Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
06-07-2017, 02:28 PM,
#54
RE: वतन तेरे हम लाडले
नोट-आगे कहानी में जहां जहां मेजर राज चर्चा मे राफिया के साथ आयेगा उसका नाम मेजर राज की बजाय इमरान के रूप में लिया जाएगा और उसके अलावा हर जगह मेजर राज के रूप में ही लिया जाएगा। 

ऐसी ही तस्वीरें देखते देखते एक तस्वीर पर इमरान का माथा ठनका। इस तस्वीर में कर्नल इरफ़ान के साथ जो व्यक्ति खड़ा था इमरान उसको अच्छी तरह से जानता था, मगर उसने राफिया को नहीं बताया कि वह उस व्यक्ति को जानता है, इमरान ने अब की बार सामान्य रहते हुए मगर थोड़ी जिज्ञासा के साथ राफिया से पूछा यह व्यक्ति कौन है ??? तो राफिया ने बताया कि यह भारत के एक प्रांत का सीएम यानी मुख्यमंत्री है। और यह अपने प्रांत में पाकिस्तानी प्रचार प्रसार में हमारा पूरा पूरा साथ देता है। पापा की उनके साथ बहुत अच्छी दोस्ती है और पापा के कहने पर ही उन्होंने अपने राज्य में भारत से अलग होने के आंदोलन का भी शुभारंभ किया है, जाहिरा तौर पर तो यह भारत जिंदाबाद के नारे लगाते हैं मगर उन्होंने अपनी जनजाति और पूरे प्रांत की जनता को शिक्षा से दूर रखा है और वहाँ भारत की बजाय पाकिस्तान के झंडे लहराए जाते हैं उसके अलावा वहाँ जिन्ना के विचार भी सार्वजनिक किए जा रहे हैं और वहां के लोगो को भारत के नेता की बजाय जिन्ना जी की तस्वीर अपने कमरों में लगाना पसंद हैं। राफिया बातों बातों में जाने अनजाने में इमरान को बहुत ज्यादा ही बातें बता गई थी, कुछ तो इमरान को पहले से ही शक था कि उसके देश में होने वाली इन आंदोलनों में मुस्लिम जनजातियों के प्रमुखों की बजाय उनके नेताओं का ही हाथ है जो इस प्रांत को भारत से अलग करके पाकिस्तान के साथ विलय चाहते हैं, लेकिन यह राज नीतिज्ञ निहायती मक्कारी के साथ इन आंदोलनों का मलबा मुस्लिम जनजातियों के अधिकारियों पर डाल देते हैं और इससे जनता में अधिक नफरत बढ़ती है। इमरान को अब सारा खेल समझ आ गया था, जब कि राफिया खुद भी नहीं जानती थी कि ये उसके पापा का मूल मिशन है, लेकिन इस समय राफिया ने जो कुछ इमरान को बताया था इमरान को यह सब कर्नल इरफ़ान के मिशन को समझने के लिए काफी था। 

वास्तव में कर्नल इरफ़ान भारत के प्रांत जम्मूकश्मीर के अलगाव आंदोलनों को हवा देने का काम करने में व्यस्त था। वो इन जनजातियों के लोगों में अंधाधुंध पैसे वितरित करवाया करता था जिसकी वजह से वहां के लोग मानसिक रूप से भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के साथ होने लगे थे और कर्नल का उद्देश्य इन आंदोलनों को चरम पर पहुंचा कर भारत अपने एक मज़बूत बाजू से अलग करना था। और इन्हीं उद्देश्यों के लिए कर्नल इरफ़ान भारत यात्रा करता था। और तो और इस समय जम्मूकश्मीर का मुख्यमंत्री पाकिस्तान के दौरे पर था, इमरान यह बात पहले से जानता था क्योंकि भारत से रवाना होने से पहले उसने खबरों में ही सुना था कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री अगले सप्ताह पाकिस्तान का दौरा करेंगे जहां विदेशी सुरक्षा और जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी हस्तक्षेप को रुकवाने के लिए बातचीत की जाएगी। 

