Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
01-10-2019, 01:28 PM,
#60
RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
इमरान के कान राफिया के फोन ओर ही थे, कॉल बंद होते ही इमरान ने पूछा कि क्या हुआ? राफिया ने बताया कि कैप्टन का फोन था जिसे पापा ने भेजा है मेरी रक्षा के लिए। । इमरान ने पूछा क्या कह रहा था वह? तो राफिया ने बताया कि वह बता रहा था मुझे अपहरण करने वाले गुंडों ने जिस कार का इस्तेमाल किया था वह उसको रास्ते में मिली है। और वह वही जगह बता रहा है जहां से हमने अंजलि को पिक किया है। यह कहते हुए राफिया की नज़रों में कुछ भय और संदेह के मिश्रित भाव थे। इमरान भी एकदम ठिठक गया था क्योंकि उसके अनुमान के अनुसार उसके लोग अभी समीरा की कार तक नहीं पहुंचे होंगे इससे पहले ही केप्टन फ़ैयाज़ जो उनसे कुछ ही दूरी पर आ रहा था वह इस कार तक पहुंच गया, उसको कैसे पता लगा कि यह कार समीरा या मेजर राज के उपयोग में थी। मगर उसने अपनी इस सोच को कुछ देर के लिए पीछे डाल दिया और राफिया से बोला कमऑन प्रिय, तुम्हारे इस कैप्टन का भी दिमाग खराब है। जिस कार में तुम्हें वह गुंडे डाल रहे थे तो सुजुकी मारुति थी, जबकि अंजलि के पास होंडा सिटी है। और तुमने खुद भी देखी ही थी वह गाड़ी जिसमें गुंडे तुम्हें डालना चाह रहे थे। वह अंजलि वाली गाड़ी कभी नहीं थी। कैप्टन बस कर्नल साहब को खुश करना चाहता है यह बताकर उसने उन गुंडों की कार पकड़ ली है इसलिए अब जल्द ही वे गुंडे भी पकड़े जाएंगे। 

इमरान खुद भी जानता था कि उसकी दी गई यह तसल्ली कुछ खास कारगर नहीं होगी। और हुआ भी यूं ही था। राफिया इमरान की बात से संतुष्ट नहीं हुई थी, अंजलि को भी अहसास हो गया था कि कुछ गड़बड़ है, अब वह राफिया की ओर देखती हुई बोली, यह क्या मजाक है, क्या उसने मेरी गाड़ी पकड़ ली है ??? और यह गुन्डो का क्या चक्कर है ??? में अभी पापा को फोन करती हूं कि वे पता करें यह क्या चक्कर है। यह कह कर अंजलि ने एक नंबर मिलाया और फिर आगे फोन अटेंड करने वाले को पापा कह कर बुलाया और उसे अपनी कार के बारे में बताने लगी कि इस तरह किसी कैप्टन ने उसकी गाड़ी पकड़ ली है पता करो वो मेरी ही कार है या किसी और कार है, और अगर मेरी है तो अपने किसी दोस्त को भेजकर वह कार वापस करवाएं भला हमारा गुण्डों से क्या संबंध। यह कह कर अंजलि ने फोन बंद कर दिया। इससे राफिया थोड़ी संतुष्ट हुई कि हो सकता है उसी जगह पर कोई और गाड़ी मिल गई हो कैप्टन फ़ैयाज़ को और यह वह गाड़ी न हो जो अंजलि की थी। यह सोचते हुए राफिया सीट पर लेट गई और सो गई .

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इधर 
अमजद की जब आंख खुली तो उसके चारों ओर अंधेरा था, उसे कुछ समझ नहीं आया कि वह इस समय कहाँ उसने जोर से अपनी आँखें झपकी और अंधेरे में देखने की कोशिश करने लगा तो धीरे धीरे उसकी आँखें जो न जाने कब से बंद थीं कमरे में मौजूद रोशनी से परिचित होने लगीं और कुछ ही देर में उसे पता चल गया कि वह एक बंद कमरे में मौजूद है जहां उसे एक कुर्सी के साथ बांध कर रखा हुआ था। अमजद ने कुर्सी से उठने की कोशिश की तो वह बुरी तरह विफल हो गया, उसके दोनों पैर को लोहे के राड के साथ बांधा हुआ था जब उसके दोनों हाथों को कुर्सी के पीछे ले जा कर नाइलोन की रस्सियों से मजबूती के साथ बांधा हुआ था।अमजद ने इधर उधर गर्दन घुमा कर पूरे कमरे की समीक्षा की मगर कमरे में उसके अलावा और कोई भी मौजूद नहीं था। अमजद के मन में काशफ का विचार आया जो उसके साथ ही था जब सेना के जवानों ने अमजद को गिरफ्तार किया और उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर कार में बिठाया तब भी अमजद को काशफ के साथ होने का एहसास था मगर कब उसके सिर में कोई वज़नी चीज़ लगी और वह होश खो बैठा, उसके बाद अब आंख खुली तो काशफ को ना पाकर अमजद परेशान हो गया था। 

