RE: वतन तेरे हम लाडले
कैप्टन की बात सुनकर मेजर ने एक लंबी हूँ हूँ हूँ की और बोला साजिद मियां तुम तो ऐसे समझ रहे हो जैसे तरक्की मेरे कहने पर ही होनी है। अपने अधिकारियों को खुश करो तरक्की हो जाएगी तुम्हारी। साजिद फिर बेशर्म बनते हुए बोला सर आप तो मेरे अधिकारियों के भी अधिकारी हैं आप कहेंगे तो भला किस में साहस है कि मेरी तरक्की को रोक सके। इससे पहले कि कर्नल इरफ़ान उसकी बात का जवाब देता कमरे में मौजूद दूसरा दरवाजा खुला और एक 23 वर्षीय लड़की ने कमरे में प्रवेश किया। ये सबीना थी साजिद की पत्नी। कमरे में आते ही सबीना साजिद से मुखातिब हुई जानू अब मैंने नहा लिया है आज रात खूब मज़े। । । । । । ।
इससे पहले कि सबीना और कुछ कहती उसकी नजर सामने बैठे कर्नल इरफ़ान पर पड़ गई और उसकी बोलती यहीं बंद हो गई। साजिद भी सबीना की बात सुनकर थोड़ा शर्मिंदा हुआ और मगर सबीना को हाथ के इशारे से आगे बुलाया और कर्नल इरफ़ान की ओर इशारा करते हुए बोला सर को प्रणाम करो। यह हमारे कर्नल साहब हैं जिनके बारे में मैंने तुम्हें बताया था।
कर्नल का नाम सुनते ही सबीना ने अपने चेहरे पर मुस्कान सजा ली और आगे बढ़कर कर्नल इरफ़ान के सामने झुकी . कर्नल इरफ़ान अपने सोफे पर ही बैठा हुश्न की इस प्रतिमा को देख रहा था, सबीना जब कर्नल के सामने झुकी तो उसके हाफ ब्लाऊज़ से उसके 36 आकार के बूब्स का उभार देखकर कर्नल को साजिद की किस्मत पर रश्क आने लगा। कर्नल ने अपने हाथ से सबीना के कंधे पर थपकी दी जो उसके सामने झुक कर उसे सलाम कर रही थी, झुकते हुए जल्दी में उसका दुपट्टा गिर गया था जिससे कर्नल को सबीना के सीने पर मौजूद 2 सुंदर मम्मों के बीच बनने वाली सुंदर लाइन को देखने का मौका मिला था। कर्नल ने जब सबीना के कंधे पर हाथ रखकर थपकी दी तो उसका शरीर गर्म और गीला था। वह नहा कर सीधी उसी कमरे में आई थी और उसने अपना शरीर टावल से साफ करना भी गवारा नही किया था।
सबीना जब कर्नल को सलाम करके सीधी हुई तो उसने अपने दुपट्टे को फिर से सीने पर सजा लिया और कर्नल के सामने दोनों हाथ जोड़कर का उसे प्रणाम किया। सबीना सीधी खड़ी हुई तो अब उसके गीले बदन पर पानी की बूँदें दिखने लगी, कर्नल इरफ़ान की टकटकी सबीना के पेट पर मौजूद उसकी सुंदर नाभि पर पड़ी जहां पानी का एक मोटा ड्रॉप नाभि के छेद में अटका हुआ था, कर्नल का दिल किया कि अपनी ज़ुबान सबीना की नाभि पर रखकर पानी की इस बूँद को पी जाये मगर वह ऐसा नहीं कर सका और सिर्फ अपनी इस इच्छा को ही पी सका। साजिद ने सबीना को बैठने का इशारा किया तो वह कर्नल के साथ ही उसके सोफे पर थोड़ी दूरी पर बैठ गई। कर्नल इरफ़ान ने उसका हालचाल पूछा और फिर साजिद के बारे में पूछना शुरू किया कि यह खुश तो रखता है ना तुम्हें ?? तो सबीना ने शरमाते हुए हाँ में सिर हिलाया .