लेकिन वास्तव में इस यात्रा का उद्देश्य हस्तक्षेप रुकवाना नहीं बल्कि हस्तक्षेप को बढ़ाना था और विश्वासघाती पाकिस्तान के दौरे से वित्तीय लाभ भी प्राप्त करना चाहता था। यह सब जानकर इमरान के अंदर एक आग लग गई थी और उसका दिल चाह रहा था कि वह अभी जाकर इस विश्वासघाती का सिर शरीर से अलग कर दे। मगर वह एक प्रशिक्षित एजेंट था जो अपने गुस्से पर काबू पाना जानता था, राफिया की दी गई जानकारी को दिमाग़ में रखने के बाद इमरान ने और तस्वीरें देखना शुरू कर दी और कुछ तस्वीरें देखने के बाद इमरान ने राफिया से पूछा कि कभी तुम्हें जिज्ञासा नहीं हुई कि तुम्हारे पापा का मूल उद्देश्य क्या है? वह भारत को कैसे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं? 

इमरान की बात सुनकर राफिया ने एक ठंडी आह भरी और बोली मन तो बड़ा करता है मगर पापा कुछ बताते ही नहीं, उन्हें जब भी पूछो वह कहते हैं अभी पढ़ाई पूरी करो, फिर पढ़ाई पूरी करके आर्मी ज्वाइन करो तब तुम्हें सब कुछ पता चल जाएगा। अब की बार इमरान ने एक जोखिम लेने का फैसला किया फ़ौरन एक सवाल पूछ डाला, इस सवाल से राफिया को इमरान पर शक भी हो सकता था मगर इमरान ने सोच लिया था कि अब यही मौका है विश्वासघाती मुख्यमंत्री के खिलाफ सबूत जुटाने का और इस अवसर को इमरान किसी तरह हाथ से नहीं जाने देगा। इमरान ने राफिया से पूछ लिया कि कभी आपने अपने पापा के लेपटॉप का इस्तेमाल नहीं किया? उसमे तो जानकारी होगी उनके मिशन के बारे में? इस पर राफिया बोली कि पापा का लैपटॉप केवल पापा ही उपयोग कर सकते हैं। उनके लैपटॉप पर बहुत ज्यादा सिक्यॉरटी है, और कोई उनके पासवर्ड को तोड़ नहीं सकता। 

इमरान ने मुस्कुराते हुए कहा कि अगर उनका पासवर्ड तोड़ दूं तो क्या इनाम मिलेगा मुझे ??? राफिया ने भी मुस्कुराते हुए इमरान को देखा और बोली यह बच्चों का काम नहीं। भूल जाओ पापा का लैपटॉप। इमरान ने जिद करते हुए कहा नहीं तुम मुझे बताओ अगर तुम्हारे पापा के लैपटॉप का पासवर्ड ब्रेक कर दिया मैंने तो पुरस्कार मिलेगा। राफिया ने इमरान की आंखों में आंखें डालते हुए कहा कि जो तुम माँगोगे। इमरान ने तत्काल कहा ठीक है अगर मैंने तुम्हारे पापा के लैपटॉप का पासवर्ड तोड़ दिया तो तुम मुझे सेना में नौकरी दिलवा दोगी अपने पापा से कह कर। ताकि मैं भी अपने देश की कुछ सेवा कर सकूँ। इमरान की बात सुनकर राफिया तुरंत राजी हो गई और इमरान को लेकर अपने पापा के कमरे में आ गई। वहां जाकर एक अलमारी से राफिया ने अपने पापा का लैपटॉप निकाला और इमरान के सामने टेबल पर रख दिया, इमरान टेबल के सामने मौजूद कुर्सी पर बैठ गया और राफिया को कहा उसे एक फ्लैश ड्राइव यूएसबी चाहिए। राफिया दूसरे कमरे में गई और 2 मिनट में ही एक यू एस बी ले आई। इमरान ने राफिया यू एस बी लेकर लैपटॉप के साथ लगाई और लैपटॉप कमांड प्रॉम्प्ट में चला गया, उसके बाद इमरान ने तेजी के साथ कुछ कमांड देना शुरू किया और ब्लैक स्क्रीन पर तेजी के साथ कुछ इबारतें ऊपर की ओर चलने लगीं। राफिया अब इमरान की कुर्सी के पीछे खड़ी उसके कंधे पर हाथ रखकर स्क्रीन को ध्यान से देख रही थी। इमरान की उंगलियां तेजी के साथ बोर्ड पर चल रही थीं।


