Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
06-10-2017, 09:57 AM,
#56
RE: वतन तेरे हम लाडले
आधी रात को सोने के बाद दोपहर 4 बजे ही अमजद की आंख खुली जो अब जामनगर के डांस क्लब में मौजूद एक कमरे में आराम से सो रहा था। उसका हुलिया अब कल की तुलना में परिवर्तित था और वह सरदार के बजाय अपने मूल हुलिए में मौजूद था। बिस्तर से उठकर अमजद ने पहले अपने साथ मौजूद काशफ को भी नींद से उठाया और फ्रेश होने के बाद अमजद ने क्लब के एक कर्मचारी को खाना लाने के लिए कहा तो कुछ ही देर में वह अमजद और काशफ के लिए गरम खाना ले आया। ये कर्मचारी भी अमजद को जानता था। खाना खाने के बाद अमजद ने सोचा कि अब उसे यहाँ से निकलना चाहिए और कोई और कार्रवाई करनी चाहिए जिससे कर्नल इरफ़ान को ज़्यादा परेशानी का सामना करना पड़े और लाहोर में मेजर राज बा आसानी अपना काम कर सके। यही सोचकर अमजद बाहर निकला और रिसेप्शन पर मौजूद व्यक्ति से मिला। रात की ड्यूटी वाला व्यक्ति जा चुका था और अब दूसरा व्यक्ति रिसेप्शन पर मौजूद था जिसे कैप्टन फ़ैयाज़ जाते हुए कह कर गया था कि जैसे ही वह डांसर क्लब में वापस आए तो वो तत्काल सूचना दे। 

रिशेप्शन पर मौजूद व्यक्ति ने अमजद को जल्दी पहचान लिया क्योंकि अमजद पहले भी समीरा के साथ इस डांस क्लब में कॉफी बार आ चुका था और यहां के लगभग सभी लोग अमजद और समीरा को जानते थे।अमजद पर नज़र पड़ते ही वह व्यक्ति चौकन्ना हो गया और जब अमजद ने उस व्यक्ति से पूछा कि रात के रहने और भोजन के कितने पैसे बन गए तो उस व्यक्ति ने बड़ी चालाकी से अमजद को डील किया और उसको विवरण बताकर कुछ देर रुकने को कहा ताकि वो उससे कुछ गपें लगा सके। यूं तो अमजद जल्दी निकलना चाहता था मगर फिर उसने सोचा कि अगर इतने आग्रह से कोई रोक रहा है कुछ देर के लिए तो उसको मना करना भी ठीक नहीं। अमजद वापस अपने कमरे में चला गया, जबकि उस व्यक्ति ने कहा कि 2 मिनट में आता हूँ तो थोड़ी गपशप लगाते हैं। 

अमजद के कमरे में जाते ही उस व्यक्ति ने कैप्टन फ़ैयाज़ का नंबर निकाला और उसे फोन मिलाने लगा। 2 बार बेल बजने के बाद कैप्टन फ़ैयाज़ ने फोन अटेंड कर लिया। उस व्यक्ति ने कैप्टन को जल्दी अपना परिचय करवाया और डांस क्लब का नाम बताया। डांस क्लब का नाम सुनते ही कैप्टन के कान खड़े हो गए उसने तुरंत पूछा क्या हुआ मुझे क्यों किया कॉल? कैप्टन के मन में बिजली की सी तेजी से ख्याल आया कि शायद वह डांसर समीरा फिर से डांस क्लब में आई होगी, लेकिन फिर जल्दी यह विचार भी आया कि वो तो मेजर राज के साथ लाहोर आ चुकी है तो वह वहाँ कैसे हो सकती है? इस बात ने कैप्टन को कुन्द कर दिया था, और उसने पूछा कि मुझे क्यों फोन किया है? उस व्यक्ति ने बताया कि साहब इस समय मेरे डांस क्लब में एक व्यक्ति मौजूद है। आपने जिस लड़की के बारे में मुझसे पूछा था ये उसका साथी है। यह कभी कभी उस लड़की के साथ ही डांस क्लब में आता है। यह सुनकर कैप्टन को आशा की एक किरण दिखी। उसने तुरंत पूछा उसके साथ कोई लड़की भी है या वह अकेला है? उस व्यक्ति ने जवाब दिया साहब उसके साथ कोई लड़की तो कोई नहीं मगर एक और व्यक्ति भी उसके साथ है। उसको मैं नहीं देखा, लेकिन जिसके बारे में आपको बता रहा हूँ उसका नाम अमजद है और वह अक्सर यहां आता रहता है। यह सुनकर कैप्टन फ़ैयाज़ ने उस व्यक्ति को कुछ आवश्यक निर्देश दिए और फोन बंद कर दिया। 

