RE: वतन तेरे हम लाडले
सबीना जैसी गर्म लड़की से चुसाइ लगवाने का कर्नल को बहुत मज़ा आ रहा था उसने 10 मिनट तक सबीना से चुसाइ लगवाई और सबीना भी पूरे शौक से और मजे ले लेकर कर्नल के लंड की चुसाइ कर रही थी। जब कर्नल का लंड चुसाइ से दिल भर गया तो उसने सबीना को उठने का बोला और सोफे पर बैठने को कहा। सोफे पर बैठने के बाद कर्नल ने सबीना को घोड़ी बनने को बोला तो सबीना तुरंत सोफे की एक साइड पर हाथ और चेहरा रख कर घोड़ी बन गई और अपनी गाण्ड कर्नल की ओर कर दी। कर्नल ने सबीना के मस्त चूतड़ देखे तो उसका दिल खुश हो गया और उसने सबीना के चूतड़ों पर 2 चमाटें मारें जिससे उसके चूतड़ों पर कर्नल की उंगलियों के हल्के निशान भी पड़ गए और सबीना के मुँह से ऊच ऊच की आवाजें निकलने लगी फिर कर्नल ने अपने हाथ से सबीना की चूत को सहलाना शुरू किया, और उंगली डाल कर उसकी चूत के गीले पन का जायज़ा लेने लगा, उंगली लगाकर कर्नल समझ गया कि सबीना की चूत लंड लेने के लिए कितनी बेताब है। उसने अपना लंड हाथ में पकड़ कर ऊपर किया और उसकी टोपी पर अपने मुंह से थुका जो सीधा टोपी के ऊपर जाकर गिरा। कर्नल ने अपने हाथ से थूक को लंड की टोपी पर अच्छी तरह मसल दिया और फिर टोपी सबीना की चूत पर रख कर धीरे धीरे अपना दबाव बढ़ाने लगा। चूंकि सबीना एक शादीशुदा और लंड चाहने वाली लड़की थी इसलिए कर्नल का मोटा लोड़ा धीरे धीरे उसकी चूत में उतरने लगा। लोड़े की चमड़ी ने जब सबीना की चूत की दीवारों को साइड पर करते हुए आगे बढ़ना शुरू किया तो सबीना को अपनी चूत के अंदर मिर्च लगती महसूस हुईं काफी समय के बाद इतना मोटा लोड़ा उसकी चूत में जा रहा था। सबीना के मुँह से लम्बी लम्बी आहह्ह्ह्ह्ह्ह- - आयियीयीयीयियी- - - आह- - आयियीयियैआइयियीयियी- - - आह-- - - ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह- - की आवाज निकल रही थीं।
आधे से ज़्यादा लोड़ा सबीना की चूत में गया तो कर्नल ने एक बार लंड बाहर निकाला, और लंड को देखा तो वह सबीना की चूत में मौजूद गाढ़े पानी से चमक रहा था। अब की बार कर्नल ने धीरे से दबाव डालने की बजाय एक झटका मारा और सबीना का पूरा शरीर हिल कर रह गया, और उसके मुंह से एक चीख निकली मगर उसने कर्नल को रुकने का नहीं कहा क्योंकि वह चाहती थी कि कर्नल आज उसकी जमकर चुदाई करे। कर्नल ने एक बार फिर लंड बाहर निकाला मगर टोपी को अंदर ही रहने दिया और पहले से अधिक जोर के साथ धक्का मारा तो कर्नल का लंड सारे का सारा सबीना की चूत में घुस गया और उसके मुंह से आह आह की आवाज निकलने लगी। अब कर्नल रुका नहीं और लगातार सबीना को चोदने लगा। 5 मिनट लगातार बिना रुके डागी स्टाइल में सबीना की चुदाई हुई तो उसकी चूत ने कर्नल के लंड पर पानी की बरसात करके खुशी जताई। डागी स्टाइल में सबीना को चोदते हुए कर्नल ने उसके चूतड़ों को लाल कर दिया था वह बार बार सबीना के 34 आकार के भरे हुए चूतड़ों पर थप्पड़ मार मार कर सबीना की आग को और बढ़ा रहा था। चूत ने एक बार बरसात की तो कर्नल ने अपना लंड सबीना की चूत से बाहर निकाल लिया और पास पड़ी सबीना की शलवार से लंड साफ करने लगा।
