RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
राफिया कुछ देर तक अपने पापा के साथ बैठ कर बातें करती रही, कर्नल इरफ़ान को राफिया की बातों से पता चल गया था कि वह इमरान को बहुत चाहने लग गई है, और उसे अपनाना चाहती है, राफिया ने खुद भी कर्नल को बताया कि वह बहुत होनहार युवा है, उसको बस आपकी मदद की जरूरत है, आप उसे सेना में भर्ती करवा लें और अपने साथ रखें, वह बहुत आगे जाएगा, खासकर कंप्यूटर में वह बहुत माहिर है ... इससे पहले कि राफिया कर्नल को लैपटॉप का पासवर्ड तोड़ने की खबर सुनाती उसको इमरान की कही हुई बात याद आ गई कि यह बात कर्नल इरफ़ान को ना बताए, वो खुद ही अपना कौशल दिखा देंगे अन्यथा कर्नल इरफ़ान गुस्से में उसे सजा भी दिलवा सकता है। यही सोचकर राफिया चुप हो गई और इससे आगे कुछ नही बोली कि वह कंप्यूटर क्षेत्र में बहुत माहिर है। कर्नल ने राफिया से कप्तान फ़ैयाज़ के बारे में भी पूछा तो राफिया ने उसके बारे मे अन्भिग्यता जाहिर की और कहा कि उससे बस कल रात ही बात हुई थी उसके बाद से उसका कोई अता-पता नहीं
कर्नल इरफ़ान समझ गया कि कैप्टन फ़ैयाज़ ने मेजर राज को पकड़ने की कोशिश की होगी और मेजर ने उसको ठिकाने लगा दिया होगा। मगर इस दौरान समीरा का उल्लेख कहीं नहीं आया, उसको समीरा का सौभाग्य ही समझ लीजिये कि राफिया ने कहीं भी अंजलि का उल्लेख नहीं किया और न ही कर्नल इरफ़ान के मन में यह बात आई कि वह मेजर राज की साथी समीरा के बारे में कुछ पूछे, उसके मन में अब सिर्फ यही बात थी कि उसकी बेटी सही सलामत है उसके लिए यही काफी है। बातों बातों में कर्नल इरफ़ान ने राफिया को बताया कि इमरान की वापसी अब 2 दिन तक तो नहीं होगी, तो चलो तुम मेरे साथ वापस लाहौर, जिस पर राफिया राजी हो गई मगर अपने पापा से फोन लेकर अपने नंबर पर फोन करने लगी क्योंकि उसका फोन मेजर राज के पास था। लेकिन नंबर ऑफ जा रहा था, राफिया ने 2, 3 बार कोशिश की मगर नंबर नहीं मिला तो उसने निराश होकर फोन वापस अपने पापा को दे दिया, और कुछ ही देर के बाद दोनों बाप बेटी वापस लाहौर रवाना हो रहे थे।
कर्नल इरफ़ान के मन में एक तरह से मेजर राज के लिए गुस्सा नरम हो गया था कि उसने राफिया को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और कोई तकलीफ नहीं दी। यह तो वह नहीं जानता था कि मेजर राज ने उसकी बेटी की चूत और गाण्ड का क्या हश्र किया था मगर चूत और गाण्ड के अलावा मेजर राज ने किसी भी तरह से राफिया को चोट नहीं दी। इसीलिए कर्नल के मन में अब मेजर राज को पकड़ने का विचार नहीं था बल्कि वह अपने ही मिशन पर विचार कर रहा था कि उसे आगे क्या करना है। अगली सुबह कर्नल इरफ़ान और राफिया वापस अपने घर में मौजूद थे। वापस घर पहुंचकर कर्नल इरफ़ान कुछ देर सुस्ताने के लिए लेट गया था क्योंकि काफी दिनों से उसकी नींद पूरी नहीं हुई थी, मेजर राज को पकड़ने के चक्कर में वह दिन-रात एक कर बैठा था मगर अंत में पता लगा कि मेजर राज उसकी बेटी बैंड बजाता रहा है और उसकी बेटी की टाइट चूत और गाण्ड के मजे लेता रहा और कर्नल इरफ़ान उसे पागलों की तरह ढूंढ ढूंढ कर अपनी गाण्ड में दर्द करवा बैठा था।
