RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
अंजलि ने जब देखा कि लोकाटी का जाम खत्म हो गया है तो वह अपनी जगह से उठी और उसके हाथ से जाम पकड़ कर फिर से फ्रिज के पास गई, वहां जाकर एक जाम और बनाया, इसमें आइस क्यूब्स डाले और फिर से लोकाटी के सामने आकर उसको जाम पेश किया। इस दौरान अंजलि फिर झुकी और पहले की तरह फिर से उसके मम्मे नाजुक नाइटी से निकलने की जिद करने लगे, फिर भी काफी मम्मे बाहर निकल आये थे जिन पर लोकाटी की नजरें गढ़ चुकी थीं मगर अंजलि के निपल्स अभी ब्रा के अंदर ही थे जिन्हें देखने के लिए लोकाटी बेताब हो रहा था। लोकाटी ने अंजलि के हाथ से जाम पकड़ा तो अंजलि फिर से सीधी हुई और फिर से अपने दोनों हाथ अपने मम्मों पर रख कर उन्हें हल्का सा दबाया ताकि मम्मे फिर ब्रा के अंदर जा सकें। इस दौरान लोकाटी ने एक पल के लिए भी अपनी नज़रें अंजलि के इन सुंदर मम्मों से नहीं हटने दी थीं। अंजलि ने भी एक शर्मीली सी मुस्कान के साथ लोकाटी को देखा और बोली मैने जो नाइट ड्रेस पहन रखा है ना तो ढीली होने के कारण ब्रेस्ट बाहर निकलते हैं। अंजलि के मुँह से इतनी बोल्ड बात सुनकर तो लोकाटी के लंड ने पूरी तरह अपना सिर उठा लिया जिसको अंजलि ने भी देख लिया था। फिर अंजलि वापस अपनी सीट पर जाने लगी मगर फिर रुक गई और बोली आप माइंड न करें तो यहीं बैठ जाऊं ???
अंधा क्या मांगे दो आँखें। लोकाटी तुरंत सीधा हो गया और अंजलि को अपने साथ बैठने के लिए आमंत्रित किया। अंजलि बड़े ही नाजुक तरीके से लोकाटी की राइट साइड पर बैठ गई। अंजलि ने अपनी एक टांग उठा कर सोफे पर मोड़ कर रख ली जबकि दूसरे पैर को नीचे ही किए रही, पैर फ़ोल्ड करने पर अब अंजलि के बाएं पैर का कुछ हिस्सा लोकाटी के दाहिने पैर और थाई के ऊपर था। लोकाटी को भी अब अंदाजा लगा चुका था कि अंजलि एक चालू लड़की है जिस पर चांस मारने में कोई हर्ज नहीं, इसीलिए उसने तुरंत अपना जाम बाएं हाथ में पकड़ लिया और अपना दायाँ हाथ हौले से अंजलि के पैर पर रख दिया। जैसे ही नरम और मुलायम मखमली पैर पर हाथ रखा तो लोकाटी के पूरे बदन में जैसे करंट दौड़ गया। इतनी मुलायम बालों से मुक्त और गर्म थाई पर हाथ रखते ही लोकाटी जैसे मीचोर आदमी को मालूम हो गया था कि अंजलि में बहुत गर्मी है जिसको कुछ ही देर में लोकाटी का लंड निकालने की कोशिश करेगा।
अंजलि ने भी अपना एक हाथ लोकाटी के कंधे पर रख दिया और बोली लेकिन मैंने सुना है कि आपके राज्य में अलगाववादी आंदोलन भी चल रहे हैं। लोकाटी ने कनखियों से अंजलि को देखा और बोलालगता है आपको राज नीति में काफी इंटरेस्ट है। अंजलि मुस्कुराई और बोली यह तो कोई खास बात नहीं, रोज समाचार बुलेटिन में इंडिया में होने वाले अलगाववादी आंदोलनों के बारे में बताया जाता है। और इसमें सबसे ज़्यादा आपके ही प्रांत का नाम ही लिया जाता है। बल्कि मैंने तो यहां तक सुना है कि वहां के लोग पाकिस्तान के साथ मिलना चाहते हैं ??
