RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
रूबी अब इतनी छोटी भी नही थी कि उसे कुछ पता ही ना हो – अपनी सहेलियों से और एमबीबीएस की पढ़ाई के दोरान वो सेक्स के बारे में काफ़ी कुछ जान चुकी थी. बार बार उसके दिमाग़ में यही ख़याल आ रहा था कि क्या उसका भाई उसे एक लड़की की हैसियत से देखने लग गया है – पर भाई बहन में ये सब तो एक गुनाह है – भाई इतना अकल्मंद होते हुए भी कैसे ये सब सोचने लग गया.
उसने किसी से सुना था कि शराब पीने के बाद आदमी सच बोलता है – और जो हरकत रमण ने उसके साथ करी थी वो भाई तो कभी नही कर सकता बहन के साथ. क्या ये अंजाने में हुआ था या फिर रमण ऐसा कर उसे कुछ कहना चाहता था.
रात भर रूबी सोचती रही – एक पल भी उसकी आँख बंद ना हुई.
अगले दिन सुबह रूबी ने नाश्ता टेबल पे लगा दिया था. रमण हॅंगओवर की वजह से अपना सर पकड़ता हुआ टेबल पे आके बैठ गया. रूबी बड़े गौर से उसे देखने लगी – उसकी आँखों में कयि सवाल थे वो रमण से कुछ पूछना चाहती थी पर उसकी शर्म उसे कुछ कहने नही दे रही थी. रमण ने चुप चाप नाश्ता किया और अपने कमरे में चला गया. दोनो के बीच कुछ खास बात नही हुई.
किचन में बर्तन रख रूबी जब रमण के कमरे की तरफ बढ़ी तो दरवाजे पे ही उसके कदम रुक गये. रमण के हाथ में उसकी फोटो थी जिसे वो चूमता जा रहा था और बार बार- लव यू रूबी – रूबी के पैरों तले ज़मीन निकल गयी. आँखें फाडे कुछ देर वो रमण को देखती रही फिर अपने कमरे में जा के बैठ गयी.
रात के वो लम्हें जब रमण ने उसका उरोज़ पकड़ दबाया था फिर उसकी नज़रों के सामने आ गया और जिस्म में हलचल मचनी शुरू होगयि. जितना वो इस ख़याल को दिमाग़ से बाहर निकालने की कोशिश करती उतना ही ये ख़याल उसे और तंग करता.- कानो में बार बार रमण के अल्फ़ाज़ कोंधने लगे – लव यू रूबी ----
रूबी का जिस्म रमण के हाथ को अब भी अपने उरोज़ पे महसूस कर रहा था. कभी वो रमण को एक भाई की नज़रिए से सोचती तो कभी एक मर्द की तरहा. ........................
दिमाग़ में उथल पुथल मच चुकी थी.......................
हॉल में टेबल पर एक चिट छोड़ वो अपनी सहेली के घर चली गयी. अपनी आदत के अनुसार उसने बेल बजाने की जगह पहले दरवाजे पे हाथ का ज़ोर लगाया और वो खुलता ही चला गया.
अंदर हॉल में कोई नही था. उसे ताज्जुब हुआ कि ऐसे कोई अपना घर खुल्ला भी छोड़ सकता है क्या.
उसने नीचे आंटी को आवाज़ लगाई पर कोई जवाब नही. फिर वो उपर चली गयी अपनी सहेली के कमरे की तरफ और जैसे ही उसके कदम कमरे के नज़दीक होते गये उसे सिसकियों की आवाज़ें सुनाई देने लगी . दरवाजा खुला था और अंदर का नज़ारा देख उसके होश उड़ गये. बिस्तर पे उसकी सहेली नग्न लेटी हुई थी और उसका बड़ा भाई वो भी नग्न उसके उपर लेटा हुआ उसके निपल चूस रहा था और साथ ही साथ उसका मोटा लंबा लंड उसकी सहेली की चूत में अंदर बाहर हो रहा था.
ये मंज़र देख रूबी के होंठ सुख गये – दिल की धड़कन बढ़ गयी- उसे अपनी आँखों पे भरोसा ही नही हुआ जो उसने देखा . इससे पहले कि उसके काँपती टाँगें उसके बदन का साथ छोड़ती – वो जैसे आई थी वैसे अपने घर वापस चली गयी.
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