Aunty ki Chudai आंटी और उनकी दो खूबसूरत बेटियाँ
06-11-2017, 09:55 AM,
#18
RE: आंटी और उनकी दो खूबसूरत बेटियाँ
"उफफ्फ्फ्फ़..." एक हल्की सी मादक सिसकारी प्रिया के मुँह से निकली। 









साईट पर कई छोटे छोटे विंडोज में सेक्सी वीडियो लगे हुए थे जिसमें चुदाई के
अलग अलग सीन थे। किसी में लड़का लड़की की चूत चाट रहा था तो किसी में लड़की 
की चूत में अपना मोटा लण्ड डाल रहा था। 











मैंने एक विंडो पर क्लिक किया जिसमे एक कमसिन लड़की एक बड़े लड़के का विशाल 
लण्ड अपने हाथों में सहला रही थी। मैंने कंप्यूटर का साउंड थोड़ा सा बढ़ा 
दिया। अब हमें उस सेक्सी विडियो से आ रही लड़की और लड़के की सिसकारियाँ सुनाई
दे रही थीं। 









हम दोनों बिना एक दूसरे से कुछ कहे और बिना एक दूसरे को देखे कंप्यूटर 
स्क्रीन की तरफ देखने लगे। स्क्रीन पर लण्ड और चूत का खेल चालू था और इधर 
हम दोनों की साँसें अनियंत्रित तरीके से चल रही थीं। मेरी तो मानो सोचने 
समझने की शक्ति ही नहीं रही थी, सच कहो तो मुझे स्क्रीन पर चल रही फिल्म 
दिखाई ही नहीं दे रही थी। मैं बस इस उहा पोह में था कि अब आगे क्या करूँ। 







मुझसे रहा नहीं जा रहा था। आप लोग सोच रहे होंगे कि कैसा चूतिया है, मस्त 
जवान माल बगल में बैठ कर ब्लू फिल्म देख रही है और मैं चुपचाप बैठा हुआ 
हूँ। लेकिन दोस्तो, यकीन मानो अगर कभी आप ऐसी स्थिति में आओगे तब पता चलेगा
कि क्या हालत होती है उस वक़्त ! 









जो भी हो, पर प्रिया के पास होने के ख़याल से और थोड़ी देर पहले उसकी चूचियों
और चूत के दर्शन करने की वजह से मेरा लण्ड अपने पूरे शवाब पर था और मेरा 
पैंट फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रहा था। मेरा एक हाथ कीबोर्ड और दूसरा 
हाथ माउस पर था। मैं चाहता था कि अपने लण्ड को बाहर निकालूँ और उसके सामने 
ही मुठ मारना शुरू कर दूँ। लेकिन पता नहीं क्यूँ एक अजीब सी हिचकिचाहट थी 
जो मुझे हिलने भी नहीं दे रही थी। 









मेज के ठीक सामने दीवार पर बिजली का स्विच बोर्ड लगा था। मुझे पता ही नहीं 
चला और प्रिया ने धीरे से अपना हाथ बढ़ा कर लाइट बंद कर दी। अचानक हुए 
अँधेरे से मेरा ध्यान भंग हुआ और मैंने प्रिया की तरफ देखा। वो मेरी तरफ 
देख रही थी और उसकी आँखें चमक रही थीं। 







कंप्यूटर स्क्रीन से आ रही हल्की रोशनी में मुझे उसकी आँखें लाल लाल सी 
प्रतीत हुई। मेरा ध्यान उसके सीने की तरफ गया तो देखा कि थोड़ा सा झुकने की 
वजह से उसके बड़े से गले से उसकी चूचियों की घाटी दिखाई दे रही है। मेरा 
लण्ड उसे देखकर ठनकने लगा। मैंने एक नज़र भर कर उसे देखा और वापस स्क्रीन पर
देखने लगा। 







थोड़ी देर के बाद मैंने अपने पैंट के ऊपर कुछ महसूस किया जैसे कोई चीज़ मेरे 
जांघों पर चल रही हो और धीरे धीरे मेरे लण्ड की तरफ बढ़ रही हो। 







दिल कह रहा था कि यह प्रिया का हाथ है, लेकिन दिमाग यह मानने को तैयार नहीं
था। मुझे यकीन था कि चाहे प्रिया कितनी भी बेबाकी करे लेकिन मेरा लण्ड 
पकड़ने की हिम्मत नहीं करेगी। 









"ओह्ह्ह...ये क्या ?"...मेरे मुँह से अनायास ही एक हल्की सी आवाज़ निकल गई। 
ऐसा इसलिए हुआ क्यूंकि प्रिया ने अपना हाथ सीधा मेरे लण्ड पर रख दिया... 







मेरी आँखें मज़े में बंद हो गईं और मैंने अपन एक हाथ नीचे करके प्रिया के 
जांघ पर रख दिया। मेरी हथेली उसके चिकने जांघों पर टिक गई... 







प्रिया ने अपने हथेली को मेरे लण्ड पर कस लिया और बड़े ही प्यार से सहलाने 
लगी। मैं मज़े से अपनी आँखें बंद करके उसकी जांघों को दबाने लगा, जितनी जोर 
से मैं उसकी जांघ दबा रहा था उतनी ही जोर से वो मेरा लण्ड दबा रही थी। 







ज़िन्दगी में पहली बार किसी लड़की का हाथ मेरे लण्ड पर पड़ा था, आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते कि मेरी हालत कैसी होगी उस वक़्त। 







आँखें पहले ही बंद थी और उन बंद आँखों ने उस वक़्त मुझे पूरा जन्नत दिखा 
दी...मैंने अब अपनी हथेली को उसकी जांघों पर ऊपर नीचे सहलाना शुरू कर दिया 
मानो मैं प्रिया को ये सिखाना चाहता था कि वो भी मेरे लण्ड को ऐसे ही 
सहलाये... 







