RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
फिर मारिया उलटी होकर लेट गई और लोकाटी को कुछ दाने पकड़ाए कि वह इन दानों को मारिया की गाण्ड की लाइन में डाल दे, लोकाटी ने मारिया की पैन्टी गाण्ड की लाइन से निकाली और उसे थोड़ा सा खोल कर उसमें अंगूर के दान डाल दिए , मारिया ने तुरंत ही अपने सुंदर चूतड़ों को आपस में दबा कर मिला लिया और अब लोकाटी को पता था कि उसे क्या करना है, वह मारिया की गाण्ड लाइन से एक पिक्सेल अपनी ज़ुबान की मदद से अपने मुंह में डालता रहा और सारे दाने मारिया की गाण्ड लाइन से खाने के बाद उसकी गांड में लगे पानी को भी जीभ से चाट गया। अंगूर के जायके से मारिया की गाण्ड का स्वाद भी कुछ मीठा हो गया था अब लोकाटी मारिया की गाण्ड को चाटना चाहता था मगर मारिया ने कुछ दाने हाथ में लेकर उनको दबा दिया। इन दानों का मलीदा बनाने के बाद मारिया ने हाथ पीछे ले जा कर अपनी गाण्ड के छेद पर मसल दिया तो लोकाटी जल्दी से मारिया की गाण्ड पर झुका और अपनी जीभ से अंगूरों के इस मलीदे को मारिया गाण्ड से चाटने लगा। जब सारा मलीदा वह मारिया कीगाण्ड से चाट गया, तब मारिया सीधी होकर लेट गई और अब की बार उसने अपनी पैन्टी नीचे की और अंगूर का एक दाना अपनी चूत के लबों पर रखा तो लोकाटी उसे भी खा गया। फिर दूसरा, फिर तीसरा और फिर चौथा पिक्सेल, मारिया एक एक करके अपनी चूत पर रखती गई और लोकाटी उसे मारिया की चूत से खाता गया
फिर मारिया ने एक दाना उठा कर अपनी चूत के होंठ खोले और उनके अंदर घुसा दिया और लोकाटी से कहा वह बिना चूत को हाथ से छूए इस दाने को खाए। लोकाटी ने काफी मेहनत से अपनी ज़ुबान को बिना हाथ लगाए मारिया की चूत के लबों के बीच प्रवेश कराया और फिर इस दाने को मारिया की चूत से निकाल कर उसे भी निगल गया। यहां भी मारिया ने बारी बारी 6, 7 दाने अपनी चूत में डाले जिन्हें लोकाटी थोड़ी सी मेहनत के बाद खाता जाता था।
अब मारिया ने जो किया उसने तो लोकाटी को पागल ही कर दिया था। मारिया ने सभी अंगूर अपने दोनों हाथों में उठा लिए और उन्हें मसलने लगी, अंगूर अच्छी तरह मसलने के बाद मारिया ने उनका मलीदा अपने बड़े बड़े मम्मों पर मसल दिया और लोकाटी मारिया के मम्मों पर ऐसे टूट पड़ा जैसे कोई कुत्ता हड्डी के पीछे भागता है । उसने मारिया के ऊपर चढ़ कर उसके दोनों मम्मों पर ज़ुबान फेरना शुरू कर दिया और कुछ ही देर मे वह मारिया के अंगूरों से भरे हुए मम्मों को अपनी जीभ से चाट कर पूरा साफ़ कर चुका था और उसके बाद भी काफी देर तक वह मारिया के मम्मों को और उसके निपल्स को अपने मुँह में लेकर चूसता और चाटता रहा। अंगूरों का मीठा मीठा स्वाद उसको अब तक मारिया के अंगूरों के आकार जितने तने हुए निपल्स पर महसूस हो रहा था और वह बहुत मज़े के साथ मारिया के मम्मे चूस रहा था। फिर मारिया ने लोकाटी को लेटने को कहा और खुद फ्रिज में से एक केला निकाल लाई।
