोने लगी.
उसे तो मालूम ही नही था कि उसके प्यार पे क्या गुजर रही है - वो तो बस यही समझी कि मर्यादा की दीवार उसके अंदर इतनी सख़्त थी कि वो अपनी बहन की वेदना को सहन नही कर पाया.
उधर वहाँ गोआ में ------
‘समर मुझ से और अपने बेटे से प्यार करते हो ना’
सुमन की आँखों में आँसू थे – उसे अपने बेटे का दर्द से भरा हुआ चेहरा दिख रहा था.
‘जाओ उन्दोनो को रोको – और हमारी आज की बुकिंग कर्वाओ कैसे भी करके’
‘मैं ये नही चाहता था यार – खैर तुम सागर को कुछ मत बताना – मैं करता हूँ’
समर ने फटाफट अपनी शर्ट पहनी और मोबाइल से कहीं फोन करने लगा – उसने सबकी वापसी की बुकिंग करवा ली – सुमन के बिना अब वो नही रुकना चाहता था – उसे भी सुनील की चिंता हो रही थी – आख़िर उसका बेटा था वो .
‘टिकेट्स हो गयी हैं – तुम मुझे हर पल की खबर डोगी’
सुमन ने हां में सर हिलाया पर उसके आँसू नही रुक रहे थे.
समर ने एक पल रुक के उसके आँसू पोंछने की कोशिश करी .
‘गो मेक हिम रेडी …..’
सुमन चिल्ला पड़ी.
समर कमरे से बाहर निकल गया और सुमन फुट फुट के रोने लगी.
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