अब कर्नल सोफे पर बैठ गया और सबीना को अपनी गोद में आने को कहा। सबीना तुरंत ही कर्नल की गोद में आ गई और अपनी टाँगें फैला कर कर्नल के लंड के ऊपर आ गई, सबीना घुटनों को मोड़ कर कर्नल की गोद में बैठी थी और उसने अपने दोनों हाथ कर्नल की गर्दन के आसपास लपेट लिए थे। कर्नल का लोड़ा जो ऊपर की तरफ खड़ा था और कर्नल के पेट के साथ लग रहा था उसको सबीना ने अपने हाथ से पकड़ा और उस पर मौजूद अपनी चूत के पानी को अच्छी तरह अपने हाथ लंड पर मसलने के बाद लंड की टोपी को अपनी चूत के छेद पर रख कर एक ही झटके में लंड के ऊपर बैठ गई और खुद ही लंड पर अपनी बिसात के अनुसार छलाँगें लगा लगा कर अपनी चूत चोदने लग गई। जैसे-जैसे सबीना कर्नल के लंड पर उछल रही थी वैसे वैसे सबीना के36 आकार के गोल सुडौल और कसे हुए मम्मे कर्नल के चेहरे के सामने उछल रहे थे और कभी कभी कर्नल के चेहरे को भी छूते। ।
कुछ देर बाद जब सबीना छलाँगें मार मार कर थक गई तो वह आगे की ओर झुक कर बैठ गई और अपना पूरा शरीर कर्नल के जिस्म से लगा दिया, उसकी कमर अंदर से धंस गई और गाण्ड बाहर निकल गई। अब सबीना ने छलाँगें मारने की बजाय केवल अपनी गाण्ड हिलाना शुरू की जिससे कर्नल का लंड फिर से सबीना की चूत की चुदाई करने लगा। अभी कर्नल ने नीचे से धक्के लगाना शुरू नहीं किए थे सबीना खुद ही अपनी गाण्ड हिला हिला कर अपनी चुदाई करवा रही थी।
कर्नल को चुदाई का यह स्टाइल बहुत प्यारा लगा, वह अपना चेहरा साइड पर निकालकर सबीना की गाण्ड को देखने लगा। 34 आकार के भरे हुए चूतड़ ऊपर नीचे हिलता देखकर कर्नल को बहुत मज़ा आ रहा था और आश्चर्यजनक रूप से सबीना का शरीर और बाकी हिस्से नहीं हिल रहे थे बस उसकी गाण्ड ही ऊपर नीचे हो रही थी और कर्नल का लंड सबीना की चूत के अंदर रगड़ाई करने में व्यस्त था। फिर थोड़ी देर के बाद कर्नल ने धक्के मारने प्रारम्भ करने का इरादा किया और सबीना को मम्मों से पकड़ कर अपने से थोड़ा दूर कर दिया और सबीना को कहा कि घुटनो के बल थोड़ा ऊपर होकर इस तरह बैठ जाए कि महज कर्नल की टोपी ही चूत के अंदर रहे बाकी लंड बाहर निकल आए। सबीना ने कर्नल की गर्दन के आसपास अपने हाथ डाले और ऊँचा होकर बैठ गई सारा लंड बाहर निकल आया मात्र टोपी ही चूत के अंदर रह गई। फिर कर्नल ने सबीना को चूतड़ों से पकड़ा और नीचे अपने 9 इंच लंड के धक्के लगाना शुरू कर दिया। फिर सबीना की सिसकियाँ निकलना शुरू हो गईं ...
