RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
मारिया को देखते ही सभी पुरुषों ने अपनी नज़रें झुका लीं मगर उसके सम्मान में खड़े भी हो गए वे जानते थे कि जिस ओर से मारिया आई है वह लोकाटी कक्ष है, और उन तक यह बात पहुंच चुकी थी कि लोकाटी साहब ने एक जवान लड़की से शादी कर ली है। इसलिए वे समझ गए थे कि यह लोकाटी की नई नवेली दुल्हन है जो अनजाने में इस ओर निकल आई है। मारिया पर नज़र पड़ते ही लोकाटी ने क्रोध भरी दृष्टि से मारिया को देखा और बिना कुछ बोले सिर्फ हाथ के इशारे से मारिया को वापस जाने को कहा। मारिया समझ गई थी कि कुछ गड़बड़ है और लोकाटी की नजरें भी ऐसी थीं जैसे वह अभी मारिया को जान से मार देगा, इसलिए मारिया चुपचाप वापस आ गई। वे दोनों महिलाएं भी डरते डरते वापस मारिया के पास पहुंच गई। मारिया ने कमरे में जाकर उनसे पूछा कि यह कौन लोग थे तो उन्होंने काँपती आवाज के साथ मारिया को बताया कि वह प्रांतीय विधानसभा के सदस्य हैं और अपने-अपने क्षेत्रों के प्रधान भी हैं लोकाटी साहब पाकिस्तान से लौटे हैं वह उनका स्वागत करने के लिए मिलने आए हैं। फिर एक महिला ने काँपती हुई आवाज़ में कहा कि बीबी जी, अब हमारी खैर नहीं लोकाटी साहब तो हमें जान से ही मार देंगे। हमें बचा लो किसी तरह। मारिया ने हैरान होकर पूछा क्यों ऐसी क्या बात हुई कि वे तुम्हें मार देंगे ???
महिला ने कहा बीबीजी यहाँ पर्दे का बहुत सख्त प्रतिबंध है, और आप इस स्थिति में गैर मर्दों के सामने चली गईं साहिब जी इस अपमान को सहन नहीं कर सकते वे हमें इस बात पर ...... इससे पहले कि वह स्त्री बात पूरी करती एक विस्फोट से दरवाजा खुला और लोकाटी ने बेहद गुस्से में अंदर प्रवेश किया, अंदर आते ही उसने एक औरत को गर्दन से पकड़ लिया और उसको जोर से दीवार दे मारा। वह स्त्री लड़खड़ाती हुई दीवार से जा लगी और माँफी मांगने लगी, जबकि दूसरी औरत भी भयभीत लोकाटी के सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गई, फिर लोकाटी उस औरत को एक गंदा सी गाली दी और बोला तुझे पता नहीं हमारे रीति-रिवाजों का? ? ये तो नई है इसको रीति रिवाजों का पता नही तुम लोगों को तो पता है आप मेरी इज्जत को गैर मर्दों के सामने ला खड़ा किया तुम्हारे पूरे परिवार को आग लगा दूंगा। यह कह कर लोकाटी ने अपने एक बेटे को अंदर बुलाया जो शायद बाहर ही खड़ा था। फैजल अंदर दाखिल हुआ तो उसकी नजरें भी झुकी हुई थीं, वो भी शायद मारिया को अपने पिता की पत्नी और उसकी छोटी माँ ही समझ रहा था और इसी तरह सम्मान कर रहा था हालांकि वह खुद उम्र में मारिया से कम से कम भी 20 साल बड़ा था।
फैजल अंदर आया तो लोकाटी ने उसको आज्ञा दी कि इन दोनों महिलाओं के पुरुषों और बच्चों को बीच बाजार लटका कर आग लगा दी जाए। इन्होने हमारे सम्मान को गैर मर्दों के सामने ला खड़ा किया। यह आदेश सुनकर मारिया के पैरों तले जमीन निकल गई थी। इससे पहले कि फैजल लोकाटी को कोई जवाब देता, मारिया ने फैजल को गरजदार आवाज़ में कहा कि तुम अभी बाहर खड़े रहो फिर जब तुम्हारे बाबा बुलाएं तो अंदर आना। यह सुनकर लोकाटी ने मारिया को भी खा जाने वाली नजरों से देखा मगर मारिया ने उसकी नज़रों की परवाह किए बिना फैजल को फिर से बाहर जाने का इशारा किया तो इस बार वो आराम से बाहर चला गया। फिर मारिया ने उन दोनों महिलाओं को भी बाहर