कर्नल अब भी अपनी आँखों को सबीना के गीले बदन की खूबसूरती से चकाचौंध कर रहा था। अंतिम बार उसने बॉलीवुड अभिनेत्री ज़रीन खान की चुदाई की थी जिसका शरीर बहुत भरा और भारी था और इस समय उसके सामने एक जवान दुबली लेकिन गर्म शरीर वाली लड़की बैठी थी और कर्नल इरफ़ान का लंड बार बार उसके कान में कह रहा था कि इस लड़की की चूत की गर्मी की जाँच करनी चाहिए।
साजिद को भी इस बात का एहसास हो गया था कि कर्नल की नजरें उसकी पत्नी के गीले बदन पर हैं। कर्नल कभी सबीना के मम्मों पर नजरें जमाता तो कभी साइड से उसके पेट के कुछ हिस्से पर नजरें जमाता हुआ साजिद और सबीना से बातें कर रहा था, कभी कभी कर्नल इरफ़ान सबीना की नंगे पीठ के भी दर्शन करने से बाज नहीं आ रहा था। कर्नल इरफ़ान को इस तरह अपनी पत्नी को देखते हुए साजिद को स्वाभाविक रूप से गुस्सा आना चाहिए था मगर शायद वह किसी और तबियत का मालिक था। गुस्सा करने की बजाय वह खुश हो रहा था कि कर्नल साहब को उसकी पत्नी का शरीर पसंद आया है और वह बार बार उसके शरीर का नज़ारा कर रहे हैं। यहीं केप्टन साजिद के मन में एक घटिया विचार आया कि मैं अपने अधिकारी को खुश करूँ या न करूं मगर मेरी पत्नी सबीना कर्नल इरफ़ान को खुश कर सकती है और इस तरह मेरी तरक्की पक्की है। यह सोच आते ही उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई और वह बहाने से दूसरे कमरे में गया और सबीना को भी आवाज दी।
सबीना कर्नल इरफ़ान से अनुमति लेकर अपनी जगह से उठी और अपने पति की बात सुनने दूसरे कमरे में चली गई। साजिद ने सबीना के अंदर आते ही उसको अपनी बाहों में भर लिया और अपना हाथ उसकी गीली कमर पर फेरता हुआ बोला आज तो मेरी जान क़यामत लग रही है। यह गीला बदन और उस पर तुम्हारे स्तनों का उभार ये सब मुझे पागल कर रहे हैं। साजिद के मुंह से अपने सेक्सी शरीर की प्रशंसा सुनकर सबीना बोली केवल तुम्हें ही नहीं तुम्हारे इस बुढ्ढे ठरकी अधिकारी को भी मेरा शरीर पागल किए दे रहा है।
सबीना की बात सुनकर साजिद धीरे हंसा और बोला हां मैंने देखा है उसकी नजरें तो तुम्हारे शरीर से हटने का नाम ही नहीं ले रहीं। बस तुम अब अपने पति का एक काम कर दो। सबीना ने सवालिया नज़रों से साजिद को देखा कि कौन सा काम ??? तो साजिद ने कहा बस इसी तरह कर्नल साहब के पास बैठी रहो, बल्कि थोड़ा सा करीब होकर बैठ जाओ तो कर्नल सहाब तुम्हारे शरीर की गंध का भी हो आनंद ले सके, उससे थोड़ा हँसी मज़ाक करो जिससे उसे यह अपना ही घर मालूम हो, उसे खुश करो ताकि तुम्हारा पति कैप्टन के पद से मेजर के पद पर तरक्की पा सके ...
सबीना ने अपने पति की बात सुनी तो बोली वह सब तो ठीक है मगर इस बुढ्ढे की नीयत खराब हो जानी है तुम्हारी पत्नी पर। साजिद, जोकि यही चाहता था कि इरफ़ान की नीयत खराब हो और वह सबीना के शरीर का आनंद लें, लेकिन सबीना को खुलकर नहीं कह रहा था, बोला उसकी नीयत खराब हो भी जाए तो वह बूढ़ा आखिर क्या कर लेगा तुम हटी कट्टि हो एक देना उसको उल्टे हाथ की, मैं भी तुम्हारे साथ हूँ डरने की क्या बात है। बस तुम उसका थोड़ा मनोरंजक करो, मैं किसी बहाने से थोड़ी देर के लिए बाहर चला जाऊंगा ताकि वह बूढ़ा भी अपनी ठरकी पूरी कर सके मगर बदले में तुम उससे मेरी पदोन्नति की बात जरूर करना।
सबीना ने साजिद से कहा और अगर उसने ज़्यादा बढ़ने की कोशिश की और मेरे साथ कुछ गलत करना चाहा तो ??? कैप्टन साजिद ने कहा तो ............. तुम देख लेना तुम्हें क्या करना है ... संभालने की कोशिश करना मामला ज्यादा खराब हो तो मुझे फोन कर लेना मैं तुरंत ही आ जाऊंगा .