मजे की तीव्रता से सबीना बार बार अपने होंठ काट रही थी और अब यस ऑश यस कर्नल, फक मी हार्ड, मोर, मोर, फक मी लाइक ए बिच आह आह ... ओह .... ओह ... यस ..... यस ..... आइ लाइक यस बेबी .... फक मी, फक मी ... फक मी हार्ड की आवाज लगाकर कर्नल के उत्साह को और बढ़ा रही थी, फक मी फक मी हार्ड आवाज लगाते हुए सबीना ने अपने हाथ कर्नल की गर्दन से निकाल लिए थे और अब अपनी गर्दन और गर्दन की एक साइड पर जोर जोर से मसल रही थी, अपना चेहरा ऊपर उठा कर अपने होंठों को काटते हुए और अपने हाथ अपनी गर्दन पर तीव्र भावनाओं से फेरते हुए साथ में फक मी बेबी की आवाज लगाते हुए सबीना इस समय सेक्स की प्यासी लग रही थी जो लंड लेने को न जाने कब से बेताब हो और आज लंड मिला तो जी भर कर अपनी चुदाई करवा लेना चाहती हो।
सबीना की इस चाहत को देखकर कर्नल को भी जोश चढ़ा और वे इसी तरह सबीना की चुदाई करते करते सोफे से उठ खड़ा हुआ मगर लंड चूत से बाहर नहीं निकलने दिया। जैसे ही कर्नल उठा सबीना ने अपनी टाँगें कर्नल की कमर के गिर्द लपेट ली और अपना एक हाथ उसकी गर्दन के आसपास लपेट कर सहारा लिया जबकि दूसरा हाथ पहले की तरह ही अपनी गर्दन पर और बूब्स पर फेरने लगी, साथ ही होठों में दबा हुआ होंठ उसकी बेचैनी को स्पष्ट करने लगा। कर्नल ने भी अब की बार सबीना को गोद में उठाए खूब जमकर धक्के लगाए और फिर सबीना की चूत का पानी निकलवा दिया। इस बार जब सबीना की चूत ने पानी निकाला तो उसने जंगली पन दिखाते हुए खूब जोर जोर सिसकियाँ लीं सिसकियाँ कम और चीखें अधिक लग रही थीं यह। चूत का पानी निकलते ही सबीना कर्नल के होंठों पर टूट पड़ी और अपनी ज़ुबान कर्नल के मुंह में प्रवेश करके उसकी ज़ुबान के साथ ज़ुबान लड़ाने लगी, कर्नल ने सबीना की इस बेताबी और भावनाओं से भरपूर चुंबन का जवाब दिया और उसको बे बेतहाशा चूमने लगा। कर्नल का लंड अभी सबीना की चूत में था और पहले जैसे सख्ती से ही अकड़ा हुआ था।
कुछ देर चुंबन के बाद सबीना ने कर्नल को इशारा किया कि उसे नीचे उतार दे तो कर्नल ने पहले उसे चूतड़ों से पकड़ कर अपने लंड के ऊपर उठाया, अपना लंड बाहर निकाला और फिर सबीना को नीचे उतार दिया। सबीना नीचे उतरी और फिर से मेजर का तना हुआ लंड मुँह में लेकर उसे चूसने लगी। कुछ देर लंड चूसने के बाद सबीना अब अपनी गाण्ड को लचकाती हुई दीवार के पास गई और दीवार की तरफ मुंह करके अपनी टाँगें खोल दी और गाण्ड बाहर निकालकर कर्नल को अपनी ओर आने का इशारा किया, कर्नल सबीना के पास गया और एक बार फिर उसकी चूत में उंगली फेरी और फिर अपने लंड की टोपी पर हाथ फेर कर सबीना की चूत पर रख दिया और एक ही झटके में कर्नल का लंड सबीना के अंदर चला गया। अब कर्नल ने सबीना को धक्के पे धक्का मारना शुरू किया और सबीना ने भी कर्नल का उत्साह बढ़ाने के लिए खूब सिसकियाँ लेना शुरू किया, कभी ऊच ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊच आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज तो कभी ओयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माँ मेरी चूत गई, कभी आह आह की आवाज तो कभी फक मी हार्ड बेबी, फक मी लाइक ए बिच की आवाज से कर्नल का उत्साह बढ़ाने लगीं।
