RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
ये एक कड़वा सच ना जाने अब क्या क्या बदलेगा.
फिर उसके जेहन में सोनल आ गयी. कितना प्यार करता था वो सोनल को - पर आज रिश्ते बदल गये. अब वो उसका सगा भाई नही रहा - सोतेला बन गया.
सोतेला बाप - सोतेली बहन - कैसे एक दम से सभी रिश्ते बदल गये.
क्या करूँ अब ? ये सवाल उसे तंग कर ने लगा.
सुनील अपने ख़यालों में डूबा हुआ था - वो नही जान पाया कि दरवाजे पे खड़ी सोनल उसे देख रही थी. सुनील के चेहरे के बदलते भाव, आँखों में आँसू आना - हाथ से मोबाइल का नीचे गिर जाना - और एक पत्थर की मूर्ति की तरहा खड़े खड़े रहना. किससे बात कर रहा था वो - लेकिन बात कहाँ वो तो बस सुन रहा था. ऐसा क्या हुआ है जो उसके भाई की ये हालत हो गयी. सोनल का दिल ज़ोर से धड़कने लगा - वो चाहती थी कि लपक के सुनील को अपनी बाँहों में भर ले - उसे प्यार करे उसके सारे दर्द दूर कर दे. पर कदम वहीं रुके रहे. डॉक्टर जो थी - शायद चाहती थी - कि सुनील को पहले इस झटके को पूरी तरहा सहन कर लेना चाहिए - दिल में भरे मवाद को आँसू के रूप में बहने देना चाहिए.
भारी मन से वो चुप चाप अपने कमरे में आ कर बैठ गयी. उसकी नज़रों के सामने सुनील का आँसुओं से भरा चेहरा ही घूम रहा था. सोनल का दिल भी रोने लगा. भाई की ये हालत देख उसकी आँखों में भी आँसू आ गये.
क्या सुनील की कोई गर्ल फ्रेंड तो नही थी - जिससे उसका ब्रेक अप हो गया हो और तभी उसकी ये हालत हुई हो? नही ऐसा नही हो सकता - वो लड़कियों की तरफ ध्यान ही कहाँ देता है - बस पढ़ाई में ही तो लगा रहता है. फिर किस का फोन था वो. सोनल तड़पने लगी सच तक पहुँचने के लिए . वो फिर उठी सुनील के पास जाने के लिए और जैसे ही अपने कमरे के दरवाजे तक पहुँची तो देखा सुनील अपने आँसू पोंछता हुआ घर से बाहर जा रहा है. एक बार तो आवाज़ लगाने का सोचा. फिर खुद को रोक लिया - इस इंतेज़ार में कि वापस आने दो तब बात करेगी.
सुनील घर से निकल इधर उधर ऐसे ही भटकने लगा फिर एक पार्क में जा कर बैठ गया.
सोनल सुनील के कमरे में गयी - ये देखने की कुछ ऐसा मिल जाए जिससे कुछ तो पता चले कि आख़िर हुआ क्या है.
उसने देखा सुनील का मोबाइल वहीं गिरा पड़ा है और बॅटरी बाहर निकली पड़ी है.
सोनल ने मोबाइल ठीक किया और चेक किया कि काम कर रहा है या नही - मोबाइल ठीक था - फिर उसने लास्ट कॉल चेक करी तो देख के उसका भी दिमाग़ खराब हो गया. लास्ट कॉल तो सुनील ने मोम को करी थी. ये क्या पूरे 10 मिनट तक कॉल चली. ये तो चुप खड़ा सुन रहा था. क्या कहा मोम ने इसे जो इसकी हालत इतनी खराब हो गयी?
क्या मोम से पूछूँ? नही अभी नही पहले सुनील से ही बात करती हूँ.
वो रखने ही वाली थी कि सुमन का नाम फ्लश करने लगा और बेल बजने लगी.
सोनल ने कॉल रिसीव कर ली .
'हां बेटा बोल - उस वक़्त मैं बात नही कर पाई'
सोनल सोचने लगी - बात नही कर पाई पर यहाँ तो 10 मिनट तक कॉल ऑन थी.
'माँ मैं सोनल - भाई बाहर गया है - मोबाइल तो यहाँ फर्श पे गिरा हुआ था. - आपकी उसे बात नही हुई है तो - तो... '
'क्या हुआ बेटी बात क्या है? '
'मोम - भाई रो रहा था और फोन से तो लग रहा है आपकी 10 मिनट उससे बात हुई है - मैने खुद देखा कि वो सुन रहा था पर कुछ बोल नही रहा था'
'कककक्क्क्यययययययाआआआआअ?' सुमन के दिल की धड़कन बढ़ गयी - यानी --- यानी सुनील ने सब सुना...... हे भगवान ----- ये क्या हो गया - सुमन को चक्कर आने लगे.
खुद को संभालते हुए.
'लगता है फोन ऐसे ही ऑन रह गया होगा - मैने तो कॉल कट कर दी थी - कहाँ है वो - जब आए तो फोन करवाना'
सुमन ने कोशिश करी बात संभालने की. पर सोनल के दिमाग़ में खटका बज गया. माँ कुछ छुपा रही है.
सुमन कॉल कट कर चुकी थी. उसका पूरा जिस्म पसीने से भर गया था और सामने बैठा समर सब देख रहा था.
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