Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
06-07-2017, 02:27 PM,
#52
RE: वतन तेरे हम लाडले
फोन बंद करने के बाद कैप्टन फ़ैयाज़ ने तत्काल अपनी पत्नी को तैयार होने के लिए कहा और कुछ ही देर बाद एक निजी जेट से वह लाहोर की ओर जा रहा था। लाहोर पहुंचते ही सबसे पहले वो कर्नल इरफ़ान के घर गया और वहां जाकर गार्ड से राफिया के बारे में पूछा तो गार्ड ने इंटर काम पर राफिया से बात की और फ़ैयाज़ के आने की सूचना दी। राफिया ने गार्ड से कहा कि फ़ैयाज़ को गेस्ट रूम में बिठाए वह वहीं आती है। गार्ड ने राफिया की बात सुनकर कैप्टन फ़ैयाज़ को गेस्ट रूम में बिठा दिया जहां कैप्टन फ़ैयाज़ राफिया का इंतजार करने लगा। वह राफिया को देखने के लिए बेताब था, शादीशुदा होने के बावजूद कैप्टन फ़ैयाज़ राफिया को पसंद करता था उसकी उभरती जवानी का हुश्न हमेशा उसकी पेंट में मौजूद लंड को खड़ा होने पर मजबूर कर देता था मगर कर्नल की बेटी होने के कारण उसने कभी राफिया पर लाइन मारने की कोशिश नहीं की थी। 

मात्र 3 मिनट के इंतजार के बाद कमरे का दरवाजा खुला और राफिया अपने स्लीपिंग ड्रेस में कमरे में आ गई, काले और लाल रंग का ढीला ढाला वायर्ड स्लीपिंग गाऊन राफिया के शरीर के उभारों को काफी स्पष्ट कर रहा था, राफिया के अंदर आते ही कैप्टन फ़ैयाज़ अपनी जगह से खड़ा हो गया और राफिया को सलाम किया। राफिया ने भी फ़ैयाज़ को सलाम किया और फ़ैयाज़ के सामने वाले सोफे पर बैठ गई। राफिया के बैठते ही फ़ैयाज़ ने राफिया से रात वाली घटना के बारे में पता किया और परेशानी जताते हुए राफिया की खैरियत की पूछी . राफिया ने एक लंबी जम्हाइ ली, उसकी आँखों में अब तक नींद का खुमार था। फ़ैयाज़ के सवाल पर राफिया ने बताया कि ऐसा कोई विशेष घटित नहीं हुआ था कुछ अनाड़ी लोगों द्वारा यह हरकत की गई थी मगर वहां मौजूद एक युवक ने सही समय पर हस्तक्षेप करके उन गुंडों को ढेर कर दिया और राफिया को बचाकर सुरक्षित बच घर पहुंचा दिया। 

फ़ैयाज़ ने अधिक कुछ कुरेदने के लिए राफिया से सवाल पूछना शुरू किया तो राफिया ने बेज़ारी का प्रदर्शन करते हुए यह कहा कि छोड़ो आप इन बातों को और बताओ आपका यहाँ कैसे आना हुआ? फ़ैयाज़ ने बताया कि उसको राफिया के पापा ने भेजा है ताकि वह राफिया की खैरियत पता कर सके और इस युवक से भी मिल सके जिसने राफिया को गुंडों से बचाया है। उसकी बात सुनकर राफिया ने कहा इमरान तो अभी सो रहा है, काफी घायल हो गया था सारी रात दर्द से कराहता रहा अभी कुछ देर पहले ही उसकी आंख लगी है अभी उसे सोने दो शाम में आकर मिल लेना, और यह बताओ पापा कैसे हैं? उनको अभी तक वह इंडियन एजेंट मिला या नहीं? इस पर कैप्टन फ़ैयाज़ ने कहा चलें जैसे आपकी मर्ज़ी मैं शाम में आकर उससे मिल लूँगा, और कर्नल साहब बिल्कुल ठीक हैं। उम्मीद है जल्द ही उस एजेंट की गर्दन आपके पापा के हाथ में होगी। अब राफिया अपनी जगह से खड़ी हुई और बोली चलो ठीक है मैं चलती हूँ मुझे भी अभी बहुत नींद आ रही है, नौकर को कहती हूँ वह आपकी सेवा के लिए कुछ खाने पीने की व्यवस्था कर देगा। इस पर कैप्टन फ़ैयाज़ भी अपनी जगह से खड़ा हो गया और बोला नहीं उसकी जरूरत नहीं भी चलता हूँ, कर्नल साहब ने मेरे ज़िम्मे कुछ जरूरी काम लगाए हैं वो करने हैं। फिर शाम को चक्कर लगाउन्गा उसके बाद कैप्टन ने राफिया को अपना ध्यान रखने को कहा और वहां से चला गया।