मारिया ने लोकाटी के ऊपर बैठ कर उस केले के छिलके और उसका वाल्व एक साइड पर फेंक दिया। फिर मारिया पीछे की ओर झुकी जिससे मारिया की चूत आगे स्पष्ट दिखने लगी। अब मारिया ने केला अपनी चूत पर फेरना शुरू किया और बड़ी सहजता के साथ उस केले को अपनी चूत के लबों के बीच फेरती रही। मारिया ने इस बात का ध्यान रखा कि इस दौरान वह केला टूट न जाए। जब केले में मारिया की चूत का पानी अच्छी तरह से लग गया तो मारिया ने वह केला लोकाटी की तरफ बढ़ा दिया जो काफी देर से केला खाने के लिए मरा जा रहा था। जैसे ही मारिया ने वह केला लोकाटी की ओर बढ़ाया उसने आधा केला एक ही बार में खा लिया। बाकी का आधा केला मारिया ने अपनी चूत पर रख कर उसे चूत में ही मसल दिया और फिर अपनी चूत उठा कर लोकाटी के मुंह के ऊपर बैठ गई, लोकाटी ने अपने दोनों हाथ मारिया के चूतड़ों के नीचे रख कर उसे ऊँचा किया और अपनी ज़ुबान मारिया की चूत में लगे हुए केले पर फेरने लगा और देखते ही देखते वह सारा केला मारिया की चूत से खा गया अब वहाँ केले का नामोनिशान तक नहीं था
कुछ देर तक आह ह ह ह ह ह। । । । । । । आह ह ह ह ह ह आह ह ह ह ह की सिसकियाँ निकालने के बाद एक बार फिर मारिया ने नीचे उतर कर फ्रिज खोला और उसमें से कुछ अंगूर और उठाए जो अलग रखे हुए थे। मारिया ने अंगूरों के गुच्छे को अपने हाथों से मसल कर उसका भी मलीदा बना दिया और फिर मलीदे को लोकाटी के लंड पर फेरने लगी। सारा मलीदा लोकाटी के लंड पर फेरने के बाद मारिया ने लोकाटी के लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे चाटने लगी। लंड मुंह में लेके उसको अच्छी तरह चाट कर साफ करने के बाद मारिया ने अपनी ज़ुबान निकालकर लंड के उस हिस्से से भी अंगूरों को चाट लिया जो हिस्सा मारिया के मुंह में नहीं जा सका था और कुछ ही देर के चौपों के बाद लोकाटी का लंड ऐसे साफ हो चुका था जैसे वहाँ उससे पहले कुछ था ही नहीं।
लोकाटी के लिए यह सब कुछ नया था, आज तक किसी ने उसके साथ इस तरह सेक्स नहीं किया था, उसको इस पूरे खेल में बहुत मज़ा आ रहा था मगर आश्चर्यजनक रूप से उसको अपनी आँखें बहुत भारी महसूस हो रही थी। और उसको नींद हावी हो रही थी मारिया को भी लोकाटी की आंखों से अनुमान हो गया था कि उस पर उनींदापन छा रहा है मगर उसका लंड अभी खड़ा था, मारिया ने मौके की गनीमत जाना और तुरंत ही अपने पैन्टी उतार कर अपनी चूत को लोकाटी के लंड पर रखा और धीरे धीरे अपना वजन लोकाटी के लंड पर डालते हुए पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया। अपने लंड पर गर्म चिकनी चूत की पकड़ महसूस कर लोकाटी की आंखें थोड़ी खुली और उसने कुछ धक्के मारिया की चूत मारने की कोशिश की, लेकिन फिर धीरे धीरे उसका लंड वापस बैठने लगा और लंड के बैठते ही लोकाटी भी नींद की घाटियों में खो चुका था। जब मारिया को विश्वास हो गया कि लोकाटी सो चुका है तो वह तुरन्त उठी और अपना ब्रा सही कर फिर से अपने मम्मे छुपा लिए और फिर अपनी पैन्टी भी पहन ली और फिर से अपने बाल और अपना हुलिया ठीक करने लगी। मारिया को यह चेक करने की जरूरत नहीं थी कि लोकाटी वाकई सो गया है या नहीं क्योंकि उसके लंड का बैठ जाना इस बात का सबूत था कि वह अब अपने होश में नहीं रहा।
