RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
उसकी गरजदार आवाज सुनकर फैजल की भी आंख खुल गई उसने अपनी आंखों से हाथ हटाया और तुरंत उठ कर बैठ गया, जब उसकी नज़र मारिया पर पड़ी तो वह एकदम बेड से उतर गया और बोला अरे बीबीजी आप ... यह कह कर वह खुद हाथ बांधकर सिर झुकाकर खड़ा हो गया जबकि इसी हालत में खड़े खड़े उसने अपनी पत्नी को संबोधित किया, ज़लीखा माफी मांग बीबीजी से अपनी गुस्ताखी की। तेरी हिम्मत कैसे हुई बीबी जी के सामने जोर से बात करने की, ज़लीखा अब आश्चर्य भरी नज़रों से कभी मारिया और कभी फैजल को देख रही थी, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि यह कौन औरत है जिसके सामने फैजल यूं सम्मान के साथ खड़ा है और उसकी क्लास लेने के बजाय उल्टा अपनी पत्नी को ही माफी मांगने का कह रहा है। इससे पहले कि ज़लीखा कुछ बोलती, मारिया खुद ही बोल पड़ी, अरे नहीं नहीं, माफी तो मुझे मांगनी चाहिए जो इस प्रकार बिना बताए कमरे में आ गई हूँ वह आगे बढ़ी और ज़लीखा को अपने गले से लगा कर उसके सिर पर हाथ रख दिया। मारिया अपनी इस हरकत पर खुद भी हैरान थी कि वह अपने से दोगुनी उम्र की महिला के सिर पर प्यार दे रही थी, शायद इस हवेली की परंपराओं का प्रभाव मारिया पर भी हो गया था और वह भी अपने आप को इस हवेली की मालकिन और लोकाटी के बाद सबसे सम्मानित व्यक्ति समझने लगी थी।
इस दौरान फैजल ने बेड पर पड़ी अपनी कमीज भी पहन ली थी मगर वह अब तक नजरें झुकाए खड़ा था उसने अब अपनी पत्नी ज़लीखा को भी बता दिया था कि यह कोई साधारण महिला नहीं बल्कि बाबा साईं की नई पत्नी हैं, यह सुनते ही ज़लीखा भी सम्मान में मारिया के सामने हाथ बांध कर खड़ी हो गई थी और उसने अपनी गुस्ताख़ी की माफी भी मांग ली थी मगर मारिया ने उसे बड़े प्यार से कहा अरे नहीं कोई बात नहीं। यह कह कर मारिया फैजल की तरफ गई और इसके साथ ही बेड पर बैठ गई तो फैजल साइड पर होकर खड़ा हो गया,
मारिया ने ज़लीखा को भी अपने पास बुला लिया और बातें करने लगी, जबकि फैजल को मारिया ने बता दिया था कि अब वह हवेली देखना चाहती है तो कृपया उसे हवेली दिखाए . फैजल ने शालीनता से जवाब दिया जी बाबा साईं मुझे यह आदेश देकर ही गए हैं। आप चिंता न करें आपको सारी हवेली दिखा दूंगा। फिर मारिया ने ज़लीखा से उसके बच्चों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी केवल एक ही बेटी है और उसकी उम्र 15 साल है और इस समय वह हवेली में मौजूद स्कूल गई हुई है, जहां विशेष रूप से शिक्षक आकर हवेली की लड़कियों को शिक्षा देते थे। फिर मारिया ने कुछ देर ज़लीखा से इधर उधर की बातें कीं और फिर फैजल को कहा कि चलो तुम मुझे हवेली दिखाओ अब। फैजल ने कहा चलें बीबीजी में आपको हवेली दिखाता हूँ। मारिया ज़लीखा से मिली और कमरे से निकल गई जबकि फैजल उसके पीछे पीछे चलने लगा। अलग रास्तों से होता हुआ फैजल उसी बड़े हाल में आ गया जहां कुछ देर पहले लोकाटी विधानसभा के सदस्यों से मिल रहा था।
फैजल ने मारिया को बताया कि यह हमारा अतिथि ग्रह है , जो भी अतिथि आते हैं वे इसी कमरे में बैठते हैं, जबकि इसके साथ ही एक महिलाओं का भी अतिथिग्रह हैं, महिलाएँ लोकाटी साहब से अलग कमरे में मिलती हैं। फैजल बार बार मारिया को बीबीजी कह कर बुला रहा था जो मारिया को अजीब लग रहा था, मारिया ने फैजल को अब की बार टोक दिया और कहा तुम मुझे बीबीजी नहीं कहोगे बल्कि मारिया कह कर ही बुलाओ, मेरा नाम मारिया है। यह सुनकर फैजल ने कहा नहीं बीबीजी ऐसा कैसे हो सकता है। मारिया ने कहा मैं कह रही हूँ न, तुम मेरा इतनी ही आदर करते हो तो मेरी बात भी मानो, मेरी अभी इतनी उम्र नहीं कि तुम मुझे बीबीजी कहो, बाकी लोगों के सामने तुम बेशक में मुझे बीबीजी कह लो मगर अकेले में मुझे मारिया कह कर ही बुलाओ करो .