अब की बार लोकाटी ने एक सीरियस मूड बनाते हुए कहा कि हां तुम ठीक कह रही हो, जब हमारी सरकार हमारे साथ अन्याय करेगी और हमारे अधिकार हमें नहीं देगी तो हमारे लोग अपने अधिकार लेने के लिए विरोध तो करेंगे ही। यही कारण है कि वह पाकिस्तान के साथ मिलना चाहते हैं। लोकाटी की बात पूरी होने पर अंजलि ने पूछा मगर आप तो वहां के मुख्यमंत्री हैं, आप क्यों नहीं हल करते लोगों के मुद्दों।को बल्कि मैंने तो सुना है कि आप खुद भी पाकिस्तान के साथ मिलना चाहते हैं और वहां होने वाले अलगाववादी आंदोलनों को हवा देने में भी आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है। यह कहते हुए अंजलि के होंठों पर एक मुस्कान थी।
लोकाटी कुछ देर ठहरा और अंजलि की आँखों में आँखें डाले देखता रहा, फिर बोला ये बात तो किसी समाचार बुलेटिन में नहीं बताई गई . इस पर अंजलि ने एक हल्का सा ठहाका लगाया और बोली राफिया एक समाचार बुलेटिन से कम है क्या? कल हम दोनों चाचा इरफ़ान की कुछ तस्वीरें देख रहे थे तो इसमें आपकी फोटो भी आई और मैंने जब राफिया से आपके बारे में पूछा तो उसने मुझे विस्तार से ये बातें बताई थीं। बल्कि उसका कहना तो ये था कि आपका यहाँ आने का उद्देश्य यह है कि आप अपने लोगों के अधिकारों के लिए हमारी सरकार से बातचीत कर सकें और उनके मुद्दों का समाधान करने के लिए पाकिस्तान सरकार आपकी मदद करे।
लोकाटी ने अब की बार मुस्कुराते हुए कहा कि अपने लोगों के अधिकारों की बात करना गलत है क्या ???
इस पर अंजलि बोली, अरे नहीं मैं ऐसा कब कहा। बल्कि मैं तो आपसे प्रभावित हुई हूँ कि अपने लोगों को अधिकार दिलाने के लिए अपने देश के भ्रष्ट शासकों के सामने खड़े है, इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। एक मुख्यमंत्री को यही करना चाहिए कि अपने लोगों के अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाए . आप अपने लोगों को उनके अधिकार नहीं दिलवा सकते तो आपको कोई अधिकार नहीं आप उस प्रांत पर शासन करें। अब लोकाटी थोड़ा सामान्य हुआ, कुछ हल्का हल्का शराब का नशा भी शुरू हो गया था, दूसरा जाम भी वो खाली कर चुका था। वह अब अंजलि को देखते हुए बोला, हां यह बात सही है कि मैं इन आंदोलनों का समर्थन करता हूँ। और मेरी पूरी कोशिश होगी कि मेरे प्रांत को इंडिया से अलग कर एक स्वतंत्र राष्ट्र बना सकूँ, या फिर कम से कम पाकिस्तान के साथ विलय की घोषणा कर सकूं। और इस प्रयास में काफी हद तक सफल भी हो चुका हूँ। मेरी जनता मेरे साथ है, बस इंडिया की आर्मी मेरे रास्ते का पत्थर है। अगर पाकिस्तान सरकार और सेना मिलकर भारत की सेना को आतंकवाद और तालिबान के खिलाफ उलझाए रखे और भारत की सेना का ध्यान मेरे प्रांत से हट जाए तो किसी भी समय यह घोषणा कर सकता हूं और तब तुरंत पाकिस्तान सरकार मदद के लिए अपने सुरक्षा बलों को कश्मीर में प्रवेश कर देगी तो भारत असहाय होगा वह हमारे खिलाफ कुछ नहीं कर सकेगा। और इस काम में अमेरिका और इजरायल भी हमारे साथ हैं, जैसे ही मैं घोषणा करूंगा, पहले इसराइल और फिर अमेरिका हमारी स्वतंत्र स्थिति की पहचान कर विश्व स्तर पर हमारी स्वतंत्रता को वैधता दे देंगे