कुछ ही देर के बाद काली स्क्रीन पर बड़ा सारा पासवर्ड डीनाईड लिखा गया। राफिया ने यह देखा तो हल्की आवाज के साथ ठहाका लगाया और बोली मेंने कहा था न कि यह बच्चों का काम नहीं है, लेकिन इमरान ने राफिया की बात का जवाब दिए बिना फिर से कीबोर्ड पर उंगलियां चलाना शुरू हो किया, लेकिन दूसरी बार फिर से पासवर्ड डीनाईड लिखा आया तो अब की बार राफिया थोड़ा जोर से हँसी और इमरान छोड़ दो तुम्हारे बस का रोग नहीं है यह। यह पाकिस्तानी सेना के कर्नल का लैपटॉप है इतनी आसानी से पासवर्ड ब्रेक जाएं इसके तो इंडिया वाले हमारी बैंड ना बजा दें। अभी राफिया की बात पूरी ही हुई थी कि राफिया को लैपटॉप स्क्रीन पर लिखा देखा योर पासवर्ड इस ओपन . अब की बार इमरान ने मुड़ कर राफिया को देखा, उसकी आंखों में एक चमक थी जैसे कह रहा हो सफल रहा और भारत तुम लोगों की बैंड बजा कर ही रहेगा। 

राफिया ने अनिश्चित स्वर में इमरान पूछा यह क्या हुआ ?? तो इमरान ने कहा तुम्हारे पापा का पासवर्ड इस यू एस बी में बचाया है, अब अपना लैपटॉप लाओ, इसमें लगाओ और यही यू एस बी। राफिया भागकर गई और अपना लैपटॉप उठा लाई इमरान ने वो यू एस बी राफिया के लैपटॉप में लगाई और उसमें मौजूद एक फ़ाइल खुली थी , जिसमे कुछ अजीब शब्द दिख रहे थे, उन शब्दों को न तो राफिया पढ़ सकती थी और न ही इमरान। इमरान ने इन शब्दों को कॉपी किया और एक ऑनलाइन डी कोडिंग साइट खोलकर उनमें ये शब्द पेस्ट कर दिए। नीचे डी कोड बटन था इमरान ने उस पर क्लिक किया तो नीचे बने बॉक्स में 1947 पाकिस्तान डीवायड 2020 लिखा गया। इमरान ने राफिया की तरफ देखा और बोला ये है तुम्हारे पापा के लैपटॉप का पासवर्ड।

राफिया अभी भी अनिश्चितता की स्थिति में इमरान देख रही थी और बोली में कैसे मान लूँ कि यही पासवर्ड है ??? इमरान ने कर्नल इरफ़ान का लैपटॉप ऑनलाइन किया और जैसे ही विंडोज ने पासवर्ड मांगा इमरान ने वही पासवर्ड जो डीकोड किया था वहाँ दर्ज कर दिया और एंट्री बटन दबाया तो कर्नल इरफ़ान का लेप टॉप ऑनलाइन गया। 