जाने के लिए कहा तो वह भी अपनी जान बचाकर बाहर चली गईं मगर लोकाटी अंदर खड़ा गुस्से से हान्फता रहा था और मारिया को खा जाने वाली नजरों से देख रहा था। जब सब लोग चले गए तो मारिया बड़ी नजाकत से चलती लोकाटी की तरफ गई और उसके कंधे पर सिर रख कर बोली सॉरी डार्लिंग, मेरी वजह से तुम्हें आज इतना गुस्सा आ गया, मगर विश्वास करो इसमें उन दोनों की कोई गलती नहीं वह तो मुझे रोक रही थीं मगर जब मेरी आँख खुली और तुम नहीं थे कमरे में तो मैं परेशान हो गई थी, और तुम्हें ढूंढ़ने के लिए बिना कुछ सोचे समझे बाहर आ गई। मेरा तुमसे वादा है कि आगे से ऐसा नहीं होगा, लेकिन आप प्लीज़ इन 2 महिलाओं को माफ कर दो, मैं नहीं चाहती कि यहां के लोग मुझसे नफरत करने लग जाएं। मैं जानती हूँ वो तुम्हारे सामने आंख तक नहीं उठा सकते मगर मेरे आते ही किसी की मेरी वजह से जान ली जाएगी तो लोग भी मुझसे नफरत करेंगे और मुझे खुद को भी अपने आप से नफरत होने लगेगी
एक बार, बस एक बार उन्हें माफ कर दो, फिर तुम्हें कभी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। अगर आपने उन्हें मेरी वजह से सजा दी, तो मैं समझूँगी कि मैं हूँ ही मनहूस। इतना कहना था कि लोकाटी का दिल पिघल गया। वो कहते हैं ना कि महिला में अगर नजाकत हो तो वह पुरुष से बड़े से बड़ा काम करवा लेती है, और यहाँ तो नजाकत के साथ हुश्न भी था और जवान शरीर भी, और फिर मर्द भी लोकाटी जैसा बूढ़ा जवान शरीर भूखा और ठरकी आदमी, मारिया की जरा सी एक्टिंग से उसका दिल पिघल गया जो कभी लोगों की गर्दनें काट कर भी नहीं पिघला था।लोकाटी ने कहा ठीक है जान, बस तुम्हारे कहने पर मैं आज उन्हें माफ कर रहा हूँ, लेकिन एक शर्त पर .... मारिया खुश होते हुए बोली मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है। इस पर लोकाटी ने कहा कि आज रात तुम मुझे मना नहीं करोगी, आज रात में अपनी जान को खूब जी भर मजे करूँगा .
मारिया थोड़ी शर्माने की एक्टिंग करते हुए बोली- आप भी न,,,,, ठीक है मुझे मंजूर है आपकी शर्त लेकिन उस पर मेरी भी एक शर्त होगी। लोकाटी ने खुश होते हुए कहा वह क्या ???
तो मारिया बोली आज रात सेक्स मेरी इच्छा के अनुसार होगा जैसे मैं कहूँगी वैसे ही आप करेंगे। लोकाटी चहकती हुई आवाज़ मे बोला मुझे मंजूर है। इस पर मारिया खुशी से लोकाटी से लिपट गई और अपने तने हुए मम्मों का स्पर्श लोकाटी के सीने पर महसूस करवाते हुए उसकी एक पप्पी ले कर बाहर का दरवाजा खोल दिया जहां फैजल सिर झुकाए खड़ा था और उसके पीछे दोनों महिलाएं भी थीं। मारिया बाहर निकलकर फैजल के पास गई जो दरवाजे से थोड़ा हट कर खड़ा था। मारिया ने फैजल को आवाज दी तो वह बोला जी बीबीजी,
मारिया उसके मुंह से अपने लिए जी बीबीजी सुनकर काफी हैरान हुई और फिर अपनी हँसी रोकते हुए बोली मुझे देखो। फैजल ने डरते डरते नजरें ऊपर की तो मारिया उसे गर्म नज़रों से देखने लगी। फैजल यह देखकर थोड़ा नर्वस हो गया और मारिया को बेचारगी की नज़रों से देखने लगा, क्योंकि फैजल के पास मारिया चाहे उसकी बेटियों के बराबर हो मगर रिश्ते में अब वह उसकी छोटी माँ थी और उनकी परंपराओं के अनुसार माँ का सम्मान इसी तरह होता था। मारिया ने फैजल को मुस्कुराते हुए देखा और थोड़ी धृष्टता से बोली मेरी लोकाटी जी से बात हो गई है, आप इन महिलाओं को कुछ नहीं कहोगे और न उनके घर