बाहर निकल कर कैप्टन तुरंत अपने कार्यालय गया और वहाँ जाते ही सबसे पहले अपने खोये हुए फोन का पता लगाने की कोशिश की। कुछ ही देर के प्रयास के बाद कैप्टन को अपने फोन की वर्तमान लोकेशन और उसमें इस्तेमाल होने वाली सिम के बारे में जानकारी मिल गई। और फिर उस सिम के माध्यम से यह भी मालूम हो गया कि इस समय वह मोबाइल कहां इस्तेमाल हो रहा है। कैप्टन ने तुरंत अपने 2 विश्वसनीय लोगों वांछित पते पर भिजवा दिया और उनको सिम मालिक की जानकारी देकर कहा कि इस आदमी को जल्दी उठा लाओ। कैप्टन के आदेश पर उसके 2 सैनिक जवान त्वरित इच्छित स्थान पर रवाना हो गए जबकि कैप्टन इन नंबरों के बारे में जानकारी एकत्रित करने लगा। अपने मोबाइल के गुम होने के बाद अब तक इसमें 2 अलग नंबर इस्तेमाल किए गए थे। और ये दोनों नंबर लाहोर के ही थे। और उसका मोबाइल भी लाहोर में ही मौजूद था। 

इससे कैप्टन को इतना तो यकीन हो ही गया था कि उसने मेजर राज को सही पहचाना है एयरपोर्ट पर उसके हुलिए में जाने वाला व्यक्ति कोई और नहीं मेजर राज ही था और उसके साथ वह लड़की समीरा ही थी जो उसको डांस क्लब में मिली थी। अब कैप्टन ने पिछली सुबह के समय मोबाइल में इस्तेमाल होने वाली सिम की जानकारी भी निकाल ली और इस सिम के मालिक को भी उठाने के लिए अपनी एक टीम रवाना कर दी। मोबाइल में फिलहाल मौजूद सिम से कोई कॉल नहीं की गई थी जबकि इससे पहले वाली सिम से कुछ कॉल की गई थीं। कैप्टन ने कॉल को ट्रेस करना शुरू किया तो यह सब नंबर लाहोर के अंडरवर्ल्ड गैंग के थे। बेशक इन्हीं में से कोई गिरोह होगा जिसके माध्यम से मेजर राज ने कर्नल इरफ़ान की बेटी का अपहरण करने की कोशिश की होगी। कैप्टन ने सभी कॉल्स का रिकॉर्ड चेक किया तो जिस समय राफिया का अपहरण किया गया इससे कुछ देर पहले एक विशिष्ट नंबर से कॉल प्राप्त भी हुई थीं इस नंबर पर और कॉल भी गई थी। कैप्टन ने इन नंबरों को भी ट्रेस कर लिया और तुरंत अपने 10 सैन्य जवानों की टीम को सीआईडी के साथ इस अंडरवर्ल्ड गैंग के बड़े नामों को गिरफ्तार करने के लिए भिजवा दिया। 

इस काम खत्म हुआ तो केप्टन के भेजे हुए पहले दो आदमी एक युवा को पकड़ कर ला चुके थे। यह एक 18 साला युवा था रूप से किसी गरीब आबादी में रहने वाला गरीब व्यक्ति मालूम होता था। यह आकार से किसी भी तरह कोई बड़ा अपराधी या इंडियन एजेंट नहीं लगता था। कैप्टन ने उस लड़के से उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम नौशाद बताया। उसकी आवाज कांप रही थी और वह नाम बताते ही कैप्टन के कदमों में गिर कर माफी मांगने लगा और कहने लगा साहब मैंने कुछ नहीं किया मुझे तो यह मोबाइल सड़क पर पड़ा मिला था मैंने उठाया मैंने चोरी नहीं किया। कैप्टन ने लड़के को कॉलर से पकड़ कर खड़ा किया और अपना आधा किलो का हाथ उसके मुंह पर जड़ दिया। कैप्टन के एक ही थप्पड़ से वह दुबला-पतला लड़का घूमता हुआ दूर जा गिरा और उसके मुंह से खून निकलने लगा। शायद उसके कुछ दांत टूट गए थे। कैप्टन ने फिर उसको खड़ा किया और गाली देते हुए बोला बोल साले कहाँ से मिला तुझे यह मोबाइल ... इस बार लड़के की आवाज में पहले से अधिक भय और कपकपाहट थी उसने बताया कि वह लाहोर की एक कच्ची बस्ती का निवासी है और सुबह सड़कों से कूड़ा उठाने का काम करता है। आज भी जब सुबह 5 बजे वह एक सड़क से कूड़ा एकत्रित कर रहा था तो सड़क की एक साइड पर उसे यह मोबाइल मिला। उसने मोबाइल उठाकर जेब में डाल लिया। कुछ देर बाद उस पर कॉल आने लग गई तो उसने वह सिम निकालकर फेंक दिया और अपनी सिम में डाल ली। 