मारिया ने दोपहर में मिलने वाली बेहोशी की दवा को प्लेट में मौजूद अंगूरों में अच्छी तरह छिड़क दिया था और केले के छिलके के बाद अपने हाथ पर लगाई गई दवा को केले पर भी लगा दिया था जिसके प्रभाव से लोकाटी गहरी नींद सो गया था, जबकि एक अंगूर का गुच्छा मारिया ने जानबूझकर अलग रखा था जो उसने लोकाटी के लंड पर मसल कर खुद चौपे लगा लगाकर खाया था। फिर से लिपस्टिक लगाने के बाद और फिर से तैयार होने के बाद मारिया अब अपने आप को एक और बड़ी चादर से ढक चुकी थी। तब उसने फिर से लोकाटी की ओर देखा और अपने कमरे से बाहर निकल गई
गलियारे से होती हुई मारिया कुछ ही देर बाद फैजल कमरे के बाहर मौजूद थी, हल्का सा दरवाजा ख़टखटाने के बाद अंदर से फैजल की कर्कश आवाज़ आई अबे कौन है, तब मारिया ने हल्की आवाज में फैजल को बताया कि वह मारिया है तो वह हड़बड़ा कर उठ बैठा। इसके भ्रम और गुमान भी नही था कि इस समय मारिया उसके कमरे में आ सकती है। उसने जल्दी-जल्दी अपनी कमीज पहनी और आँखें मलता हुआ कमरे के दरवाजे तक पहुंच गया।दरवाजा खोला तो अंदर चादर में लिपटी मारिया खड़ी थी जिसका चेहरा बहुत खिला खिला और लिपस्टिक लगी हुई थी तब भी। उसने हैरानगी दिखाते हुए पूछा जी बीबीजी क्या हुआ? मारिया उसके निकलते ही दूसरी तरफ चल पड़ी और उसे अपने पीछे आने को कहा,
फैजल किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसके पीछे पीछे चलने लगा।कुछ देर के बाद मारिया अब फग़ान के कमरे के सामने रुककर उसका दरवाजा खटखटा रही थी। मगर इस बार फग़ान की बजाय अंदर से उसकी बेगम की आवाज आई तो मारिया खुद पीछे होकर खड़ी हो गई और फैजल को कहा कि फग़ान को बाहर बुलाए फग़ान ने कर्कश स्वर में अपनी भाभी को कहा कि फग़ान को से जरूरी काम है उसे . अपने जेठ की आवाज सुनकर फग़ान की पत्नी ने फग़ान को उठा दिया।
फग़ान भी समय अपने बड़े भाई के आने पर हैरान था मगर उसने भी अपनी कमीज पहनी और दरवाजे तक आ गया। दरवाजे पर उसने भाई को देखा तो फैजल ने उसे बाहर आने को कहा फग़ान ने बाहर आकर दरवाजा बंद कर दिया और साथ खड़ी मारिया को देखकर हैरान हुआ मगर मारिया ने अपने होठों पर उंगली रख कर उसको चुप रहने का इशारा किया। और फग़ान के कक्ष से अब एक और कमरे की तरफ जाने लगी जिसका चयन उसने बड़ा सोच समझ कर किया था। इस कमरे में पहुंच कर और फग़ान और फैजल को कमरे में बुलाकर मारिया ने दरवाजा बंद कर दिया और कमरे के बीच में आकर खड़ी हो गई। वह अब कुछ गहरी गहरी साँसें ले रही थी, जो काम करने जा रही थी उस काम में उसकी जान को पूरा पूरा खतरा था, या तो उसे पूर्ण सफलता मिलने वाली थी या फिर उसे यहीं अपनी जान से हाथ धोने पड़ जाते। इसके अलावा और कोई तीसरा मामला नहीं था और इसी टेंशन में मारिया की सांसें तेज चल रही थीं मगर उसने कुछ देर ठहर करके अपनी सांसें बहाल कीं और फिर फैजल और फग़ान को संबोधित करते हुए बोली देखो इस समय मैं जो आप कहने जा रही हूँ वह बहुत ही महत्वपूर्ण है। और तुम्हें अपने कान और दिमाग खोल कर मेरी बात सुननी है। मारिया की बात सुनकर दोनों एकदम सीधे होकर खड़े हो गए