इस स्थिति में औरत के लिए खड़े होकर चुदाई करवाना थोड़ा मुश्किल होता है तभी सबीना जल्द ही थक गई और उसने कर्नल को लंड बाहर निकालने को कहा। कर्नल ने लंड बाहर निकाला तो सबीना ने फरमाइश की कि मुझे मेरे बेडरूम में ले चलो मेरे ही बेड पर चोदो। कर्नल ने सबीना को गोद में उठाया और उसको चुंबन करता हुआ बेडरूम तक ले गया। बेड रूम में ले जा कर बेड पर लिटा दिया। कर्नल सबीना ने पैर खोल कर उसकी चूत में लंड डालने लगा तो सबीना ने मना कर दिया और कर्नल को नीचे लेटने को कहा, कर्नल नीचे लेट गया तो सबीना ने अपनी दोनों टाँगें खोल कर अपनी चूत को कर्नल के लंड ऊपर सेट किया धीरे धीरे लंड के ऊपर बैठ कर पूरा लंड अंदर ले लिया। अब सबीना अपने पांवों के बल बैठी थी और कर्नल के सीने पर हाथ रखकर सहारा लिया और अपनी गाण्ड उछाल उछाल कर खुद ही अपनी चुदाई करने लगी। सबीना जब ऊपर उठती तो अपनी चूत को ढीला छोड़ देती और नीचे बैठते हुए चूत की दीवारों को आपस में मिलाने की कोशिश करती जिससे चूत पूरी टाइट हो जाती और कर्नल की टोपी चूत की दीवारों से रगड़ खाती हुई सबीना की चूत की गहराई में उतर जाती ।
केप्टन साजिद जो काफी देर से बाहर था और अब एक घंटा हो चुका था उसने सोचा कि अब तक सबीना कर्नल को मना चुकी होगी और कर्नल भी खुश हो गया होगा, अगर बात चुदाई तक पहुंची होगी तो वह भी अब तक ख़तम हो चुकी होगी, वह खाना लेकर घर में घुस आया और जैसे ही कमरे में पहुंचा जहां वह अपनी पत्नी और कर्नल को छोड़ कर गया था तो उसकी नज़र कर्नल की वर्दी पर पड़ी, एक साइड मे सबीना का शलवार सूट पड़ा था जबकि एक साइट मे सबीना की ब्लैक रंग की पैन्टी पड़ी थी। यह देखकर साजिद समझ गया कि कर्नल आसानी से राजी नहीं हुआ आखिरकार उसकी पत्नी को अपने पति की खातिर अपनी इज़्ज़त की रिश्वत देनी पड़ी है, वह यह नहीं जानता था कि उसकी पत्नी बहुत समय से ऐसे ही किसी लंड के लिए बेताब थी जो आज साजिद के कारण मिल गया था।
अब साजिद यही सोच रहा था कि उसे अपनी पत्नी की आवाज़ आई जोकि कह रही थी और जोर से चोदो मुझे इरफ़ान, मेरी चूत फाड़ दो आज। प्लीज़ और तेज धक्के लगाओ .... साजिद की नजर अब अपने बेड रूप में पड़ी जो इस कमरे के साथ ही था और बीच में एक दरवाजा था। साजिद धीरे धीरे दबे पांव चलता हुआ बेडरूम की ओर गया, रूम का दरवाजा आधा खुला था, सामने ही साजिद का बेड था जिस पर उसने 3 महीने पहले अपनी सुहाग रात मनाई थी और अपने 6 इंच के लंड से सबीना की चुदाई की थी। ये तो साजिद का स्टेम अच्छा था और उसने अपनी पत्नी की खूब जमकर चुदाई की थी मगर उसके लंड में वह बात नहीं थी जोकि सबीना के दर्जी के लंड में थी या फिर आज कर्नल के लंड में थी। अब साजिद की नज़र बेड पर पड़ी जहां कर्नल इरफ़ान लेटा हुआ था, उसका सिर बाहर दरवाजे की तरफ था जिसकी वजह से वह साजिद को देख ना पाया, मगर उसके ऊपर सबीना बैठी थी जो खुद ही कूद लगा लगाकर अपनी चुदाई कर रही थी।
कर्नल के लंड पर उछलते हुए जैसे ही सबीना की नजर बाहर दरवाजे पर पड़ी वह एकदम अपने पति को देख कर रुक गई। कर्नल ने कहा क्या हुआ जानेमन थक गई हो क्या? सबीना ने कर्नल को देखा और फिर कर्नल के लंड पर उछल कूद शुरू कर दी, साजिद ने जब सबीना की चूत को देखा और उसमें अंदर जाता और बाहर निकलता लंड देखा तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं, वो सोच भी नहीं सकता था कि कर्नल इरफ़ान जो अब बूढ़ा भी था उसका लंड इतना तगड़ा होगा। अब उसको अपनी पत्नी पर तरस आने लगा कि अपनी पदोन्नति की खातिर इतने बड़े लंड से अपनी पत्नी की चुदाई करवा दी उसको कितना दुख हो रहा होगा, पर यह तो सबीना ही जानती थी कि वह इस समय कितने मजे में थी। विशेष रूप से साजिद को देखकर उसको ज़्यादा जोश चढ़ गया था और वह पहले से कहीं अधिक शक्ति से न केवल उछल रही थी बल्कि उसकी सिसकियाँ भी पहले से अधिक तेज थी ।