राफिया फटी फटी आँखों से कभी इमरान और कभी लैपटॉप को देख रही थी, अब इमरान ने कर्नल का लैपटॉप बंद किया और राफिया को पकड़ाते हुए बोला इसे वापस रख दो, और कभी इसको खोलने की कोशिश मत करना। इसे अपने पापा का लैपटॉप मत समझना यह हमारे देश का लैपटॉप है और इसमें हमारे देश के कई रहस्य सुरक्षित होंगे इसी तरह दुश्मन के बारे में भी कुछ ऐसी जानकारी होगी जो कर्नल साहब कभी नहीं चाहेंगे कि उनके अलावा कोई और जान सके । और क्या पता तुम्हें या मुझे इस जानकारी का पता चल जाए तो हम उसे गुप्त रख भी सकेंगे या नहीं। इसलिए इसको वहीं पर रख दो और पासवर्ड भी भूल जाओ। लेकिन अपना वादा याद रखना कि अब तुमने मुझे पाकिस्तानी सेना में नौकरी दिलवानी है ... इमरान की बात सुनकर राफिया ने हाँ मे सिर हिलाया और बोली हां आप सही कह रहे हो, मैं इस लैपटॉप में मौजूद जानकारी से दूर ही रहूं तो बेहतर है। यह कहते हुए राफिया ने लैपटॉप वापस अलमारी में रख दिया और अपनी फ्लैश ड्राइव से वह फाइल डिलीट कर दी जिसमें कोडड पासवर्ड मौजूद था। 

उसके बाद राफिया ने इमरान से हाथ मिलाया और बोली तुम्हारी नौकरी पाकिस्तानी आर्मी में पक्की समझो, तुम पाकिस्तानी आर्मी ज्वाइन कर इंडियन सुरक्षा प्रणाली को आसानी ब्रेक कर सकते हो, जब पापा को पता लगेगा कि आप ने उनका पासवर्ड ब्रेक कर दिया तो वह निश्चित रूप से आप को नौकरी दिलवा देंगे . राफिया की बात सुनकर इमरान बोला अगर तुम्हारे पापा को यह पता चली तो वे मुझे नौकरी नहीं देंगे सीधा यमराज के पास भिजवा देंगे मेरी गर्दन काट कर। भूलकर भी उन्हें यह बात मत बताना . मैं खुद ही उन्हें अपनी आई टी जानकारी संबंधित बताऊंगा तो उन्हें मेरे साक्षात्कार से पता चल जाएगा कि मैं कैसे सक्षम हूँ। फिर वह मुझे पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी में भी नौकरी दिलवा देंगे बस मुझे कोई ऐसा व्यक्ति चाहिए जो मेरी मदद कर सके। मेरे पास कोई डिग्री नहीं इसलिए कहीं जॉब नहीं ले सकता, लेकिन मुझे आईटी के शौकीन लोगो से अपने आप से ही बहुत सी बातें सीखी हैं जो कई डिग्री वालों को भी नहीं पता होंगी। अब तुम अगर चाहो तो मेरी जिंदगी संवर सकती है। 

इमरान की चिकनी चुपड़ी बातों में राफिया को सच्चाई नजर आ रही थी। राफिया की जान बचाने का एहसान राफिया को अब मजबूर कर रहा था कि वह भी इमरान की मदद करके इस एहसान को उतार सके, और इमरान के इस कारनामे के बाद तो उसने पक्का इरादा कर लिया था कि वो ज़रूर इमरान की मदद करेगी । अब इमरान और राफिया कर्नल इरफ़ान के कमरे से निकले और वापस राफिया के कमरे में चले गए। इमरान की चाल में अब भी हल्की हल्की तकलीफ थी वह थोड़ा लंगड़ा कर चल रहा था, राफिया ने भी इस बात को महसूस कर लिया और इमरान को अपने बिस्तर पर लिटा दिया। राफिया ने इमरान को गर्म दूध का एक बड़ा गिलास लाकर दिया और कहा कि यह पी लो तुम्हारी तबीयत बेहतर हो जाएगी इससे। इमरान ने गटा गट सारा दूध का गिलास खाली कर दिया, उसको उस समय खाने की बहुत जरूरत थी भूख भी थी और खून बहने की वजह से थोड़ी कमजोरी भी फेल हो रही थी। इमरान ने बिना झिझक राफिया को अपनी भूख के बारे में बताया तो राफिया किचन में से कुछ फल ले आई और काट काटकर इमरान को खिलाने लगी। इमरान को भी इतनी सुंदर लड़की से अपनी सेवा करवाने का मज़ा आ रहा था वो भी आराम से अपनी सेवा करवाता रहा। 