फोन बंद कर के रिसेप्शन पर मौजूद व्यक्ति अमजद के कमरे में चला गया और उसके साथ गपें लगाने लगा, जबकि कैप्टन फ़ैयाज़ ने तुरंत कर्नल इरफ़ान को कॉल की और उसे बताया कि मुझे अभी अभी खबर मिली है कि मेजर राज के कुछ साथी जामनगर के एक प्रसिद्ध डांस क्लब में मौजूद हैं। कर्नल इरफ़ान ने डांस क्लब का पता पूछा और उन लोगों के बारे में पूछा तो कैप्टन फ़ैयाज़ ने बीच में समीरा का उल्लेख नहीं किया बस इतना ही बताया कि उसकी जानकारी के अनुसार इन लोगों ने मेजर राज को जेल से निकलने में मदद की है कर्नल इरफ़ान जो मेजर राज को पकड़ने की अब उम्मीद हार बैठा था कि अब वह नहीं मिलेगा उसको फिर से एक उम्मीद दिखी और उसने तुरंत अपनी सेना के साथ सेना मुख्यालय छोड़ा और कप्तान फ़ैयाज़ के बताए हुए डांस क्लब की ओर रवाना हो गया। 

डांस क्लब में अमजद और काशफ उस व्यक्ति के साथ गपें लगाने में व्यस्त थे, बीच में समीरा का ज़िक्र आया तो उस व्यक्ति ने कहा कि समीरा बहुत अच्छी डांसर है जिस दिन वह हमारे डांस क्लब में डांस करने आती है तो हमारी तो चांदी हो जाती है। अमजद जल्द से जल्द इस व्यक्ति से जान छुड़ा कर वहां से निकलना चाहता था मगर यह व्यक्ति तो अमजद से चिपक ही गया था और जान छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। हालाँकि दोनों एक दूसरे को सरसरी तौर पर जानते थे, मगर वह व्यक्ति तो अमजद से इस तरह चिपक रहा था जैसे दोनों बहुत अच्छे दोस्त हों . अंत में अमजद ने उस व्यक्ति से जबरन जान छुड़ाने का फैसला किया और काशफ को अपना बैग लेने को कहा, जो कुछ कपड़े थे और जेब से पैसे निकाल कर उस व्यक्ति को बिल का भुगतान करते हुए बोला कि हमें काफी देर हो गई है पहले से ही फिर दुबारा आएंगे तो आप से गपशप होगी मगर इस समय हम जरा जल्दी में हैं। यह कह कर अमजद ने उस व्यक्ति से हाथ मिलाया और कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर निकलने लगा। 

दरवाजा खोलते ही अमजद को गलियारे में बूटो की आवाज सुनाई दी जैसे कोई तेजी के साथ गलियारे की ओर आ रहा हो, 5, 6 कदमों के बाद आवाज़ रुक गई और फिर से बूटो की आवज़ें आने लगीं। अमजद की छठी इंद्रिय ने खतरे की घंटी बजा दी थी उसने तुरंत दरवाजा बंद किया और काशफ को देखते हुए गन निकालने का इशारा किया। काशफ ने भी महज इशारे से बताया कि उसके पास बंदूक नहीं, यहाँ अमजद को अपनी गलती का अहसास हो गया, कल पुलिस थाने पर हमला करने के बाद अमजद ने गाड़ी बदलकर वहां से कोई गन अपने साथ नहीं रखी थी। और अब अमजद ने जब बूटो की आवाज सुनी तो वह समझ गया था कि यह सेना के ट्रेंड जवान हैं जिन्होंने डांस क्लब पर छापा मारा है, काशफ की आंखों में डर था वह भी खतरे को भांप गया था। 