वालों से बात करोगे। फैजल यह सुनकर हैरान होकर मारिया को देखने लगा क्योंकि आज तक लोकाटी ने कभी अपना फैसला नहीं बदला था। और आज पहली बार किसी को मारने का आदेश दिया लोकाटी ने तो उनको थोड़ी ही देर में माफ कर दिया। फैजल के लिए निश्चित रूप से यह आश्चर्यजनक बात थी मगर वह केवल जी बीबीजी ही कह सका। यह सुनते ही दोनों औरतें भागती हुई आई और मारिया के पांव में बैठ कर उसके पैर पकड़ कर अपने सिर उसके पांव में रखकर उसका धन्यवाद करने लगीं। ये मारिया के लिए काफी अप्रत्याशित था। वह एकदम पीछे हुई और नीचे बैठकर उन स्त्रियों को कंधे से पकड़ कर अपने साथ खड़ा किया और धीरे से बोली- अब तुम लोग जाओ, बाद में बात करते हैं तुम्हारे साहब मेरा इंतजार कर रहे हैं अंदर। यह सुनकर वह औरतें मारिया का धन्यवाद करती हुईं वहां से चली गईं जबकि फैजल वैसे ही खड़ा रहा
मारिया ने फैजल को देखा और बोली अब तुम्हारा भी वापस जाने का इरादा है या लोकाटी और मेरे साथ कमरे में ही रुकने का इरादा है। यह कह कर मारिया हंस पड़ी जबकि फैजल लज्जित होकर बिना कुछ कहे वापस चला गया और मारिया भी अंदर कमरे में चली गई जहां लोकाटी अपने कपड़े बदल चुका था। मारिया ने लोकाटी से पूछा कि कहां की तैयारी है तो उसने कहा काफी दिन बाद वापस आया हूँ तो अपने क्षेत्र का एक चक्कर लगाने जा रहा हूँ, तुम चिंता मत करो जल्दी वापस आ जाउन्गा . मारिया ने कहा लेकिन ऐसे तो मैं ऊब जाउन्गी अकेले। यह सुनकर लोकाटी ने कहा बोर क्यों होगी, तुम अपनी दोनों बहुओं मिलो उनसे गपशप लगाओ। यह सुनकर मारिया और भी हैरान हुई कि उसकी तो अभी शादी नहीं हुई तो उसकी बहू कहां से आ गई, लेकिन फिर वह समझ गई कि लोकाटी फैजल और फग़ान की पत्नियों की बात कर रहा है। यह कह कर लोकाटी कक्ष से जाने लगा तो मारिया ने कहा सुनो तो ..... लोकाटी मारिया की बात सुनकर रुक गया और बोला आप ऐसा करें फैजल को भी इधर ही छोड़ जाएं ताकि मुझे कोई काम हो तो मैं उसे कह सकूँ, और वह मुझे ये हवेली भी दिखा देंगे ... लोकाटी यह सुनकर हंसा और बोला, हाँ हाँ यह हवेली तुम अपनी ही समझो महारानी, मैं फैजल को कह देता हूँ वह उधर ही रुक जाएगा
यह कह कर लोकाटी कमरे से निकल गया और मारिया कुछ देर के बाद फिर से कमरे से बाहर निकली, इस बार कमरे के बाहर एक और औरत खड़ी थी जो मारिया के पीछे पीछे चलती जा रही थी। मारिया ने इससे फैजल के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह अपने कमरे में हैं इस समय। मारिया ने उसे कहा कि वह उसे फैजल के कमरे तक ले जाए। वह औरत मारिया के आगे चलने लगी और विभिन्न रास्तों से होती हुई वह फैजल के कमरे तक चली गई और कमरे के बाहर जा कर रुक गई। मारिया ने एक बार उसे फिर पूछा कि फैजल कक्ष यही है तो उसने हां में सिर हिलाया। मारिया ने दरवाज़े पर हल्का सा दबाव डाला तो वह आराम से खुलता चला गया और मारिया बिना हिचक अंदर चली गई। अंदर गई तो सामने एक बेड पड़ा था जिस पर फैजल लेटा हुआ सुस्ता रहा था, उसके शरीर पर एक सलवार थी और एक बनियान। कमीज उसने नहीं पहन रखी थी। जबकि उसके साथ ही कुर्सी पर शीशे के सामने एक अधेड़ उम्र की औरत थी जो शायद फैजल की पत्नी थी, उसने शीशे में मारिया को यूं कमरे में आते देखा तो एकदम खड़ी हो गई और गुस्से से बोली कौन हो तुम और तुम्हारी मजाल कैसे हुई हमारे कमरे में आने की ???
|