और ऐसा ही हुआ, शायद वो मेरा इशारा समझ गई थी...उसने मेरे लण्ड को अपनी 
पूरी हथेली में पकड़ लिया और ऊपर नीचे करने लगी जैसे मैं मुठ मारता था। 







जिन दोस्तों को कभी इस एहसास का मज़ा मिला हो वो मेरी फीलिंग समझ सकते हैं...उस मज़े को शब्दों में बयाँ करना बहुत मुश्किल है। 







मैंने अपनी हथेली को उसके जांघों से ऊपर सरका दिया और धीरे धीरे ज़न्नत के दरवाज़े तक पहुँचा दिया। 





उफ्फ्फ्फ़...इतनी गर्मी जैसे किसी धधकती हुई भट्टी पर हाथ रख दिया हो 
मैंने...मेरे हाथ उस जगह पर ठहर गए और मैंने उसकी चिकनी चूत को सहला दिया। 







"ह्म्म्मम्म...उफ्फ्फफ्फ्फ़"...प्रिया के मुँह से एक सिसकारी निकली और उसने अपने दूसरे हाथ से मेरे हाथ को पकड़ लिया। 







मैंने तुरंत उसकी तरफ गर्दन घुमाई और उसकी आँखों में देखने लगा। मैंने अपनी
आँखों में एक विनती भरे भाव दर्शाए और उससे एक मौन स्वीकृति मांगी। उसने 
मदहोश होकर मेरी आँखों में देखा और अपनी जांघें बैठे बैठे थोड़ी सी फैला दी।








अब मेरी हथेली ने उसकी कमसिन चूत को पूरी तरह से अपनी मुट्ठी में भर लिया और दबा दिया। 







"धीरे भैया"...और ये शब्द उसके मुँह से निकले जो कि उसने मुझसे सीधे सीधे कहे थे।
मैंने अपनी हथेली को उसके जांघों से ऊपर सरका दिया और धीरे धीरे ज़न्नत के दरवाज़े तक पहुँचा दिया। 



उफ्फ्फ्फ़...इतनी गर्मी जैसे किसी धधकती हुई भट्टी पर हाथ रख दिया हो 
मैंने...मेरे हाथ उस जगह पर ठहर गए और मैंने उसकी चिकनी चूत को सहला दिया। 



"ह्म्म्मम्म...उफ्फ्फफ्फ्फ़"...प्रिया के मुँह से एक सिसकारी निकली और उसने अपने दूसरे हाथ से मेरे हाथ को पकड़ लिया। 



मैंने तुरंत उसकी तरफ गर्दन घुमाई और उसकी आँखों में देखने लगा। मैंने अपनी
आँखों में एक विनती भरे भाव दर्शाए और उससे एक मौन स्वीकृति मांगी। उसने 
मदहोश होकर मेरी आँखों में देखा और अपनी जांघें बैठे बैठे थोड़ी सी फैला दी।




अब मेरी हथेली ने उसकी कमसिन चूत को पूरी तरह से अपनी मुट्ठी में भर लिया और दबा दिया। 



"धीरे भैया"...और ये शब्द उसके मुँह से निकले जो कि उसने मुझसे सीधे सीधे कहे थे। 



अब मेरे बर्दाश्त की सीमा खत्म हो गई थी। मैंने अपनी गर्दन उसकी तरफ घुमाई 
और उसके चेहरे के बिल्कुल करीब आ गया। उसकी साँसें मुझे अपने चेहरे पर 
महसूस हो रही थीं। मैंने उसकी आँखों में देखते हुए धीरे से कहा,"अब भी भैया
ही कहोगी?" 



उसने एक हल्की सी मुस्कान अपने होठों पर लाई और अपने सुर्ख गुलाबी होठों को
मेरे होठों पर रख दिया। हम दोनों ने अपनी आँखें बंद कर लीं और एक दूसरे के
होठों का रसपान करने लगे। हमने अपनी पूरी तन्मयता से एक दूसरे को चूमना 
शुरू किया और सब कुछ भूल गए। 



मैंने अपनी जुबान धीरे से उसके होठों से होते हुए उसके मुँह के अन्दर डाल 
दिया। चुम्बन का कोई तजुर्बा तो था नहीं पर ब्लू फिल्मों में कई बार इस तरह
से चुदाई की शुरुआत करते हुए देखा था। अपने उन्ही अनुभवों को याद करके मैं
आगे बढ़ने लगा। 



हमारे हाथ अब भी अपनी अपनी जगह पर थे, यानि मैं प्रिया की चूत को सहला रहा था और वो मेरे लण्ड को ! 



स्क्रीन पर अब लण्ड की चुसाई चालू हो गई थी और लड़के तथा लड़की की मुँह से 
तेज़ आवाजें आने लगी थीं। उस आवाज़ को सुनकर हम दोनों का जोश और बढ़ गया और हम
और भी उत्तेजना में आ गए। 



तभी एक ज़ोरदार चीख निकली स्क्रीन पर चल रही फिल्म से। हम दोनों का ध्यान उस
आवाज़ पर गया और हम एक दूसरे को चूमना छोड़ कर स्क्रीन की तरफ देखने लगे। 
हमने देखा कि उस लड़के ने अपना मोटा सा लण्ड उस कमसिन सी लड़की के मुँह में 
पूरा का पूरा डाल दिया और उसका सर अपने हाथों से पकड़ लिया था जिसकी वजह से 
वो बेचारी लड़की की साँस अटक गई थी। 
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RE: आंटी और उनकी दो खूबसूरत बेटियाँ - by sexstories - 06-11-2017, 09:55 AM

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