अब अमजद और काशफ सोच ही रहे थे कि दोनों क्या करें , एकदम कमरे के दरवाजे पर बाहर से किसी ने जोरदार लात मारी और दरवाजा एक विस्फोट से खुलता चला गया। इससे पहले कि अमजद संभलता या अपने बचाव की कोई तदबीर करता बाहर से आने वाले सेना के कमांडो ने अमजद को गर्दन से पकड़ कर उसके घुटनों पर एक जोरदार सा हाथ मारा जिससे वह घुटनों के बल नीचे झुकने पर मजबूर हो गया जबकि काशफ जो सोच ही रहा था कि कैसे विरोध करे, सामने खड़े 5 कमांडो के हाथ में आधुनिक प्रकार की राइफल्स जिनका रुख काशफ और अमजद की ओर ही था देखकर उसके फरिश्ते भी कून्च कर गए और वो भी कुछ नहीं कर पाया। आन की आन में अमजद और काशफ घुटनों के बल जमीन पर बैठे थे और उनके चेहरे काले कपड़े से ढक दिए गए थे जबकि उनके हाथ पीछे कमर पर बांधे हुए थे। रिसेप्शन पर मौजूद व्यक्ति जो कमरे में ही मौजूद था उसको भी एक कमांडो ने घुटनों के बल नीचे बिठा लिया था मगर इससे पहले कि उसके चेहरे पर कपड़ा डाला जाता कमरे में एक गरजदार आवाज सुनाई दी जो पूछ रहा था होटल प्रबंधक कौन है? यह आवाज कर्नल इरफ़ान की थी जिससे अमजद अच्छी तरह परिचित था। आज़ाद कश्मीर में होने वाले अत्याचारों में कर्नल इरफ़ान का हाथ था और वहाँ एक बार अमजद और कर्नल इरफ़ान का आमना-सामना हो चुका था, जब अमजद के सामने कर्नल इरफ़ान ने निर्दोष हिंदुओं को खून में नहलाने दिया था। अमजद अब तक उस आवाज को भूला नहीं था। और आज बहुत समय के बाद यह आवाज फिर से सुन कर उसका खून खोलने लगा था मगर उस समय वह कुछ नहीं कर सकता था। 