दोपहर को जब कर्नल इरफ़ान सो कर उठा तो अब उसका मन काफी फ्रेश था और अब फिर से वो मेजर राज के बारे में सोचने लगा। उसने अपने घर को भी अच्छी तरह से चेक किया खासकर राफिया का कक्ष वो राफिया की ज़ुबानी जान चुका था इमरान ने एक रात उसी के कमरे में बताई थी। बहुत बारीकी से तलाशी लेने के बावजूद भी कर्नल इरफ़ान को कोई खास चीज नहीं मिली जिससे मेजर राज के बारे में कुछ पता लग सके कि उसका आगे का प्लान क्या होगा। अब कर्नल इरफ़ान मेजर राज के बारे में काफी गुस्से में था, रात जो नर्मी उसके दिल में पैदा हुई थी वह अब खत्म हो गई थी, अब उसे इस का एहसास नहीं था कि मेजर राज ने उसकी बेटी को कोई चोट नहीं दी थी अब अगर उसके मन में कुछ था तो वह यह कि मेजर राज ने एक मामूली मेजर होने के बावजूद कर्नल इरफ़ान जैसे वरिष्ठ अधिकारी की रातों की नींद हराम कर दी और उसकी बेटी के बारे में गलत बयानी करके उसे चोट पहुंचाई। अब फिर से वो मेजर राज के खून का प्यासा हो गया था। लेकिन अब की बार कर्नल इरफ़ान ने जो सोचा था वह खतरनाक था। अब कर्नल इरफ़ान मेजर राज को ढूंढने की बजाय वापस इंडिया जाकर अपने मिशन को निचले भाग पूरा तक पहुंचाने की ठान चुका था, यही एक तरीका था मेजर राज से अपने अपमान का बदला लेने का। उसका देश दो हिस्सों में बँटे इससे बेहतर बदला हो ही नहीं सकता था।
यह सोच कर कर्नल इरफ़ान ने अपनी तैयारी की, अपनी टीम को अपने अगले प्लान के बारे में आगाह किया, राफिया की सुरक्षा की विशेष व्यवस्था करने के लिए घर पर सभी सुरक्षा गार्ड को चेंज कर दिया गया ताकि अगर उनमें कोई मेजर राज का जासूस ना हो तो नए सुरक्षा गार्डस को घर पर तैनात किया गया, उसके साथ बहुत उच्च प्रशिक्षित लड़ाकू सैनिकों को पूरी कॉलोनी में फैला दिया गया जो आने वाले किसी भी खतरे से निपटने की क्षमता रखते थे ताकि अगर मेजर राज या उसका कोई साथी राफिया को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करे तो ये लड़ाकू युवा उसका सफाया कर सकें। उसके साथ साथ कर्नल इरफ़ान ने अपनी एक विशेष टीम को मुर्री से लाहौर जाने वाले रास्ते पर मेजर राज की खोज के लिए भेज दिया , जहां तक राफिया के मोबाइल के माध्यम से मेजर राज का पता लग सकता था लगाया गया, लेकिन जहां मेजर राज ने मोबाइल बंद किया उसके आगे वह कहाँ गया, इस बात का किसी को कोई पता नहीं था। कर्नल इरफ़ान ने लाहौर में भी विरोधी टेरीरीस्ट टीमों को चौकन्ना कर दिया था ताकि अगर मेजर राज लाहौर में कोई आतंकवादी कार्यवाही करना चाहे तो उसे मुंह की खानी पड़े
यह सभी कदम उठाने के साथ साथ कर्नल इरफ़ान ने अपनी टीम को इंडिया जाने की तैयारी करने के आदेश भी दे दिए थे। लेकिन अब की बार वह समुद्री रास्ते की बजाय जमीनी रास्ते से जाने की तैयारी में था, ताकि जल्द से जल्द इंडिया जाकर वह बड़ा काम कर सके जिसकी हल्की सी भनक समीरा को पड़ चुकी थी और वह उसके बारे में मेजर राज को भी सूचित कर चुकी थी। कर्नल इरफ़ान ने राफिया को भी अपने इस फैसले से अवगत करा दिया था कि वह इंडिया जा रहा है और उसके जाने के बाद राफिया अपना विशेष ध्यान रखे। पाकिस्तान में सभी जरूरी काम निपटाने के बाद अगले दिन कर्नल इरफ़ान अपने कुछ साथियों के साथ सिख श्रद्धालुओं को लाने वाली ट्रेन से इंडिया की ओर रवाना हो गया था जबकि राफिया जो अब तक नहीं जानती थी कि उसका नया प्रेमी इमरान वास्तव में उसके पापा को तिगनी का नाच नचा रहा है और वही मेजर राज है, जिसका वो इंतजार कर रही थी और बार बार अपने नंबर पर कॉल कर रही थी जो लगातार ऑफ जा रहा था। पाकिस्तान की सीक्रेट सर्विस भी पिछले 24 घंटे से मेजर राज को खोजने की कोशिश कर रही थीं मगर अब तक उन्हें कोई पर्याप्त सफलता नहीं मिली थी