मारिया ने कहा कि जो बात मैं तुम्हें अब बताने जा रही हूँ, उस पर तुम दोनों के भविष्य निर्भर है। न केवल तुम्हारे बल्कि मेरा भी भविष्य निर्भर इसी बात पर है। इसलिए कोई भी फैसला करने से पहले अच्छी तरह सोच समझ लेना कि तुम जो निर्णय लेने जा रहे हो उस पर कायम भी रह सकोगे या नहीं, और बाद में कहीं तुम्हें अफसोस तो नहीं होगा। यह कह कर मारिया कुछ देर के लिए रुकी तो फैजल बोला जी बीबीजी आप बोलें में सुन रहा हूँ। अब मारिया झुंझला कर बोली मैंने तुम्हें मना किया है मुझे बीबीजी मत कहो मैं तुम्हारी बीबी जी नहीं हूँ। यह सुनकर फैजल ने आश्चर्य से मारिया को देखा और फग़ान भी न समझने की शैली में मारिया को देखने लगा।
फिर मारिया ने कुछ उन्हें देखा और बोली देखो, मेरी तुम्हारे बाबा साईं के साथ कोई शादी नहीं हुई और न ही होने वाली है। फैजल ने मारिया की बात काटते हुए बोला मगर वह तो। । । । । । मारिया ने भी फैजल की बात काटी और बोली पहले मेरी पूरी बात सुन लो। इतना तो तुम दोनों जानते ही होगे कि जल्द ही इस प्रांत को इंडिया से अलग किए जाने का प्लान लागू होने वाला है। मारिया के मुंह से यह बात सुनते ही दोनों के चेहरे पर एक रंग आया और एक गया, उनके विचार में उनके बाबा साईं इतने पागल नहीं थे कि वह किसी अंजान लड़की को यहां तक कि अपनी पत्नी को भी ऐसी बात बताएंगे। मगर उन्हें क्या पता था कि बुड्ढा आदमी जब टाइट चूत की मांग हो तो वह कुछ भी बता सकता है . मारिया ने उनकी हैरानगी को भांपते हुए कहा हैरान होने की जरूरत नहीं मुझे यह सब कुछ तुम्हारे बाबा ने नहीं बताया, बल्कि मैं पाकिस्तान सरकार की ओर से इस विशेष मिशन पर यहाँ आई हूँ। और इस मिशन में मेरी भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। और हाँ मेरा मूल नाम मारिया नहीं बल्कि अंजलि है। और पाकिस्तानी लड़की हूँ।
इस बार जब तुम्हारे बाबा पाकिस्तान आए तो हमारी सरकार ने विशेष रूप से मुझे तुम्हारे बाबा के पास रहने और फिर इंडिया मे तुम्हारे घर आकर तुम दोनों से मिलने का निर्देश दिया था। तुम जानते हो कि इस प्रांत की स्वतंत्रता के बाद निश्चित रूप से इस प्रांत का पाकिस्तान से संबद्ध होगा, इसी शर्त पर पाकिस्तान तुम लोगों की मदद कर रहा है। यह सुनकर फैजल ने हैरानगी दिखाते हुए मारिया को देखा, उसका विचार था कि यह छुई मुई सी लड़की को किसी तरह उसके पिता ने फंसा लिया है मगर उसको इस हद तक जानकारी है तो यह निश्चित रूप से कोई गुप्त एजेंट लड़की ही होगी। फैजल ने पूछा आपकी बात ठीक है कि जल्द ही बड़ा कदम उठाया जाएगा और कर्नल इरफ़ान भी कल तक इंडिया पहुंच जाएंगे और हम यहीं बैठकर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। मगर इस समय हमें यहाँ बुलाने का क्या उद्देश्य है