कर्नल ने उस लड़के को एक और झापड़ रसीद किया और बोला और भी बता तुझे क्या मालूम है उन गुण्डों के बारे में जिन्होंने कर्नल साहब की बेटी का अपहरण करने की कोशिश की थी ??? अब वह लड़का गिड़गिड़ाने लगा और केप्टन के कदमों में गिर कर माँफी मांगने लगा, उसकी ज़ुबान पर एक ही बात थी साहिब में कुछ नहीं जानता, मैंने किसी कर्नल साहब की बेटी का अपहरण करने की कोशिश नहीं की न ही मेरा संबंध गुण्डों से है मैं तो एक गरीब व्यक्ति हूँ मेहनत मजदूरी करके और सड़कों से कूड़ा उठाकर अपना गुजर-बसर करता हूँ। मैं कुछ नहीं किया साहब। मैं कुछ नहीं जानता। । । । 

कैप्टन को विश्वास हो गया था कि यह लड़का निर्दोष है। और उसकी बताई गई जगह बिल्कुल लीबिया नाइट क्लब के सामने वाली जगह थी जहां कल रात राफिया का अपहरण करने की कोशिश की गई थी। इसका मतलब था कि अगर यह मोबाइल राज के पास था तो वह भी राफिया का अपहरण करने की कोशिश में शामिल था और तभी उसकी जेब से यह मोबाइल सड़क पर गिर गया होगा, और एक भले आदमी के हस्तक्षेप के कारण उसको वहां से भागना पड़ा। कैप्टन ने इस लड़के को दो चार गालियां और सुनाई और अपने जवानों से कहा कि उसे तब तक कैद मे रखो जब तक हमें मेजर राज का कोई सुराग नहीं मिल जाता। दोनों सैनिक उस लड़के को घसीटते हुए ले गए और वह गिडगिडाता रहा माँफी मांगता रहा मगर कैप्टन ने उसकी एक न सुनी। 

उसके जाने के बाद कैप्टन ने ठंडे पानी के 2 गिलास पिये ताकि उसका गुस्सा कुछ कम हो सके मगर कुछ ही देर में दूसरी टीम उस व्यक्ति को पकड़ लाई जिसकी सिम पिछली सुबह मोबाइल में इस्तेमाल हुई और जिसके माध्यम से गुण्डों से संपर्क भी किया गया था। जैसे ही कैप्टन फ़ैयाज़ की नज़र उस पर पड़ी वह अपने आपे से बाहर हो गया और उसने तुरंत उस पर लातों और घूँसों बारिश कर दी। कैप्टन फ़ैयाज़ वास्तव में समीरा का गुस्सा उस पर निकाल रहा था। वह व्यक्ति चिल्लाता रहा और माफी मांगता रहा मगर कैप्टन फ़ैयाज़ को बिल्कुल भी तरस नहीं आया। जब उसकी खूब दुर्गति हो चुकी और कप्तान फ़ैयाज़ भी मार मार कर निढाल हो गया तो वह अपनी कुर्सी पर वापस जा कर बैठ गया। आने वाला व्यक्ति अब नीम बेहोशी की हालत में था, इसलिए मार खाकर उसमे बात करने की और हिलने ताक़त नहीं बची थी बस वह हौले हौले सांस ले रहा था। कैप्टन ने एक सेना के जवान को कहा कि इसको पानी पिलाओ जल्दी ताकि यह मेरे सवालों का जवाब दे सके। कैप्टन के आदेश का तत्काल अनुपालन हुआ और उसे पानी पिलाया गया। कोई 10 मिनट बाद उस व्यक्ति की हालत कुछ बेहतर हुई तो कैप्टन ने पूछा कि बताओ कौन हो तुम और मेजर राज को कैसे जानते हो? इस पर उस व्यक्ति ने अपना नाम और पता बताया और कहा कि वह किसी मेजर राज को नहीं जानता, यह नाम वो पहली बार सुन रहा है। 