फल खाने के बाद राफिया ने इमरान से पूछा और कुछ चाहिए ??? तो इमरान ने कहा, मेरे पूरे शरीर में बहुत दर्द हो रहा है, अगर बाहर से किसी गार्ड या कर्मचारी को बुला दो तोड़ा तेल लगाकर मेरी मालिश कर देगा तो मुझे आराम मिल जाएगा। यह सुनकर राफिया बोली इसमें ऐसी कौन सी बात है मैं कर देती हूँ। इमरान ने कहा नहीं नहीं राफिया जी आप रहने दें, मुझे अच्छा नहीं लगेगा आप किसी कर्मचारी को कह दें। राफिया ने कहा नहीं ऐसा नहीं हो सकता। अब आप आम आदमी नहीं हो, तुमने मेरी जान भी बचाई है और तुम एक सक्षम व्यक्ति हो तो मुझे भी थोड़ा मौका दो अपनी सेवा का . यह कह कर राफिया अपने कमरे में अटैच बाथरूम में तेल लेने चली गई जबकि इमरान के दिल में खुशी से लड्डू फूटने लगे। 

राफिया बाथरूम से तेल की शीशी लाई और इमरान के साथ ही बेड पर बैठ गई और इमरान को उल्टा लेटने को कहा। इमरान ने एक बार फिर से राफिया को कहा कि वह रहने दे मगर राफिया तो अब दिल से इमरान की सेवा करना चाहती थी उसने खुद इमरान की शर्ट के बटन खोलने शुरू किये और एक एक करके सारे बटन खोल दिए। फिर उसने इमरान को शर्ट उतारने को कहा तो इमरान उठ कर बैठ गया और अपनी शर्ट उतार दी, शर्ट उतार कर उसने अपनी बनियान भी उतार दी और उल्टा होकर लेट गया जबकि राफिया इमरान का सीना देखकर हैरान रह गई। इमरान की सिक्स पैक बॉडी किसी भी लड़की को अपनी ओर खींचने के लिए काफी थी और राफिया भी पहली नजर में उसकी बॉडी देखकर दीवानी हो गई थी। राफिया की अराज के साथ अच्छी दोस्ती थी और वह उसके साथ कई बार सेक्स कर चुकी थी मगर उसकी बॉडी इमरान की तुलना में ऐसी ही थी जैसे पहाड़ के सामने एक पत्थर। 

इमरान जब उल्टा होकर लेट गया तो राफिया उसके बराबर घुटनों के बल बैठ गई और उसकी कमर पर शीशी से तेल गिराने लगी। कंधों से लेकर कमर के नीचे तक तेल गिराने के बाद राफिया ने शीशी को एक साइड पर रख दिया और अपने नरम नरम हाथों से तेल को इमरान की पीठ पर मसलने लगी। राफिया के हाथों के स्पर्श से इमरान को मस्त मज़ा मिलने लगा। वह मन ही मन खुश हो रहा था कि इतनी सुंदर और जवान लड़की से मालिश करवाने का मौका मिल रहा है। 