इस पर मारिया ने कहा यही तो असली बात है कि मैंने यूँ तुम दोनों अचानक यहाँ बुलाया है। तुम्हारे बाबा साईं की उम्र और उनका स्वास्थ्य तुम्हारे सामने है। वह अधिक दबाव सहन नहीं कर सकते और न ही किसी बड़ी भीड़ का नेतृत्व कर सकते हैं। और तुम यह जानते हो कि जो कुछ होने जा रहा है वह कोई छोटा कदम नहीं है, इसके लिए इंसान को बहुत अधिक दबाव सहन करने की हिम्मत होनी चाहिए और इस काम के बदले में जब भारतीय की सेना की ओर से हमला किया जाएगा तो घाटी में बहुत बड़ी भीड़ भी अपने अधिकारों के लिए इनकलेगी उसका नेतृत्व करना भी बहुत बड़ी समस्या है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि कोई बूढ़ा और बीमार आदमी इस आंदोलन का नेतृत्व करे। बल्कि उन्हें युवा खून की जरूरत है। जो न केवल मानसिक रूप से मज़बूत और स्वस्थ शरीर का मालिक हो और कठिन निर्णय कर सकें, बल्कि कठिन परिस्थितियों में वह अपनी जनता के साथ खड़े होकर उनका हौसला भी बुलंद कर सकें, और याद रखो जब नेता जनता के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो जाए तो दुनिया की कोई सेना उस जनता को हरा नहीं सकता।
मारिया की बातें कुछ कुछ फैजल और फग़ान की समझ में आ रही थीं। मगर यह सब कुछ मारिया के मुंह से ही सुनना चाहते थे कि क्या उन्हें कोई गलतफहमी न हो और कोई गलत बात मुँह से न निकल जाए। अब की बार फग़ान ने कहा यह बात तो आपकी ठीक है लेकिन हमें इस बात का विश्वास कैसे होगा कि आप पाकिस्तान सरकार से आई हो और आप भारतीय एजेंट नहीं हो ??? इस पर मारिया मुस्कुराई और बोली अगर मैं िबदियान एजेंट होती तो इसका मतलब है कि इंडिया को इस परियोजना के बारे में पता हो चुका है और अगर हमारे अंतिम वार से पहले किसी भी तरह इंडियन सरकार या सेना को इस आंदोलन के बारे में पता चल जाए तो तुम्हारे सहित तुम्हारा पूरा परिवार वह नष्ट कर देंगे। यह बात आप अच्छी तरह से जानते हैं। मारिया की बात में दम था और इस बात ने फैजल और फग़ान को सोचने पर मजबूर कर दिया था। फिर फैजल ने पूछा कि लेकिन आप हमसे क्या चाहती है?
मारिया ने फैजल की तरफ देखा और फिर कुछ देर फग़ान की आँखों में आँखें डाल कर देखती रही, फिर बोली तुम दोनों में से कौन है जो अपने आप को इस योग्य समझता है कि वह इंडियन सेना और सरकार के खिलाफ जनता के साथ खड़ा होकर उनका नेतृत्व कर सके ??? इस पर दोनों ने एक ज़ुबान में कहा, मैं ऐसा कर सकता हूं।दोनों की आवाज़ एक साथ ऐसे आई थी जैसे वह हां में एक दूसरे से आगे जाना चाहते हैं। फिर दोनों एक दूसरे देखने लगे तो मारिया ने कहा, हां मुझे पता है कि तुम दोनों इस लायक हो। मगर सोचने की बात यह है कि तुम दोनों में निपुण कौन है? इस बार फिर दोनों ने एक ज़ुबान होकर कहा आप आज़मा कर देख लें हर परीक्षा में पूरा उतरूँगा . वास्तव में उन दोनों के दिमाग में यह बात आ चुकी थी उनके पिता का खेल अब खत्म हो चुका है और पाकिस्तान सरकार इन दोनों में से किसी एक को घाटी की स्वतंत्रता के बाद यहाँ की सरकार देना चाहती है। मगर वह खुल कर उसको व्यक्त नहीं कर पा रहे थे
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