RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
समर रोल प्ले करने लग गया वो सुनील बनके सुमन के होंठ चूसने लग गया.
समर को जबरदस्त रोमांच हुआ – उसे लगा कि वो बिल्कुल जवान हो गया है और .
समर के बोल जब सुमन के कानो में पड़े.
‘क्यूँ कर रहे हो ऐसा – क्यूँ बार बार मुझे सुनील की तरफ धकेल रहे हो’ सुमन अपने होंठ छुड़ा कर बोली.
समर की आँखों में इस वक़्त नशा भर चुका था उसने ज़ोर से सुमन के मम्मे को मसला.
‘आज मैं जवान बन के तुम्हारा सारा रस पीना चाहता हूँ – इस वक़्त मैं सुनील हूँ और तुम मेरी मोम ‘
सुमन से बर्दाश्त नही हो रहा था उसका दिमाग़ फट रहा था पर जिस्म साथ छोड़ रहा था.
‘नही – मत करो ऐसा –प्लीज़ ये रोल प्ले मत करो – मुझे अच्छा नही लग रहा है’
‘तुम्हारी आँखों में उतरा हुआ नशा बता रहा है – इस वक़्त तुम सुनील की बाँहों में होना चाहती हो – तुम्हारे चेहरे की रंगत बता रही है इस वक़्त तुम कितनी उत्तेजित हो – मत रोको खुद को – मज़े लो’
‘ओह माआआआआ न्न्चेहणन्नाआआआहहिईीईईईईईईईई उूुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सुउुुउउन्न्ञन्न्निईीईईल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल’ और सुमन पागलों की तरहा समर को चूमने लग गयी.
‘हाआँ मोम --- आज खूब प्यार करो मुझे----- बहुत तडपा हूँ तुम्हारे लिए’ समर ने सुमन को कस के खुद से सटा लिया
तभी सुमन का मोबाइल बजने लगा. उसे झटका लगा और एक दम समर की गोद से उठ के अपना मोबाइल उठाया और उससे दूर चली गयी कमरे के ईक कोने में.
ये कॉल सोनल की थी जो किचन में खड़ी चाइ बना रही थी.
‘मोम आप क्या छुपा रहे हो मुझ से – अगर आपने भाई को कुछ नही कहा तो फिर क्या बात हुई है – उसकी हालत मुझ से देखी नही जा रही – कल के सुनील और आज के सुनील में दिन रात का फरक हो गया है. उसका चेहरा मुरझा गया है – उसके चेहरे को देख कोई भी कह सकता है कि वो कितने दर्द से तड़प रहा है. क्या हुआ है मोम मेरा दिल बहुत घबरा रहा है’
सोनल का एक एक लफ्ज़ पिघले शीशे की तरहा सुमन के कानो में घुस रहा था – उसके दिल पे वार कर रहा था.
‘कुछ नही होगा उसे – मैं आज ही आ रही हूँ’ सुमन के चेहरे पे एक सख्ती सी आ गयी थी – जैसे उसने कुछ सोच लिया था कि उसे क्या करना है.
‘पर मुझे कुछ तो बताओ मोम – आख़िर हुआ क्या है’ ये बात सोनल के मुँह से कुछ ज़ोर से निकल गयी जिसे हॉल में बैठे सुनील ने सुन लिया.
वो भाग के किचन में आया. सोनल से मोबाइल छीन लिया .
‘मैं जा रहा हूँ मोम – जो तुम चाहती हो वही होगा – कल ही हॉस्टिल में शिफ्ट हो जाउन्गा’ बस इतना कह के उसने कॉल कट कर दी.
सोनल उसके चेहरे को गौर से देखने लगी. अगर सिर्फ़ हॉस्टिल की बात होती तो सुनील इतना परेशान नही होता – आख़िर हॉस्टिल तो जाना ही था एमबीबीएस के आखरी सालों में. बात कुछ और है जो ये छुपा रहा है.
आने दो मोम को – सच का पता कर के रहूंगी.
सुनील मोबाइल साथ ले वापस हॉल में जा के बैठ जाता है.
सोनल चाइ ला कर सुनील के सामने बैठ गयी . सुनील ने चुप चाप छाई का कप उठा लिया – वो अंदर ही अंदर रो रहा था अपने चेहरे को सामान्य रखने की कोशिश करते हुए एक फीकी हसी अपने चेहरे पे ले आया.
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