सबीना ने सकारात्मक सिर हिलाया और वापस कर्नल इरफ़ान के पास जाकर बैठ गई लेकिन अब की बार वो इरफ़ान के थोड़ा करीब बैठी थी और उस का दुपट्टा जो पहले उसके सीने पर फैला था, अब बीच में सिकुड़ गया था जिससे सबीना की क्लीवेज़ की लाइन स्पष्ट हो गई थी और अब कर्नल सॉफ सॉफ सबीना की क्लीवेज़ की लाइन की सुंदरता को देख सकता था।
कुछ देर तक तीनों बैठे बातें करते रहे और सबीना बहाने से कर्नल के ज़्यादा करीब हो गई थी, अब सबीना के बदन की मीठी खुशबू कर्नल के शरीर में आग लगा रही थी और उसे पहले से ज़्यादा सबीना के बदन की तलब महसूस होने लगी थी। इससे पहले कि कर्नल इरफ़ान की तलब और बढ़े साजिद ने कर्नल की हालत को देखते हुए वहाँ से खिसकने का सोचा, वह अपनी जगह से खड़ा हुआ और बोला सर मैं आपके खाने आदि की व्यवस्था करता हूँ, बाजार से कुछ खाने को ले आउन्गा तब तक आप और सबीना बैठ कर बातें करें। और हाँ सबीना, सर से मेरी पदोन्नति की बात जरूर करना, शायद तुम्हारी बात मान जाएं सर . यह कह कर कैप्टन साजिद तुरंत कमरे से निकल गया और पीछे सोफे पर साजिद की जवान पत्नी सबीना अपने गीले बदन के साथ कर्नल इरफ़ान को अपने बदन की गर्मी से खुश करने का पूरा प्लान बना चुकी थी।
साजिद के जाते ही सबीना बिना समय बर्बाद किए कर्नल इरफ़ान के बिल्कुल करीब होकर बैठ गई, सबीना का नंगा गीला हाथ अब कर्नल के हाथ से लग रहा था और सबीना ने अपना हाथ कर्नल के कंधे पर रखा और दूसरा हाथ कर्नल के पैर पर रख कर उसको सहलाते हुए बोली कि सर अगर मैं कहूँ तो क्या वास्तव में आप मेरे पति की तरक्की करवा देंगे ??? सबीना की इस तरह त्वरित प्रतिक्रिया ने कर्नल इरफ़ान को थोड़ा हैरान तो किया लेकिन वह कहते हैं न अंधा क्या मांगे दो आँखें, जिस चिकने बदन को चोदने की इच्छा कर्नल पिछले आधे घंटे से दिल में दबाए बैठा था वह खुद ही चुदने के लिए लिए तैयार थी।
कर्नल ने अपना हाथ सबीना की कमर पर लपेटा और अपना हाथ से उसकी कमर को मसलता हुआ उसके पेट तक ले आया और सबीना केपेट को मसलते हुए बोला तुम्हारी बात नहीं मानेंगे हम तो भला और किसकी मानेंगे ??? कर्नल ने अपने हाथ से सबीना के पेट पर एक चुटकी काटी जिस पर सबीना ने अपने निचले होंठ को दांतों में दबा एक सिसकी ली और बोली ओयईईईईई माँ ..... और फिर सबीना अपना हाथ कर्नल के पैर से उठा कर उसके सीने पर फेरने लगी। कर्नल ने अभी तक अपनी वर्दी पहन रखी थी जिसकी शर्ट के ऊपरी बटन सबीना ने तुरंत ही खोल लिये थे और कर्नल के सीने पर हाथ फेरने लगी।
कर्नल ने भी बिना समय बर्बाद किए हाथ सबीना की कमर पर रखा और उसकी कमर को खींचकर सबीना को अपने सामने अपनी गोद में ले आया, सबीना ने अपनी दोनों टाँगें फैला ली और कर्नल की गोद में पैर सोफे पर लगा कर बैठ गई। सबीना का दुपट्टा अब भी सबीना के सीने पर था मगर उसकी क्लीवेज़ लाइन से हट चुका था और एक साइड पर सिमटा हुआ था। कर्नल ने सबीना के कंधे से दुपट्टा हटाया और नीचे गिरा दिया। अब सबीना कर्नल के सामने अपने सूट में उसकी गोद में बैठी थी। सबीना का सूट उसके मम्मों के ऊपरी भाग को छिपाने के लिए अपर्याप्त था, मम्मों के ऊपर वाला हिस्सा कर्नल की आँखों के सामने था और सूट की फिटिंग सबीना के मम्मों को आपस में मिलाए हुए थी जिसकी वजह से मम्मों के बीच गहरी लाइन बन रही थी जो किसी भी औरत की सुंदरता का प्रतीक होती है, और मम्मों की इसी लाइन पर पुरुष आकर्षित होते है। सबीना का सूट मम्मे समाप्त होते ही उसके पेट पर एकदम टाइट चिपका हुआ था उसके बाद का शरीर नाभि के नीचे तक एकदम मस्त था यहां तक कि सबीना के बदन पर कही भी बिल्कुल भी फालतू चर्बी नही थी कर्नल का हाथ सबीना की पीठ की मालिश कर रहा था। गर्दन से लेकर नीचे शलवार तक सबीना की कमर नंगी थी सूट सिर्फ़ महज १२ बारीक डोरयों से आपस में कसा हुआ था जबकि उसकी कमर और बाकी का सुंदर बदन अब भी काफी गीला था और पानी की बूंदे उसके बदन की खूबसूरती को चार चांद लगा रही थीं।