कर्नल के सवाल पर वह व्यक्ति जल्दी बोल उठा सर प्रबंधक साहब अभी यहाँ नहीं है रिसेप्शन पर मैं हूँ मेरा इन लोगो से कोई संबंध नहीं है। कर्नल इरफ़ान को कैप्टन फ़ैयाज़ ने पहले ही बता दिया था कि यह मुखबिरी होटल के ही एक व्यक्ति ने की है और वह भी तब उसी कमरे में ही होगा ताकि उन्हें बातों में लगाकर रोक सके। कर्नल इरफ़ान ने तुरंत व्यक्ति को रिहा करने का आदेश दिया और वह अपनी जान बचाता हुआ कर्नल इरफ़ान को आभारी नज़रों से देखता हुआ कमरे से बाहर निकल गया जबकि अमजद और काशफ को अभी कमांडो अपने हिसार में लेकर डांस क्लब से बाहर जा रहे थे। तब डांस क्लब आमतौर पर सुनसान ही होते हैं क्योंकि महफ़िल रात के अंधेरे में सजती है इसीलिए यहां लोगों की कोई भीड़ जमा नहीं हुई कुछ ही लोग थे जो सेना के कमांडो को देख कर अपने अपने कमरों में जाकर छिप गए थे। कुछ ही देर में अमजद और काशफ को कार में बिठा दिया गया और वे भी चुपचाप कार में बैठ गए क्योंकि इसके अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं था।सेना का यह काफिला अब एक अज्ञात स्थान की तरफ जा रहा था जिसका नेतृत्व कर्नल इरफ़ान ही कर रहा था।उसको पूरा विश्वास था कि अब मेजर राज अधिक देर तक उससे बच नहीं पाएगा।
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कैप्टन फ़ैयाज़ ने अंधाधुंध फायरिंग का सिलसिला कुछ देर जारी रखा। उसकी छोटी पिस्टल जिसमें 10 से 12 गोलियां थीं आन की आन में उसने चला दी और फिर कलाबाज़ी खाकर सामने मौजूद सोफे की ओट में छुप गया। इस प्रक्रिया के दौरान उसको इतना पता चल गया था कि कमरे में कोई भी उसकी गोली का निशाना नहीं बना था क्योंकि तब कक्ष पूरी तरह खाली था। कुछ सेकंड के इंतजार के बाद कैप्टन फ़ैयाज़ ने सिर उठा कर इधर उधर देखा तो कमरा वाकई खाली था, केप्टन ने कमरे से बाहर देखा तो 2 सैनिक जवान भागते हुए कमरे के अंदर आ रहे थे, वे भी कमरे के अंदर आकर अपनी स्थिति लेकर खड़े हो गए और कैप्टन फ़ैयाज़ कमरे की समीक्षा करने लगा। एक तरफ एक औरत के कपड़े मौजूद थे जो सोफे पर ही पड़े थे जबकि इसके साथ ही ऊँची एड़ी के सैंडल रखे थे, और दूसरी ओर एक लैपटॉप मौजूद था जोकि बंद था। 

कैप्टन फ़ैयाज़ ने अब कमरे का पूर्ण निरीक्षण किया और एक दरवाजे की ओर बढ़ने लगा जो उसी कमरे में मौजूद था यह किचन का दरवाजा था जहां से खाने की खुशबू आ रही थी और टिप टिप पानी गिरने की आवाज भी आ रही थी, केप्टन ने अब की बार सावधानी से किचन की तरफ बढ़ना शुरू किया और फिर अपने एक सहायक को आदेश दिया कि वह आगे बढ़े और देखे किचन में कोई मौजूद है या नहीं और साथ ही यह भी ध्यान रखे कि गोली ना चलाई जाए ताकि अगर अंदर कोई मौजूद हो तो उसको जिंदा गिरफ्तार किया जाए।इस जवान भी सावधानी के साथ आगे बढ़ने लगा और किचन की दीवार के साथ कान लगाकर कुछ सुनने की कोशिश की मगर टिप टेप की आवाज के अलावा अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही थी। किचन का दरवाजा खुला था सैनिक ने एकदम से किचन के अंदर क़लाबाज़ी लगाई और जमीन पर लेटता हुआ रसोई का निरीक्षण करने लगा जहां कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। छोटा सा किचन देखने में इस अधिकारी को अधिक समय नहीं लगा और कुछ ही सेकंड के बाद वह बाहर खड़े कैप्टन फ़ैयाज़ को कहा सर ऑल ओके यह सुनकर कैप्टन फ़ैयाज़ भी अंदर गया तो उसने देखा कि किचन में मौजूद चूल्हे पर एक पतीला पड़ा था जिसमें चावल पकाए गए थे, केप्टन ने पतीली को हाथ लगाया तो वह अभी भी गर्म थी जिसका मतलब था कि कुछ देर पहले कोई न कोई यहाँ मौजूद था, और खाने की खुशबू भी बता रही थी कि यह खाना कुछ देर पहले तक इस पतीली में मौजूद रहा होगा 