वह समझ गया था कि अब वह बड़ी मुश्किल में फंस चुका है काशफ से अलग पूछताछ होगी और अमजद से अलग, इस स्थिति में नब्बे प्रतिशत संभावना है कि दोनों के बयानों में विरोधाभास होगा जिसकी वजह से सेना को उन पर शक यकीन में बदल जाएगा। अमजद अपने दिमाग पर जोर दे रहा था कि आखिर उससे कहां गलती हो गई कि सेना ने उसे इस तरह से ढूंढ निकाला मगर उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि आखिर यह कहां गलती हुई है। एक बार उसका ध्यान डांस क्लब के रिसेप्शन पर मौजूद व्यक्ति की ओर भी गया मगर फिर उसने सोचा वह भला क्यों हमारी मुखबिरी करेगा और उसे क्या मालूम हमारे बारे में वो तो बस मुझे और समीरा को ही जानता है और समीरा भी उसके लिए एक प्रोफेशनल डांसर के अलावा कुछ नहीं जो मात्र कुछ पैसे कमाने के लिए अपने शरीर के जलवे दिखाने डांस क्लब में जाती है। मगर अमजद को पता नहीं था कि वास्तव में समीरा के डांसर होने की वजह से ही वह मुसीबत में फंसा है। समीरा ने जो अपने हुस्न के जलवे कैप्टन फ़ैयाज़ को दिखाए थे और उसके बाद मेजर राज के केप्टन के रूप में सफ़र करना ही मूल फसाद की जड़ बना। 

काफी देर तक अमजद कमरे में इधर उधर ताकता रहा, कमरे में उसके अलावा और कोई मौजूद नहीं था और न ही उसकी कुर्सी के अलावा कोई और सामान मौजूद था। अब अमजद सोच ही रहा था कि आगे चलकर उसके साथ क्या होगा कि अचानक उसे एक दिलख़राश चीख सुनाई दी। चीख की आवाज सुनते ही अमजद के कान खड़े हो गए कि इतने में एक और ऊँची चीख उसको कानों में पड़ी। अमजद के माथे पर अब पसीने की बूंदें दिखाई देना शुरू हो गई थी क्योंकि यह चीख किसी और की नहीं बल्कि उसके साथी काशफ की थी।अमजद समझ गया कि काशफ के साथ जांच शुरू हो चुकी हैं और इस समय हिंसा के माध्यम से सच उगलवाने की कोशिश की जा रही होगी। अमजद जानता था कि काशफ एक कठोर आदमी है, लेकिन वह कर्नल इरफ़ान के टॉर्चर को कब तक सहन कर सकेगा इस बारे में अमजद चिंतित था। वह जानता था कि कर्नल इरफ़ान के सामने बड़े बड़े सूरमा सच उगल देते हैं काशफ क्या चीज़ है। 