राफिया ने तेल इमरान की कमर पर मसलने के बाद अपने हाथों से इमरान की कमर पर मालिश करना शुरू किया, वह इमरान के कंधों से अपनी उंगलियों के पंजों को दबाती और रगड़ती हुई कमर के नीचे तक ले आती, फिर नीचे हथेली के नीचे का हिस्सा रखती और रगड़ते हुए ऊपर कंधों तक लाती . राफिया के नरम नरम हाथों का स्पर्श पाकर इमरान को अपने शरीर में गुदगुदी होती महसूस हो रही थी। हालाँकि राफिया मालिश करने में विशेषज्ञता नहीं रखती थी मगर फिर भी वह कोशिश कर रही थी कि वह अपने नरम और नाजुक हाथों से इमरान को आराम पहुंचा सके और इसमें वह काफी हद तक सफल भी हो रही थी। लेकिन इमरान की पेंट में मौजूद लंड की बेचैनी बढ़ने लगी थी। हालाँकि इमरान का ऐसा कोई इरादा नहीं था मगर जब इतनी सुंदर और गर्म लड़की आपकी कमर की मालिश कर रही हो तो लंड कहां आराम से बैठ सकता है। इमरान का लंड भी अब उसे मजबूर करने लगा था कि वह राफिया के शरीर से अपनी गर्मी को मिटाए मगर वह अपने ऊपर नियंत्रण रख रहा था, लेकिन उसकी खुशी में वृद्धि होती जा रही थी कुछ देर बाद राफिया अपनी जगह से उठी और इमरान के कूल्हों से कुछ नीचे उसके ऊपर पैर फैलाकर बैठ गई। राफिया का अपना दिल भी इमरान से सेक्स करने के लिए मचल रहा था, वह कोई दूध पीती बच्ची तो नहीं थी कि एक जवान आदमी के साथ अकेली हो और उसकी इतनी सेक्सी बॉडी देख कर उसका दिल ना मचले। राफिया का मन कर रहा था कि इमरान उसको अपनी बाँहों में भर कर अपने मजबूत सीने से लगा ले जहां राफिया को सुरक्षा की भावना और उसकी शारीरिक जरूरत भी पूरी हो सके। मगर वह खुल कर उसको व्यक्त नहीं कर पा रही थी, राफिया इमरान के ऊपर बैठी तो इमरान को एक झटका लगा उसने अपनी गर्दन घुमाकर राफिया को देखा और ज़रा शरमाते हुए बोला अरे राफिया जी यह आप क्या ...... 

राफिया ने कहा चिंता मत करो तुम्हे मज़ा आएगा, कि एक बार फिर राफिया इमरान की कमर की मालिश करने लगी अब की बार राफिया के हाथों में पहले से कहीं अधिक मज़ा था, वह बहुत नरमी के साथ इमरान की कमर पर हाथ फेर रही थी। अब राफिया का मूड मालिश करने का कम और उसको सेक्स से आराम पहुंचाने के इरादे अधिक थे . 

इमरान ने भी राफिया के हाथों से मिलने वाले आनंद को महसूस करना शुरू कर दिया था साथ ही उसका मन उसे बता रहा था कि राफिया इस समय किस मूड में है। उसके लिए फैसला करना मुश्किल हो रहा था कि जो कुछ हो रहा है वह ऐसे ही होने दे और राफिया को आगे बढ़ने दे या उसे यहीं रोक दे। एक ओर इसे कर्नल इरफ़ान के घर में प्रवेश करने का उद्देश्य कह रहा था कि समय बर्बाद किए बिना अपना काम करे दूसरी ओर एक गर्म और जवान लड़की के सेक्स आकर्षण था कि इमरान का लंड इमरान को मजबूर कर रहा था कि अपने कर्तव्य भुला कर इस लड़की के शरीर से कुछ देर खेला जाय और आराम प्राप्त किया जाए। राफिया अब बहुत गर्म होती जा रही थी। वो ना केवल इमरान की कमर की मालिश कर रही थी बल्कि अपना निचला होंठ अपने दांतों में दबा कर हल्की हल्की सिसकियाँ भी निकाल रही थी जिसका उद्देश्य इमरान को अपनी मांग के बारे में आगाह करना था। इमरान ने महसूस किया था कि राफिया अब रुकने वाली नहीं इसलिए उसने राफिया को रोकने के लिए राफिया को अपने ऊपर से नीचे उतरने को कहा। 