किचन में किसी को न पाकर कैप्टन को निराशा का सामना करना पड़ा अब उसने बाहर वाले कमरे के साथ दूसरे कमरे का आकलन भी किया मगर वहाँ भी किसी की उपस्थिति के संकेत मौजूद नहीं थे लेकिन इतना जरूर था कि कुछ देर पहले तक यहां कोई न कोई मौजूद था, शौचालय में जाकर कैप्टन ने देखा तो वहां भी फर्श गीला था जिसका मतलब था कि कोई आधा घंटा पहले यहाँ कोई नहाया होगा, एक तरफ बीयर मौजूद थी और शौचालय से शैम्पू की हल्की-हल्की खुशबू भी आ रही थी। पूरे घर का जायज़ा लेने के बाद भी जब कैप्टन को वहाँ कोई व्यक्ति न मिला तो उसका चेहरा मुरझा गया। उसे उम्मीद थी कि मेजर राज और उसकी साथी समीरा अबकी बार जरूर पकड़े जाएंगे मगर उसकी इस उम्मीद पर पानी फिर गया था। कैप्टन ने वहां मौजूद लैपटॉप अपने कब्जे में लिया और घर से बाहर निकल कर अपनी कार में बैठ कर चलने लगा। 

इतने में वहां मौजूद एक व्यक्ति कार के सामने आया और कैप्टन को रुकने का इशारा किया। उसके साथ मौजूद सैनिकों ने तत्काल अपनी राइफल्स के रुख व्यक्ति की ओर कर लिए और उस व्यक्ति ने भी डर के मारे अपने हाथ हवा में उठा दिए, मगर साथ ही कैप्टन को इशारा किया कि मैं आपसे कुछ बात करना चाहता हूँ। एक सैनिक ने आगे बढ़कर उस व्यक्ति की तलाशी ली, उसके पास कोई खतरनाक हथियार मौजूद नहीं था, फिर दो सैनिकों ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया और कप्तान फ़ैयाज़ कार से बाहर निकला और उस व्यक्ति से पूछने लगा कि हां बोलो क्या बात है। कैप्टन को सामने देखकर उस व्यक्ति ने बताना शुरू किया कि साहब कल सुबह ही यहां एक लड़की और एक लड़का आकर रुके थे, उनके पास एक काले रंग की नई कार थी जिसका नंबर वाई एच डबल यू 384 था। वह घर टैक्सी में आए थे मगर कुछ देर बाद ही कोई व्यक्ति घर के बाहर यह काले रंग की गाड़ी छोड़ गया था और उसके घर में आए व्यक्ति ने बाहर आकर कार में से उसकी चाबी निकाली और कुछ और सामान निकाल कर घर चला गया था। घर में कुछ ही देर रुकने के बाद दोनों घर से निकल गए और देर रात लड़की तो घर आ गई मगर लड़का नहीं आया। मुझे यह दोनों शुरू से ही संदिग्ध लग रहे थे, आज भी कुछ ही देर पहले वह लड़की बहुत जल्दी में यहां से कुछ सामान लेकर अपनी कार में निकली है। न तो उसने घर को ताला लगाया और न ही उसने किसी को बताया कि वह कहाँ जा रही है। बस वह घर से ऐसे निकली जैसे बहुत जल्दी में हो। पुलिस को सूचना देने ही वाला था कि हमारे पड़ोस में कुछ संदिग्ध लोग हैं कि मुझे आप लोगों के आने का पता लगा कि आपने इस घर पर छापा मारा है। तो मैंने सोचा आपको आकर सूचना दूँ घर में इस समय कोई मौजूद नहीं, एक लड़की थी जो कुछ ही देर पहले यहां से निकल गई है। कैप्टन ने जेब से समीरा और राज की तस्वीरें निकालकर उस व्यक्ति को दिखाई तो उसने तुरंत ही पहचान लिया और बोला जी साहब यही लड़की थी जो यहां कल आई और अभी कुछ देर पहले यहां से कार में बैठ कर चली गई

