RE: आंटी और उनकी दो खूबसूरत बेटियाँ
मैंने दवाई लेने के लिए मेज की तरफ अपने कदम बढ़ाये और टेबल की दराज़ से
क्रोसिन की एक गोली निकाली। मेरा पीठ इस वक़्त प्रिया की तरफ था। मैंने सोचा
कि अगर मैं खड़े खड़े ही वापस मुड़ा तो मुझे उसके स्कर्ट के नीचे का कुछ भी
नज़र नहीं आएगा। तभी मैंने अपने हाथ से दवाई की गोली नीचे गिरा दी और प्रिया
की तरफ मुड़ कर नीचे झुक गया उठाने के लिए। यह तो मेरी एक चाल थी और यह
कामयाब भी हो गई।
जैसे ही मैंने झुक कर गोली उठाई और ऊपर उठने लगा मेरी नज़र सीधे प्रिया की
स्कर्ट के अन्दर गई और मेरे हाथ से दुबारा दवाई गिर पड़ी। इस बार वो सचमुच
मेरे हाथों से अपने आप गिर गई क्यूंकि मेरी आँखों ने जो देखा वो किसी को भी
विचलित करने के लिए काफी था।
प्रिया ने अन्दर कुछ नहीं पहना था। स्कर्ट सी ढकी हुई हल्की रोशनी उसकी
नंगी चूत को और भी हसीन बना रही थी...उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था,
बिल्कुल चिकनी थी उसकी जवान मुनिया।
मेरे दिमाग में रिंकी की चूत का नज़ारा आ गया। लेकिन रिंकी की चूत पर बाल थे और प्रिया ने अपनी चूत शेव कर रखी थी।
मेरा गला सूख गया और मैं वैसे ही झुका हुआ उसके चूत के दर्शन करने लगा। मेरी जुबान खुद बा खुद बाहर आ गई और मेरे होठों पर चलने लगी।
प्रिया ने यह देखा और अपनी टाँगें सीधी कर लीं और अपनी स्कर्ट को ठीक कर लिया।
मैं उठ गया और वापस आकर कुर्सी पर बैठ गया। अब मैं पक्का समझ चुका था कि आज
मुझे प्रिया की गुलाबी चिकनी चूत का स्वाद जरुर मिलेगा। मैं कुर्सी पर बैठ
गया और एकटक प्रिया की तरफ देखने लगा।
"क्या हुआ भैया, तुम अचानक से चुप क्यूँ हो गए?" प्रिया ने अपनी आँखों में शरारत भर के मेरी तरफ देखा।
मैंने भी मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा और अपने गिलास को वापस अपने होठों
से लगा कर दूध पीने लगा। हम दोनों बस एक दूसरे को देखे जा रहे थे और
मुस्कुरा रहे थे मानो एक दूसरे को यह बताने की कोशिश कर रहे हों कि हम
दोनों एक ही चीज़ चाहते हैं।
"भैया एक बात पूछूं?" प्रिया ने अचानक से पूछा।
मैं हड़बड़ा गया,"हाँ बोलो...क्या हुआ?"
"क्या आप मुझे कंप्यूटर चलाना सिखायेंगे?" बड़े भोलेपन से प्रिया ने कहा। मुझे लगा था कि वो कुछ और ही कहेगी।
"इसमें कौन सी बड़ी बात है?" मैंने कुर्सी से उठते हुए कहा और अपनी कुर्सी
को खींचकर मेज के पास चला गया। कुर्सी के बगल में एक स्टूल था। मैंने
प्रिया की तरफ देखा और उसे अपने पास बुलाया। प्रिया बिस्तर से उतरकर मेरे
दाहिनी तरफ स्टूल पर बैठ गई। वो मुझसे बिल्कुल सट कर बैठ गई जिस वजह से
उसकी एक चूची मेरे दाहिने हाथ की कोहनी से छू गई। मुझे तो मज़ा आ गया। मैं
मुस्कुराने लगा और माउस से कंप्यूटर स्क्रीन पर इधर उधर करने लगा। लेकिन
मैंने अभी थोड़ी देर पहले ही कंप्यूटर की स्क्रीन को ऑफ किया था इसलिए
स्क्रीन बंद था। मैंने हाथ बढ़ाकर स्क्रीन फिर से ऑन किया।
और यह क्या, स्क्रीन पर अब भी वही पोर्न साईट चल रही थी। मेरे हाथ बिल्कुल
रुक से गए। स्क्रीन पर एक वीडियो आ रही थी जिसमें एक लड़की एक लड़के का मोटा
काला लण्ड अपने हाथों में लेकर सहला रही थी। बड़ा ही मस्त सा दृश्य था। अगर
मैं अकेला होता तो अपना लण्ड बाहर निकल कर मुठ मारना शुरू कर देता लेकिन
मेरे साथ प्रिया थी और वो भी मुझसे चिपकी हुई।
मैंने तुरंत ही उस विंडो को बंद कर दिया और प्रिया की तरफ देखकर उससे सॉरी बोला।
प्रिया मेरी आँखों में देख रही थी और ऐसा लग रहा था जैसे मेरे विंडो बंद
करने से उसे अच्छा नहीं लगा। उसकी शक्ल थोड़ी रुआंसी सी हो गई थी। मैंने
उसकी आँखों में एक रिक्वेस्ट देखी जैसे वो कह रही हो कि जो चल रहा था उसे
चलने दो।
हम दोनों ने एक दूसरे को मौन स्वीकृति दी और मैंने फिर से वो पोर्न साईट लगा दी।
|