RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
रमन को भी झटका लगा कहाँ वो उसका नाम पुकार रही थी और कहाँ यूँ बिदकी है जैसे रमन ने उसके साथ ज़बरदस्ती की हो. रमन को बहुत चोट पहुँची उसकी भी आँखों में आँसू आ गये. वो चुप चाप रूबी के कमरे से बाहर निकल गया और अपने कमरे में जा के सोचने लगा की जो उसने किया वो ठीक था या नही अब रूबी उसके बारे में क्या सोचेगी. वो रूबी की फोटो के सामने बैठ गया जो उसने अपने कमरे में लगा रखी थी. आँखों से टॅप टॅप आँसू गिरने लगे.
रूबी से दूरी वो हरगिज़ बर्दाश्त नही करसकता था. जब से उसके दिल-ओ-दिमाग़ में रूबी छाई थी उसने किसी और लड़की की तरफ मूडके नही देखा था यहाँ तक की 4 साल से चल रहे अपने अफेयर में भी दरारें डाल ली थी क्यूंकी वो हर वक़्त रूबी के ही करीब रहना चाहता था.
रमन के बाहर जाने के बाद थोड़ी देर बाद जब रूबी अपनी ग्लानि से बाहर निकली तो उसे धयान आया की रमन जब कमरे से बाहर निकला था उसकी आँखों में भी आँसू थे.
रूबी को समझ नही आ रहा था की इस स्थिति में वो क्या करे. वो रमण से बहुत प्यार करती थी – लेकिन ये प्यार अब भाई बहन की सीमा रेखा को पार करने लगा था. उसे बहुत घबराहट हो रही थी – एक दर उसके दिल-ओ-दिमाग़ में छा गया था. क्या ये सब ठीक है? आयेज इसका परिणाम क्या होगा? क्या ये प्यार सिर्फ़ वासना की भूख मिटाने का ज़रिया है जब तक दोनो की शादी नही होती या फिर ये वास्तव में प्रेम है जो एक लड़का एक लड़की से और एक लड़की एक लड़के से करती है.
बहुत से सवाल रूबी के दिमाग़ में घूम रहे थे. समाज उनके रिश्ते को कभी मान्यता नही देगा. समाज तो छोड़ो पहले मोम डेड ही उन्हें मार डालेंगे अगर ऐसा कुछ उनके सामने आया.
तो फिर क्यूँ रमन मेरी फोटो चूमता रहता है क्यूँ मेरी फोटो से बात करता है क्यूँ आइ लव यू मेरी फोटो की आगे बोलता रहता है.
उफफफफ्फ़ कुछ समझ नही आ रहा.
रूबी के कदम रमन के कमरे की तरफ बॅड गये और जो उसने देखा – उसे देख उसके दिल में कहीं एक तीर जा के खुब गया – रमन उसकी फोटो के आगे आँसू बहा रहा था.
रूबी के कदम अपने आप उसे रमन के करीब ले गये.
रूबी ने उसके कंधे पे हाथ रखा – ‘भाई ये……’
रमन एक दम पलटा और रूबी को अपनी बाँहों में ले उसके चेहरे को चुंबनो से भरते हुए बस – एक ही बात बोल रहा था – आइ लव यू रूबी – आई लव यू रूबी.
रमन के प्यार के आगे रूबी पिघलने लगी और उसके साथ चिपक गयी.,
थोड़ी देर बाद रूबी ने खुद को रमन से अलग किया, उसकी साँसे तेज चल रही थी.
‘भाई ये ग़लत है – हम भाई – बहन के बीच ये सब……’
‘कुछ ग़लत नही – तुझे मुझ पे भरोसा है ना’
कोई दरवाजा खटखटाने लगा और रूबी अपनी यादों के झरोखे से बाहर निकल आई. दरवाजा खोला तो सामने रमन खड़ा था.
रूबी का आँसुओं से भीगा चेहरा देख रमन उसके कदमो में गिर पड़ा और माफी माँगने लगा.
रूबी ने रमन की तरफ कोई धयान नही दिया और पलट के अपने बिस्तर के पास जा के खड़ी हो गयी
|