कैप्टन फ़ैयाज़ ने पूछा कि क्या तुम्हें पता है कि यह लड़की कहाँ गई है ??? उस व्यक्ति ने कहा नहीं साहब वह बहुत मॉर्डन लड़की थी हमारी तो हिम्मत ही नही हुई उससे कोई बात करने की और वैसे भी वो खतरनाक लोग लग रहे थे इसलिए मैंने दूर रहने में ही बेहतर समझा। कैप्टन फ़ैयाज़ को उस व्यक्ति की बातें सुनकर इतना तो पता चल गया था कि राफिया के अपहरण के पीछे निश्चित रूप से मेजर राज था तभी वह सारी रात घर नहीं आया, और अब इतनी जल्दी में यहाँ से समीरा का निकल जाना इस बात की ओर इशारा कर रहा था कि उसे मुखबिरी हो गई थी कि सेना इस घर पर छापा मारने वाली है तभी वह इतनी जल्दी मैं यहाँ से निकल गई।मगर सवाल यह था कि आखिर उसे बताया किसने ?? ? कैप्टन फ़ैयाज़ के अलावा और कोई नहीं जानता था कि उसे मेजर राज के ठिकाने के बारे में पता चल गया है तो मुखबिरी कौन कर सकता है ??? 

कैप्टन फ़ैयाज़ इसी सोच में था कि उसके फोन की घंटी बजी, आगे से उसे जामनगर के रिसेप्शन पर मौजूद व्यक्ति ने बताया कि वह डांसर समीरा तो नहीं आई मगर उसका एक साथी इस समय डांस क्लब में मौजूद है जो पहले भी कई बार समीरा के साथ इस डांस क्लब में आ चुका है। कैप्टन फ़ैयाज़ ने उसे कहा कि किसी भी तरह वह व्यक्ति डांस क्लब में ही रोके रखे कुछ ही देर में सेना की एक टीम होटल पर छापा मारेगी और उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। इसके बाद कप्तान फ़ैयाज़ ने फोन बंद किया और जल्दी से कर्नल इरफ़ान को कॉल की और उसे स्थिति से आगाह कर दिया, और साथ यह भी बता दिया कि मुखबिरी करने वाला व्यक्ति भी उनके साथ मौजूद होगा, उसका उन लोगों से कोई संबंध नहीं है इसके बाद कप्तान फ़ैयाज़ फोन बंद करके वापस अपनी कार में बैठा और सेना मुख्यालय की तरफ जाने लगा। सेना मुख्यालय पहुंचते ही कैप्टन ने उस व्यक्ति का बताया हुआ वाहन का नंबर अपने एक सहायक को दिया और कहा तुरंत पता लगाओ यह कार किसकी है? और उसके बाद कैप्टन ने पुलिस को सूचना दी कि अगर यह कार कहीं दिखे तो उसे तुरंत रोक लिया जाय और कार में जो भी हो उसे गिरफ्तार कर ले। 

कुछ ही देर के बाद कैप्टन फ़ैयाज़ को बताया गया कि सर यह कार लाहोर के एक बड़े बिजनेसमैन की है जो कल ही गई है और वहीं के थाने में उसकी एफआईआर भी मौजूद है। यह जानकर केप्टन फ़ैयाज़ की उम्मीदों पर और पानी फिर गया क्योंकि मेजर राज तक ले जाने वाली हर उम्मीद रास्ते में ही खत्म हो जाती थी, अब जबकि एक कार का नंबर मिला जो मेजर राज के उपयोग में थी तो वह भी चोरी की नकली और मालिक ने कानून के अनुसार उसकी एफआईआर भी दर्ज करवाई हुई थी। अब कानूनी तौर पर कार के मालिक से पूछताछ नहीं हो सकती थी क्योंकि उसकी कार तो चोरी हो गई थी और उसने रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी थी। 