लोकाटी की ये बातें सुनकर अंजलि अंदर ही अंदर उसकी माँ बहन एक कर रही थी मगर चेहरे पर मुस्कान सजाए उसने लोकाटी की सराहना की और कहा कि यह तो बहुत अच्छी बात है। अगर ऐसा हो जाता है तो इतिहास में आपको हमेशा याद रखा जाएगा, गांधी जी और जिन्ना के साथ आपका नाम भी होगा कि आपने भी अपने लोगों पर होने वाले उत्पीड़न के खिलाफ अकेले ही आवाज उठाई और उन्हें उनके अधिकार दिलवाने के लिए अपनी जान तक को जोखिम में डाल दिया।
अंजलि की यह बात सुनकर लोकाटी मुस्कुराया और बोला अजी हमारी जान तो इस समय आपके कदमों में हैं। यह सुनकर अंजलि मुस्कुराई और अपनी जगह से उठकर फिर से लोकाटी के हाथ का खाली जाम पकड़ा और एक नया जाम बना कर ले आई, लेकिन इस बार उसने लोकाटी के आगे अपना खाली हाथ बढ़ाया और बोली- आइए जरा बाहर चलते हैं टेरेंस पर । लोकाटी ने तुरंत अंजलि का बढ़ा हुआ हाथ थामा और अपनी जगह से खड़ा हो गया, अंजलि अब लोकाटी को लेकर टेरेंस पर चली गई। यह छोटा सा एक टेरेंस था और यहाँ से मुर्री के बीच का दृश्य बहुत स्पष्ट नजर आता था मगर रात होने के कारण बाहर पूरी तरह अंधेरा था, बीच खाली था और पानी की सफेद लहरें सफेद सफेद दिखाई दे रही थीं। समुद्र स्तर से ऊपर आकाश में आधा चांद भी बहुत सुंदर लग रहा था और टेरेंस पर भी महज चंद्रमा का ही प्रकाश था। हवा में हल्की हल्की नमी थी और किसी भी युवा जोड़े के लिए ऐसे टेरेंस पर एक साथ समय बिताना एक बहुत ही एक्साईटड बात हो सकता है। मगर इस समय यहाँ कोई युवा जोड़ा नहीं था। दोनों में 2 पीढ़ियों का अंतर था। एक तरफ 20 वर्षीय छुई मुई सी सुंदर अंजलि तो दूसरी ओर उसके दादा की उम्र का एक 70 वर्षीय बुढ्ढा जिसको उस समय जवान होने का शौक चढ़ा जा रहा था।
टेरेंस पर पहुंचकर अंजलि ने अपने हाथ से एक जाम लोकाटी को पिलाया जो एक बच्चे की तरह अंजलि के हाथों से जाम पीने लगा। कुछ तो उसको पहले चढ़ चुकी थी कुछ अंजलि के सेक्सी बदन ने उस पर नशा कर दिया था और अब फिर से एक जाम एक ही सांस में अंजलि के हाथों से पीकर लोकाटी पूरी तरह टन हो चुका था।जाम समाप्त होने के बाद अंजलि ने खाली गिलास एक साइड पर रख दिया और खुद टेरेंस के बाहर वाली साइड पर मौजूद जंगले पर हाथ रखकर झुक कर खड़ी हो गई। झुककर खड़ी होने से अंजलि की नेट की नाइट थोड़ी टाइट हो गई और उसके चूतड़ों के आसपास जाली थोड़ी खुल गई। अंजलि के 32 आकार के चूतड़ जब झुकने की वजह से बाहर निकले तो चूतड़ों का उभार उसकी टांगों के ऊपर अलग ही नजर आ रहा था . अंजलि ने हाई पेंसिल एड़ी की सेंडल पहन रखी थी जिसकी वजह से वह और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी। लोकाटी भी अंजलि के साथ आकर खड़ा हो गया और अपना चेहरा अंजलि की ओर कर लिया। फिर अंजलि के मम्मे उसकी नाइटी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे और लोकाटी अपनी नज़रें उन पर जमाए हुए था .
