RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुमन के जवाब से समर को और मस्ती चढ़ गयी और और भी तेज तेज सुमन की गान्ड मारने लगा.
सुमन ने अपनी आँखें बंद कर ली और वो सुनील के बारे में सोचने लगी.
कैसा गबरू जवान पट्ठा बन गया था.
आआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
सुमन चीख पड़ी जब समर ने अपनी स्पीड और तेज कर दी - वो भी सुमन को चोद्ते हुए सुनील के बारे में सोच रहा था - सुनील बहुत हद तक समर पे गया था - फरक था तो बस की वो समर की तरहा फ्लर्ट नही करता था जो समर अपने टाइम पे किया करता था. इस मामले में सागर की गहरी छाप पड़ी थी सुनील पे.
'कितना लंबा है उसका लंड'
समर खुद को रोक ही नही पा रहा था सुनील के बारे में और जानने को और उसकी बातें सुमन की हालत खराब कर रही थी.
सुनील में सुमन को हमेशा समर नज़र आता था - बिल्कुल एक जैसे बॉडी थी दोनो की.
और आज चुदते वक़्त सुनील के बारे में बात होने पे सुमन के ख़याल भटकने लगे उसे आज सुनील बिल्कुल समर की कॉपी दिखाई देने लगा. उसकी नज़रों में बार उसका फूला हुआ अंडरवेर आने लगा और पल भर तो सुमन को लगा कि समर नही सुनील उसे चोद रहा है.
ये ख़याल आते ही उसकी साँसे और तेज हो गयी उसकी गान्ड में खुजली बढ़ गयी.
'तेज करो और तेज हां उफफफ्फ़ फाड़ दो आज मेरी गान्ड'
जाने क्या क्या बोलने लगी वो
समर उसको चोदते हुए उसकी चूत भी सहला रहा था.
सुमन की बेचैनी और भी बढ़ गयी वो खुद अपनी उंगलियाँ अपनी चूत में घुसा बैठी - दोनो तरफ से हो रही ये चुदाई सुमन को अपने ऑर्गॅज़म की तरफ खींचने लगी.
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स सुमन के मुँह से सुनील निकलते निकलते रह गया जब उसकी चूत ने तेज बहाव के साथ अपना पानी छ्चोड़ दिया.
थोड़ी ही देर में समर भी उसकी गान्ड में झाड़ गया.
दोनो उसी पोज़िशन में कुछ देर तक रहे फिर खुद को सॉफ कर अंदर बिस्तर पे आ के लेट गये.
सुमन की आँखें तो उसी वक़्त बंद हो गयी.
आज की चुदाई शायद वो कभी नही भूल पाएगी.
समर भी उसके साथ लिपट के सो गया. लेकिन सोने से पहले उसके दिमाग़ में कुछ आ चुका था.
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दो मन में बैठी सोनल सुनील के लिए चाइ का कप छोड़ अपने कमरे में चली गयी.
उसका एक हाथ अपने आप अपनी छाती पे चला गया जहाँ उसे अब भी सुनील की छाती की रगड़ का अहसास था.
वो जितना सुनील को अपने दिमाग़ से बाहर निकालने की कोशिश करती - उतनी ही शिद्दत के साथ वो उसके दिल-ओ-दिमाग़ में अपना बसेरा बनाता जा रहा था.
हालत ये हो गयी सोनल के साथ कि वो अपने अंदर चल रहे तुफ्फान के बारे में किसी से बात भी नही कर सकती थी.
सुनील जब बाथरूम से बाहर निकला तो सोनल को वहाँ ना देख उसे बड़ी राहत महसूस हुई.
बैठ के चुप चाप चाइ पीने लगा कि उसे इस वक़्त अपनी माँ की बहुत याद आई और उसने सुमन का फोन मिला दिया.
सुबह के जिस वक़्त सुनील ने सुमन का मोबाइल बजाया - उस वक़्त सुमन नंगी बिस्तर पे लेटी हुई थी और समर उसकी चूत चाट रहा था.
सुमन की साँसे बड़ी तेज चल रही थी.
समर .....रूको ... प्लीज़ .... सुनील का फोन है.
सुनील का नाम सुन समर के दिमाग़ में शरारत आ गयी उसे वो बात याद आ गयी जो उसने सोते वक़्त सोची थी.
सुमन कॉल रिसीव करती है - उसकी आवाज़ थोड़ी हांफी हुई थी इतनी ज़ोर दार चूत चटाई की वजह से 'हहााईयइ बेटा - कैसे फोन किया' सॉफ पता चल रहा था कि वो हाँफ रही है.
'बस आप से बात करने का दिल किया - मिस यू मोम '
'ऊऊओउुुुऊउककचह' सुमन चीख पड़ी क्यूंकी उसी वक़्त समर ने उसकी चूत में लंड घुसा दिया था.
'क्या हुआ मोम - आप चीखी क्यूँ'
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