कुछ ही देर बाद कैप्टन फ़ैयाज़ के मोबाइल पर कर्नल इरफ़ान की कॉल आई। कैप्टन ने कॉल अटेंड करते ही अपनी सूचना के बारे में पूछा कि उसके अनुसार मेजर राज के साथ मिले या नहीं ?? कर्नल इरफ़ान की नर्म आवाज सुनाई दी कि हां उसके 2 साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें हम अपने गुप्त मुख्यालय ले जा रहे हैं जांच के लिए। इस पर कैप्टन फ़ैयाज़ ने कर्नल को बधाई दी कि चलें सर कोई सुराग तो मिला अब जल्द ही वह मेजर भी हमारी पकड़ में होगा। इस पर कर्नल इरफ़ान ने कैप्टन को शाबाशी दी कि उसने मुंबई में रहते हुए भी अच्छा काम कर दिखाया और जामनगर में मौजूद उसके साथियों को पकड़वाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी प्रशंसा सुनकर कैप्टन दिल ही दिल में खुश होने लगा। फिर कर्नल इरफ़ान असली बात पर आया जिसके लिए उसने फोन किया था। कर्नल इरफ़ान ने कैप्टन से कहा कि उसकी बेटी राफिया आउटिंग के लिए मर्री जा रही है और तुम उसके साथ मर्री जाओगे यह सुनकर कैप्टन फ़ैयाज़ के दिल में लड्डू फूटने लगे, राफिया तो उसे पहले से ही पसंद थी ऊपर से उसके साथ मर्री जाने का मौका तो ऐसे ही था जैसे अंधे को आँखें मिल गई हों मगर साथ ही उसकी खुशियों पर ओस भी पड़ गई जब कर्नल इरफ़ान ने बताया कि राफिया उसी लड़के इमरान के साथ जा रही है जिसने रात उसकी जान बचाई है, आपको उन्हें कुछ दूरी पर रह कर उनके पीछे पीछे नज़र रखनी है, तुम्हारा काम सिर्फ इस बात का ध्यान रखना होगा कि कहीं कोई राफिया का पीछा तो नहीं कर रहा, अपहरण करने वाले फिर से हरकत में आएंगे तो वह निश्चित रूप से राफिया को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं तो आपको उनके पीछे पीछे दूरी रखकर मात्र इसी बात का ख्याल रखना होगा कि अपहरण करने वाला समूह राफिया के पीछे तो नहीं। यह कह कर कर्नल इरफ़ान ने फोन बंद कर दिया और कप्तान फ़ैयाज़ मुरझाए हुए चेहरे के साथ राफिया को कॉल करने लगा ताकि वह उसके प्रस्थान के बारे में जानकारी ले सके

इमरान को गाड़ी की चाबी देते हुए राफिया ने अपना क्रेडिट कार्ड भी साथ में दे दिया था क्योंकि वह जानती थी कि इमरान के पास पैसे नहीं हैं, इमरान ने भी बिना हिचक क्रेडिट कार्ड ले लिया था। यूं तो इमरान एक ऐसा इंसान था जो किसी भी मामले अपनी खरीदारी किसी लड़की के पैसों से करना गवारा नहीं करता विशेष रूप से एक अनजान लड़की मगर अभी सम्मान दिखाने का अवसर नहीं था, इस समय किसी भी तरह राफिया को शीशे में उतार कर अपना काम निकलवाने का समय था। यूं तो इमरान के पास कुछ सौ रुपये थे मगर वे पूरी खरीदारी के लिए अपर्याप्त थे इसलिए इमरान ने क्रेडिट कार्ड लेकर गाड़ी निकाली और कुछ ही दूर बाजार की ओर रवाना हो गया। रास्ते में इमरान ने महसूस किया कि राफिया के घर से ही एक कार उसके पीछे एक समान दूरी रखते हुए आ रही थी, इमरान समझ गया कि उसका पीछा हो रहा है इसलिए उसने फैसला किया कि कोई ऐसी हरकत नहीं करनी जिससे किसी को कोई शक हो।
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