अंजलि समझ गई थी कि अब लोकाटी बहुत गर्म हो चुका है और अब उसे ज्यादा देर तक रोका नहीं जा सकता। मगर फिर भी अंजलि ने थोड़ा और तूल देने के लिए लोकाटी से उसकी फैमिली के बारे में पूछा तो लोकाटी ने बताया कि उसकी एक बेटी है जो लगभग 30 साल की है। इसके अलावा 2 बेटे हैं जो लंदन में रहते हैं। अंजलि ने लोकाटी से उसकी पत्नी के बारे में पूछा तो लोकाटी ने ठंडी आह भर कर कहा उसको गुज़रे 25 बरस हो चले हैं। इस पर अंजलि ने अफसोस करने की बजाय मुस्कुरा कर लोकाटी को देखा और बोली फिर आप गुजारा कैसे करते हैं ??? अंजलि की द्वइर्थी मुस्कान देखकर लोकाटी के चेहरे पर भी एक शातिर मुस्कान आई और बोला दुनिया हसीन लड़कियों से भरी पड़ी है। और जहां धन की चमक हो वहाँ हर कोई मेरे बिस्तर को गर्म करने के लिए तैयार रहती है। यह कहते हुए उसने अपना हाथ समीरा के कंधे पर रख दिया और हौले हौले उस पर हाथ फेर कर अंजलि के मखमली शरीर का स्पर्श महसूस करने लगा। अंजलि ने भी इसको रोका नहीं और उसको तुरंत जवाब दिया, और कहा , मगर मैं उन लड़कियों में से हरगिज़ नहीं जिसे किसी का धन प्रभावित कर दे। मेरे पापा के पास इतना पैसा है कि वो किसी भी बड़े से बड़े राज नेता को खरीद सकते हैं। अगर इस समय आप के साथ हूँ तो बस आपके प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण और आपका अपने लोगों के दर्द को महसूस करना मुझे प्रभावित कर गया
अंजलि की इस बात के दौरान लोकाटी का हाथ अंजलि के कंधे से होते हुए उसकी कमर तक पहुँच चुका था।अंजलि की स्ट्रेची बल खाती कमर ने हल्की सी अंगड़ाई ली मगर उसने इस बात का बुरा नहीं माना, जिसका नतीजा यह हुआ कि अब अकबर लोकाटी अंजलि के बिल्कुल साथ जुड़कर खड़ा हो चुका था और वह भी अंजलि की तरह अपना एक हाथ जंगले पर टिकाए झुक गया था मगर उसका दाहिना हाथ अब अंजलि के चूतड़ों तक पहुँच चुका था जिस पर अंजलि ने नशीली आँखों से लोकाटी को देखा जिसकी आँखे से भरी पड़ी थीं, अंजलि ने कहा लोकाटी साहब आप तो बहुत रोमांटिक हो रहे हैं। लोकाटी जिसका हाथ अब अंजलि के चूतड़ों को छू रहा था उसके बाँये नितंब हल्का सा दबा कर बोला इतनी सुन्दर और जवान हसीना साथ हो और पुरुष रोमांटिक न हो तो लानत है ऐसी मर्दानगी पर। यह सुनकर अंजलि ने एक जोरदार ठहाका लगाया और सीधी होकर खड़ी हो गई। क़हक़हा लगाते हुए वो थोड़ा पीछे हुई और फिर वापस सीधी खड़ी होकर लोकाटी के सीने पर हाथ रख दिया, जो अब खुद भी सीधा होकर खड़ा हो चुका था।
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