अब सबीना ने उछल करना बंद कर दिया और कर्नल के ऊपर झुक गई और अपने घुटने अब उसने बेड पर लगा दिए थे, कर्नल ने गर्दन थोड़ी सी ऊपर उठाई और सबीना का मम्मा अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और फिर से सबीना की चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिए। सबीना की नजरें साजिद पर ही थीं जो अब तक सबीना को कर्नल के लंड से चुदाई करवाते हुए देख रहा था। सबीना अपना निचला होंठ अपने दांतों में दबा कर अपने पति को नशीली नज़रों से देख रही थी, सबीना ने अपनी उंगली के इशारे से साजिद को अंदर बुलाया कि वह भी आकर ज्वाइन करे मगर उसने इनकार में सिर हिला दिया। वह वापस जाना चाह रहा था मगर न जाने ऐसी क्या बात थी जो उसे अपने कदम उठाने से रोक रही थी, अपनी पत्नी को किसी और के लंड पर चढ़कर इस तरह मस्त तरीके से चुदाई करवाते हुए साजिद को अच्छा लग रहा था और वह जी भरकर देखना चाहता था इस सीन को।
अब कर्नल ने सबीना का मम्मा अपने मुँह से निकाला और अपनी गर्दन फिर से बेड पर रख कर नीचे लंड को पहले से अधिक तेजी के साथ अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। सबीना कर्नल के ऊपर झुकी हुई थी और उसके 36 आकार के सुंदर मम्मे हवा में हिचकोले खा रहे थे। सबीना ज़्यादा नीचे झुकी और कर्नल के होंठों को अपने होंठों में ले लिया और उन्हें अच्छी तरह चूसने के बाद ऊपर उठी और बोली इरफ़ान मेरी जान, मेरी चुदाई कर मज़ा आया क्या तुम्हें? कर्नल ने सबीना को उसी गति से चोदते हुए कहा मेरी जान बहुत मज़ा आया, तुम्हारी चूत बहुत चिकनी और टाइट है तुम्हें तो मैं बार बार चोदना चाहता हूँ। सबीना ने कहा जान आज यह चूत तुम्हारी है, तुम्हारा जब दिल करे तुम अपने 9 इंच के लंड से मेरी चूत को चोद सकते हो, लेकिन पर पति की तरक्की भी अब तुम्हारे ज़िम्मे है। इस पर कर्नल ने कहा तुम्हारे पति तरक्की ही नहीं उसका स्थानांतरण भी लाहोर करवा दूंगा ताकि मेरा जब भी दिल करे मैं तुम्हारी इस चिकनी चूत का मज़ा ले सकूँ।
यह सुनकर बाहर खड़ा साजिद जो अपनी पत्नी की चुदाई देख कर मज़े ले रहा था और उसकी पेंट में उसका लंड खड़ा हो चुका था बहुत खुश हुआ। और सबीना ने भी खुशी से कर्नल के होंठ चूसे और फिर बोली मैं झड़ने वाली हूँ, कर्नल ने कहा बस मेरी जान मेरा लंड भी तुम्हारी चूत के अंदर वीर्य निकालने वाला है। यह कह कर कर्नल के धक्के तूफानी गति से सबीना की चूत में लगने लगे और कुछ ही देर के बाद दोनों के शरीरों को झटके लगे और दोनों ने एक साथ ही अपना अपना पानी निकाल दिया . जब सारा पानी निकल गया तो सबीना कर्नल केऊपर लेट कर हाँफने लगी और जब कि कर्नल का लंड वीर्य निकालने के बावजूद अभी भी सबीना की चूत के अंदर ही था और उसकी सख्ती पहले जैसी तो नहीं थी मगर कुछ सख्ती अब भी थी जो सबीना को अपनी चूत में महसूस हो रही थी।
काफी देर दोनों ऐसे ही एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहे। कर्नल को आज काफी समय बाद इतने गर्म बदन वाली लड़की को चोदने का मौका मिला था। उसकी सारी टेंशन खत्म हो गई थी और अब वह पूरी तरह मानसिक रूप से रिलैक्स था। साजिद अब वापस बाहर गया था जबकि कर्नल ने सबीना को साइड में किया और दूसरे कमरे में जाकर अपने कपड़े पहने। सबीना ने भी पहले वाला शलवार सूट पहनने की बजाय अलमारी से दूसरा शलवार सूट निकाल कर पहन लिया और दोनों वापस उसी कमरे में जाकर बैठ गए। साजिद चंद मिनट बीतने के बाद फिर आया और दोनों को इकट्ठे बैठा देकर कर कर्नल से बोला सॉरी सर मुझे थोड़ी देर हो गई खाना लाने में। यह कह कर उसने सबीना को खाना दिया और कहा जाओ खाना गर्म कर लाओ इरफ़ान साहब के लिए।
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