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मेजर राज ने जब कर्नल इरफ़ान से फोन पर बात कर ली तो वह वापस कमरे में आया जहां समीरा यानी अंजलि और राफिया दोनों अब तक बिना कपड़ों के ही बेड पर लेटी हुई थीं। इमरान ने पहले अलमारी से अपना एक ट्राउजर निकालकर पहना और फिर ऊपर से शर्ट पहनने के बाद आगे बढ़कर राफिया को प्यार किया और बोला तुम चिंता मत करो मैं जल्द ही वापस आ जाउन्गा उसके बाद वह अंजलि की तरफ बढ़ा और उसके होंठों को चूस कर उसकी प्रशंसा की कि तुम्हें चोदने में बहुत मज़ा आया, अगली बार अगर वो कभी मिले तो तुम्हारी चूत के साथ साथ तुम्हारी गाण्ड की भी चुदाई करूंगा। यह सुनकर अंजलि मुस्कुराई और बोली नहीं मैं कभी गाण्ड नहीं मरवाउन्गी और जो आपने आज राफिया की गाण्ड का हश्र किया है वह देखकर तो मैं कभी भी गाण्ड नहीं मरवाउन्गी, लेकिन तुम्हारा लंड बहुत तगड़ा है तुम बस मेरे उन रिश्तेदारों की मदद कर दो, मैं खुद तुम से एक बार और निश्चित रूप चुदवाउन्गी यह सुनकर इमरान ने एक बार फिर अंजलि के होंठों को चूसा और बाहर निकल गया।
इमरान के जाने के बाद अंजलि कुछ देर राफिया के साथ ही बेड पर लेटी रही, फिर उसने राफिया को देखा और बोली- अब मुझे चलना चाहिए। लोकाटी मेरा इंतज़ार कर रहा होगा। राफिया जो अपनी चूत और गांड से बेहद परेशान थी उसने भी कहा, हां ठीक है तुम जाओ में इमरान का वेट करूंगी इधर ही। अब अंजलि ने राफिया को कहा कि वह तो यहाँ ब्रा और पैन्टी पहन कर ही आई थी और उन्हें भी बाथरूम में उतार दिया, अब साफ नहीं हैं वह।अगर तुम्हें बुरा न लगे तो मुझे अपनी कोई शर्ट और पैंट देदो जो पहन कर यहाँ से जा सकूँ। यह सुनकर राफिया ने अलमारी की ओर इशारा किया और बोली यहाँ देख लो जो तुम्हें फिट आता हो पहन लो . अंजलि ने अलमारी खोली और वहां से एक ढीली शर्ट उठाकर पहन ली। यह सफेद रंग की शर्ट थी और उसके साथ ही एक शॉर्ट निक्कर जो काले रंग का था वह भी पहन लिया। शर्ट के नीचे अंजलि ने ब्रा नहीं पहना था जिसकी वजह से उसके निपल्स का तनाव नजर आ रहा था मगर उसे इस बात की चिंता नहीं थी। कपड़े पहनने के बाद अंजलि राफिया को मिली और एक अच्छा बाय किस कर कमरे से निकल गई
कमरे से निकल कर अंजलि सीधे अपने होटल गई जहां कल रात वह लोकाटी के लंड पर सवारी करती रही थी। होटल पहुँच कर उसने एक बार वही अलमारी खोलकर देखा जिसमें मेजर राज ने कैप्टन फ़ैयाज़ को बांध कर बंद कर दिया था, कप्तान फ़ैयाज़ अब तक बेहोशी की हालत में था, समीरा को लगा कि कहीं वह मर न गया हो, इस ने पल्स चेक की तो वह चल रही थी। यानी कैप्टन केवल बेहोश था मरा नहीं था। उसकी तसल्ली कर समीरा ने फिर से अलमारी को बंद कर दिया और अपने आवश्यक कपड़े निकाल कर अपना बैग तैयार किया। बैग तैयार करने के बाद अंजलि ने फ्रिज से कुछ फल निकाल कर खाए और जूस पिया। मेजर राज से धुँआधार चुदाई करवाने के बाद समीरा थोड़ी थकावट महसूस हो रही थी और उसका शरीर भूख की वजह से हल्का हल्का कांप रहा था। मगर फ्रूट खाने से समीरा को काफी सुधार महसूस हो रहा था और रस पीने से भी समीरा अब काफी बेहतर महसूस कर रही थी। मगर उसके शरीर पर अब तक राफिया की ही शर्ट थी जो उसको काफी फिट आई थी और इसमें न केवल समीरा के मम्मे बहुत टाइट और बड़े दिख रहे थे बल्कि उसके निप्पल भी तने हुए थे और शर्ट के ऊपर से दिख रहे थे। अब समीरा ने अपनी एक छोटी शाल निकाली और अपने कंधों पर डाल आगे से अपना तना हुआ सीना उस शाल से ढक लिया और फिर अपना सामान उठाकर लोकाटी कमरे में चली गई जो उसके कमरे के साथ ही था। लोकाटी के कमरे के बाहर 2 गार्ड खड़े थे, यह वही गार्ड थे जिन्हें कल रात कैप्टन फ़ैयाज़ ने ठुकाई कर बेहोश कर दिया था, मगर उनके गार्ड ने लोकाटी को इस घटना के बारे में कुछ नहीं बताया था क्योंकि इस तरह उनकी नौकरी जा सकती थी।न ही लोकाटी को इस बारे में कुछ पता था क्योंकि सुबह जब वह सो कर उठा तब तक उसके गार्ड फिर से चाक चौबंद कमरे के बाहर खड़े थे।
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