RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
घर के बार लगातार हॉर्न बजने से वो बाहर निकला तो देखा गाड़ी घर के गेट से सटी हुई है और लाइट्स जल रही हैं, उसने कार को पहचान लिया और भाग कर कार की तरफ लपका.
सामने स्टियरिंग पे सुनील ज़ख्मी बेहोश पड़ा था और पीछे सोनल बेहोश पड़ी थी.
नोकर अंदर भाग के दो चद्दर लाया – उसने सोनल को चद्दर से ढका और फिर किसी तरहा सुनील को आगे दूसरी सीट पे कर ड्राइविंग सीट संभाली जो खून से लथपथ थी – इतना टाइम नही था कि वो सीट वगेरह सॉफ करता.
उसने अपने मालिक यानी सुनील के डॅड और मोम को फोन किया और कार हॉस्पिटल की तरफ दौड़ा दी.
सुनील को सीधा ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और सोनल को आइक्यू में दोनो का उपचार शुरू हो गया.
सुनील को सर पे काफ़ी घाव थे सर पे बॉटल के मारे जाने से उसके सर में बहुत जगह छोटे छोटे काँच के टुकड़े धँस चुके थे. जिस्म में जगह जगह चोट के निशान थे और बाई टाँग और दाँये हाथ में फ्रॅक्चर था.
करीब चार घंटे बाद डॉक्टर्स की टीम बाहर निकली ऑपरेशन थियेटर से बाहर सुनील के मोम दाद दोनो माजूद थे. डॉक्टर्स की टीम में जो मेन डॉक्टर था वो सुनील के डॅड का खास दोस्त था.
ऑपरेशन सफल रहा था बस सुनील को 24 घंटे में होश आ जाना चाहिए.
उधर सोनल का पेट सॉफ किया जा चुका था और उसे नशे की एंटी दवाइयाँ दी जा चुकी थी – जब सोनल कोई दो घंटे बाद होश में आई तो उसने सीधा सुनील के बारे में पूछा बेहोश होते होते उसने देख लिया था कि उसका भाई उसकी आबरू बचाने के लिए लड़ रहा है.
सोनल को बहुत दिमागी तौर पे झटका लगा था – इसलिए उसे नींद का इंजेक्षन लगा दिया गया था.
सोनल की माँ सोनल के सिरहाने बैठी आँसू बहा रही थी अपने बच्चों की हालत पे – एक तरफ उसके दिल को ये सकून था कि उसके बेटे ने राखी का फ़र्ज़ अदा कर दिया था दूसरी तरफ उसकी हालत बर्दाश्त नही हो पा रही थी.
रात भर दोनो माँ बाप कभी सोनल को देखते तो कभी सुनील को.
24 घंटे हो गये सोनल नींद से जाग चुकी थी पर सुनील को होश नही आया था.
सोनल अब नॉर्मल थी. जब वो नींद से जागी तो उसकी माँ उसके पास ही बैठी हुई थी.
जागते ही उसने सुनील के बारे में पूछा. माँ की आँखों से आँसू टपक पड़े.
‘माँ बताओ ना भाई कहाँ है? कैसा है?’
माँ के मुँह से कोई बोल ना निकले और वो रोने लगी. तभी सोनल के डॅड भी वहाँ पहुँच गये. अपनी बीवी को यूँ रोते देख उसे दिलासा देने की कोशिश करने लगे.
‘सुमन – ये क्या बच्पना है – तुम खुद एक डॉक्टर हो फिर ऐसे क्यूँ बिहेव कर रही हो. ठीक हो जाएगा वो – ऑपरेशन ठीक हुआ है. मैने सारी रिपोर्ट्स चेक कर ली हैं.’
सुमन रोते हुए ही बोली ‘ सागर डॉक्टर हूँ तो क्या एक माँ भी तो हूँ – जिसका बेटा मौत से लड़ रहा है’
सोनल : ये क्या कह रही हो माँ – मुझे अभी भाई के पास ले चलो – डॅड कहाँ है वो क्या हुआ उसे.
सागर : बेटी तेरे भाई ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है तेरी राखी की लाज रखने के लिए. उसे बहुत गहरी चोटे आई हैं. सर में काँच घुस गये थे हाथ और टाँग में फ्रॅक्चर भी है. 24 घंटे में उसे होश आ जाना चाहिए था पर अभी तक उसे होश नही आया.
सोनल : नही नही ये क्या कह रहे हो भाई को इतनी चोट लगी – मुझे अभी ले चलो भाई के पास.
सागर : बेटी वो आइसीयू में है – और तुम जानती हो आइसीयू के टाइमिंग्स होते हैं.
सोनल : मैं एक डॉक्टर की हैसियत से तो जा के उसे देख सकती हूँ.
सागर : ठीक है जाओ मिल आओ अपने भाई से.
सागर खुद अंदर से टूट चुका था पर बीवी और बेटी के सामने उसने अपनी हिम्मत को टूटता हुआ नही दिखाया.
सोनल आइसीयू में जाती है जहाँ सुनील जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था. सोनल उसका हाथ अपने हाथ में थाम लेती है.
‘होश में आओ भाई – देखो तुम्हारी सोनल तुम्हारे पास है- आँखे खोलो भाई नही तो मैं रो पड़ूँगी’
कुछ दिलों के तार आपस में जुड़े होते हैं. सुनील के हाथ में थोड़ी हरकत होती है. वो सोनल के हाथ को पकड़ लेता है.
सोनल उसके उपर झुकती है और उसके आँसू टॅप टॅप सुनील के चेहरे पे गिरने लगते हैं.
‘भाई होश में आओ भाई – मुझ से बात करो – मुझ से बात करो भाई – देखो में बिल्कुल ठीक हूँ – तुम तो मेरे हीरो हो भाई – अब इस बहन को और मत तडपाओ – मोम भी रो रही हैं’
सुनील की पलकें झपकने लगती हैं और वो धीरे धीरे अपनी आँखें खोलता है पर उन आँखों में एक शुन्य था – वो अपने उपर झुकी सोनल को पहचान नही पाता.
सोनल उसे पुकरती जा रही थी. पर सुनील कोई जवाब नही देता.
सोनल घबरा जाती है और भाग के अपने मोम डॅड के पास जाती है.
|