फिर कैप्टन ने पूछा कि मेरा मोबाइल तुम्हारे पास कैसे आया? इस पर उस व्यक्ति ने बताया कि उसके पास कोई मोबाइल नहीं वह तो केवल अपना ही एक सस्ता सा मोबाइल इस्तेमाल करता है इस मोबाइल के अलावा और कोई मोबाइल उसके पास नहीं। कैप्टन ने एक दो थप्पड़ और रसीद किए और बोला कि जो पूछ रहा हूँ सच सच बता वरना तेरी बोटी बोटी नोच कर कुत्तों के आगे फेंक दूंगा। इस पर उस व्यक्ति ने हाथ जोड़कर और रोते हुए कैप्टन फ़ैयाज़ को बताया कि साहब मैं अल्लाह की कसम खाकर कहता हूँ मैं किसी मेजर राज को नहीं जानता और न ही आपका कोई मोबाइल मेरे पास है। इससे पहले कि उस व्यक्ति की बात पूरी होती 2 थप्पड़ और उसके चेहरे पर अपनी छाप छोड़ गए। अब की बार कैप्टन फ़ैयाज़ ने दहाड़ते हुए उसे उसका मोबाइल नंबर बताया और साथ यह भी बताया कि तुम्हारे इस नंबर से एक आतंकवादी ने किराए के गुंडों के माध्यम से हमारे कर्नल साहब की बेटी का अपहरण करने की कोशिश की है जिसको हम नाकाम कर चुके हैं मगर वह आतंकवादी हमारे हाथ से निकल गया, उसके साथियों के माध्यम से उसको ढूंढ लेंगे, अब जल्दी बोलो कैसे जानते हो तुम मेजर राज को और वह कहाँ मिलेगा। 

कैप्टन की बात सुनकर उस व्यक्ति ने कुछ गहरे सांस लिए और बोला साहब मैं आपको पूरी बात बताता हूँ, मुझे थोड़ा पानी पिला दें पहले। उसकी यह बात सुनकर कैप्टन फ़ैयाज़ ने उसके मुंह पर थूक दिया और बोला चल पी ले यह पानी .... वह व्यक्ति अपना सा मुंह लेकर जमीन की ओर देखने लगा, उसके भ्रम व गुमान में भी नहीं था कि इतनी छोटी सी गलती की वजह से उसको इतनी ज़िल्लत उठानी पड़ेगी . अब कैप्टन ने एक सैनिक को इशारा किया और उसने पानी का एक गिलास व्यक्ति के सामने रख दिया। उसने पानी देखा और एक एक घूंट करके पीने लगा। वह अपना सांस बहाल कर रहा था ताकि कैप्टन को सब कुछ बता कर इस मुसीबत और ज़िल्लत से निजात मिल सके। पानी पीने के बाद उसने कैप्टन को बताया कि साहब यह नंबर मेरा ही है। मगर मैंने कल सुबह अपना यह नंबर एक भले व्यक्ति को बेच दिया था। कल सुबह बस स्टॉप पर बस के इंतजार में खड़ा था तो मेरे पास एक टैक्सी आकर रुकी। और एक व्यक्ति नीचे उतरा और मेरी तरफ आया उसने बताया कि वह बाहर के देश से अभी पाकिस्तान पहुंचा है तो उसको एक फोन करना है। उसके पास एक अच्छा सा मोबाइल था मगर सिम नहीं थी तो उसने मेरे मोबाइल से कॉल करी थी। फ़िर उसने कॉल करने के बाद मुझसे मेरी सिम मांगी तो मैंने मना कर दिया, उसने कहा कि वह मुझे 1000 रुपये देगा। मगर मैंने फ़िर भी सिम नहीं दी उसे। फ़िर उसने मुझे 1500 का और फ़िर 2000 को कहा। मैंने सोचा कि बेचारा मजबूर है उसको जल्दी सिम चाहिए और मेरी भी बेटी की तबीयत खराब थी उसके इलाज के लिए कुछ पैसे चाहिए थे तो मैंने सोचा दोनों का फायदा है मैंने अपनी वह सिम 2000 में उस व्यक्ति को दे दी। उसके बाद वह व्यक्ति वापस टैक्सी में बैठ कर चला गया।
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RE: वतन तेरे हम लाडले - by sexstories - 06-07-2017, 02:27 PM

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