हालाकी अमजद जानता था कि अब उसकी बारी भी आने ही वाली है मगर उसको फिर भी अपने से अधिक काशफ की चिंता थी। अधिक 15 मिनट तक काशफ की कोई आवाज सुनाई नहीं दी। इस दौरान अमजद काशफ के बारे में चिंतित तो था ही मगर साथ ही वह अपने मन में भी एक कहानी बनाने में व्यस्त था कि उससे किस तरह के सवाल किए जाएंगे और उन्हें कैसे जवाब देने हैं। अमजद अब इन्हीं सोचों में गुम था कि उसे अपने कमरे के बाहर तेज तेज चलने की आवाजें सुनाई दीं। अमजद तैयार हो गया कि अब की बार टॉर्चर सहने की बारी अमजद की है। इतने में कमरे में मौजूद एकमात्र दरवाजा खुला और जो चेहरा अमजद ने पहले देखा वह किसी और कानहीं बल्कि कर्नल इरफ़ान का चेहरा था। अमजद के विचार के विपरीत कर्नल इरफ़ान के चेहरे पर एक मुस्कान थी और वह बहुत खुश नजर आ रहा था। उसके चेहरे पर मुस्कान देख कर अमजद के मन में पहला ही विचार यह आया कि शायद काशफ कर्नल का टॉर्चर सहन नहीं कर पाया और सब कुछ उगल दिया। कर्नल के पीछे एक लड़की और एक 40 वर्षीय व्यक्ति भी थे, लड़की के एक हाथ में चमड़े का हंटर था जबकि दूसरे हाथ में एक बॉक्स के आकार का बॉक्स था जिसमें न जाने क्या चीज़े थी जबकि दूसरे व्यक्ति के हाथ में एक कुर्सी थी जो उसने फुर्ती के साथ कर्नल के अंदर पहुंचने से पहले ही आगे बढ़कर अमजद के सामने रख दी और कर्नल बड़े विजयी ढंग से उस कुर्सी पर बैठ गया। कर्नल ने अपनी टाँगें ऊपर उठा कर फैला लिए और अमजद के पैरों पर उपहास और अपमानजनक शैली में रख दिए . कर्नल ने अपना दाहिना पैर बाएं पैर के ऊपर रखा था जिससे कर्नल के बूट अमजद के चेहरे से कुछ ही दूरी पर मौजूद थे और जूतों की बदबू अमजद की नाक तक बा आसानी पहुंच रही थी। 

कर्नल इरफ़ान ने मुस्कुराते हुए अमजद को देखा और बोला सरदार जी अब बताओ अब कौन सा बहाना बनाओगे? कल कैसे दुबारा उसी गैस स्टेशन पर पहुंचे, पहले तो उस आतंकवादी राज ने तुम्हें मजबूर किया हुआ था मगर कल फिर से तुम उसी गैस स्टेशन पर मौजूद थे। यह सुनकर अमजद कुछ अहसास हुआ कि काशफ ने कुछ नहीं बताया क्योंकि कर्नल ने अब भी अमजद को उसी नाम से संबोधित किया था जो उसने पहली बार पकड़े जाने पर बताया था। अमजद ने बेचारगी सा चेहरा बनाते हुए कहा सर जी उस दिन जब आपके आदमी ने मुझे पेट्रोल पंप से वापस घर जाने को बोला था तो मैं तो समझा मुसीबत टल गई है वह आतंकवादी पकड़ा गया होगा, लेकिन अगले दिन फिर से मुझे कॉल आ गई कि अपने एक दोस्त को ले जाओ और उसे मेरी तरह का हुलिया देकर फिर से उसी गैस स्टेशन पर जाकर दुकानदार को तंग करो वरना तुम्हारे घर वालों की खैर नहीं। मैं तो जी उसी के कहने पर अपने इस बेचारे दोस्त को लेकर उस गैस स्टेशन पर चला गया था ताकि मेरे परिवार को कोई नुकसान न पहुंचाया जा सके। इसमें मेरा कोई दोष नहीं। 

अमजद की बात समाप्त हुई तो कर्नल अभी भी मुस्कुरा कर अमजद को देख रहा था जबकि पीछे खड़ी लड़की और दूसरा व्यक्ति भी एक मुस्कान होठों पर सजाए अमजद को देख रहे थे। फिर एकदम से कर्नल इरफ़ान के चेहरे पर मुस्कान की जगह गुस्से ने ले ली और उसने लड़की को एक इशारा किया जिस पर उसने आगे बढ़ कर अपनी पूरी ताकत से चमड़े का हंटर अमजद की पीठ पर दे मारा और फिर तुरंत ही उस लड़की ने दूसरा वार किया और अबकी बार हंटर अमजद गर्दन और पीठ पर निशान छोड़ गया। फिर उस लड़की ने एक और वार अमजद की गर्दन पर किया मगर इस बार इस वार में पहले वाली ताकत नहीं थी, जिसकी वजह से हंटर गर्दन पर अधिक जोर से तो न लगा मगर लंबे हंटर ने अमजद की गर्दन के आसपास फंदा बना लिया।हंटर अमजद की गर्दन के आसपास लिपट गया था और उस लड़की ने ज़ोर से हंटर वापस खींचा तो अमजद को अपना सांस रुकता हुआ महसूस होने लगा और उसकी आँखें बाहर पानी में गिराने लगीं। अब की बार कर्नल इरफ़ान ने एक ठहाका लगाया और बोला अमजद साहब आपके दोस्त काशफ ने सब कुछ बता दिया है। आपका खेल खत्म हो गया है। बस अब तो बता दो कि इस समय तुम्हारे साथी मेजर राज और वह लड़की समीरा कहाँ हैं ??? और तुम्हारा एक तीसरा साथी सरमद भी है जो अब तक काशफ के बताए हुए पते की मदद से पकड़ा जा चुका होगा। 