अब फैजल ने झिझकते हुए कहा जी ठीक है मारिया जी .... मारिया हंसी और बोली, मारिया जी नहीं, सिर्फ मारिया ...... अब फैजल ने ने फिर कहा जी ठीक है ... मा मा ...... मा क्षार ...... मारी अबकी बार हंसी और फैजल का हाथ पकड़ कर बोली चलो मुझे बाकी हवेली भी दिखाओ, और मेरे साथ ऐसा न फिरो जैसे मैं तुम्हारी मालकिन हूँ, तुम और मैं समझो दोस्त हैं
अब की बार फैजल हकला कर बोला, नहीं मारिया ... ऐसा नहीं हो सकता आप हमारे बाबा साईं का सम्मान हो।तो मारिया ने कहा तो क्या हुआ ??? में कौन सा तुम्हें कह रही हूँ कि तुम मुझ पर बुरी नजर रखो, बस दोस्ती का ही तो कह रही हूँ, ताकि मैं अच्छे से इस हवेली को घूम कर देख सकूँ। अब मारिया ने फैजल की बात नहीं सुनी और उसके हाथ में हाथ डाल कर उसके साथ चलने लगी। फैजल भी चुपचाप ऐसे ही चलने लगा, मगर उसका शरीर कांप रहा था, शायद वह डरा हुआ था बहुत अधिक। मारिया ने यह महसूस किया तो उससे पूछा अरे तुम तो इस हवेली के वारिस हो, तुम क्यों डर रहे हो ???
फैजल अब डरते हुए बोला बारया बीबी आप बाबा साईं का सम्मान हो, अगर किसी ने आपको और मुझे इस तरह देख लिया तो आपकी भी गर्दन उतार दी जाएगी और मुझे भी जीवित नहीं छोड़ा जाएगा। यह सुनते ही मारिया फैजल से थोड़ा दूर हो गई। वह भी डर गई थी, और वैसे भी यह अंदाजा हो गया था कि यहां का माहौल कुछ ज्यादा ही अलग है
अब मारिया फैजल से कुछ दूरी रखे उसके साथ हवेली के विभिन्न हिस्से देख रही थी। यह बहुत बड़ी हवेली थी और पूरी हवेली देखते देखते मारिया को एक घंटा हो चुका था मगर अब तक हवेली खत्म नहीं हुई थी। , अब मारिया और फैजल हवेली की इमारत से बाहर विभिन्न उद्यान देख रहे थे कुछ में सिर्फ फूल दार पौधे थे तो कुछ में फलदार पेड़ भी थे। यहां मारिया फिर फैजल के करीब हो गई थी क्योंकि यहां दूर-दूर तक कोई बंदा नहीं था, मगर फैजल फिर भी घबरा रहा था और मारिया की निकटता से थोड़ा हिचकिचा रहा था। इस दौरान मारिया ने प्रसन्नता से उसकी पत्नी के बारे में बातचीत की और उसके बच्चों के बारे में भी पूछा कि आखिर ऐसा क्यों कि उसकी एक ही बेटी, ज़्यादा बच्चे क्यों नहीं? विशेष रूप से ऐसे बड़े लोगों को तो अपने उत्तराधिकारी की बहुत चिंता रहती है। तो फैजल ने उसको बताया कि ज़लीखा उसकी तीसरी पत्नी है। इससे पहले एक पत्नी से तो औलाद हुई ही नहीं और दूसरी पत्नी से 2 बार संतान हुई मगर वह दुर्भाग्य से एक महीने से अधिक जिंदा नहीं रह सके। फिर तीसरी शादी ज़लीखा से हुई तो उसकी एक बेटी हुई जिसका नाम जन्नत रखा गया और उसके बाद ज़लीखा 2 बार गर्भवती हुई मगर दोनों बार बच्चा पेट में ही बर्बाद हो गया। यह सुनकर मारिया को बहुत दुख हुआ और उसने फैजल को सांत्वना दी
