RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील तो पढ़ने बैठ गया पर सोनल के दिमाग़ से हाल का वो महॉल और हॉट सीन नही निकल रहा था.
वो आँखें बंद कर के बिस्तर पे लेट गयी और उसे उस सीन में अपने साथ सुनील दिखाई देने लगा.
वो घबरा के आँखें खोल बैठी और अपनी इस सोच पे खुद को लानत भेजने लगी तभी उसे माधवी की बातें याद आई और वो सोचने पे मजबूर हो गयी कि क्या वो अपने भाई से ही प्यार करने लगी है. नही - नही ये कभी नही हो सकता. खुद को लानत देती हुई वो बाथरूम में जा कर शवर के नीचे खड़ी हो गयी.
सोनल ठंडे पानी से नहाई और रात के खाने की तैयारी करने लगी.
सुनील जब पढ़ के फ्री हुआ तो सोचने लगा – दी को कितना अजीब लगा होगा – कैसी वाहियात फिल्म थी – काश पता होता तो टिकेट बिल्कुल भी नही लेता उस फिल्म की.
फिर सुनील को यकायक याद आया कि जब फिल्म में पहले एक रोमॅंटिक सीन चला था तो दी ने अपना सर उसके कंधों पे रख दिया था.
ऐसा क्यूँ हुआ – क्या दी भूल गयी थी कि वो मेरे साथ हैं . फिर उसके दिमाग़ में वो पल भी आया की जब सीन कुछ अडल्ट वाला आया था तो दी ने एक पल को उसका हाथ दबा दिया था और फिर अपना सिर उसके कंधे से हटा लिया था. जिसके बाद वो दोनो बाहर निकल गये.
‘ना ना ‘ क्या ऊटपटांग सोच रहा हूँ मैं – ऐसा कुछ नही – फिल्म कुछ ज़यादा अडल्ट निकली तो दी का बोखला जाना वाजिब था – आख़िर एक भाई के साथ ऐसी फिल्म कॉन बहन देख सकती है .
सुनील अपने बिस्तर पे लेट गया और आँखें बंद कर ली.
कुछ ही पलों में उसकी आँखों के आगे सोनल की वो छवि आ गयी जब वो नहा के सिर्फ़ एक टवल लपेटे हुए बाथरूम से बाहर निकली थी.
वो घबरा के उठ गया. ये ये…. उसे कुछ समझ नही आया – कि कैसे उसके जेहन में अपनी बड़ी बहन की वो छवि क़ैद हो के रह गयी.
वो खुद को कोसने लगा.
अब हाल ये था कि सुनील जब तक माँ बाप वापस नही आ जाते सोनल को अकेला नही छोड़ सकता था – उधर रूबी रमण से इतना नाराज़ हो गयी थी – या यूँ कहिए कि जिंदगी को ढंग से सोचने लगी थी - कि एक पल भी रमण के साथ अकेले में नही गुज़ारना चाहती थी – जैसे ही दोनो के माँ बाप गये – रूबी भी अपनी सहेली के घर चली गयी और रमण घर में अकेला रह गया.
दोस्तो अब ज़रा देखते हैं गोआ में क्या हो रहा है................................
अपने बालों को सुखाती हुई सुमन बाथरूम से बाहर निकली - वो इस वक़्त बात टवल में लिपटी हुई थी. इस वक़्त कोई भी सुमन को देख लेता तो सीधा उसका रेप करने पे उतारू हो जाता.
समर तो वैसे ही उफना हुआ बैठा था.
'अरे अभी से बियर !' सुमन समर को चिड़ाते हुए बोली.
'अभी बताता हूँ!' समर ने बियर कोई बॉटल टेबल पे रखी और सुमन की तरफ लपका. सुमन खिलखिलाती हुई इधर से उधर रूम में फुदकने लगी और समर उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे पीछे - थोड़ी देर सुमन उसे छकाती रही फिर खुद ही बिस्तर पे हस्ती हुई गिर पड़ी और समर ने सीधा उसपे छलाँग ही लगा दी.
ऊऊऊऊओउुुुुुुुऊउक्कककककचह सुमन चीखी पर समर ने आगे उसे कुछ कहने का मोका ना दिया और पागलों की तरहा उसके होंठ चूसने लग गया. साथ ही उसके हाथ टवल में घुसा ज़ोर ज़ोर से सुमन के मम्मे मसल्ने लगे.
कुछ देर समर पागलों की तरहा सुमन को चूमता और मसलता रहा, उसके इस जंगलीपन में भी सुमन को बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर समर ने अपने कपड़े उतार फेंके और सुमन का टवल भी खींच के अलग कर डाला. सुमन का तराशा हुआ बदन उसमे और भी आग भड़का गया और वो सुमन पे टूट पड़ा. सुमन भी उसका साथ दे रही थी. समर के जंगलीपन की वजह से सुमन की चीखें निकलने लगी - जो दूसरे रूम तक जाने लगी और सागर और सविता की मस्ती को बढ़ाने लगी.
समर सुमन को ऐसे निचोड़ रहा था जैसे उसने बरसों से औरत को देखा ही ना हो.
म्म्म्मुममममममममाआआआआआआआआआआआआआआआ
सुमन ज़ोर से चीखी जब समर ने एक ही बार में अपना लंड उसकी चूत में घुसा डाला - सुमन की ये चीख शायद पूरे होटेल में हर गेस्ट ने ज़रूर सुनी होगी.
अहह उूउउफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हहाआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
समर सटा सट सुमन को चोदने लग गया और सुमन चिल्लाती रही
अहह आअहह उूुउउफफफफफ्फ़ ऊऊऊऊओ उूुुुुुुउउइईईईईईईईईईईई
द्द्द्द्द्दद्धहिईीईईईइइर्र्र्र्रररीईईई म्म्म्मईममाआआआआआ
सुमन की सिसकियाँ तेज होने लगी - समर के जंगलीपन से उसे मज़ा आने लगा - शुरू में जो दर्द हुआ था वो अब मज़े में बदल गया था.
|