कर्नल की बात समाप्त हुई तो लड़की ने अपना हाथ ढीला छोड़ दिया और आगे बढ़कर अमजद की गर्दन के आसपास से अपना हंटर अलग कर लिया और फिर पीछे होकर खड़ी हो गई। अमजद की आँखों में अभी अनिश्चितता के भाव थे। उसका शक सही साबित हुआ था कि काशफ सब कुछ उगल चुका है। क्योंकि अब की बार कर्नल ने अमजद को उसके मूल नाम से बुलाया था साथ में उसने काशफ का नाम भी लिया और सरमद का नाम भी जो इस समय मुल्तान में मौजूद था और तो और कर्नल ने समीरा का नाम भी लिया जो उस समय मेजर राज के साथ कहीं मौजूद थी। अमजद समझ चुका था कि अब वास्तव में उनका खेल खत्म हो गया है और अब कुछ भी झूठ बोलने का कोई फायदा नहीं होगा। अमजद ने फैसला कर लिया था कि अब सब कुछ सच सच बता देना चाहिए क्योंकि झूठ से टॉर्चर होना था और अंत में कर्नल ने अमजद और काशफ दोनों को मार देना था सच बताने के मामले में भी कर्नल ने इन दोनों को मारना ही था मगर इस तरह उसको टॉर्चर से मुक्ति मिल सकती थी। 

अमजद ने सपाट चेहरे के साथ कर्नल को संबोधित करते हुए कहा कि मैं तुम्हें सब कुछ बता दूँगा बस मुझे एक गिलास पानी पिला दो। अमजद की बात सुनकर कर्नल ने लड़की को इशारा किया तो वो तुरंत कमरे से बाहर गई और कुछ ही देर के बाद वापस कमरे में आई तो उसके हाथ में पानी का गिलास मौजूद था। उसने आते ही वह गिलास अमजद के होंठों से लगा दिया और उसके ऊपर उंडेल दिया, पानी अमजद के चेहरे पर गिर गया, कुछ तो उसके मुंह में गया लेकिन ज़्यादा पानी उसके चेहरे और गर्दन पर गिर गया। मगर इस थोड़े से पानी ने भी अमजद को कुछ हौसला दिया था और उसका सूखा गला अब कुछ बोलने में सक्षम था। अब की बार अमजद बोला कि मैं यह तो नहीं जानता कि मेजर राज इस समय कहाँ है मगर .. ... ... ... ... इतना कहना था कि लड़की का हाथ फिर घूमा और उसका हंटर अमजद के शरीर में मौजूद कमीज को फाड़ कर उसके सीने पर अपने निशान छोड़ गया। हालाँकि अमजद एक कठोर आदमी था और कई बार वह पाकिस्तानी सेना के टॉर्चर बर्दाश्त कर चुका था मगर ये हंटर वाला टॉर्चर उस पर पहली बार हो रहा था और न जाने इस हंटर में ऐसा क्या था कि शरीर पर छोटे निशान बनते जा रहे थे। शायद कोई नुकीली चीज़ हंटर में मौजूद थी जो शरीर में एक स्टिंग की तरह घुस रही थीं। अमजद की सहनशक्ति जवाब दे गई थी और हंटर पर एक जोरदार चीख से कमरा गूंज उठा। अब अमजद को एहसास हो गया था कि आखिर काशफ क्यों नही सहन कर पाया था यह टॉर्चर . 