राफिया ने कहा नहीं अभी और मालिश करवा लो, लेकिन इमरान ने कराहते हुए कहा राफिया जी आप मेरे पैर के घाव पर बैठी हैं मुझे वहाँ दर्द महसूस हो रहा है। इमरान की बात सुनकर राफिया को एहसास हुआ कि वाकई वह इस समय इमरान के घाव के ऊपर बैठी थी, वह तुरंत उछलकर इमरान के ऊपर से उतर गई और इमरान ने मौके की गनीमत को जाना और सीधा होकर लेट गया ताकि अबकी बार राफिया इमरान के ऊपर आकर उसको बरगलाने की कोशिश न कर सके। मगर इमरान की यह हरकत उसके खिलाफ ही चली गई। इमरान जैसे ही सीधा हुआ राफिया की नजरें इमरान के मजबूत और चौड़े सीने से होती हुई उसकी पेंट तक चली गईं जहां इमरान का लंड काफी खड़ा हो चुका था राफिया के हाथ का हल्का सा स्पर्श अब उसको पूरी तरह खड़ा कर सकता था। राफिया की नजरें इमरान की पैंट पर जाकर रुक गईं थीं। इमरान ने जल्दी महसूस कर लिया कि यह तो मामला उलट गया। 

अब इमरान ने अपना एक हाथ पकड़ा और उसे पकड़ कर कराहने लगा। राफिया की नजरें अब इमरान के आधे खड़े लंड हटी और उसने इमरान से पूछा क्या हुआ तो इमरान ने कहा बस हाथ में भी दर्द महसूस हो रहा है। राफिया ने अब की बार इमरान का हाथ पकड़ा और दबाने लगी। इमरान ने मना किया लेकिन राफिया ने अपने होठों पर उंगली रख कर उसको शांत होने का इशारा किया, राफिया की आंखों में एक अजीब सा नशा था और वह इमरान को प्यार भरी नज़रों से देख रही थी। बल्कि अगर यह कहा जाए कि प्यार से अधिक राफिया की नज़रों में वासना थी तो गलत न होगा। इमरान मजबूरन फिर चुप होकर लेटा रहा। राफिया ने इमरान का हाथ उठाया और उसका हाथ अपने कंधे पर रख दिया और उसके हाथ को हाथ से लेकर कंधे तक हल्की हल्की मालिश करने लगी। 

इमरान के हाथ की मालिश करते हुए राफिया ने एक बार अपना दायाँ हाथ इमरान के सीने पर रखा और सीने पर हाथ फेरते हुए उसकी नाभि तक ले आई और इमरान की ओर देखती हुई नशीली आवाज़ में बोली तुम्हारी बॉडी तो बहुत सुंदर है। कौनसे जिम में जाते हो ?? इमरान ने कहा राफिया जी हम जैसे गरीबों के नसीब में जिम नहीं होते, यह तो मेहनत मजदूरी है जो बॉडी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राफिया ने एक बार फिर इमरान को नशीली नज़रों से देखा और अपना निचला होंठ अपने दांतों में लेकर दबाने लगी, यह इमरान के लिए स्पष्ट संकेत था कि राफिया की चूत इमरान के लंड के लिए बेताब हो रही है। मगर इमरान अब तक अपने आप को रोके हुए था क्योंकि उसका मकसद कुछ और था जिसके लिए वह कर्नल इरफ़ान के घर में आने की खतरनाक योजना बना चुका था और उस पर अमल भी शुरू कर दिया था, अब जब मंजिल करीब थी तो राफिया इमरान को उसके लक्ष्य से दूर ले जा रही थी। 

राफिया ने अब इमरान के हाथ को फिर से दबाना शुरू किया, मगर इस बार उसने इमरान का हाथ अपने कंधे से उठा कर अपने सीने पर रख लिया और खुद ही उसके हाथ को सीने से फेरती हुई अपनी क्लीवेज़ पर ले जा कर रोक लिया और फिर से इमरान के हाथ को हल्के हल्के दबाने लगी। इमरान की उंगलियां राफिया की गर्म गर्म छाती पर थी जबकि उसकी हथेली राफिया के क्लीवेज़ पर थी, राफिया के बूब्स का उभार और बीच में बनने वाली लाइन तो शुरू से ही इमरान को आकर्षित रही थी मगर अब उसका हाथ राफिया ने खुद अपने क्लीवेज़ पर रखा तो इमरान की पेंट में मौजूद लंड भी हिम्मत हार गया
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RE: वतन तेरे हम लाडले - by sexstories - 06-07-2017, 02:28 PM

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