कर्नल की आदत थी कि वह हमेशा सेक्स की शुरूआत लड़की के होंठ चूस कर करता था मगर आज सबीना के गर्म जवान बदन पर मौजूद पानी की बूंदें कर्नल का दिल ले चुकी थी और उसने सबीना के होंठों से शहद पीने की बजाय उसके बदन से से निकला पीना शुरू कर दिया। कर्नल ने अपने होंठ पहले सबीना के कंधे और गर्दन के बीच वाली हड्डी पर रखे और बहुत प्यार के साथ होठों को आपस में मिलाकर सबीना के शरीर के इस हिस्से में मौजूद पानी को चूस लिया, तो मेजर ने अपनी जीभ बाहर निकाली और सबीना की गर्दन से लेकर उसके मम्मों के उभार तक कर सारा पानी अपनी जीभ से चाट लिया। जैसे-जैसे कर्नल सबीना के बदन से अमृत पी रहा था वैसे-वैसे सबीना की सिसकियाँ कर्नल का उत्साह बढ़ा रही थीं और उसकी पेंट में लंड ने सिर उठाना शुरू कर दिया था।
सबीना घुटनों बाल कर्नल की गोद में बैठी अपने मम्मों को कर्नल के आगे कर रही थी ताकि वह अधिकतम सबीना के बदन को चाट सके मम्मों पर मौजूद पानी को कर्नल ने शहद समझकर अपने होंठों से पिया और फिर मम्मों से नीचे अपने होंठ लाते हुए सबीना के पेट के ऊपरी हिस्से से नाभि तक पूरे बदन को अपने होंठों और जीभ से चाटने और चूसने लगा। सबीना अब पीछे की ओर झुकी हुई थी जबकि उसका पेट आगे की ओर निकला हुआ था जिस पर कर्नल की जीभ तेज तेज चल रही थी और पानी की एक एक बूंद पीने में व्यस्त थी,
कर्नल ने अपने हाथ सबीना की कमर पर रख कर उसको पीछे झुकने में सहारा दे रखा था। छुई मुई सी सबीना का वजन कुछ ज्यादा नहीं था इसलिए कर्नल ने एक हाथ सबीना की कमर से हटाया और उसके सूट के ऊपर से ही उसके बायें दायें मम्मे पर हौले से रखा। अपने मम्मों पर कर्नल का मजबूत हाथ देखा तो सबीना ने भी एक सिसकी ली और अपना एक हाथ कर्नल के हाथ पर रख कर धीरे से दबा दिया। जिसका मतलब था कि कर्नल अपने हाथ से सबीना के कोमल और नाजुक मम्मे को दबाना शुरू करे, और कर्नल ने यही किया जहां एक ओर उसकी ज़ुबान अब सबीना की नाभि में गोल गोल घूम रही थी वहीं उसका बायां हाथ सबीना के दाए मम्मे को धीरे धीरे दबा रहा था।
सबीना अपना एक होंठ दांतों में प्रेस कर आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, उमम्म्म्म ममममममम उमम्म्म्म ममम की हल्की-हल्की सिसकियाँ ले रही थी। जब कर्नल सबीना के गीले बदन से सारा पानी पी चुका तो उसने सबीना को कमर से पकड़ा और सोफे पर लिटा कर खुद उसके ऊपर आ गया, सबीना का एक पैर सोफे पर सीधा था जबकि दूसरा आधा खुला था और सोफे से नीचे था जबकि उसकी दोनों टांगों के बीच में कर्नल का एक पैर था, सबीना को सोफे पर लिटा कर कर्नल ने अपनी के वर्दी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और शर्ट उतारकर साथ मौजूद टेबल पर रख दी और उसके बाद अपनी बनियान भी उतार दी। कर्नल के सीने पर हल्के हल्के बाल थे जिन्हें देखकर सबीना ने एक बार अपने होंठों पर जीभ फेरी और फिर कर्नल की ओर एक फ्लाइंग किस फेंकी,
सबीना होंठ जब गोल गोल घूमते और आपस में मिलते देखा तो कर्नल के होंठ भी पागल हो गये और कर्नल उसके ऊपर झुक कर दीवाना वार उसके होंठों को चूसने लगा जबकि सबीना की दीवानगी भी कुछ कम नहीं थी वह अपने दोनों हाथ कर्नल की कमर पर फेर रही थी और कर्नल का पूरा पूरा साथ दे रही थी, सबीना ने अपना मुँह खोला और कर्नल की ज़ुबान को अंदर जाने का रास्ता दिया, जैसे ही कर्नल ने अपनी ज़ुबान सबीना के गर्म गर्म मुंह में डाली सबीना ने मुंह बंद कर लिया और उसकी ज़ुबान को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
|