अमजद ने कुछ देर ठहरने के बाद फिर से अपने होंठ खोले और बोला ये ठीक है कि मेजर राज मेरे साथ था और मैं खुद ही उसे अपने घर ले गया था मगर यह भी सच है कि इस समय वह कहाँ है मैं नहीं जानता।लड़की का हाथ एक बार फिर हवा में लहराया मगर इस बार कर्नल इरफ़ान ने हाथ के इशारे से उसे रोक दिया।कर्नल शायद अमजद बात में सच्चाई नजर आ रही थी। अब की बार कर्नल ने अमजद से पूछा यह बताओ कि तुमने मेजर राज को मेरी कैद से कैसे मुक्त करवाया ??? कर्नल की बात सुनकर अमजद ने कहा मुझे एक अज्ञात नंबर से कॉल रिसीव हुई थी और भाटिया समाज में मौजूद एक बिल्डिंग का पता दिया था जहां से एक कैदी को छुड़ाना था। मैं नहीं जानता था कि वह कौन है। मुझे उसके बदले 10 लाख रुपये मिले थे। कर्नल ने अमजद की बात काटी और बोला फोन पर तुम्हें किसने कहा था कैदी को छुड़ाने का ?? तो अमजद ने कहा मैं उसे नहीं जानता, मुझे तो बस पैसे की पेशकश हुई और सारे पैसे अग्रिम मिल गए थे इसलिए मैं जल्दी तैयार हो गया। 

अब की बार कर्नल ने अपना हाथ लड़की की ओर बढ़ाया तो लड़की ने अपना हंटर कर्नल को पकड़ा दिया, कर्नल ने दो बार हंटर हवा में लहराया तो सटाक सटाक की आवाज दिल दहलाने लगीं। कर्नल ने अब की बार हंटर पर हाथ फेरते हुए कहा, मैं कैसे मान लूँ कि रॉ वाले इतने ना अनुभवी हैं कि वो किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने मेजर को छुड़ाने का काम दे सकते हैं ??? यह कहते हुए कर्नल के चेहरे पर व्यंग्य भरी मुस्कान थी। जैसे वह यह कह रहा हो कि अमजद उससे झूठ बोल रहा है। लेकिन अमजद ने पूरे विश्वास के साथ फिर कहा कि रॉ में मेरी प्रतिष्ठा है, मेरे यहाँ पाकिस्तान में हर बड़े शहर में अंडरवर्ल्ड गिरोह के साथ संबंध हैं और पहले भी मैं उनके लिए काम करता रहा हूँ, मैं उनके लिए अनजान नहीं हूँ, उनको मेरा अच्छी तरह से पता है मेरे हर ठिकाने से परिचित हैं, लेकिन वो मेरी लिए अनजान ही हैं। न तो वो कभी खुलकर सामने आए हैं मेरे और न ही कभी किसी ने मेरे से मुलाकात की है। अब की बार कर्नल को अमजद की बात में सच्चाई नजर आई थी। कर्नल ने आगे पूछा कि फिर तुम ने कैसे छुड़ाया मेजर राज को ??

अब की बार अमजद ने पूरी सच्चाई से कर्नल को बताया कि उसने मेजर राज नहीं छुड़ाया बल्कि मेजर राज खुद ही उसकी कैद से निकल भागा था, हमने अपनी एक साथी लड़की समीरा को इस इमारत का निरीक्षण करने के लिए भेजा था तो वहाँ उसने कुछ गहमागहमी देखी थी और उसे लगा था कि शायद वहाँ कोई हादसा हुआ है, और इससे पहले कि हमारी साथी हमारे पास वापस आती हमें इस बिल्डिंग से एक युवक हांफता और भागता हुआ अपनी ओर आता दिखाई दिया और फिर पीछे से आने वाली समीरा की कार की वजह से वह झाड़ियों में छिप गया, हमें शक हुआ तो हमने उसे वहीं घेर लिया और वहीं हमें पता लगा कि वह केप्टन राज है जो खुद ही उस बिल्डिंग से निकल भागा था। हम तो अभी योजना ही रहे थे कि आखिर इस बिल्डिंग में कैसे घुसें और कैसे मेजर राज को सही सलामत बाहर निकालें। मगर राज तो हमारे कुछ करने से पहले ही वहां से निकल भागा था।
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RE: Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले - by sexstories - 01-10-2019, 01:28 PM

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