उद्यान से निकलकर जब मारिया वापस हवेली की ओर जाने लगी तो वहाँ कुछ महिलाओं की भीड़ थी, दूर से ही महिलाओं को देखकर फैजल मारिया से कुछ दूर हो गया था और मारिया को भी सतर्क होने का कह दिया था।महिलाओं के पास पहुंचकर फैजल ने गरजदार आवाज़ में पूछा कि वह क्यों आई हैं यहाँ ??? तो उनके साथ खड़े एक व्यक्ति ने अपना सिर झुकाए हुए कहा फैजल साईं इस घोट की औरतें हैं, उनको पता लगा है कि वड्डे साईं जी की बीबी जी आई हैं तो यह उनका दर्शन करने के लिए आई हैं। उस व्यक्ति ने एक पल के लिए भी अपनी आंखें ऊपर नहीं उठाई . जबकि उसके साथ जो औरतें मौजूद थीं उन्होंने भी अपने सिर पर चादरें ओढ़ रखी थीं और घूँघट निकाल रखे थे। इस पर फैजल ने मारिया को देखा और पूछा कि क्या आप उनसे मिलना चाहती हैं ?? तो मारिया ने कहा, हां क्यों नहीं। तो फैजल ने महिलाओं को संबोधित कर कहा कि एक एक औरत आकर बीबीजी मिल ले और जल्दी जल्दी निकलें यहाँ से यह कह कर फैजल भी एक साइड पर जाकर खड़ा हो गया और दूसरे व्यक्ति से बातें करने लगा, जबकि वे औरतें लाइन बनाकर एक एक करके मारिया के पास आती, उसका हाथ पकड़ कर चूमती और उसको देखकर सदके वारी जातीं और उसकी खूबसूरती की प्रशंसा और बड़े साईं जी और बीबी की जोड़ी सही सलामत रहने की प्रार्थना देकर आगे निकल जातीं। जब 6, 7 औरतें ऐसे ही मिलकर गईं तो एक औरत कुछ अजीब ढंग से आगे बढ़ी और मारिया की ओर आते हुए उसने हल्की सी गर्दन घुमा कर फैजल और दूसरे व्यक्ति को देखा और फिर लाइन से हटकर कुछ इस तरह आगे बढ़ी कि उसकी पीठ अब फैजल की ओर थी आगे आते ही उसने अपना घूँघट हल्का सा ऊपर उठाया और मारिया का हाथ चूमने की बजाय अपनी कमीज के गले में हाथ डाल कर अपनी ब्रा से एक कागज का छोटा सा लिफाफा निकाल कर बोली समीरा अपना ख्याल रखना, यह जगह बहुत खतरनाक है। उस महिला के मुंह से अपना नाम सुनकर मारिया एकदम हैरान रह गई, यहां तो सब उसको मारिया के नाम से ही जानते थे तो आखिर यह कौन थी जो उसको समीरा कह कर बुला रही थी। उसने अब मारिया को अपना चेहरा दिखाया और बोली में मेजर मिनी हूँ, और मुझे मेजर राज ने विशेष रूप से तुम्हें संदेश देने के लिए भेजा है, कि उस स्त्री ने अपना हाथ मारिया की कमीज में डाल कर वह लिफाफा उसके ब्रा में फंसा दिया और उसके बाद फिर से अपना घूँघट गिराकर जल्दी जल्दी तेज तेज कदमों से बाहर जाने वाली महिलाओं के पीछे चलदी
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